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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 07 Mar, 2022
  • 12 min read
प्रारंभिक परीक्षा

थेय्यम

हाल ही में केरल पर्यटन विभाग ने सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ‘थेय्यम’ प्रदर्शन नामक एक वार्षिक मंदिर उत्सव की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू की है।

Theyyam

थेय्यम:

  • थेय्यम केरल और कर्नाटक राज्य में नृत्य पूजा का एक लोकप्रिय अनुष्ठान है।
  • इसमें हज़ारों साल पुरानी परंपराएँ और रीति-रिवाज शामिल हैं।
  • लोग थेय्यम को स्वयं को भगवान से जुड़ने के एक माध्यम के रूप में मानते हैं और इस प्रकार वे थेय्यम से आशीर्वाद मांगते हैं।
  • प्रत्येक थेय्यम एक पुरुष या एक महिला है, जिसने वीर कर्म करके या पुण्य जीवन व्यतीत करके दैवीय स्थिति प्राप्त की है।
  • अधिकांश थेय्यम को शिव या शक्ति (शिव की पत्नी) का अवतार माना जाता है या हिंदू धर्म के इन प्रमुख देवताओं के साथ उनके मज़बूत संबंध हैं।
  • 400 से अधिक थेय्यम के कारक मौजूद हैं। इनमें से कुछ बहुत महत्त्वपूर्ण हैं।

थेय्यम के प्रमुख प्रकार: 

  • विष्णुमूर्ति:
    • केवल दो वैष्णव थेय्यम हैं - दैवतार और विष्णुमूर्ति।
    • ये थेय्यम भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
    • ये थेय्यम पलन्थाई कन्नन की कहानी बताता है, जो भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे।
  • गुलिकन:
    • गुलिकन को मृत्यु और न्याय के हिंदू देवता यम का अवतार माना जाता है।
    • भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, गुलिकन भगवान शिव के सबसे महत्वपूर्ण योद्धाओं में से एक थे।
  • कुट्टीचथन:
    • यह ब्राह्मण जाति का थेय्यम है।
    • माना जाता है कि कुट्टीचथन थेय्यम की उत्पत्ति विष्णु माया में भगवान शिव के लिये हुई थी।

Major Dances in India

Dances-of-India

विगत वर्षों के प्रश्न 

प्र. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2014)

1. गरबा : गुजरात
2. मोहिनीअट्टम : ओडिशा
3. यक्षगान : कर्नाटक

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

फ्लाइंग ट्रेनर हंसा-एनजी

हाल ही में भारत के पहले स्वदेशी ‘फ्लाइंग ट्रेनर’ हंसा-एनजी ने 19 फरवरी से 5 मार्च, 2022 तक पुद्दुचेरी में समुद्र स्तर परीक्षणों को सफलतापूर्वक संपन्न कर लिया है।

  • इसे सीएसआईआर-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनएएल) द्वारा विकसित किया गया है।
  • वर्ष 1959 में स्थापित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की एक घटक राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (एनएएल) देश के नागरिक क्षेत्र में एकमात्र सरकारी एयरोस्पेस अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला है।
  • वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) भारत में सबसे बड़ा अनुसंधान और विकास (R&D) संगठन है।

HANSA-NG

हंसा-एनजी की विशेषताएँ

  • ‘हंसा-एनजी’ सबसे उन्नत उड़ान प्रशिक्षकों में से एक है।
    • ‘हंसा-एनजी, ‘हंसा’ का उन्नत संस्करण है, जिसने वर्ष 1993 में पहली उड़ान भरी थी, और इसे वर्ष 2000 में प्रमाणित किया गया था।
    • केंद्र ने 2018 में हंसा-एनजी और ग्लास कॉकपिट के साथ एनएएल रेट्रो-संशोधित हंसा -3 विमान (Retro-modified HANSA-3 Aircraft) को मंज़ूरी दी तथा इसे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा प्रमाणित किया गया और एयरो-इंडिया 2019 में विमान का प्रदर्शन किया गया।
  • यह रोटैक्स डिजिटल कंट्रोल इंजन (Rotax Digital Control Engine) द्वारा संचालित होता है जिसे भारत में फ्लाइंग क्लबों (Flying Clubs) द्वारा ट्रेनर एयरक्राफ्ट की आवश्यकता को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • यह कम लागत और कम ईंधन खपत के कारण वाणिज्यिक पायलट लाइसेंसिंग ( Commercial Pilot Licensing-CPL) हेतु एक आदर्श विमान है।

स्रोत: पी.आई.बी.


