प्रारंभिक परीक्षा
स्वतंत्रता सेनानी: प्रह्लादजी पटेल
हाल ही में प्रधानमंत्री ने गुजरात के बेचराजी में श्री प्रह्लादजी पटेल की 115वीं जयंती और उनकी जीवनी के विमोचन पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।
- प्रधानमंत्री ने समाज सेवा में श्री प्रह्लादजी पटेल की उदारता और उनके बलिदान को याद किया और गुजरात के विश्वविद्यालयों से अनुरोध किया कि वे इस संबंध में अनुसंधान करें और ऐसे भूले हुए स्वतंत्रता सेनानियों को सामने लाएंँ और स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को चिह्नित करें।
प्रमुख बिंदु
प्रह्लादजी पटेल:
- प्रह्लादजी पटेल गुजरात के बेचराजी से थे और उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आज़ादी के लिये लड़ाई लड़ी तथा बाद में समाज सुधारक विनोबा भावे के 'भूदान आंदोलन’ (Bhoodan Movement ) में शामिल हो गए।
- उन्होंने अपनी 200 बीघा ज़मीन दान में दी थी।
- प्रह्लादजी पटेल, महात्मा गांधी के आह्वान पर स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए और साबरमती तथा यरवदा में कैद रहे।
- जेल में रहने के दौरान प्रह्लादजी पटेल के पिता का निधन हो गया, लेकिन प्रह्लादजी पटेल ने माफी की शर्तों को स्वीकार नहीं किया, जो औपनिवेशिक शासकों द्वारा उन्हें अंतिम संस्कार करने की अनुमति देने के लिये रखी गई थीं।
- उन्होंने कई स्वतंत्रता सेनानियों का भी समर्थन किया जो भूमिगत होकर लड़ाई लड़ रहे थे।
- प्रह्लादजी पटेल ने आज़ादी के बाद रियासतों के विलय में सरदार पटेल की मदद की थी।
- वर्ष 1960 में जब गुजरात का गठन हुआ तो उन्होंने पाटन ज़िले की चानस्मा सीट से चुनाव भी लड़ा और पूरे क्षेत्र को विकास के पथ पर अग्रसर किया।
स्रोत: पी.आई.बी.
प्रारंभिक परीक्षा
आईएनएस वलसुरा
हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने INS (इंडियन नेवल शिप) ‘वलसुरा’ को प्रतिष्ठित प्रेसिडेंट्स कलर प्रदान किया।
‘प्रेसिडेंट्स कलर’ का अर्थ:
- यह देश के लिये असाधारण सेवाओं हेतु भारत में एक सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।
- तीन रक्षा बलों में से भारतीय नौसेना वर्ष 1951 में डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा ‘प्रेसिडेंट्स कलर’ से सम्मानित होने वाली पहली भारतीय सशस्त्र सेना थी।
- परंपरा: सेना में ‘प्रेसिडेंट्स कलर’ की उत्पत्ति उतनी ही पुरानी है जितनी कि सेना। प्राचीन भारत में विभिन्न राजाओं की सेनाएँ जब भी युद्ध में जाती थीं तो वह अपने साथ 'ध्वज' ले जाती थीं।
- प्राचीन मिस्र या रोम की सेनाओं में भी इन परंपराओं का पालन किया जाता था, जहाँ सेनाएँ झंडे और 'रोमन ईगल' को युद्ध में ले जाती थीं।
- भारत तथा साथ ही कई राष्ट्रमंडल देशों में यह परंपरा ब्रिटिश सेना से ली गई है।
- परंपरागत रूप से इससे जुड़े चार प्रकार के प्रतीक रहे हैं- मानक, दिशा-निर्देश, रंग और बैनर।
- इन्फैंट्री रेजिमेंट, सेना प्रतिष्ठान और नौसेना तथा वायु सेना इकाइयों को ‘प्रेसिडेंट्स कलर’ से सम्मानित किया जाता है, जबकि बख्तरबंद रेजिमेंट को ‘मानकों’ से सम्मानित किया जाता है।
- रेजिमेंट के युद्ध सम्मान प्रेसिडेंट्स कलर’ पर प्रदर्शित होते हैं और इसलिये ये रेजिमेंट के अतीत की एक कड़ी के रूप में काम करते हैं।
आईएनएस वलसुरा:
- इतिहास: ‘वलसुरा’ नाम दो तमिल शब्दों- 'वाल' (अर्थात् तलवार) और 'सोरा' (अर्थात् शार्क) के संयोजन से लिया गया था। सौराष्ट्र के तट पर पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की स्वोर्डफिश के कारण इसे उपयुक्त माना गया।
- स्वोर्डफिश द्वितीय विश्व युद्ध के टॉरपीडो ले जाने वाले विमान का भी नाम था।
- भारतीय रॉयल नेवी की क्षमता बढ़ाने हेतु यूनिट को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान टॉरपीडो प्रशिक्षण स्कूल के रूप में कमीशन किया गया था।
