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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 09 Dec, 2020
  • 9 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स : 09 दिसंबर, 2020

माउंट एवरेस्ट की नई ऊँचाई

New Height for Mount Everest

हाल ही में नेपाल और चीन ने माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊँचाई 8,848.86 मीटर घोषित की है। नई ऊँचाई पिछली माप से 86 सेमी. अधिक है।

Mt.-Everest

प्रमुख बिंदु:

  • 8,848.86 मीटर की नई ऊँचाई ने पुरानी 8,848 मीटर की ऊँचाई को बदल दिया, जो कि वर्ष 1954 में भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा की गई माप के अनुसार थी।
  •  चीन द्वारा 8,844 मीटर और नेपाल द्वारा 8,847 मीटर की ऊँचाई का दावा किया गया था। दो वर्ष तक सर्वेक्षण पूरा करने के बाद माउंट एवरेस्ट की नई ऊँचाई की संयुक्त घोषणा की गई। 
    • चीनी अधिकारियों का मानना था कि माउंट एवरेस्ट की ऊँचाई की गणना चट्टान की ऊँचाई के आधार पर की जानी चाहिये, वहीँ नेपाल का मानना था कि इसकी ऊँचाई की गणना में जमी बर्फ की परत को भी शामिल किया जाना चाहिये
  • एवरेस्ट को नेपाल में सागरमाथा और चीन में माउंट कोमोलंगमा के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह नेपाल और तिब्बत की सीमा पर स्थित है और इसके शिखर पर दोनों ओर से पहुँचा जा सकता है।

संबंधित जानकारी:

  • इसका अंग्रेज़ी नाम सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर पड़ा, जो औपनिवेशिक युग के  एक भूगोलवेत्ता थे, इन्होंने 19वीं शताब्दी के मध्य में भारत के सर्वेयर जनरल के रूप में कार्य किया था।
  • इसे पहली बार वर्ष 1953 में भारतीय-नेपाली तेनजिंग नोर्गे और न्यूज़ीलैंडर एडमंड हिलेरी द्वारा मापा किया गया था।
  • एवरेस्ट का पहला सर्वेक्षण:
    • पहला प्रयास वर्ष 1847 में भारत के सर्वेयर जनरल एंड्रयू वॉ के नेतृत्व में एक टीम द्वारा किया गया था।
      • सर्वेक्षण त्रिकोणमितीय गणना पर आधारित था और इसे ग्रेट ट्रिगोनोमेट्रिक सर्वे ऑफ इंडिया (Great Trigonometric Survey of India) के रूप में जाना जाता है।
    • टीम ने पाया कि 'पीक 15' (तब माउंट एवरेस्ट को संदर्भित किया गया था) उच्चतम पर्वत था, तत्कालीन प्रचलित धारणा के विपरीत माउंट कंचनजंगा विश्व की (8,582 मीटर और अब विश्व की तीसरी सबसे ऊँची चोटी) सबसे ऊँची चोटी थी।
      • माउंट K2, समुद्र तल से 8,611 मीटर की ऊँचाई पर विश्व का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 दिसंबर, 2020

विश्व धरोहर शहरों की सूची में ग्वालियर और ओरछा शामिल

मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर और ओरछा को यूनेस्को (UNESCO) ने अपने ‘अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्राम’ के तहत ‘विश्व धरोहर शहरों की सूची’ में शामिल किया है। यूनेस्को के इस निर्णय को पर्यटन की दृष्टि से काफी बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। आधिकारिक सूचना के मुताबिक, अगले वर्ष यूनेस्को की एक टीम ग्वालियर और ओरछा का दौरा करेगी, जिसके बाद इनके विकास और संरक्षण के लिये एक मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इस मास्टर प्लान के तहत यूनेस्को के विशेषज्ञों द्वारा इन शहरों के विकास के लिये सर्वोत्तम उपाए सुझाए जाएंगे। 9वीं शताब्दी में स्थापित और गुर्जर प्रतिहार, तोमर एवं सिंधिया जैसे राजवंशों द्वारा शासित ग्वालियर अपने मंदिरों और महलों के लिये काफी प्रसिद्ध है, जिसमें जटिल नक्काशीदार सास-बहू मंदिर भी शामिल है। 16वीं शताब्दी में बुंदेला साम्राज्य की राजधानी ओरछा भी अपने मंदिरों और महलों के लिये काफी लोकप्रिय है। ओरछा के प्रमुख स्थलों में राज महल, जहाँगीर महल, रामराजा मंदिर, राय प्रवीण महल और लक्ष्मीनारायण मंदिर आदि शामिल हैं। 

अनिल सोनी 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारतीय मूल के वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनिल सोनी को WHO फाउंडेशन का पहला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया है। अनिल सोनी अगले वर्ष 01 जनवरी से पदभार संभालेंगे। ज्ञात हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने महामारी के दौर में वित्तीय चुनौतियों से निपटने के लिये WHO फाउंडेशन नाम से एक स्वतंत्र संस्था के गठन की घोषणा की थी और अनिल सोनी WHO फाउंडेशन के पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। WHO फाउंडेशन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनता समेत वित्त के गैर-परंपरागत स्रोतों से वित्त एकत्रित करना है, ताकि महामारी के दौरान वित्तपोषण की कमी की समस्या को समाप्त किया जा सके। यह संस्था कानूनी तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग है और इसका मुख्यालय भी जिनेवा में ही स्थित है। इस संस्था का लक्ष्य WHO के योगदानकर्त्ताओं के आधार को और अधिक व्यापक बनाना है और इसके तहत आम जनता को भी शामिल करना है। 

अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस

भ्रष्टाचार के उन्मूलन और भ्रष्टाचार को कम करने के लिये आवश्यक उपायों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 9 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस का आयोजन किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 31 अक्तूबर, 2003 को भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन अगेंस्ट करप्शन) को अपनाया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसी कन्वेंशन के तहत यह निर्धारित किया गया था कि विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 09 दिसंबर को भ्रष्टाचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इससे रोकने में कन्वेंशन की भूमिका को रेखांकित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस मनाया जाएगा। यह कन्वेंशन दिसंबर 2005 में लागू हुआ था।  

चीन चाँद पर झंडा फहराने वाला दूसरा देश 

अमेरिका द्वारा चंद्रमा की सतह पर पहली बार ध्वज फहराए जाने के 50 वर्ष से अधिक समय बाद चीन चाँद की सतह पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाला विश्व का दूसरा देश बन गया है। चीन के अंतरिक्षयान, ‘चांग ई-5’ (Chang'e-5) ने 04 दिसंबर को चंद्रमा की सतह पर चीन का ध्वज फहराया, विदित हो कि करीब 4 दशक बाद चीन का यह अंतरिक्षयान पहली बार चंद्रमा की सतह से नमूने लेकर वापस पृथ्वी पर आएगा। यह चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला चीन का तीसरा अंतरिक्षयान है, जबकि चंद्रमा की सतह से वापस आने वाला पहला अंतरिक्षयान होगा। अमेरिका ने वर्ष 1969 में अपोलो 11 मिशन के दौरान चंद्रमा पर पहली बार झंडा फहराया था। चीन के ‘चांग ई-5’ मिशन का लक्ष्य चाँद की सतह से लगभग दो किलोग्राम चट्टानों के नमूनों को इकट्ठा करना और उन्हें पृथ्वी पर अध्ययन के लिये लाना है।


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