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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 07 May, 2019
  • 7 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 07 मई, 2019

हनी मिशन

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission-KVIC) ने शहद उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाने के लिये अपनी ‘हनी मिशन’ पहल के तहत दो साल से भी कम समय में देश भर के किसानों और बेरोजगार युवाओं के बीच एक लाख से अधिक मधुमक्खियों के बक्से वितरित किये हैं।

  • हनी मिशन के तहत खादी और ग्रामोद्योग आयोग किसानों को प्रशिक्षण के साथ ही मधुमक्खियों के पालन हेतु बक्से भी प्रदान करता है।
  • इस मिशन को अगस्त 2017 में ‘स्वीट रिवोल्यूशन’ के अनुरूप ही लॉन्च किया गया था।

♦ मधुमक्खी पालन और इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2016 में 'स्वीट रिवोल्यूशन' की शुरुआत की गई थी।

  • खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अनुसार, इस मिशन की मदद से 10,000 से अधिक नए रोज़गार पैदा किये गए हैं।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC)

  • यह खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
  • यह संगठन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत है।

स्‍कॉर्पीन वर्ग की चौथी पनडुब्‍बी वेला

हाल ही में स्‍कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी ‘वेला’ (VELA) को मुंबई में लॉन्च किया गया है जिसका उद्देश्य सामरिक दृष्टि से समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा क्षमता को बढ़ावा देना है। इस पनडुब्बी को परीक्षणों के बाद इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि ‘वेला’ भारत में फ्राँसीसी सहयोग से निर्मित की जा रही छह अंतर्जलीय युद्धपोतों में से चौथी है।

  • मझगांव डॉक शिपबिल्‍डर्स लिमिटेड द्वारा इस पनडुब्‍बी का निर्माण मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है जिसे रक्षा उत्‍पाद विभाग सक्रियता से लागू कर रहा है।
  • स्‍कॉर्पीन वर्ग की पनडुब्बियाँ किसी आधुनिक पनडुब्बी के सभी कार्य करने में सक्षम हैं, जिसमें एंटी-सर्फेस और एंटी-सबमरीन युद्ध शामिल हैं।

vela

पृष्ठभूमि

  • प्रोजेक्ट 75 के तहत मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), मुंबई द्वारा स्कॉर्पिन वर्ग की छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है।
  • स्कॉर्पिन वर्ग की पनडुब्बियाँ परंपरागत रूप से डीज़ल-इलेक्ट्रिक इंजनों से चलने वाली पनडुब्बियाँ हैं।
  • इसके लिये अक्तूबर 2005 में फ्राँस के नेवल ग्रुप के साथ समझौता किया गया था, जो स्कॉर्पिन श्रृंखला की पनडुब्बियों के निर्माण और आवश्यक तकनीकी हस्तांतरण में सहायता कर रहा है।
  • हालाँकि निर्माण कार्य में विलंब के चलते इस कार्यक्रम में चार साल की देरी हुई है।
  • 14 दिसंबर, 2017 को स्कॉर्पिन श्रेणी की पहली पनडुब्बी ‘आईएनएस कलवारी’ को आधिकारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
  • दूसरी स्कॉर्पिन पनडुब्बी ‘आईएनएस खांदेरी’ जनवरी 2017 में लॉन्च की गई थी।
  • शेष दो पनडुब्बियाँ- वागीर (Vagir) और वाग्शीर (Vagsheer) अभी निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं, जिन्हें 2020 तक पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

मौजूदा स्कूलों के लिये GRIHA

हाल ही में एकीकृत आवास मूल्यांकन के लिये ग्रीन रेटिंग (GRIHA- Green Rating for Integrated Habitat Assessment) काउंसिल ने पूरे भारत के मौजूदा स्कूलों के पर्यावरण मूल्यांकन हेतु एक टूल ‘GRIHA for Existing Day Schools’ जारी किया है।

  • यह रेटिंग स्कूलों के पर्यावरणीय प्रभाव के मूल्यांकन में बच्चों को शामिल करके सतत् विकास की अवधारणाओं से उन्हें परिचित कराती है।
  • यह रेटिंग सह-निर्माण और समझ संबंधी दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए प्रकृति के साथ-साथ एक-दूसरे से संपर्क स्थापित करने में छात्रों और शिक्षकों की मदद करेगी।

GRIHA रेटिंग

  • GRIHA या एकीकृत आवास मूल्यांकन के लिये ग्रीन रेटिंग, भवन निर्माण हेतु भारत की राष्ट्रीय रेटिंग प्रणाली है।
  • इसकी कल्पना ऊर्जा और संसाधन संस्थान (The Energy and Resources Institute- TERI) द्वारा की गई थी और इसे नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया था।

पर्पल फ्रॉग

शोधकर्त्ताओं ने पाया है कि पर्पल फ्रॉग (Nasikabatrachus sahyadrensis), लगभग पूरी जिंदगी भूमिगत सुरंगों में रहता है, एक वर्ष में एक ही दिन के लिये सतह पर निकलता है और अंडे देने के बाद पुनः पृथ्वी की सबसे गहरी परतों में लौट जाता है।

  • गौरतलब है कि इसे जल्द ही केरल के राज्य उभयचर के रूप में नामित किया जा सकता है।

sahyadrensis

  • इसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की लाल सूची में लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

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