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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 11 Mar, 2022
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम

हाल ही में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने एमएसएमई आइडिया हैकथॉन 2022 के साथ एमएसएमई इनोवेटिव स्कीम (इनक्यूबेशन, डिज़ाइन और IPR) लॉन्च की है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • यह एमएसएमई के लिये इनक्यूबेशन, डिज़ाइन और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के आसपास मौजूदा उप-योजनाओं का संयोजन है।
      • सरकार ने तीनों उप-योजनाओं में विचारों, डिज़ाइनों और पेटेंट के व्यावसायीकरण के लिये 1 करोड़ रुपए तक की इक्विटी सहायता की भी घोषणा की और एमएसएमई को बाद में धन जुटाने में मदद करने का आश्वासन दिया।
      • इसके लिये फंड मैनेजर के रूप में सिडबी (स्मॉल इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया) द्वारा एक अलग कोष बनाकर प्रबंधित किया जाएगा।
      • भारतीय संसद के एक अधिनियम के तहत 2 अप्रैल, 1990 को स्थापित सिडबी, एमएसएमई क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास के साथ-साथ समान गतिविधियों में लगे संस्थानों के कार्यों के समन्वय के लिये प्रमुख वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करता है।
    • नई योजना एमएसएमई को आगे बढ़ाने के लिये मार्गदर्शन, वित्तीय सहायता, तकनीकी सहायता और अन्य माध्यम से समर्थन सुनिश्चित करेगी।
    • इस इनोवेशन से जुड़ी गतिविधियों के लिये यह एक हब के रूप में कार्य करेगा, यह ऐसे बिज़नेस आइडिया के विकास में मार्गदर्शन भी करेगा जो समाज को सीधे तौर पर लाभान्वित कर सके तथा जिन्हें सफलतापूर्वक पूरा किया जा जा सके।
  • घटक:
    • ऊष्मायन: योजना का प्राथमिक उद्देश्य अप्रयुक्त रचनात्मकता को बढ़ावा देना और उसकी मदद करना है। साथ ही प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट स्तर पर अपने आइडिया की वैलिडेशन के लिये एमएसएमई में नवीनतम तकनीकों को बढ़ावा देना है। 
      • इस योजना के हिस्से के रूप में सरकार ने मेज़बान संस्थानों के माध्यम से एमएसएमई, नवप्रवर्तनकर्त्ताओं और छात्रों से विचारों को आमंत्रित करने के लिये एक एमएसएमई आइडिया हैकथॉन शुरू करने की घोषणा की है।
      • प्रति आइडिया 15 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता और संबंधित संयंत्र तथा मशीनों के लिये एक करोड़ रुपए प्रदान किये जाएंगे।
    • डिजाइन: इस कंपोनेंट का उद्देश्य भारतीय मैन्युफेक्चरिंग क्षेत्र और डिज़ाइन विशेषज्ञता/डिज़ाइन को एक साझा मंच पर लाना है।
      • इसका उद्देश्य नए उत्पाद विकास, इसके निरंतर सुधार और मौज़ूदा एवं नए उत्पादों में मूल्यवर्द्धन के लिये डिज़ाइन समस्याओं पर रियल टाइम विशेषज्ञ सलाह तथा लागत प्रभावी समाधान प्रदान करना है। 
    • आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार): इस योजना का उद्देश्य MSMEs के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों (Intellectual Property Rights-IPR) के बारे में जागरूकता बढ़ाने और भारतीय अर्थव्यवस्था में रचनात्मक बौद्धिक प्रयास को प्रोत्साहित करने हेतु भारत में आईपी संस्कृति में सुधार करना है। 
      • इसका उद्देश्य MSMEs द्वारा उनके व्यावसायीकरण और आईपी सुविधा केंद्र के माध्यम से आईपीआर उपकरणों के प्रभावी उपयोग के लिये विकसित विचारों, तकनीकी इनोवेशन और ज्ञान-संचालित व्यापार रणनीतियों की सुरक्षा हेतु उपयुक्त उपाय करना है। 
      • इसमें विदेशी पेटेंट के लिये 5 लाख रुपए, घरेलू पेटेंट पर 1 लाख रुपए, जीआई पंजीकरण हेतु 2 लाख रुपए, डिज़ाइन पंजीकरण के लिये 15,000 रुपए, प्रतिपूर्ति के रूप में ट्रेडमार्क हेतु 10,000 रुपए तक की वित्तीय सहायता का प्रावधान है।

स्रोत: पी.आई.बी.


