एम-प्राइम प्लेबुक
हाल ही में नीति आयोग द्वारा एम-प्राइम (प्रोग्राम फॉर रिसर्चर्स इन इनोवेशन, मार्केट रेडीनेस एंड एंटरप्रेन्योरशिप-एम-प्राइम) प्लेबुक लॉन्च की गई है।
- एम-प्राइम प्लेबुक (AIM-PRIME Playbook) का उद्देश्य मिश्रित शिक्षण पाठ्यक्रम का उपयोग करते हुए 12 माह की अवधि में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के माध्यम से प्रारंभिक चरण के विज्ञान-आधारित, गहन प्रौद्योगिकी विचारों को बाज़ार में बढ़ावा देना है।
अटल इनोवेशन मिशन (AIM):
- अटल इनोवेशन मिशन के बारे में:
- अटल नवाचार मिशन (AIM) देश में नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये भारत सरकार द्वारा की गई एक प्रमुख पहल है।
- उद्देश्य:
- अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने हेतु नए कार्यक्रम और नीतियांँ विकसित करना, विभिन्न हितधारकों के लिये मंच एवं सहयोग के अवसर प्रदान करना, जागरूकता पैदा करना तथा देश के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी हेतु एक छत्र संरचना (Umbrella Structure) निर्मित करना।
- प्रमुख पहलें:
- अटल टिंकरिंग लैब्स: भारतीय स्कूलों में समस्या समाधान मानसिकता विकसित करना।
- अटल इनक्यूबेशन सेंटर: विश्व स्तर पर स्टार्टअप को बढ़ावा देना और इनक्यूबेटर मॉडल में एक नया आयाम जोड़ना।
- अटल न्यू इंडिया चैलेंज: उत्पाद नवाचारों को बढ़ावा देना और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों/मंत्रालयों की ज़रूरतों के अनुरूप बनाना।
- मेंटर इंडिया कैंपेन: मिशन की सभी पहलों का समर्थन करने हेतु यह सार्वजनिक क्षेत्र, कॉरपोरेट्स और संस्थानों के सहयोग से शुरू किया गया एक राष्ट्रीय मेंटर नेटवर्क है।
- अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर: टियर-2 और टियर-3 शहरों सहित देश के असेवित क्षेत्रों में समुदाय केंद्रित नवाचार एवं विचारों को प्रोत्साहित करना।
- लघु उद्यमों हेतु अटल अनुसंधान और नवाचार (ARISE): सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में नवाचार एवं अनुसंधान को प्रोत्साहित करना।
एम-प्राइम:
- उद्देश्य:
- 12 महीने की अवधि में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के माध्यम से विज्ञान आधारित गहन प्रौद्योगिकी विचारों को बाज़ार में बढ़ावा देना।
- डीप टेक्नोलॉजी मूर्त इंजीनियरिंग नवाचार या वैज्ञानिक प्रगति और खोजों पर आधारित है। डीप टेक को प्रायः इसकी गहन सक्षम शक्ति, इसके द्वारा पैदा की जा सकने वाली भिन्नता और परिवर्तन को उत्प्रेरित करने की क्षमता से अलग किया जाता है।
- 12 महीने की अवधि में प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के माध्यम से विज्ञान आधारित गहन प्रौद्योगिकी विचारों को बाज़ार में बढ़ावा देना।
- लक्षित क्षेत्र:
- विज्ञान आधारित, ज्ञान-गहन, डीप टेक्नोलॉजी उद्यमिता।
- लॉन्चिंग और कार्यान्वयन एजेंसी:
- AIM ने इस राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम को शुरू करने के लिये बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (BMGF) के साथ सहयोग किया है, जिसे वेंचर सेंटर द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा, गैर-लाभकारी प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला (CSIR-NCL) द्वारा आयोजित किया गया।
- लाभार्थी:
- प्रौद्योगिकी डेवलपर्स (प्रारंभिक चरण के गहरे तकनीकी स्टार्टअप और वैज्ञानिक/ इंजीनियर/ चिकित्सक) मज़बूत विज्ञान-आधारित गहन तकनीकी व्यावसायिक विचारों के साथ।
- AIM फंडेड अटल इनक्यूबेशन सेंटर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और वरिष्ठ इन्क्यूबेशन मैनेजर जो डीप टेक उद्यमियों का समर्थन कर रहे हैं।
- महत्त्व:
- कार्यक्रम के लिये चुने गए उम्मीदवारों को एक व्यापक व्याख्यान शृंखला, लाइव टीम प्रोजेक्ट, अभ्यास और परियोजना-विशिष्ट सलाह के माध्यम से सीखने की सुविधा मिलेगी।
- उनके पास एक डीप टेक स्टार्टअप प्लेबुक, क्यूरेटेड वीडियो पुस्तकालय और पीयर-टू-पीयर सीखने के भरपूर अवसर भी होंगे।
विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):प्रश्न. अटल इनोवेशन मिशन किस के अंतर्गत स्थापित किया गया है? (2019) (a) विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग उत्तर: C |
स्रोत: पी.आई.बी.