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 मार्च, 2022

जन औषधि दिवस

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिये 7 मार्च को जन औषधि दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योजना के लाभार्थियों के साथ वर्चुअली बातचीत करते हैं। चौथे ‘जन औषधि दिवस’ का आयोजन फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तत्त्वावधान में ‘फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया’ (PMBI) द्वारा किया जा रहा है। इसके तहत सभी गतिविधियाँ ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित होंगी और 75 स्थानों पर कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। इससे जेनेरिक दवाओं के उपयोग एवं जन औषधि परियोजना के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा होगी। इस वर्ष (2022) जन औषधि दिवस का विषय है- ‘जन औषधि-जन उपयोगी’। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) को फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा वर्ष 2008 में ‘जनऔषधि अभियान’ के नाम से शुरू किया गया। वर्ष 2015-16 में इस अभियान को PMBJP के रूप में नया नाम दिया गया। ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (BPPI) इसके लिये कार्यान्वयन एजेंसी है। यह रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत काम करता है। BPPI ने जन औषधि सुगम एप्लीकेशन को भी विकसित किया है। इस प्रकार जन औषधि दवाओं की कीमतें कम-से-कम 50% और कुछ मामलों में ब्रांडेड दवाओं के बाज़ार मूल्य के 80% से 90% तक सस्ती होती हैं।

‘संभव’ और ‘स्वावलंबन’ पहल

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्‍यम उद्यम (MSME) राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने एमएसएमई मंत्रालय द्वारा ऑल-इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एआईपीएमए) के सहयोग से 4-5 मार्च, 2022 को नई दिल्‍ली में प्लास्टिक रीसाइक्लिंग एवं अपशिष्ट प्रबंधन पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान पूरे देश में विशेष रूप से आकांक्षी ज़िलों में युवाओं के मध्‍य उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये दो विशेष पहल ‘संभव’ और ‘स्वावलंबन’ की शुरुआत की। इस मेगा अंतर्राष्‍ट्रीय शिखर सम्‍मेलन का आदर्श वाक्य है- “अपने कचरे को जानें और रीसाइक्लिंग करना कैसे सही काम है एवं इसे सही तरीके से कैसे किया जाए (Know your Waste and how Recycling is the right thing to do, which is to be done in a right way)”। इस शिखर सम्मेलन में लगभग 1350 MSMEs ने भाग लिया, यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया। यह शिखर सम्मेलन उद्यमियों, विशेषज्ञों, व्यापारियों और अन्य हितधारकों को प्लास्टिक क्षेत्र में चुनौतियों एवं उनके समाधान पर विचार-विमर्श करने के लिये एक मंच प्रदान करता है। यह प्लास्टिक क्षेत्र में आजीविका और व्यापार के नए अवसर भी पैदा करेगा, साथ ही भारत को प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे से निपटने तथा पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा।

ग्लाइकोस्मिस एल्बीकारपा (Glycosmis Albicarpa)

भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने तमिलनाडु में कन्याकुमारी वन्यजीव अभयारण्य से एक नई ‘जिन बेरी’ प्रजाति (Gin Berry Species) ग्लाइकोस्मिस एल्बीकारपा की खोज की है। यह एक एकल आबादी के रूप में पाई गई जो लगभग 2 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैली हुई है। ग्लाइकोस्मिस एल्बीकारपा एक सदाबहार छोटा पेड़ है और दक्षिणी पश्चिमी घाट के लिये स्थानिक है। यह प्रजाति ऑरेंज परिवार रूटासी से संबंधित है। इन टैक्सोनॉमिक (Taxonomic) समूहों से संबंधित कई पौधों का उपयोग उनके औषधीय मूल्य और भोजन के लिये किया जा रहा है। मुख्यतः भोजन एवं दवा के रूप में स्थानीय उपयोग के लिये इन पौधों से संबंधित प्रजातियाँ जंगलों से एकत्र की जाती हैं। ग्लाइकोस्मिस प्रजाति के जामुन में 'जिन सुगंध (Gin Aroma)' की अनूठी विशेषता होती है और यह एक खाद्य फल के रूप में लोकप्रिय है। इस प्रजाति के पौधे तितलियों और अन्य प्रजातियों के लार्वा को भी आश्रय प्रदान करते है। यह तमिलनाडु के तिरुनेलवेली अर्द्ध-सदाबहार जंगलों में कन्याकुमारी वन्यजीव अभयारण्य के पनागुडी वन खंड में खोजा गया थाभारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (Botanical Survey of India- BSI) देश में जंगली पादप संपदा पर टैक्सोनॉमिक और फ्लोरिस्टिक अध्ययन करने के लिये पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MoEFCC) के तहत एक शीर्ष अनुसंधान संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1890 में की गई थी। इसके नौ क्षेत्रीय वृत्त देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित हैं। हालाँकि इसका मुख्यालय कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है। इसका उद्देश्य देश में पादप संपदा की खोज एवं उनके आर्थिक महत्त्व के साथ पौधों की प्रजातियों की पहचान करना है। वर्ष 1954 में सरकार ने इसका पुनर्गठन किया।


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