प्रिलिम्स फैक्ट् : 11 मार्च, 2021

दुस्तलिक-2

Exercise Dustlik-2

हाल ही में उत्तराखंड के चौबटिया में भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच सैन्य अभ्यास दुस्तलिक (Dustlik) के दूसरे चरण की शुरुआत हुई।

Uzbekistan

प्रमुख बिंदु

  • अभ्यास का उद्देश्य:
    • संयुक्त राष्ट्र (UN) के अधिदेश के तहत पर्वतीय, ग्रामीण और शहरी परिदृश्यों में विद्रोह तथा आतंकवाद रोधी गतिविधियों का संचालन करना।
  • प्रथम संस्करण: 
    • इस अभ्यास के प्रथम संस्करण का आयोजन नवंबर 2019 में ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में किया गया था।
  • महत्त्व:
    • मध्य एशियाई क्षेत्रों के साथ संपर्क तथा सुरक्षा की दृष्टि से उज़्बेकिस्तान भारत के लिये महत्त्वपूर्ण है, इसके अलावा अफगानिस्तान के संदर्भ में भी भारत के पास यह विकल्प उपलब्ध है।
      • अफगानिस्तान में जारी संघर्ष के कारण उपजी सुरक्षा चिंता मध्य एशिया में भारत की भागीदारी के समक्ष एक बड़ी चुनौती है।

अन्य देशों के साथ भारत के सैन्य अभ्यास

अभ्यास का नाम'

देश

गरुड़ शक्ति 

इंडोनेशिया

एकुवेरिन

मालदीव 

हैंड-इन-हैंड

चीन

बोल्ड कुरुक्षेत्र 

सिंगापुर

मित्र शक्ति

श्रीलंका

नोमेडिक एलीफैंट

मंगोलिया

शक्ति

फ्राँस

सूर्य किरण

नेपाल

युद्ध अभ्यास

संयुक्त राज्य अमेरिका


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 मार्च, 2021

ईशर सिंह देयोल

ध्यानचंद राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से सम्मानित और वरिष्ठ भारतीय एथलीट ईशर सिंह देयोल का हाल ही में 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। ईशर सिंह देयोल ने वर्ष 1951 के बाद अपने संपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर के दौरान कई पदक जीते और खेल में उनके आजीवन योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2009 में ध्यानचंद राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। ज्ञात हो कि ईशर सिंह देयोल बीते 30 वर्ष से पंजाब एथलीट एसोसिएशन के महासचिव और एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे। ईशर सिंह देयोल ने शुरुआती तीनों एशियाई खेलों में हिस्सा लिया और वर्ष 1954 में फिलीपींस के मनीला में आयोजित दूसरे एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक भी जीता था। वर्ष 1957 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक मीट के दौरान ईशर सिंह देयोल ने शॉटपुट में 46 फीट 11.2 इंच की थ्रो के साथ एशियाई रिकॉर्ड स्थापित किया था। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 1952 से वर्ष 1957 तक लगातार पाँच वर्ष ऑल इंडिया पुलिस मीट में स्वर्ण पदक जीता था। 

तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद हाल ही में गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। तीरथ सिंह रावत ने राज्य के 9वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। तीरथ सिंह रावत ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ की थी। बाद में वर्ष 2000 में उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग करके एक अलग राज्य बना दिया गया। वर्ष 1997 में उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिये चुना गया, इसके पश्चात् वर्ष 2000 में जब उत्तराखंड एक अलग राज्य बना, तो तीरथ सिंह रावत को नई सरकार में मंत्री बनाया गया। तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड की पहली सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 2012 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में तीरथ सिंह रावत को गढ़वाल के चौबट्टाखाल सीट से विधायक चुना गया था। इसके बाद तीरथ सिंह रावत को वर्ष 2019 में लोकसभा के लिये चुना गया।

जी.पी. सामंत

हाल ही में केंद्र सरकार ने जी.पी. सामंत को भारत का मुख्य सांख्यिकीविद् नियुक्त किया है। वे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव का भी कार्यभार संभालेंगे। जी.पी. सामंत को प्रारंभ में दो वर्ष की अवधि के लिये नियुक्त किया गया है। वे देश के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् छत्रपति शिवाजी का स्थान लेंगे, जो सितंबर 2020 से इस पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। जी.पी. सामंत वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के सांख्यिकी एवं सूचना प्रबंधन विभाग में सलाहकार के तौर पर कार्य कर रहे हैं। इससे पूर्व जी.पी. सामंत चेन्नई में रिज़र्व बैंक स्टाफ कॉलेज में निदेशक और संकाय सदस्य के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। मात्रात्मक अर्थशास्त्र में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2006 में प्रतिष्ठित प्रो. पी.सी. महालनोबिस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। जी.पी. सामंत ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) से सांख्यिकी में मास्टर डिग्री और मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। ज्ञात हो कि सांख्यिकी तथा कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव को भारत का मुख्य सांख्यिकीविद् (CSI) कहा जाता है। भारत का मुख्य सांख्यिकीविद् (CSI) राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (NSO) के प्रमुख और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) के सचिव के तौर पर भी कार्य करता है। मुख्य सांख्यिकीविद् का प्राथमिक कार्य देश के समक्ष प्रमुख आर्थिक संकेतक और आँकड़े प्रस्तुत करना है। 

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स

भारत के सुप्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन को ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स’ (FIAF) पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया जाएगा। अमिताभ बच्चन इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स (FIAF) पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय होंगे। अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार फिल्म विरासत के संरक्षण में उनके योगदान और समर्पण हेतु प्रदान किया जा रहा है। इस पुरस्कार के पूर्व विजेताओं में दिग्गज फिल्मी हस्तियाँ जैसे- मार्टिन स्कॉरसेस (2001), इंगमार बर्गमान (2003), क्रिस्टोफर नोलन (2017) और वाल्टर सेलेस (2020) आदि शामिल हैं। ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स’ (FIAF) पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2001 में हुई थी और इसका प्राथमिक उद्देश्य फिल्म तथा फिल्म संस्कृति के संरक्षण में योगदान देने वाले लोगों को मान्यता प्रदान करना है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स (FIAF) एक विश्वव्यापी संगठन है, जिसमें दुनिया भर के फिल्म अभिलेखागार और संग्रहालय शामिल हैं।