प्रारंभिक परीक्षा
वीरता पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रपति ने रक्षा अलंकरण समारोह (चरण- 1) में भारतीय सेना के 13 जवानों को देश के तीसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से सम्मानित किया, इनमें से 6 जवानों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया है।
- इसके साथ ही राष्ट्रपति ने असाधारण सेवा के लिये परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक और अति विशिष्ट सेवा पदक भी प्रदान किये।
भारत में वीरता पुरस्कार:
- स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् पहले तीन वीरता पुरस्कार नामतः परमवीर चक्र, महावीर चक्र एवं वीर चक्र भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी, 1950 को प्रारंभ किये गए थे जिनको 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया था।
- इसके पश्चात् अन्य तीन वीरता पुरस्कार अर्थात् अशोक चक्र श्रेणी-I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III को भारत सरकार द्वारा 04 जनवरी, 1952 को प्रारंभ किया गया था जिनको 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया था।
- इन पुरस्कारों का जनवरी 1967 में क्रमशः अशोक चक्र, कीर्ति चक्र तथा शौर्य चक्र के रूप में पुनः नामकरण किया गया था।
- इन पुरस्कारों का वरीयता क्रम है- परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र।
पुरस्कारों हेतु पात्रता:
- थल सेना, नौसेना और वायु सेना या किसी भी आरक्षित बल, प्रादेशिक सेना तथा कानूनी रूप से गठित किसी अन्य सशस्त्र बल के सभी रैंकों के सभी अधिकारी इन पुरस्कारों हेतु पात्र हैं।
- उपर्युक्त कर्मियों के अलावा मैट्रॉन, नर्स, नर्सिंग सेवाओं के कर्मचारी तथा अस्पतालों एवं नर्सिंग सेवाओं से संबद्ध अन्य कर्मचारी और नागरिक (पुरुष व महिला दोनों) जो उपर्युक्त बलों में से किसी के भी आदेश, निर्देश या पर्यवेक्षण के तहत नियमित रूप से या अस्थायी रूप से सेवा कर रहे हैं, इस पुरस्कार हेतु पात्र हैं।
युद्धकालीन सर्वोच्च वीरता पुरस्कार:
- परमवीर चक्र:
- यह भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है, जो युद्ध (चाहे वह ज़मीन पर हो, समुद्र में या हवा में) के दौरान अद्वितीय साहस और असाधारण वीरता के कार्यों को प्रदर्शित करने के लिये दिया जाता है।
- महावीर चक्र:
- यह ज़मीन पर, समुद्र में या हवा में दुश्मन की उपस्थिति में विशिष्ट वीरता के कार्यों के लिये दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है।
- वीर चक्र:
- यह परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन वीरता पुरस्कार है।
शांतिकालीन सर्वोच्च वीरता पुरस्कार:
- अशोक चक्र:
- यह शांतिकाल के दौरान वीरता, साहसिक कार्रवाई या बलिदान के लिये दिया जाने वाला सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार है।
- यह शांतिकाल में विशिष्ट बहादुरी या किसी अन्य साहस या वीरता या आत्म-बलिदान से संबंधित कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है।
- कीर्ति चक्र:
- यह दूसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है और शांति काल में साहसिक कार्रवाई करने या आत्म-बलिदान के लिये दिया जाता है।
- शौर्य चक्र:
- यह असाधारण वीरता के लिये सशस्त्र बलों के कर्मियों को प्रदान किया जाता है।
स्रोत: द हिंदू
प्रारंभिक परीक्षा
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई) पर वैज्ञानिकों और उनके "प्रयासों" के प्रति "आभार" व्यक्त किया गया जिनके प्रयासों के परिणामस्वरूप ‘वर्ष 1998 में सफल पोखरण परीक्षण’ संभव हुआ।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस:
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के बारे में:
- यह दिवस पहली बार 11 मई, 1999 को मनाया गया था, इसका उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियों का स्मरण करना है। इस दिन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रखा गया था।
- प्रत्येक वर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय) भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिये व्यक्तियों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करके इस दिन को मनाता है।
