UPI लेन-देन पर सीमाएँ
UPI लेन-देन में रिकॉर्ड वृद्धि को देखते हुए बैंकों और UPI एप कंपनियों ने वर्ष 2021 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India- NPCI) द्वारा निर्धारित सीमा के मद्देनज़र दैनिक लेन-देन को सीमित करने का निर्णय लिया है।
UPI लेन-देन पर निर्धारित सीमाएँ:
- NPCI द्वारा निर्धारित सीमा:
- वर्तमान में एक उपयोगकर्त्ता पूरे दिन में या पूरे दिन में एक बार में 1 लाख रुपए तक का या कुल 20 लेन-देन कर सकता है।
- लेन-देन की कुछ विशिष्ट श्रेणियाँ, जैसे कि पूंजी बाज़ार, संग्रह, बीमा, और अग्रिम आवक प्रेषण की उच्च सीमा 2 लाख रुपए है।
- UPI-आधारित एप्लीकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट सिस्टम (ASBA) IPO और रिटेल डायरेक्ट योजनाओं के लिये, दिसंबर 2021 में प्रत्येक लेन-देन की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई थी।
- ASBA निवेशकों के लिये प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) में भाग लेने और शेयर बाज़ार में निवेश करने की एक सुविधा है।
- यह निवेशकों को प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) जारीकर्त्ता या स्टॉक ब्रोकर को अग्रिम धन हस्तांतरित किये बिना शेयरों के लिये आवेदन करने में सक्षम बनाता है। इसके बावजूद शेयर आवंटित किये जाने तक निवेशक की आवेदन राशि को उनके बैंक खाते में अस्थायी रूप से अवरुद्ध कर दिया जाता है।
- ASBA निवेशकों के लिये प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) में भाग लेने और शेयर बाज़ार में निवेश करने की एक सुविधा है।
- बैंकों/एप्स द्वारा सीमाएँ:
- कुछ बैंकों और एप्स ने अपनी लेन-देन की सीमा तय की है।
- उदाहरण के लिये पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा की निम्न सीमा 25,000 रुपए है, जबकि PNB की दैनिक सीमा 50,000 रुपए है।
- यदि गूगल पे (Google Pay) उपयोगकर्त्ता सभी UPI एप्स पर एक ही दिन में दस से अधिक बार पैसे भेजने का प्रयास करते हैं तो यह दैनिक सीमा का उल्लंघन होगा।
- कुछ बैंकों और एप्स ने अपनी लेन-देन की सीमा तय की है।
सीमाओं का महत्त्व:
- सीमाएँ लागू करने से UPI के सुरक्षा ढाँचे को बनाए रखने में मदद मिलती है और इसकी निर्बाध कार्यप्रणाली सुनिश्चित होती है।
- ग्राहक सुविधा को संतुलित करते हुए सीमाएँ संभावित धोखा और जोखिम संबंधी चिंताओं को रोकने में सहायता करती हैं।
- उच्च औसत लेन-देन मूल्यों वाली विशिष्ट श्रेणियों के लिये उच्च सीमाएँ निर्धारित की जाती हैं जैसे कि पूंजी बाज़ार या क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान।
UPI के संबंध में हालिया रुझान:
- मई 2023 में UPI का उपयोग करके सुगम किये गए लेन-देन की कुल संख्या 14.89 लाख करोड़ रुपए के संयुक्त मूल्य के साथ 9,415.19 मिलियन तक पहुँच गई।
- कुल UPI लेन-देन में पीयर-टू-पीयर (P2P) लेन-देन का हिस्सा लगभग 43% है, जबकि बाकी पीयर-टू-मर्चेंट (P2M) है।
- P2P श्रेणी में अधिकांश लेन-देन 500 रुपए से नीचे के ब्रैकेट (54.2%) में थे, जबकि P2M श्रेणी में समान राशि ब्रैकेट में हिस्सा 84.3% था।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI)
- यह भारत में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन हेतु व्यापक संगठन है।
- यह भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) और भारतीय बैंक संघ (Indian Banks’ Association- IBA) की एक पहल है।
- इसे कंपनी अधिनियम 1956 (अब कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8) की धारा 25 के प्रावधानों के तहत "लाभ हेतु नहीं" कंपनी के रूप में शामिल किया गया है।
- दस कोर प्रमोटर बैंक- भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, HDFC बैंक, सिटी बैंक और HSBC हैं।
- वर्ष 2016 में सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिक बैंकों को शामिल करने हेतु शेयरधारिता 56 सदस्य बैंकों के लिये व्यापक थी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. डिजिटल भुगतान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) प्रश्न. ‘एकीकृत भुगतान अंतरापृष्ठ (यूनिफाइड पेमेंट्स इन्टरफेस/UPI)’ को कार्यान्वित करने से निम्नलिखित में से किसके होने की सर्वाधिक सभाव्यता है? (a) ऑनलाइन भुगतानों के लिये मोबाइल वालेट आवश्यक नहीं होंगे। उत्तर: (a) प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (c) |
स्रोत:द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 10 जून, 2023
सोल ऑफ स्टील चैलेंज
