सैन्य अभ्यास ‘एकुवेरिन’
हाल ही में भारत और मालदीव के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘एकुवेरिन’ के 11वें संस्करण का आयोजन मालदीव के कढधू द्वीप में शुरू किया गया है।
- इससे पहले भारत, मालदीव और श्रीलंका को शामिल करते हुए द्विवार्षिक त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 'दोस्ती' का 15वाँ संस्करण मालदीव में आयोजित किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- भारत और मालदीव वर्ष 2009 से अभ्यास ‘एकुवेरिन’ का आयोजन कर रहे हैं, मालदीव की भाषा में इसका अर्थ ‘मित्र’ है।
- 14 दिनों का संयुक्त अभ्यास भारत और मालदीव में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है।
- यह संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत एक अर्द्ध-नगरीय क्षेत्र में आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम देने के लिये दोनों देशों के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाने पर केंद्रित है।
- इस वर्ष के अभ्यास में रक्षा सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिये सांस्कृतिक और खेल गतिविधियाँ भी इसमें शामिल होंगी। हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती सुरक्षा गतिशीलता के बीच मालदीव के साथ भारत के संबंधों को मज़बूत करने में यह अभ्यास एक लंबा सफर तय करेगा।
माउंट सेमरू ज्वालामुखी
हाल ही में इंडोनेशिया स्थित माउंट सेमरू ज्वालामुखी (Semeru Volcano) में विस्फोट हुआ जिसमें कम-से-कम 14 लोगों की मृत्यु हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।
- इसमें अंतिम बार दिसंबर, 2020 में विस्फोट हुआ था।
प्रमुख बिंदु
- सेमरू ज्वालामुखी के बारे में:
- सेमरू- जिसे "द ग्रेट माउंटेन" के रूप में भी जाना जाता है जावा का सबसे उच्चतम ज्वालामुखी शिखर है तथा सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है।
- सेमरू ज्वालामुखी भी सूंडा प्लेट (यूरेशियन प्लेट का हिस्सा) के नीचे स्थित इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के उप-भाग के रूप में निर्मित द्वीपीय चाप (Island Arcs) का हिस्सा है।
- यहांँ निर्मित खाई को सुंडा खाई के नाम से जाना है, जावा खाई (Java Trench) इसका प्रमुख खंड/भाग है।
- इंडोनेशिया में ज्वालामुखी:
- इंडोनेशिया में विश्व के सक्रिय ज्वालामुखियों की सर्वाधिक संख्या होने के साथ-साथ इसके पैसिफिक रिंग ऑफ फायर (Pacific’s Ring of Fire) में अवस्थित होने के कारण यहाँ भूकंपीय उथल-पुथल का खतरा भी बना रहता है।
- पैसिफिक रिंग ऑफ फायर:
- रिंग ऑफ फायर, जिसे सर्कम-पैसिफिक बेल्ट (Circum-Pacific Belt) के रूप में भी जाना जाता है, सक्रिय ज्वालामुखियों और लगातार आने वाले भूकंपों के कारण प्रशांत महासागर में निर्मित एक मार्ग है।
- इसकी लंबाई लगभग 40,000 किलोमीटर है। यह प्रशांत (Pacific), कोकोस (Cocos), भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई (Indian-Australian), नाज़का (Nazca), उत्तरी अमेरिकी (North American) और फिलीपीन प्लेट्स (Philippine Plates) सहित कई टेक्टोनिक प्लेटों के मध्य एक सीमा का निर्धारण करती है।
- पृथ्वी के 75% ज्वालामुखी यानी 450 से अधिक ज्वालामुखी रिंग ऑफ फायर के किनारे स्थित हैं। पृथ्वी के 90% भूकंप इसके क्षेत्र में आते हैं, जिसमें पृथ्वी की सबसे हिंसक और नाटकीय भूकंपीय घटनाएंँ शामिल हैं।
- इंडोनेशिया के अन्य प्रमुख ज्वालामुखी:
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 दिसंबर, 2021
एकुवेरिन सैन्य अभ्यास
भारत और मालदीव के बीच ‘एकुवेरिन सैन्य अभ्यास’ का 11वाँ संस्करण 6 दिसंबर से 19 दिसंबर (2021) के बीच मालदीव के ‘कढधू द्वीप’ में आयोजित किया जा रहा है। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सशस्त्र सेनाओं को भूमि एवं समुद्र दोनों स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खतरे को समझने, आतंकवाद एवं विद्रोहियों से निपटने हेतु कार्रवाई करने तथा सर्वोत्तम सैन्य कार्यप्रणालियों तथा अनुभवों को साझा करने के मामले में तालमेल एवं अंतर-संचालन में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान कड़े प्रशिक्षण के अलावा, रक्षा सहयोग तथा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिये सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियाँ भी आयोजित की जा रही हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में उभरती सुरक्षा चुनौतियों के बीच मालदीव के साथ भारत के संबंधों को और मज़बूत बनाने की दिशा में यह अभ्यास एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत और मालदीव की सेनाओं के बीच ‘एकुवेरिन’ सैन्य अभ्यास का आयोजन वर्ष 2009 से किया जा रहा है। ‘धिवेही’ भाषा में ‘एकुवेरिन’ शब्द का अर्थ- मित्र होता है। भारत और मालदीव के बीच घनिष्ठ जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंध है। एकुवेरिन सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को और मज़बूत करना है।
परियोजना ‘RE-HAB’
पायलट परियोजना ‘RE-HAB’ (Reducing Elephant-Human Attacks using Bees) को हाल ही में असम में शुरू किया गया है, जो मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं में कमी लाने के लिये जंगल और गाँवों की परिधि में मधुमक्खियों के बक्से स्थापित करने पर ज़ोर देती है। यह मानव बस्तियों में हाथियों के हमलों को विफल करने के लिये "मधुमक्खियों द्वारा निर्मित एक बाड़" बनाने से संबंधित कार्यक्रम है। मधुमक्खियों द्वारा निर्मित बाड़ के माध्यम से हाथियों को नुकसान पहुँचाए बिना उन्हें रोका जा सकेगा। यह खाई खोदने या बाड़ बनाने जैसे विभिन्न अन्य उपायों की तुलना में अत्यधिक लागत प्रभावी है। इस पहल के माध्यम से शहद उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि होगी। यह परियोजना खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की एक पहल है। विदित हो कि यह यह KVIC के राष्ट्रीय शहद मिशन का एक उप-मिशन है। KVIC खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस
प्रतिवर्ष 07 दिसंबर को भारत में सशस्त्र सेना झंडा दिवस के रूप में मनाया जाता है। पहली बार यह दिवस 7 दिसंबर, 1949 को मनाया गया था। इस दिवस को भारतीय थल सैनिकों, नौ सैनिकों तथा वायु सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है। झंडा दिवस के अवसर पर सशस्त्र बल कर्मियों के कल्याण के लिये लोगों से धन जुटाया जाता है तथा इस धन का उपयोग सेवारत सैन्य कर्मियों और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिये किया जाता है।