प्रिलिम्स फैक्ट्स (09 Mar, 2022)



स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 के लिये स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना (Swatantrata Sainik Samman Yojana- SSSY) और इसके घटकों को आगे जारी रखने की मंज़ूरी दे दी है जिसके लिये कुल वित्तीय परिव्यय 3,274.87 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • पृष्ठभूमि: 
    • भारत सरकार द्वारा पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने के लिये वर्ष 1969 में 'अंडमान के पूर्व राजनीतिक कैदियों के लिये पेंशन योजना’ ('Ex-Andaman Political Prisoners Pension Scheme) शुरू की गई थी।
    • वर्ष 1972 में स्वतंत्रता की 25वीं वर्षगांँठ के उपलक्ष्य में स्वतंत्रता सेनानियों को पेंशन देने की एक नियमित योजना शुरू की गई थी।
    • 1980 के बाद से एक उदार योजना अर्थात् 'स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना, 1980' (Swatantrata Sainik Samman Pension Scheme, 1980') को लागू किया गया है।
    • वित्तीय वर्ष 2017-18 से योजना का नाम बदलकर 'स्वतंत्रता सैनिक सम्मान योजना' कर दिया गया है।
    • पेंशन की राशि में समय-समय पर संशोधन किया जाता रहा है और वर्ष 2016 से महंँगाई राहत (Dearness Relief) भी प्रदान की जा रही है।
  • योजना के बारे में:
    • यह योजना राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के सम्मान के प्रतीक के रूप में स्वतंत्रता सेनानियों को मासिक सम्मान पेंशन प्रदान करती है।
    • उनकी मृत्यु पर पात्र आश्रितों अर्थात् पति या पत्नी तथा अविवाहित एवं बेरोज़गार बेटियों और आश्रित माता-पिता को निर्धारित पात्रता मानदंडों एवं प्रक्रिया के अनुसार पेंशन प्रदान की जाती है।
    • इसे गृह मंत्रालय (स्वतंत्रता सेनानी प्रभाग) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
    • इस योजना के तहत देश भर में 23,566 लाभार्थी शामिल हैं।

स्रोत: पी.आई.बी.


कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव

हाल ही में सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) की पूर्व संध्या पर कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव नामक एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया।

  • अभियान का उद्देश्य 11-14 वर्ष आयु वर्ग की स्कूल न जाने वाली किशोरियों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाना है।

अभियान के प्रमुख बिंदु:

  • उद्देश्य: इस परियोजना का उद्देश्य मौजूदा योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे कि किशोर लड़कियों के लिये योजना (SAG), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के आधार पर स्कूल न जाने वाली लड़कियों के लिये एक संपूर्ण प्रणाली पर कार्य करना है।
  • कार्यान्वयन एजेंसी: इस अभियान को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शिक्षा मंत्रालय के साथ साझेदारी में चलाया जा रहा है।
  • कार्यान्वयन: अभियान मंत्रालयों, विभागों और राज्यों के बीच अभिसरण एवं समन्वय पर केंद्रित है।
    • अभियान को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना के हिस्से के रूप में लागू किया जाएगा, जिसमें प्राथमिक लाभार्थी 4,00,000 से अधिक स्कूल न जाने वाली किशोरियाँ होंगी।
    • सभी राज्यों के 400 से अधिक ज़िलों को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना’ के तहत ज़मीनी स्तर तक पहुंँच और जागरूकता प्रदान करने के लिये समुदायों व परिवारों को स्कूलों में किशोर लड़कियों के नामांकन हेतु जागरूक करने हेतु वित्तपोषित किया जाएगा।
    • इसके अलावा समग्र शिक्षा अभियान और आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं (AWWs) को स्कूल न जाने वाली किशोरियों की काउंसलिंग एवं रेफर करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
    • इस अभियान के लिये ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के तहत प्राप्त धन का भी उपयोग किया जाएगा तथा आँगनवाड़ी  कार्यकर्त्ताओं  (AWWs) को स्कूल न जाने वाली लड़कियों को रेफर करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • एकत्र डेटा: यह अभियान पोषण, पोषण शिक्षा और कौशल विकास के लिये आँगनवाड़ी  केंद्रों के निरीक्षण के आधार पर स्कूल से बाहर की लड़कियों पर डेटा एकत्र करने का प्रयास करता है।
  • महत्त्व: इसके तहत  शिक्षा का अधिकार अधिनियम (2009) लागू होने के बाद से स्कूली शिक्षा  से दूर लड़कियों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाना लक्ष्य रखा गया है।
  • आवश्यकता: इस अभियान की आवश्यकता इसलिये उत्पन्न हुई है क्योंकि किशोर लड़कियों के लिये योजना (Scheme For Adolescent Girls- SAG) जो शुरू में स्कूली शिक्षा तक पहुँच से दूर लड़कियों से संबंधित थी, के प्रति जागरूकता या रुझान देखने को मिल रहा था।