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 मई, 2022
अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस
विश्व भर में 12 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’ मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन मुख्य रूप से आधुनिक नर्सिंग की जनक ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल’ (Florence Nightingale) की याद में किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस समाज के प्रति नर्सों के योगदान को चिह्नित करता है। इस दिवस को सर्वप्रथम वर्ष 1965 में ‘इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स’ (ICN) द्वारा मनाया गया था, किंतु जनवरी 1974 से यह दिवस 12 मई को फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती पर मनाया जाने लगा। वे एक ब्रिटिश नागरिक थीं, जिन्हें युद्ध में घायल व बीमार सैनिकों की सेवा के लिये जाना जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने 1850 के दशक के क्रीमियन युद्ध में दूसरी नर्सों को प्रशिक्षण दिया तथा उनके प्रबंधक के रूप में भी कार्य किया। उन्हें ‘लेडी विद द लैंप’ कहा जाता है। उनके विचारों तथा सुधारों से आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली काफी प्रभावित हुई है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने ही सांख्यिकी के माध्यम से यह सिद्ध किया कि किस प्रकार स्वास्थ्य से किसी भी महामारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है। संपूर्ण विश्व जब कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी का सामना कर रहा है, तो ऐसे में नर्सों की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण हो गई है।
मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का निधन
देश के मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का 10 मई, 2022 को निधन हो गया। वे 84 साल के थे। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। भारत की महान शास्त्रीय संगीत परंपरा में संतूर एक अभिन्न अंग है लेकिन इस लोक वाद्ययंत्र को शास्त्रीय परंपरा के एक अहम वाद्य के रूप में स्थापित करने का श्रेय पंडित शिवकुमार शर्मा को जाता है। संतूर भारत के सबसे लोकप्रिय वाद्ययंत्रों में से एक है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है।संतूर मूल रूप से कश्मीर का लोक वाद्ययंत्र है और इसे सूफ़ी संगीत में इस्तेमाल किया जाता था। संतूर की उत्पत्ति लगभग 1800 वर्ष से भी पूर्व ईरान में मानी जाती है, बाद में यह एशिया के कई अन्य देशों में प्रचलित हुआ और उन देशों ने इसे अपनी सभ्यता एवं संस्कृति के अनुसार इसके रूप में परिवर्तन किये। संतूर का भारतीय नाम 'शततंत्री वीणा' यानी ‘सौ तारों वाली वीणा’ है जिसे बाद में फारसी भाषा से संतूर नाम मिला।
विश्व ल्यूपस दिवस
ल्यूपस बीमारी को लेकर जागरुकता बढ़ाने के लिये प्रत्येक वर्ष 10 मई को विश्व ल्यूपस दिवस मनाया जाता है। यह एक स्व-प्रतिरोधी रोग है, जो शरीर के किसी भी भाग को नुकसान पहुँचा सकता है। स्व-प्रतिरोधी बीमारी में प्रतिरक्षा तंत्र के लिये मानव शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं और बाहरी कोशिकाओं के बीच का अंतर समाप्त हो जाता है। ल्यूपस बीमारी के सामान्य लक्षणों में तेज़ बुखार, लगातार मुँह का अल्सर, जोड़ों तथा माँसपेशियों में दर्द और अधिक थकान का बना रहना शामिल है। इसमें गाल और नाक पर तितली के पंखों जैसे लाल निशान बन जाते हैं। इसे ‘बटरफ्लाई रैश’ भी कहते हैं। इसके तत्काल निदान और सही उपचार से इस रोग से बहुत हद तक बचा जा सकता है। ल्यूपस (Lupus) के उपचार में डॉक्टर की सलाह पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का उपयोग किया जाता है। यह बीमारी इतनी गंभीर होती है कि इंसान के मस्तिष्क, त्वचा, किडनी और भी कई अंगों को प्रभावित करती है। प्रत्येक वर्ष 10 मई को ल्यूपस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने, इसके लक्षणों, शरीर पर होने वाले इसके प्रभावों के बारे में अधिक-से-अधिक जानकारी देने के लिये कई तरह के कैंपेन, कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
भारत में प्रत्येक वर्ष 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (National Technology Day) मनाया जाता है। इस दिन भारत की वैज्ञानिक दक्षता एवं प्रौद्योगिकी में विकास को दर्शाने के साथ-साथ वैज्ञानिकों की उपलब्धियों एवं महत्त्व को भी याद किया जाता है। इस दिन प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान मंत्रालय द्वारा अपने विभाग में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराए जाते हैं। इस दिवस को तकनीकी रचनात्मकता, वैज्ञानिक जाँच, उद्योग एवं विज्ञान के एकीकरण में किये गए प्रयास का प्रतीक माना जाता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस, 2022 का विषय "टिकाऊ भविष्य के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण” (Integrated Approach in Science and Technology for Sustainable future) है। 11 मई को भारत ने अपनी पहली सफल शक्ति-I (Shakti-I) परमाणु मिसाइल का परीक्षण किया था। इस मिसाइल का परीक्षण भारतीय सेना ने पोखरण टेस्ट रेंज, राजस्थान में किया। इस ऑपरेशन को “ऑपरेशन शक्ति” कहा जाता है। शक्ति- I परमाणु मिसाइल के परीक्षण के बाद भारत ने दो परमाणु हथियारों का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इस दिन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा रखा गया था। प्रत्येक वर्ष प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में योगदान के लिये व्यक्तियों को राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित करता है।