- इस वर्ष का फोकस 'सतत् भविष्य के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण' (Integrated Approach in Science & Technology for Sustainable Future) है।
- महत्त्व:
- इस दिन भारत ने 11 मई, 1998 को पोखरण में परमाणु बमों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था।
- परमाणु मिसाइल का राजस्थान में भारतीय सेना के पोखरण टेस्ट रेंज में परीक्षण किये गए। मई 1974 में पोखरण- I के ऑपरेशन स्माइलिंग बुद्धा के बाद आयोजित यह दूसरा परीक्षण था।
- भारत ने पोखरण- II नामक एक ऑपरेशन में अपनी शक्ति-1 परमाणु मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जिसे ऑपरेशन शक्ति के रूप में जाना गया, जिसका नेतृत्व तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था।
- उसी दिन भारत ने त्रिशूल मिसाइल (सतह से हवा में कम दूरी की मिसाइल) की सफल परीक्षण फायरिंग की और पहले स्वदेशी विमान ‘हंसा- 3 ’का परीक्षण किया।
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 मई, 2022
विश्व प्रवासी पक्षी दिवस
इस वर्ष 08 मई को विश्व भर में ‘विश्व प्रवासी पक्षी दिवस’ (WMBD) का आयोजन किया गया। विश्व प्रवासी पक्षी दिवस (WMBD) एक वार्षिक जागरूकता अभियान है, जिसका उद्देश्य प्रवासी पक्षियों और उनके आवासों के संरक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डालना है। इस आयोजन के तहत प्रवासी पक्षियों, उनके पारिस्थितिक महत्त्व, उनके समक्ष मौज़ूद चुनौतियों और संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता के संबंध में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने में मदद की जाती है। इसे संयुक्त राष्ट्र की दो संधियों- ‘वन्यजीवों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर सम्मेलन’ एवं ‘अफ्रीकन-यूरेशियन वॉटरबर्ड एग्रीमेंट’ (AEWA) और एक गैर-लाभकारी संगठन (एन्वायरनमेंट फॉर द अमेरिका) के सहयोग से संयुक्त रूप से मनाया जाता है। ‘विश्व प्रवासी पक्षी दिवस’ को पहली बार वर्ष 2006 में मनाया गया था। पक्षियों के बीच कई अलग-अलग प्रवासन पैटर्न देखे जाते हैं। अधिकांश पक्षी उत्तरी क्षेत्रों से प्रजनन के लिये दक्षिणी मैदानों की ओर पलायन करते हैं। हालाँकि कुछ पक्षी अफ्रीका के दक्षिणी हिस्सों में प्रजनन करते हैं और सर्दियों में उत्तरी मैदान की ओर पलायन करते हैं।
ऑपरेशन दुधी
हाल ही में ऑपरेशन दुधी (Operation Dudhi) के जीवित सैनिकों को असम राइफल्स द्वारा सम्मानित किया गया। वर्ष 1991 में असम राइफल्स द्वारा जम्मू और कश्मीर में किये गए एक एकल आतंकवाद विरोधी अभियान में 72 आतंकवादियों को मार गिराया गया था। यह ऑपरेशन 3 मई, 1991 को शुरू किया गया था। बटालियन द्वारा 72 आतंकवादियों को मार गिराया गया तथा 13 अन्य को गिरफ्तार किया गया था। इस ऑपरेशन के दौरान भीषण गोलाबारी में सैनिक राम कुमार आर्य और कामेश्वर प्रसाद शहीद हो गए और आर.के. यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे, यह ऑपरेशन एक बटालियन द्वारा चलाया गया था जिसमें नायब सूबेदार पदम बहादुर छेत्री की कमान के तहत 14 अन्य रैंकों के साथ एक जूनियर कमीशंड अधिकारी (JCO) शामिल थे। यह किसी भी सुरक्षा बल द्वारा चलाया गया अब तक का सबसे सफल आतंकवाद रोधी अभियान है।
टमाटर फ्लू
हाल ही में केरल राज्य के कई हिस्सों में टमाटर फ्लू के मामले दर्ज किये गए। इस वायरल बीमारी ने बड़ी संख्या में बच्चों को अपना शिकार बनाया है। टमाटर फ्लू या टोमैटो फ्लू एक सामान्य वायरल संक्रमण है, जिसमें पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को बुखार आता है। आमतौर पर त्वचा में जलन और शरीर में पानी की कमी के साथ इस बीमारी की शुरुआत होती है। फ्लू से संक्रमित बच्चे के शरीर में टमाटर की तरह चकते बन आते हैं, जो आमतौर पर लाल रंग के होते हैं, इसलिये इसे 'टमाटर फ्लू' या 'टमाटर बुखार' कहा जाता है। वर्तमान में यह संक्रमण केवल केरल के कोल्लम ज़िले के कुछ हिस्सों में बताया गया है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि निवारक उपाय नहीं किये गए तो संक्रमण अन्य क्षेत्रों में भी फैल सकता है।