डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
केंद्रीय गृह मंत्री ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
परिचय:
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को कलकत्ता में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- वह एक भारतीय राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर और शिक्षाविद थे जिन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया।
- वर्ष 1934 में 33 वर्ष की आयु में, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कलकत्ता विश्वविद्यालय के सबसे कम उम्र के कुलपति बने।
- कुलपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, रवींद्रनाथ टैगोर ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को पहली बार बंगाली भाषा में संबोधित किया और भारतीय भाषा को सर्वोच्च परीक्षा के लये एक विषय के रूप में प्रस्तुत किया गया।
- वर्ष 1946 में उन्होंने बंगाल के विभाजन की मांग की ताकि इसके हिंदू-बहुल क्षेत्रों को मुस्लिम बहुल पूर्वी पाकिस्तान में शामिल करने से रोका जा सके।
- वर्ष 1947 में उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के भाई शरत बोस और बंगाली मुस्लिम राजनेता हुसैन शहीद सुहरावर्दी द्वारा बनाई गई एक संयुक्त लेकिन स्वतंत्र बंगाल के लिये एक असफल बोली का भी विरोध किया।
- उन्होंने आधुनिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्ववर्ती भारतीय जनसंघ (BJS) की स्थापना की।
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, बैरिस्टर और शिक्षाविद थे, जिन्होंने प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया।जम्मू और कश्मीर के मुद्दों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के साथ मतभेद के कारण भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस से अलग होने के बाद, उन्होंने जनता पार्टी की स्थापना की, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी।
- वर्ष 1953 में, कश्मीर को दिये गए विशेष दर्जे के विरोध में उन्होंने बिना अनुमति के कश्मीर में प्रवेश करने की कोशिश की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हिरासत के दौरान रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई।
स्रोत: पी.आई.बी.
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 जुलाई, 2022
आर्यभट-1
IISc के शोधकर्त्ताओं ने हाल ही में “आर्यभट-1” नामक एनालॉग चिपसेट का एक प्रोटोटाइप विकसित किया है। टीम ने अगली पीढ़ी के एनालॉग कंप्यूटिंग चिपसेट विकसित करने के लिये एक डिज़ाइन ढांँचा तैयार किया है। ये चिपसेट तेज़ी से काम कर सकते हैं। यह विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में उपयोग किये जाने वाले डिजिटल प्रोसेसर की तुलना में कम बिजली का उपयोग करेगा। इसे प्रतीक कुमार द्वारा डिज़ाइन किया गया है, जो IISc में पीएच.डी. छात्र हैं। आर्यभट-1 का अर्थ है “Analog Reconfigurable Technology and Bias-scalable Hardware for AI Tasks”। ऐसे चिपसेट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित अनुप्रयोग जैसे एलेक्सा सहित ऑब्जेक्ट या स्पीच रिकग्निशन एप्स के लिये फायदेमंद हो सकते हैं। एनालॉग चिप्स के निर्माण के साथ कई तकनीकी चुनौतियाँ जुड़ी हुई हैं: a. डिजिटल चिप्स की तुलना में एनालॉग प्रोसेसर का परीक्षण और सह- डिज़ाइन करना चुनौतीपूर्ण है, उच्च-स्तरीय कोड को संकलित करके बड़े पैमाने के डिजिटल प्रोसेसर को जल्दी से विकसित किया जा सकता है, b. एनालॉग चिप्स को स्केल करना भी मुश्किल है। शोधकर्त्ताओं के अनुसार, आर्यभट कई मशीन लर्निंग आर्किटेक्चर के साथ कॉन्फिगर करने में सक्षम है। उदाहरण के लिये डिजिटल CPU के साथ। इसमें विभिन्न तापमान रेंज पर मज़बूती से कार्य करने की क्षमता है।
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की 8 जुलाई, 2022 को गोली मारकर हत्या कर दी गई। जापान के नारा शहर में शिंजो आबे को एक जनसभा को संबोधित करते समय एक हमलावर द्वारा गोली मार दी गई थी। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है और 9 जुलाई, 2022 को एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। शिंजो आबे जापान के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने वर्ष 2006-2007 और वर्ष 2012-2020 तक अपनी सेवाएंँ दीं। शिंजो आबे ने आबेनॉमिक्स की अवधारणा दी थी। यह आर्थिक नीतियों के सेट को संदर्भित करती है। इसमें देश में धन की आपूर्ति बढ़ाने, सुधारों को लागू करने, सरकारी खर्च को बढ़ाने के लिये नीतियांँ शामिल हैं। इसमें तीन मुख्य बिंदु शामिल हैं- पहला मुद्रास्फीति का लक्ष्य 2% प्राप्त करने पर केंद्रित करना, दूसरा लचीली राजकोषीय नीति और तीसरा विकास की रणनीति। वह मुख्य अतिथि के रूप में भारत के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले पहले जापानी प्रधानमंत्री थे। उनके कार्यकाल में भारत और जापान के संबंध काफी मज़बूत हुए।
राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण
हाल ही में राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने संविधान निर्माता बाबा साहेब अम्बेडकर से जुड़े दो स्थलों को राष्ट्रीय महत्त्व का स्मारक घोषित किये जाने की सिफारिश की है। संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि वडोदरा में संकल्प भूमि बरगद वृक्ष परिसर के लिये यह अनुशंसा की गई है। इसी स्थान पर 23 सितंबर, 1917 को बाबा साहेब ने अस्पृश्यता उन्मूलन का संकल्प लिया था। यह स्थल उनके नेतृत्व में सामाजिक क्रांति की शुूरुआत का साक्षी रहा है। महाराष्ट्र में सतारा के उस स्थल के लिये भी अनुशंसा की गई है जहांँ डॉक्टर अम्बेडकर ने प्रताप राव भोसले हाईस्कूल में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी। स्कूल के रजिस्टर में आज भी एक बालक के रूप में भीम राव का मराठी में किया गया हस्ताक्षर संरक्षित है। राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण को सांस्कृतिक मंत्रालय के तहत प्राचीन स्मारक और पुरातत्त्व स्थल तथा अवशेष (Anicient Monuments And Archaeological Sites and Remains-AMASR) (संशोधन एवं मान्यता) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार स्थापित किया गया है जिसे मार्च 2010 में अधिनियमित किया गया था। NMA को स्मारकों व स्थलों के संरक्षण से संबंधित कई कार्य सौंपे गए हैं जो केंद्र द्वारा संरक्षित स्मारकों के आसपास प्रतिबंधित तथा विनियमित क्षेत्रों के प्रबंधन के माध्यम से किये जाते हैं। NMA, प्रतिबंधित और विनियमित क्षेत्रों में निर्माण संबंधी गतिविधियों के लिये आवेदकों को अनुमति प्रदान करने पर भी विचार करता है।