प्रीलिम्स फैक्ट्स: 11 जनवरी, 2020
विश्व हिंदी दिवस
World Hindi Day
हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) मनाया जाता है।
उद्देश्य: इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये उपयुक्त वातावरण तैयार करना और हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना है।
- इस अवसर पर भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
विश्व हिंदी दिवस : ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
- पहला विश्व हिंदी सम्मेलन (First World Hindi Conference) 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था, जहाँ 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
- पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वर्ष 2006 में हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की।
- हिंदी भाषा पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूज़ीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिडाड, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों में बोली जाती है।
- विश्व में लगभग 43 करोड़ लोगों द्वारा हिंदी बोली जाती है।
- वर्ष 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में पहली बार 'अच्छा', 'बड़ा दिन', 'बच्चा' और 'सूर्य नमस्कार' जैसे हिंदी शब्दों को शामिल किया गया।
हिंदी की उत्पत्ति:
- माना जाता है कि 'हिंदी' शब्द को मूल संस्कृत शब्द 'सिंधु' से रूपांतरित किया गया है।
- सिंध नदी के आसपास के क्षेत्र को 'सिंधु' के नाम से जाना जाता था।
- ईरानियों के भारत में प्रवेश करने पर यह 'सिंधु' शब्द 'हिंदू' हो गया। बाद में यह 'हिंदी' बन गया और फिर 'हिंद' कहा जाने लगा।
गौरतलब है कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस, जबकि 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस (National Hindi Day) मनाया जाता है।
चीनी पैडलफिश
Chinese Paddlefish
साइंस ऑफ द टोटल एन्वायरनमेंट (Science of the Total Environment) पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में ताज़े पानी की सबसे बड़ी मछलियों में से एक चीनी पैडलफिश (Chinese Paddlefish) को विलुप्त घोषित किया गया।
मुख्य बिंदु:
- चीनी पैडलफिश (सेफुरुस ग्लाडिअस- Psephurus Gladius) मछलियों की एक प्रजाति थी जिसकी लंबाई 7 मीटर यानी 23 फीट तक थी।
- माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति 200 मिलियन साल पहले हुई थी जब धरती पर डायनासोर की उपस्थिति थी।
- चीनी पैडलफिश का पैतृक निवास चीन के यांग्त्ज़ी नदी (Yangtze River) में था।
- अंतिम बार वर्ष 2003 में चीनी पैडलफिश को यांग्त्ज़ी नदी में देखा गया था।
- पैडलफिश की छह ज्ञात प्रजातियाँ है जिनमें चार विलुप्त प्रजातियों (तीन पश्चिमी उत्तरी अमेरिका से और एक चीन से) को केवल जीवाश्मों से जाना जा सकता है।
- एक मौजूद प्रजाति अमेरिकी पैडलफिश (पॉलयोडोन स्पथुला-Polyodon spathula) का मूल निवास संयुक्त राज्य अमेरिका की मिसिसिपी नदी (Mississippi River) में है, जबकि चीनी पैडलफिश को वर्ष 2019 में विलुप्त घोषित कर दिया गया।
कैसे निर्धारित किया कि यह विलुप्त हो गई है?
- चीनी शोधकर्त्ताओं ने अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची के मानदंड के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि चीनी पैडलफिश विलुप्त हो गई है।
प्रवासी भारतीय दिवस
Pravasi Bharatiya Divas
प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas-PBD) भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने के लिये हर वर्ष 9 जनवरी को मनाया जाता है।
- इस दिवस पर विदेश मंत्रालय हर साल समारोह का आयोजन करता है।
पृष्ठभूमि
- प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने लिया था।
- 9 जनवरी, 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस आए थे, इसलिये 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन के लिये चुना गया था।
- पहले प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन 9 जनवरी, 2003 को नई दिल्ली में हुआ था।
वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया
Video based Customer Identification Process
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने KYC मानदंडों में संशोधन करते हुए बैंकों एवं अन्य उधार देने वाले संस्थानों को वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (Video based Customer Identification Process V-CIP) का उपयोग करने की अनुमति दी।
- इससे अब दूर बैठे हुए व्यक्ति की भी वीडियो के ज़रिये KYC हो सकेगी और ग्राहक को जल्द-से-जल्द सेवाएँ दी जा सकेंगी।
मुख्य बिंदु:
- V-CIP सहमति आधारित होगा। इस डिजिटल तकनीक से बैंकों और दूसरी रेगुलेटेड संस्थाओं के लिये RBI के KYC नियमों का पालन करना और आसान हो जाएगा।
- विनियमित संस्थाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि V-CIP द्वारा वीडियो की रिकॉर्डिंग तिथि और समय के साथ सुरक्षित तरीके से संग्रहीत की जाए।
- सर्कुलर के अनुसार, रेगुलेटेड संस्थानों को केवाईसी प्रोसेस के दौरान ग्राहक द्वारा दिखाए गए PAN कार्ड की साफ तस्वीर लेनी होगी। ग्राहक द्वारा e-PAN उपलब्ध कराने की स्थिति में ऐसा नहीं होगा।
- PAN का विवरण इसे जारी करने वाले प्राधिकरण के डेटाबेस से सत्यापित किया जाना चाहिये।
- आरबीआई ने अपने सर्कुलर में रेगुलेटेड संस्थाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और चेहरे की मिलान वाली तकनीक जैसी आधुनिक उपलब्ध तकनीकी सहायता लेने के लिये प्रोत्साहित किया है, जिससे ग्राहक द्वारा दी गई जानकारी सुनिश्चित हो और प्रोसेस बिल्कुल ठीक तरीके से हो।