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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 12 Jul, 2019
  • 7 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 12 जुलाई, 2019

ऑपरेशन थर्स्ट

Operation Thirst

रेलवे परिसर में अनाधिकृत ब्राण्ड वाली पानी की बोतलें बेचे जाने के मामलों पर रोक लगाने के लिये RPF (Railway Protection Force) द्वारा ‘ऑपरेशन थर्स्ट’ (Operation Thirst) नाम से एक देश-व्यापी अभियान शुरू किया गया है।

  • इस अभियान के तहत प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्तों को इन अनाधिकृत गतिविधियों पर लगाम लगाने का आदेश दिया गया।
  • इस अभियान के दौरान भारतीय रेलवे के लगभग सभी प्रमुख स्टेशनों को कवर किया गया ।
  • इस अभियान के दौरान अनाधिकृत ब्रांड वाली पानी की बोतलें बेचने के मामले में 1,371 लोगों को रेलवे अधिनियम की धारा 144 एवं 153 के तहत गिरफ्तार किया गया।
  • अनाधिकृत ब्रांड वाली पानी की कुल 69,294 बोतलें जब्त की गईं।
  • प्लेटफार्मों पर लगे स्टॉल में भी ऐसे ब्राण्ड की पेयजल बोतलें बेंची जाती पाई गईं जो रेलवे द्वारा अनधिकृत हैं।
  • इन गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय क्रेच (शिशुगृह) योजना

National Creche Scheme

‘राष्ट्रीय क्रेच (शिशुगृह) योजना’ को 1 जनवरी, 2017 से सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में कार्यान्वित किया जा रहा है।

  • इस योजना का उद्देश्य कामकाजी महिलाओं/माताओं के बच्चों (6 महीने - 6 वर्ष तक की आयु) को दिन में देखभाल की सुविधा प्रदान करना है।
  • यह योजना पूरक पोषण, स्वास्थ्य देखभाल सुविधा जैसे कि टीकाकरण, पोलियो ड्रॉप्स, बुनियादी स्वास्थ्य निगरानी, नींद की सुविधा, प्रारंभिक प्रोत्साहन (3 साल से कम) तथा 3-6 साल के लिये प्री-स्कूल शिक्षा का प्रावधान करती है।
  • जून 2019 तक पूरे देश में लगभग 7,930 क्रेच/शिशुगृह कार्य कर रहे थे।
  • हाल में राष्ट्रीय प्रतिदर्श/नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (National Sample Survey Office- NSSO) ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में घरेलू कार्यों में शामिल महिलाओं का सर्वेक्षण किया।
  • राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण के इस 68वें दौर के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू कार्यों में शामिल महिलाओं का अनुपात वर्ष 2004-05 के 35.3 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2011-12 में 42.2 प्रतिशत हो गया।
  • जबकि शहरी क्षेत्रों में घरेलू कार्यों में शामिल महिलाओं का अनुपात वर्ष 2004-05 के 45.6 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2011-12 में कार्यों में शामिल प्रतिशत हो गया।

सिल्क समग्र योजना

Sillk samagra Scheme

भारत के केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत केंद्रीय रेशम बोर्ड के माध्यम से देश में सेरीकल्चर (रेशम पालन) के विकास के लिये वर्ष 2017-2020 के लिये ‘सिल्क समग्र’ (Silk Samagra) योजना लागू की गई है।

  • इस योजना का उद्देश्य घरेलू रेशम की गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार करना है, ताकि आयातित रेशम पर देश की निर्भरता कम हो सके।
  • योजना के तहत रेशम पालन हितधारकों को उन्मुख घटकों जैसे- किसान नर्सरी का निर्माण, उन्नत शहतूत की किस्मों का रोपण, सिंचाई, ऊष्मायन (Incubation) सुविधा, पालन घरों का निर्माण, पालन उपकरण, कीटाणुशोधन एवं अन्य आवश्यक सामाग्रियों के लिये डोर-टू-डोर सेवा एजेंटों आदि द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
  • कपड़ा मंत्रालय द्वारा उत्तर-पूर्व क्षेत्र में वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिये लागू नॉर्थ ईस्ट रीजन टेक्सटाइल प्रमोशन स्कीम (North East Region Textile Promotion Scheme- NERTPS) के तहत 38 सेरीकल्चर परियोजनाओं को शुरू किया गया है।
  • ये परियोजनाएँ तीन व्यापक श्रेणियों के अंतर्गत चिन्हित संभावित ज़िलों में लागू की गई हैं।
  • इन परियोजनाओं के माध्यम से रेशम कीट पालन और संबद्ध गतिविधियों के लिये आवश्यक बुनियादी ढाँचे तथा स्थानीय लोगों को कौशल प्रदान किया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग योजना

International cooperation scheme

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises- MSME) अंतर्राष्ट्रीय सहयोग योजना (International Cooperation Scheme -ICS) को लागू कर रहा है।

  • इस योजना का उद्देश्य MSMEs की क्षमता बढ़ाने, अपने उत्पादों की पहुँच नए बाज़ारों तक सुनिश्चित करने, विनिर्माण क्षमता में सुधार हेतु नई तकनीकों की खोज करना है।
  • इस योजना के अंतर्गत पात्र राज्य/केंद्र सरकार के संगठनों, पंजीकृत उद्योग संघों एवं सोसाइटियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों/व्यापार मेलों/खरीदार मेलों आदि में भाग लेने के लिये केंद्र/राज्य सरकार के प्रतिपूर्ति के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
  • यह योजना अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भागीदारी के माध्यम से निर्यात के नए अवसरों की खोज, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नेटवर्क तक पहुँच, प्रौद्योगिकी विकास, आधुनिकीकरण, बेहतर प्रतिस्पर्द्धा, बेहतर विनिर्माण के प्रति जागरूकता आदि से MSME का समर्थन करती है।

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