प्रीलिम्स फैक्ट्स: 06 जुलाई, 2019
गंगा नदी डॉल्फ़िन
हाल में बिहार के किशनगंज ज़िले में गंगा की सहायक महानंदा नदी में पहली बार लुप्तप्राय गंगा नदी डॉल्फ़िन (Gangetic river dolphins) पाई गई है।
- तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (Tilka Manjhi Bhagalpur University) के विक्रमशिला जैव विविधता अनुसंधान और शिक्षा केंद्र (Vikramshila Biodiversity Research and Education Centre- VBREC) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सर्वेक्षण के दौरान 14 गंगा नदी डॉल्फ़िन पाए।
- अलग-अलग स्थानों पर सामान्यतः इसे गंगा नदी डॉल्फ़िन, ब्लाइंड डॉल्फ़िन, गंगा ससु, हिहु, साइड-स्विमिंग डॉल्फिन, दक्षिण एशियाई नदी डॉल्फिन आदि नामों से जाना जाता है।
- इसका वैज्ञानिक नाम प्लैटनिस्टा गैंगेटिका (Platanista gangetica) है।
- यह CITES के परिशिष्ट 1 में सूचीबद्ध है। तथा IUCN की लुप्तप्राय (Endangered) सूची में शामिल है।
CITES
- CITES (The Convention of International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora) एक अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन है।
- इसका उद्देश्य वन्यजीवों और पौधों के प्रतिरूप को किसी भी प्रकार के खतरे से बचाना है तथा इनके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को रोकना है।
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची 1:
- यह वन्यजीवों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है और अपराध के लिये उच्चतम दंड निर्धारित करती है।
स्टार्ट-अप के लिये डीडी चैनल
आम बजट 2019-20 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने स्टार्ट-अप के लिये विशेष रूप से एक डीडी चैनल शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।
- इसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के करों में छूट प्रदान करके रोज़गार को बढ़ावा देना है।
- यह विशेष डीडी चैनल स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने में मदद करेगा और उन्हें एक विशेष मंच प्रदान करेगा।
- इस चैनल को स्टार्ट-अप खुद तैयार करेंगे और चलाएंगे।
- सरकार ने अपने कुछ नियमों में छूट देने का भी प्रस्ताव दिया है जिसमें तथाकथित ‘एंजेल टैक्स’ का मुद्दा भी शामिल है।
- स्टार्ट-अप में निवेश करने के लिये आवासीय मकान की बिक्री से प्राप्त होने वाले पूंजी लाभों की छूट अवधि 31 मार्च, 2021 तक बढ़ाए जाने का भी प्रस्ताव है।
- स्टार्ट-अप और उनके द्वारा जुटाई गई निधियों के संबंध में आयकर विभाग की ओर से किसी भी प्रकार की जाँच नहीं की जाएगी।
स्फूर्ति योजना
वर्ष 2019-20 के बजट के दौरान ‘पारंपरिक उद्योगों के उन्नयन एवं पुनर्निर्माण के लिये कोष की योजना/स्फूर्ति योजना (Scheme of Fund for Upgradation and Regeneration of Traditional Industries’- SFURTI) के तहत और अधिक साझा सुविधा केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा है।
- इससे पारंपरिक उद्योगों को और ज़्यादा उत्पादक, लाभप्रद एवं सतत् रोज़गार अवसरों को सृजित करने में सक्षम बनाने के लिये क्लस्टर आधारित विकास को सुविधाजनक बनाया जा सकेगा।
- इसके तहत फोकस वाले क्षेत्र या सेक्टर बाँस, शहद और खादी समूह हैं।
- ‘स्फूर्ति’ योजना के तहत वर्ष 2019-20 के दौरान 100 नए समूह (Cluster) स्थापित करने की परिकल्पना की गई है जिससे 50,000 कारीगर आर्थिक मूल्य श्रृंखला से जुड़ सकेंगे।
- मत्स्य पालन एवं मछुआरा समुदाय खेती-बाड़ी से काफी हद तक जुड़े हुए हैं और ये ग्रामीण भारत के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं।
- अतः मत्स्य पालन विभाग ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana- PMMSY) के ज़रिये एक सुदृढ़ मत्स्य पालन प्रबंधन रूपरेखा स्थापित किया जाएगा।
- इस योजना के ज़रिये अवसंरचना, आधुनिकीकरण, उत्पादकता, फसल कटाई उपरांत प्रबंधन और गुणवत्ता नियंत्रण आदि में आने वाली बाधाओं को दूर किया जाएगा।
- किसानों की उपज के साथ-साथ सहायक गतिविधियों से प्राप्त उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु निजी उद्यमिता को आवश्यक सहयोग दिया जाएगा।
- 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे, ताकि अगले पाँच वर्षों के दौरान किसानों के लिये व्यापक उत्पादन स्तर सुनिश्चित किया जा सके।
- पशु चारे के उत्पादन और दूध की खरीद, प्रोसेसिंग एवं विपणन के लिये बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को सृजित करके भी सहकारी समितियों के ज़रिये डेयरी को प्रोत्साहित किया जाएगा।