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 मार्च, 2022

विश्व किडनी दिवस

10 मार्च, 2022 को विश्व भर में ‘विश्व किडनी दिवस’ का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि प्रतिवर्ष मार्च माह के दूसरे बृहस्पतिवार को इस दिवस का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य किडनी रोग और उससे संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव को कम करना तथा मानव स्वास्थ्य में किडनी के महत्त्व के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। विश्व किडनी दिवस का आयोजन पहली बार वर्ष 2006 किया गया था और यह एक प्रकार से वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान है। इस अभियान के तहत किडनी रोगों के बढ़ते प्रकोप और ‘साइलेंट किलर’ कहे जाने वाले इस रोग के प्रति लोगों को सचेत किया जाता है। इस वर्ष ‘विश्व किडनी दिवस’ की थीम 'किडनी हेल्थ फॉर ऑल' रखी गई है, जिसका अर्थ है सभी के लिये गुर्दे का स्वास्थ्य ज़रूरी है। गुर्दे/किडनी शरीर के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। वे रक्त को शुद्ध करते हैं और शरीर से अपशिष्ट को खत्म करने में मदद करते हैं। दुनिया भर में प्रतिवर्ष किडनी फेल होने के कारण कई लोगों की मौत हो जाती है। 

सुषमा स्वराज पुरस्कार

हाल ही में राज्य विधानसभा में बजट पेश करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महिलाओं के लिये राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों से संबंधित जीवन के विभिन्न पहलुओं में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान या उपलब्धियों हेतु 'सुषमा स्वराज पुरस्कार' की घोषणा की है। इस पुरस्कार के तहत राज्य सरकार द्वारा 5 लाख रुपए की पुरस्कार राशि के साथ एक प्रशस्ति प्रदान किया जाएगा। सुषमा स्वराज सर्वोच्च न्यायालय की वकील और एक वरिष्ठ भारतीय राजनीतिज्ञ थीं, जिन्होंने 16वीं लोकसभा (2014-2019) के दौरान भारत के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के वाद वे इस पद पर कार्य करने वाली दूसरी महिला थीं। 

ईरान का ‘नूर-2’ उपग्रह 

ईरान की सेना ने हाल ही में ‘नूर-2’ उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करते हुए अपने ‘कासेद’ रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया है। यह मिशन लगभग दो वर्षों में पृथ्वी की कक्षा में पहुँचने वाला पहला ईरानी प्रक्षेपण है। ईरान के सशस्त्र बलों की एक शाखा- ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स’ (IRGC) द्वारा संचालित छोटे उपग्रहों की शृंखला में ‘नूर-2’ उपग्रह दूसरे नंबर पर है। ‘नूर-2’ उपग्रह 500 किलोमीटर (311 मील) की ऊँचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। यह वर्ष 2020 में लॉन्च किये गए ‘नूर-1’, जो ईरान का पहला समर्पित सैन्य उपग्रह था, का अपग्रेडेड संस्करण है। फारसी भाषा में नूर का अर्थ है- ‘प्रकाश’। ईरान द्वारा इस उपग्रह का निर्माण ‘अंतर्राष्ट्रीय क्यूबसैट मानक’ के अनुसार किया गया है। माना जा रहा है कि अंतरिक्ष में दूसरा उपग्रह स्थापित किये जाने से ईरान की सेना की काफी प्रगति होगी, जिससे देश के परमाणु एवं मिसाइल कार्यक्रमों को लेकर चिंता और अधिक बढ़ जाएगी।

तमिलनाडु में फ्लोटिंग सौर परियोजना 

देश के अग्रणी उर्वरक निर्माता ‘सदर्न पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज़ कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (SPIC) ने तमिलनाडु के थूथुकुडी में 150.4 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से एक फ्लोटिंग सौर परियोजना स्थापित की है। यह अत्याधुनिक फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थायी आधार पर ऊर्जा उत्पादन को अनुकूलित करने हेतु स्थापित किया गया है। यह परियोजना अत्याधुनिक हरित एवं सतत् प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिये समूह की ESG रणनीति के अनुरूप है। SPIC परिसर के भीतर बड़े जलाशय पर स्थित यह सौर संयंत्र प्रतिवर्ष 42.0 मिलियन यूनिट बिजली पैदा कर सकता है। इसके माध्यम से उत्पन्न समग्र बिजली का उपयोग SPIC और ग्रीनस्टार फर्टिलाइज़र्स द्वारा किया जाएगा। स्वच्छ ऊर्जा के अलावा यह परियोजना जलाशय में पानी के वाष्पीकरण को लगभग 60 प्रतिशत तक कम करके पर्यावरण की मदद करेगी।


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