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया 


सोलर जेट

भारतीय तारा भौतिकी संस्थान (Indian Institute of Astrophysics- IIA) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में सूर्य के क्रोमोस्फीयर में प्लाज़्मा जेट के पीछे के विज्ञान का पता लगाया है। 

  • क्रोमोस्‍फीयर वायुमंडलीय परत है जो कि सूर्य की दिखाई देने वाली सतह के ठीक ऊपर होती है।
  • IIA भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का एक स्वायत्त संस्थान है।

सोलर जेट या स्पिक्यूल्स क्या हैं?

  • सोलर जेट या स्पिक्यूल्स, पतली घास जैसी प्लाज़्मा संरचनाओं के रूप में दिखाई देते हैं जो सतह से लगातार ऊपर उठते रहते हैं और फिर गुरुत्त्वाकर्षण द्वारा नीचे लाए जाते हैं
  • इन स्पिक्यूल्स द्वारा वहन की जाने वाली ऊर्जा की मात्रा और गति सौर प्लाज़्मा भौतिकी में मौलिक रुचि का विषय है। 
  • जिन प्रक्रियाओं द्वारा सौर पवन को प्लाज़्मा की आपूर्ति की जाती है और सौर वायुमंडल एक मिलियन डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो जाता है, उनके बारे में अभी तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

सूर्य की संरचना

Internal-structure

वैज्ञानिकों के निष्कर्ष:

  • जब किसी तरल पदार्थ को स्पीकर के ऊपर रखा जाता है तथा संगीत चालू किया जाता है, तो तरल पदार्थ की मुक्त सतह अस्थिर हो जाती है और यह कंपन करना शुरू कर देती है
  • सौर प्लाज़्मा की परिकल्पना चुंबकीय क्षेत्र लाइन्स के रूप में भी की जा सकती है जो कि काफी हद तक पॉलिमर विलयन/घोल में लंबी शृंखलाओं की तरह होती हैं।
  • वैज्ञानिकों ने यह पाया कि एक स्पीकर पर पेंट जेट्स के संदीप्‍त होने की प्रक्रिया में अंतर्निहित भौतिकी सौर प्लाज़्मा जेट्स की भौतिकी के समरूप ही है।
  • वैज्ञानिकों ने विस्तार पूर्वक यह बताया कि दिखाई देने वाली सौर सतह (फोटोस्फीयर) के ठीक नीचे प्लाज़्मा संवहन की स्थिति में होता है जो कि निचली सतह पर किसी बर्तन में उबलते हुए गर्म पानी के समान प्रतीत होता है। 

प्लाज़्मा क्या है?

  • प्लाज़्मा एक गर्म, आवेशित गैस है जो धनात्मक आयनों और मुक्त गति वाले इलेक्ट्रॉनों से मिलकर बनी होती है। इसमें ठोस, द्रव और गैसों से अलग अद्वितीय गुण होते हैं।
  • उच्च तापमान पर इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक से अलग हो जाते हैं और प्लाज़्मा या पदार्थ की आयनित अवस्था बन जाते हैं।
  • प्लाज़्मा को पदार्थ की चौथी अवस्था के रूप में भी जाना जाता है।

Five-State-of-Matter

स्रोत: पी.आई.बी.


