नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 10 Feb, 2020
  • 8 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 10 फरवरी, 2020

शारंग

Sharang

ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (Ordnance Factory Board) ने भारतीय सेना को पहली अपग्रेडेड आर्टिलरी गन शारंग (155एमएम/45 कैलिबर) सौंपी।

Sharang

मुख्य बिंदु:

  • 130 एमएम वाली एम-46 आर्टिलरी गन को अपग्रेड करके 155 एमएम तक किया गया।
  • अपग्रेड होने के बाद इस आर्टिलरी गन की रेंज 27 किलोमीटर से बढ़कर 36 किलोमीटर हो गई।
  • अनुबंध के तौर पर ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड अगले चार वर्षों में 130 एमएम वाली 300 आर्टिलरी गनों को 155 एमएम तक अपग्रेड करेगा।
  • गौरतलब है कि भारत ने 130 एमएम आर्टिलरी गन को रूस से आयात किया था। इस आर्टिलरी गन में 130 एमएम बैरल लगी थी। इस आर्टिलरी गन की मारक क्षमता 27 किलोमीटर थी।

काकीनाडा पोर्ट

Kakinada Port

काकीनाडा पोर्ट (Kakinada Port) भारत के पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में स्थित है।

Kakinada-deep

मुख्य बिंदु:

  • काकीनाडा पोर्ट, विशाखापत्तनम पोर्ट के दक्षिण में 170 किमी. की दूरी पर स्थित है।
  • काकीनाडा पोर्ट पूर्व और पश्चिम गोदावरी ज़िलों, कृष्णा, गुंटूर और पूरे तेलंगाना क्षेत्र को सुविधा प्रदान करता है।
  • इस क्षेत्र से आयात-निर्यात किये जाने वाले उत्पादों में कृषि उत्पाद, खनिज, कोयला और उर्वरक शामिल हैं।
  • यह नवंबर 1997 में आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित किया गया था किंतु वर्ष 1999 में इसका निजीकरण कर दिया गया।

भारत-बांग्लादेश रेल लिंक

India-Bangladesh Rail Link

पूर्वोत्तर भारत को बांग्लादेश से जोड़ने वाली रेल लाइन वर्ष 2021 तक बन कर तैयार होगी।

मुख्य बिंदु:

  • भारतीय क्षेत्र में 5.46 किलोमीटर रेल ट्रैक बिछाने की लागत का वहन पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (Ministry of Development of North Eastern Region) द्वारा जबकि बांग्लादेशी क्षेत्र में 10.6 किलोमीटर ट्रैक बिछाने की लागत विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) द्वारा वहन की जा रही है।
  • त्रिपुरा राज्य के अगरतला और बांग्लादेश के अखौरा के बीच यह रेल लाइन पूर्वोत्तर क्षेत्र से बांग्लादेश तक चलने वाली पहली ट्रेन का मार्ग प्रशस्त करेगी।
  • यह रेल लिंक बांग्लादेश के गंगासागर (Gangasagar) को भारत के निश्चिन्तपुर (Nischintapur) और वहाँ से अगरतला को जोड़ेगा।

माउंट एकांकागुआ

Mount Aconcagua

12 साल की छात्रा काम्या कार्तिकेयन (Kaamya Karthikeyan) माउंट एकांकागुआ (Mount Aconcagua) पर चढ़ने वाली विश्व में सबसे कम उम्र की लड़की बन गई।

Mount-Aconcagua

माउंट एकांकागुआ के बारे में

  • यह दक्षिण अमेरिका की एंडीज़ पर्वतमाला की सबसे ऊँची चोटी है। यह एक मृत ज्वालामुखी पर्वत है।

एंडीज़ पर्वतमाला:

  • एंडीज़ पर्वतमाला एक नवीन मोड़दार तथा विश्व की सबसे लंबी पर्वतमाला (7200 किमी.) है।
  • इसका विस्तार दक्षिण अमेरिका के सात देशों (वेनेजुएला, कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, बोलीविया, चिली, अर्जेंटीना) में है।
  • माउंट एकांकागुआ की ऊँचाई 6962 मीटर है जबकि 8,850 मीटर की ऊँचाई के साथ माउंट एवरेस्ट विश्व की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है।
  • यह एशिया के बाहर विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत भी है तथा दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना में स्थित है।

ग्रांड इथियोपियन रेनेसां डैम

Grand Ethiopian Renaissance Dam

अफ्रीकी देश इथियोपिया विश्व के सबसे बड़े बाँधों में से एक ग्रांड इथियोपियन रेनेसां डैम (Grand Ethiopian Renaissance Dam- GERD) का निर्माण कर रहा है जो सूडान सीमा के पास नील नदी पर है।

Grand-Ethiopian

मुख्य बिंदु:

  • यह अफ्रीका की सबसे बड़ी बाँध परियोजना है और इसका नील नदी पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा।
  • इथियोपिया के तराई क्षेत्रों में नील नदी (अफ्रीका में उत्तर की ओर बहने वाली नदी) पर पनबिजली बाँध बनाया जा रहा है।
  • संकट: नील नदी अत्यधिक प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और मिस्र की बढ़ती आबादी के कारण गंभीर खतरे का सामना कर रही है।
    • मिस्र पृथ्वी पर सबसे शुष्क देशों में से एक है जिसकी 95% आबादी नील नदी के डेल्टा क्षेत्र में निवास करती है।
    • यह देश अपनी जल आपूर्ति के लिये लगभग पूरी तरह से नील नदी पर निर्भर है और इस बाँध के निर्माण से मिस्र की जल आपूर्ति में 12-25% की कमी आएगी।

सोलर ऑर्बिटर प्रोब

Solar Orbiter Probe

हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration-NASA) और यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency-ESA) ने सूर्य के ध्रुवों के मापन के लिये एक नए सोलर ऑर्बिटर प्रोब (Solar Orbiter probe) को लॉन्च किया है।

मुख्य बिंदु:

  • सूर्य के ध्रुवों के संबंध में अध्ययन के लिये नासा और ESA ने 9 फरवरी, 2020 को सोलर ऑर्बिटर प्रोब मिशन लॉन्च किया।
  • इसे फ्लोरिडा के केप कैनेवरल स्पेस सेंटर (Cape Canaveral Space Center) से लॉन्च किया गया।

मिशन का उद्देश्य:

  • इस मिशन का उद्देश्य सूर्य की सतह पर लगातार उड़ने वाले आवेशित कणों, सौर हवा, सूर्य के अंदर के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करना है।

सौर हवा (Solar Wind):

  • सौर हवा आवेशित कणों का मिश्रण है जो हमारे सौरमंडल के माध्यम से ध्रुवों और बीम पर अत्यधिक केंद्रित है।
  • यह पृथ्वी पर उपग्रहों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्रभावित करती है।
  • यह ऑर्बिटर सूर्य के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की तस्वीरों को पृथ्वी पर भेजेगा।
  • पृथ्वी और शुक्र से गुरुत्वाकर्षण प्रभाव का उपयोग करके या सूर्य और पृथ्वी के बीच की 95% दूरी का उपयोग करके यह ऑर्बिटर सूर्य के ध्रुवों की जाँच करेगा।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow