लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 12 Jan, 2021
  • 9 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट : 12 जनवरी, 2021

सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान

Sultanpur National Park

दिल्ली में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि होने के बाद वन विभाग ने हरियाणा के गुड़गाँव ज़िले में अवस्थित सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park) में भी सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।

Sultanpur-National-Park

प्रमुख बिंदु:

  • अवस्थिति
    • हरियाणा के गुड़गाँव ज़िले में स्थित यह उद्यान दिल्ली से 50 किमी. तथा गुड़गाँव से 15 किमी. दूर है।
  • उद्यान के विषय में
    • सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में प्रवासी के साथ-साथ स्थानिक पक्षी भी पाए जाते हैं जिसके चलते पक्षी प्रेमियों के बीच यह उद्यान विशेष रूप से लोकप्रिय है।
      • इस उद्यान में प्रवासी पक्षियों का आगमन सितंबर माह में शुरू होता है तथा मार्च-अप्रैल तक यह इनका विश्राम स्थल बना रहता है।
      • ग्रीष्म काल तथा मानसून की अवधि के दौरान स्थानिक पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ यहाँ देखी जा सकती हैं।
    • उद्यान के भीतर अवस्थित सुल्तानपुर झील (क्षेत्रफल 1.21 वर्ग किमी.) को वर्ष 1971 में पंजाब वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Punjab Wildlife Preservation Act),1959 की धारा 8 के तहत अभयारण्य (Sanctuary) का दर्जा दिया गया।
    • जुलाई 1991 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत इसे राष्ट्रीय उद्यान (National Park) का दर्जा दिया गया।
  • उद्यान में पाए जाने वाले महत्त्वपूर्ण प्राणिजात: 
    • स्तनधारी (Mammals): कृष्णमृग (Blackbuck), नीलगाय, पाढ़ा (हॉग हिरण), सांभर, तेंदुआ आदि।
    • पक्षी: साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो, डेमोइसेल क्रेन (स्थानीय भाषा में कुरजा/कुर्जा) आदि।
  • हरियाणा में अन्य राष्ट्रीय उद्यान: कालेसर राष्ट्रीय उद्यान (यमुनानगर ज़िले में)।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 जनवरी, 2021

खादी प्राकृतिक पेंट

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 12 जनवरी, 2021 को खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा विकसित एक नया पेंट लॉन्च किया है। पर्यावरण के अनुकूल और गैर-विषैले रंगों से निर्मित ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ में एंटी-फंगल एवं एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद हैं। गाय के गोबर पर आधारित यह पेंट लागत प्रभावी और गंधहीन है तथा यह भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा भी प्रमाणित है। खादी प्राकृतिक पेंट दो रूपों में उपलब्ध है - डिस्टेंपर पेंट और प्लास्टिक इमल्शन पेंट। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) का यह पेंट भारी धातुओं जैसे- सीसा, पारा, क्रोमियम, आर्सेनिक, कैडमियम आदि से मुक्त है। ‘खादी प्राकृतिक पेंट’ स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देगा और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से स्थायी स्थानीय रोज़गार का सृजन करेगा। अनुमान के मुताबिक, इस नए पेंट के माध्यम से किसानों/गौशालाओं को प्रति पशु प्रतिवर्ष लगभग 30,000 रुपए की अतिरिक्त आय प्राप्त हो सकेगी। इसके अलावा गाय के गोबर के उपयोग से वातावरण भी स्वच्छ होगा और साथ ही नालियों के जमाव की समस्या को भी कम किया जा सकेगा। इस पेंट को जयपुर स्थित खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की इकाई- कुमारप्पा राष्ट्रीय हस्तनिर्मित पेपर संस्थान में विकसित किया गया है।

सुबोध कुमार जायसवाल

महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने हाल ही में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के नए प्रमुख के रूप में पदभार संभाला है। 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 28वें प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला है। महाराष्ट्र पुलिस का नेतृत्त्व करने के अलावा सुबोध कुमार जायसवाल स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) तथा अनुसंधान और विश्लेषण विंग (R&AW) के साथ भी कार्य कर चुके हैं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) संसद के अधिनियम द्वारा वर्ष 1969 में स्थापित एक सशस्त्र सेना है। यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है। CISF देश भर में स्थित औद्योगिक इकाइयों, सरकारी अवसंरचना परियोजनाओं और सुविधाओं तथा प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवच प्रदान करता है। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, खदानों, तेल क्षेत्रों और रिफाइनरियों, मेट्रो रेल, प्रमुख बंदरगाहों आदि जैसे औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा का दायित्व CISF पर ही है। आँकड़ों की मानें तो वर्तमान में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) में कुल 1.62 लाख सैन्यकर्मी कार्यरत हैं और सशस्त्र बल के तहत वर्तमान में 12 रिज़र्व बटालियन शामिल हैं। CISF समर्पित फायर विंग वाला एकमात्र सशस्त्र बल है।

‘फतह-1’ हथियार प्रणाली

पाकिस्तान की सेना ने हाल ही में ‘फतह-1’ नाम से एक मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम (GMLRS) का परीक्षण किया है। इस संबंध में जारी आधिकारिक सूचना के मुताबिक, पाकिस्तान में स्वदेशी रूप से विकसित इस हथियार प्रणाली को तकरीबन 140 किमी. की सीमा तक पारंपरिक युद्धपोत ले जाने में सक्षम बनाया गया है। हालाँकि पाकिस्तान की सेना द्वारा इस हथियार प्रणाली की विशिष्टताओं से संबंधित कोई भी जानकारी साझा नहीं की गई है। पाकिस्तान के इस कदम को भारत द्वारा अपनी पारंपरिक क्षमता बढ़ाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों की एक प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा सकता है। ज्ञात हो कि हाल ही में भारत ने ‘मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल’ (MRSAM) के आर्मी संस्करण का पहला सफल परीक्षण किया था। इसके अलावा वर्ष 2020 में भारत ने रक्षा प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनमें हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ के नौसैनिक संस्करण की INS विक्रमादित्य पर लैंडिंग, लेज़र गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM), सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ ऑफ टॉरपीडो (SMART), पिनाका रॉकेट सिस्टम का वर्द्धित संस्करण और क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (QRSAM) आदि शामिल हैं। 

वेद मेहता 

प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी लेखक वेद मेहता का 9 जनवरी, 2021 को न्यूयॉर्क में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वर्ष 1934 में लाहौर में जन्मे वेद मेहता ने मात्र चार वर्ष की आयु में केयरब्रोस्पाइनल मेनिनजाइटिस के कारण अपनी दृष्टि खो दी। 15 वर्ष की आयु में वे अमेरिका चले गए और वहाँ उन्होंने स्नातक की पढाई की, इसके बाद उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री प्राप्त की। उनकी पहली पुस्तक ‘फेस-टू-फेस’ वर्ष 1957 में प्रकाशित हुई थी। मैकआर्थर पुरस्कार के फेलो और ब्रिटिश रॉयल सोसाइटी ऑफ लिटरेचर के सदस्य, वेद मेहता ने 1961-1994 तक ‘द न्यू यॉर्कर’ के लिये एक लेखक के रूप में काम किया, इसके अलावा उन्होंने कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य भी किया था।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2