'सोल ऑफ स्टील' चैलेंज का अंतिम चरण अमृतगंगा ग्लेशियर, उत्तराखंड में आयोजित हो रहा है, जहाँ प्रतिभागियों को आइस क्राफ्ट में गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसे जनवरी, 2023 में उत्तराखंड में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य किसी उच्च ऊँचाई वाले क्षेत्रों में क्षमता और धर्य का परीक्षण करना एवं विश्व स्तर पर उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। अभियान का सामान्य क्षेत्र नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान रहा है। यह CLAW ग्लोबल की एक पहल है और भारतीय सेना द्वारा समर्थन किया जा रहा है। इसमें अंतर्निहित विचार कौशल समूह और चुनौती उत्पन्न करना है जो उच्च ऊँचाई वाले क्षेत्रों में जीवित रहने, स्थायित्व तथा मानव क्षमता को बढ़ावा देगा। यह यूरोप में 'आयरनमैन ट्रायथलॉन' लंबी दूरी की ट्रायथलॉन चुनौती की तर्ज पर आधारित है, जो किसी व्यक्ति के धैर्य और सहनशक्ति का परीक्षण करता है।
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सीरी किले में मकबरे जैसी संरचना
सीरी फोर्ट चिल्ड्रन पार्क, नई दिल्ली में मरम्मत के काम के दौरान भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) ने आकस्मिक रूप से एक मकबरे जैसी संरचना की खोज की। संरचना का मेहराबदार द्वार को खोल दिया गया है लेकिन आगे के उत्खनन की योजना नहीं है। इसके बजाय संग्रहालय में आने वाले बच्चों को दफन संरचनाओं को उजागर करने की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने के लिये संरचना को संरक्षित किया जाएगा। 13वीं शताब्दी में अलाउद्दीन खिलजी द्वारा बनवाया गया सीरी किला उसकी सेना के लिये एक गैरिसन नगर के रूप में काम करता था। वर्ष 2011 में स्थापित सीरी फोर्ट चिल्ड्रन म्यूज़ियम, प्रसिद्ध वैश्विक स्मारकों की 30 प्रतिकृतियाँ प्रदर्शित करता है। हाल ही में हुए नवीनीकरण का उद्देश्य 100 और प्रतिकृतियाँ जोड़ना है जिससे मकबरे जैसी संरचना की खोज हो सके। उत्खनन से 2 से 3 मीटर की कम ऊँचाई वाली संरचना का पता चला है जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह सुरंग नहीं है।
ईरान द्वारा हाइपरसोनिक मिसाइल के विकास का दावा
ईरान ने ध्वनि की गति से 15 गुना अधिक गति से यात्रा करने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल के विकास के संबंध में दावा किया है, क्योंकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उसका संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ तनाव जारी है। ईरान के राज्य टेलीविज़न के अनुसार, फारसी में 'फतह' या "विजेता" नाम की मिसाइल, 1,400 किलोमीटर (870 मील) तक की सीमा का दावा करती है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि मिसाइल किसी भी क्षेत्रीय मिसाइल रक्षा प्रणाली में प्रवेश कर सकती है, हालाँकि इस दावे का समर्थन करने के लिये कोई साक्ष्य नहीं दिया गया। हाइपरसोनिक मिसाइल एक हथियार प्रणाली है जो कम-से-कम 5 मैक की गति से उड़ती है, यानी ध्वनि की गति से पाँच गुना। माना जाता है कि चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच हाइपरसोनिक हथियारों की होड़ है, रूस का दावा है कि उन्होंने पहले ही उन्हें यूक्रेन में तैनात कर दिया है।
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भांग अनुसंधान परियोजना
CSIR-IIIM (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च - इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन) जम्मू की 'कैनबिस रिसर्च प्रोजेक्ट' में न्यूरोपैथी, कैंसर और मिर्गी के लिये निर्यात गुणवत्ता वाली औषधि का उत्पादन करने की क्षमता है। इसमें जम्मू-कश्मीर में भारी निवेश को प्रोत्साहन देने की भी क्षमता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भांग एक सामान्य शब्द है जिसका उपयोग भांग के पौधे कैनबिस सैटिवा की कई मनो-सक्रिय तैयारियों को दर्शाने के लिये किया जाता है। यह अब तक विश्व में सबसे व्यापक रूप से खेती, तस्करी और दुरुपयोग वाली अवैध औषधि है। कैनबिस में प्रमुख साइकोएक्टिव घटक डेल्टा 9 टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) है। कच्चे पौधे से प्राप्त सामग्री को हशीश कहा जाता है। भांग का तेल (हशीश का तेल) कैनबिनोइड्स (यौगिक जो संरचनात्मक रूप से THC के समान होते हैं) का एक सांद्रण है, जो कच्चे पौधे की सामग्री या राल के विलायक निष्कर्षण द्वारा प्राप्त किया जाता है।
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