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 मार्च, 2022

ऊंँट संरक्षण और विकास नीति

हाल ही में राजस्थान राज्य सरकार द्वारा बजट वर्ष 2022-23 में ऊंँट संरक्षण और विकास नीति की घोषणा की गई है। राज्य सरकार के आंँकड़ों के अनुसार राजस्थान में दो लाख से भी कम ऊंँट बचे हैं। वर्ष 2012 के बाद से भारत में ऊंँटों की संख्या में 1.5 लाख की कमी आई है। वर्ष 2019 में आखिरी बार गिने जाने पर लगभग 2.5 लाख ऊंँट बचे थे। चूंँकि ऊंँटों की आबादी लगातार घट रही है, अत: राजस्थान सरकार द्वारा इस नीति की घोषणा की गई है। इस नीति के लिये 10 करोड़ रुपए का बजट भी प्रस्तावित किया गया है। इस राशि का उपयोग जानवरों की रक्षा, पालन और विकास हेतु किया जाएगा। ऊंँट राजस्थान राज्य का राजकीय पशु है और इनकी संख्या लगातार घट रही है। वर्ष 2014 में राजस्थान सरकार ने ऊंँट को राज्य पशु घोषित किया था। भारत के लगभग 85 प्रतिशत ऊंँट राजस्थान राज्य में पाए जाते हैं जिसके बाद हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का स्थान आता है।

अटल इनोवेशन मिशन

हाल ही में नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन ने भारतीय युवाओं के बीच ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented Reality- AR) कौशल को बढ़ावा देने हेतु स्नैप इंक के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की है। स्नैप इंक एक वैश्विक कैमरा निर्माता कंपनी है। दो साल की समय-सीमा में स्नैप इंक अटल टिंकरिंग लैब्स से जुड़े 12,000 से अधिक शिक्षकों को ऑगमेंटेड रियलिटी पर प्रशिक्षण प्रदान करेगी, जिससे एटीएल के स्कूलों के नेटवर्क से संबद्ध लाखों छात्रों तक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की पहुंँच संभव हो सकेगी। स्नैप इंक द्वारा भी AR विज्ञापन बूटकैंप, विज्ञापन क्रेडिट और अन्य अवसरों सहित भारतीय स्टार्ट-अप इकोसिस्टम की मदद करने हेतु अटल इनक्यूबेशन सेंटर  (Atal Incubation Centers- AICs) के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की गई। भारत में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये नीति आयोग के कार्यक्रम अटल नवाचार मिशन के तहत अटल समुदाय नवाचार केंद्र (Atal Community Innovation Centre- ACIC) कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के कम विकसित क्षेत्रों में सामुदायिक नवाचार को प्रोत्साहित करना है।

"पेंशन दान करें" योजना (‘Donate a Pension’ Scheme)

 केंद्रीय श्रम और रोज़गार मंत्रालय ने सोमवार को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना के तहत किसी भी नागरिक को एक असंगठित श्रमिक की ओर से प्रीमियम राशि का भुगतान करने की अनुमति देने वाली "पेंशन दान करें" योजना  (‘Donate a Pension’ Scheme) शुरू की है। पेंशन योजना, जिसे वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था, असंगठित क्षेत्र के 18 से 40 वर्ष के उन श्रमिकों, जो हर महीने 15,000 रुपए तक कमाते हैं, को उम्र के आधार पर 55 रुपए से 200 रुपए तक प्रीमियम राशि का भुगतान कर नामांकन करने की अनुमति देती है, जिसका मिलान सरकार द्वारा किया जाएगा। 60 वर्ष की आयु तक पहुँचने पर लाभार्थियों को 3,000 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी। यह योजना एक नागरिक को "अपने घर या प्रतिष्ठान में घरेलू कामगारों, ड्राइवरों, सहायकों, देखभाल करने वालों, नर्सों जैसे तत्काल सहायक कर्मचारियों के प्रीमियम योगदान को दान करने की अनुमति देती है। दाता maandhan.in के माध्यम से या कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर लाभार्थी की उम्र के आधार पर 660 रुपए से 2,400 रुपए प्रतिवर्ष की राशि के साथ कम-से-कम एक वर्ष के लिये योगदान का भुगतान कर सकता है। प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना एक सरकारी योजना है जो असंगठित श्रमिकों के वृद्धावस्था संरक्षण और सामाजिक सुरक्षा के लिये है। प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना श्रम और रोज़गार मंत्रालय द्वारा प्रशासित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है और भारतीय जीवन बीमा निगम तथा सामुदायिक सेवा केंद्रों (CSC) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।