विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 अगस्त, 2021
सरला ठुकराल
हाल ही में दिग्गज इंटरनेट कंपनी गूगल ने विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला ‘सरला ठुकराल’ को उनकी 107वीं जयंती के अवसर पर एक डूडल समर्पित किया। सरला ठुकराल का जन्म 8 अगस्त, 1914 को दिल्ली, ब्रिटिश भारत में हुआ था और बाद में वे वर्तमान पाकिस्तान में लाहौर चली गईं। वह एक भारतीय पायलट, डिज़ाइनर और उद्यमी थीं। 21 वर्ष की उम्र में एक पारंपरिक साड़ी पहने हुए उन्होंने अपनी पहली उड़ान भरी थी और अपनी पहली उड़ान के साथ उन्होंने इतिहास रच दिया था। सरला ठुकराल ने अपना प्रशिक्षण ‘लाहौर फ्लाइंग क्लब’ से प्राप्त किया था तथा इस प्रशिक्षण के दौरान सरला ठुकराल ने उड़ान के 1,000 घंटे पूरे करने का गौरव भी हासिल किया था, जिससे उन्हें ‘A’ श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त हुआ था। इस तरह वह ‘A’ श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त करने वाली देश की पहली महिला थीं। हालाँकि द्वितीय विश्व युद्ध के कारण नागरिक उड्डयन प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने की योजनाओं में एक महत्त्वपूर्ण चुनौती उत्पन्न हुई, किंतु उन्होंने अपना शिक्षण जारी रखा और लाहौर के ‘मायो स्कूल ऑफ आर्ट्स’ (अब नेशनल कॉलेज ऑफ आर्ट्स) में ललित कला एवं चित्रकला का अध्ययन किया। इसके पश्चात् वह दिल्ली लौट आईं, जहाँ उन्होंने पेंटिंग जारी रखी और एक डिज़ाइनर के तौर पर सफल कॅरियर का निर्माण किया।
लद्दाख में ‘इनर लाइन परमिट’ की व्यवस्था
प्रशासन ने हाल ही में केंद्रशासित प्रदेश के अधिसूचित संरक्षित क्षेत्रों का दौरा करने के लिये घरेलू पर्यटकों सहित सभी भारतीय नागरिकों के लिये ‘इनर लाइन परमिट’ (ILP) की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है। इससे पूर्व घरेलू पर्यटकों के लिये भी लद्दाख के भीतरी इलाकों में जाने से पहले अधिकारियों से ‘इनर लाइन परमिट’ (ILP) प्राप्त करना अनिवार्य था। इससे पूर्व भारतीय घरेलू पर्यटकों को केवल लेह की नुब्रा घाटी में यारमा गोंबो मठ तक ही जाने की अनुमति थी। इसी के साथ लद्दाख के ‘संरक्षित क्षेत्र के निवासी’ अन्य संरक्षित क्षेत्रों में ‘बिना किसी परमिट’ के जा सकते हैं। गौरतलब है कि अधिकांश संरक्षित क्षेत्र पाकिस्तान के साथ ‘नियंत्रण रेखा’ (LoC) और चीन के साथ ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा’ (LAC) के पास स्थित हैं, जिसके कारण ये रणनीतिक रूप से काफी महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। ‘इनर लाइन परमिट’ प्रणाली की समाप्ति के साथ ही अधिक पर्यटकों को लद्दाख जाने के लिये प्रोत्साहित किया जा सकेगा, जो कि नवनिर्मित केंद्रशासित प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है।
रेखा शर्मा
राष्ट्रीय महिला आयोग की मौजूदा अध्यक्ष रेखा शर्मा को हाल ही में तीन वर्ष का कार्यकाल विस्तार दिया गया है। 57 वर्षीय रेखा शर्मा ने 07 अगस्त, 2018 को राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था। वह अगस्त 2015 में एक सदस्य के रूप तौर पर आयोग से जुड़ी थीं और पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त होने से पूर्व उन्हें सितंबर, 2017 में अध्यक्ष के रूप में अतिरिक्त प्रभार प्रदान किया गया था। आयोग का गठन जनवरी 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत एक सांविधिक निकाय के रूप में किया गया था। आयोग का उद्देश्य महिलाओं की संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करना, उनके लिये विधायी सुझावों की सिफारिश करना, शिकायतों का निवारण करना तथा महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों में सरकार को सलाह देना है। इस आयोग में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक अध्यक्ष, पाँच सदस्य और एक सदस्य-सचिव होता है।
माउंट मेरापी
इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी ‘माउंट मेरापी’ में हाल ही विस्फोट हो गया। 2,968 मीटर (9,737 फुट) ऊँचा यह ज्वालामुखी इंडोनेशिया की घनी आबादी वाले द्वीप जावा और वहाँ के प्राचीन शहर याग्याकार्टा के पास है। माउंट मेरापी इंडोनेशिया में स्थित दर्जनों ज्वालामुखियों में से सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी है और बीते कुछ वर्षों से इसमें लगातार विस्फोट हो रहा है। जावा की पुरानी भाषा के तहत ‘मेरापी’ नाम का अर्थ है ‘आग बनाने वाला’, जो कि ज्वालामुखियों का एक लोकप्रिय नाम है। वर्ष 2010 में माउंट मेरापी में हुए बड़े विस्फोट में 347 लोगों की मौत हुई थी। इंडोनेशिया 270 मिलियन लोगों की आबादी वाला एक द्वीप समूह है, जिसके ‘रिंग ऑफ फायर’ (Ring of Fire) या ‘सर्कम-पेसिफिक बेल्ट’ (Circum-Pacific Belt) में अवस्थित होने के कारण यहाँ कई सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं और यह क्षेत्र भूकंप प्रवण क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ‘रिंग ऑफ फायर’ प्रशांत महासागर के चारों ओर का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ विवर्तनिक प्लेटें आपस में मिलती हैं।