- इसकी स्थापना 15 दिसंबर, 1942 को नवानगर की तत्कालीन महारानी गुलाब कुंवरबा साहिबा द्वारा की गई थी। स्वतंत्रता के बाद 1 जुलाई, 1950 को HMIS वलसुरा का नाम बदलकर INS वलसुरा (INS Valsura) कर दिया गया।
- महत्त्वपूर्ण आउटरीच गतिविधि: गुजरात में विनाशकारी भूकंप के बाद वलसुरा द्वारा एक उल्लेखनीय 'आउटरीच' गतिविधि का प्रदर्शन किया गया।
- इसने निर्धारित रिकॉर्ड समय में भूकंप से तबाह हुए मोडा गांँव की बहाली और एक नए नेवी मोडा गांँव के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- इस उपलब्धि को नौसेना द्वारा तब मान्यता दी गई थी जब दिसंबर 2001 में यूनिट को विशेष यूनिट प्रशस्ति पत्र दिया गया था, जो सामान्य रूप से परिचालन इकाइयों हेतु आरक्षित एक सम्मान था।
- INS वलसुरा की वर्तमान स्थिति: यह इकाई प्रशिक्षण अवसंरचना के प्रगतिशील संवर्द्धन के माध्यम से समकालीन एवं विशिष्ट प्रौद्योगिकियों पर गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करती है।
- हाल के वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डेटा और मीडियम वोल्टेज लैब की स्थापना, अधिकारियों तथा नाविकों के प्रशिक्षण और समकालीन तकनीक में तकनीकी उत्कृष्टता के लिये एक अनूठी मिसाल है।
- INS वलसुरा मित्रवत विदेशी नौसेनाओं के लिये पसंदीदा प्रशिक्षण गंतव्य के रूप में भी उभरा है।
- INS वलसुरा ने हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने में भी भारत की मदद की है।
स्रोत: द हिंदू
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 अप्रैल, 2022
ग्रैमी अवार्ड
हाल ही में वर्ष 2022 के 64वें वार्षिक ग्रैमी पुरस्कारों (64th Annual Grammy Awards) का आयोजन लास वेगास, नेवादा में स्थित AGM ग्रैंड गार्डन एरिना में किया गया। इसमें इस वर्ष दो भारतीय संगीतकार (फालू और रिकी केज) भी ग्रैमी अवार्ड विजेताओं में शामिल थे। भारतीय-अमेरिकी गायिका-गीतकार फालू ने सर्वश्रेष्ठ बच्चों के संगीत एल्बम की श्रेणी में अपना पहला ग्रैमी पुरस्कार जीता। फालू न्यूयॉर्क की एक संगीतकार हैं तथा उन्होंने स्लमडॉग मिलियनेयर फिल्म में ए.आर. रहमान के साथ काम किया है। मुंबई में प्रसिद्ध मुखर गुरु और सारंगी उस्ताद सुल्तान खान से उन्होंने अपना प्रारंभिक संगीत प्रशिक्षण प्राप्त किया था। संगीतकार रिकी केज ने भी अपना दूसरा ग्रैमी पुरस्कार जीता, रिकी केज और स्टीवर्ट कोपलैंड ने सर्वश्रेष्ठ न्यू एज एल्बम की श्रेणी में पुरस्कार जीता। रिकी केज ने अपना पहला ग्रैमी अवॉर्ड वर्ष 2015 में जीता था।
अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क योजना
हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क योजना (International Air Connectivity Scheme- IACS) शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य भारत के कुछ राज्यों से चुनिंदा अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों के साथ हवाई संपर्क को बढ़ावा देना है ताकि सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके। अंतर्राष्ट्रीय हवाई संपर्क योजना राज्य सरकारों द्वारा समर्थित है। मणिपुर, असम और त्रिपुरा की राज्य सरकारों ने गुवाहाटी, इंफाल तथा अगरतला को ढाका, बैंकॉक, यांगून, काठमांडू, मांडले,चटगांँव, हनोई व कुनमिंग जैसे अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों से जोड़ने हेतु पहले ही मार्गों की पहचान कर ली है। अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, हवाई अड्डों का उन्नयन और विकास एक लंबी व निरंतर प्रक्रिया है तथा ज़्यादातर यातायात की मांग, वाणिज्यिक व्यवहार्यता, भूमि की उपलब्धता आदि के आधार पर संबंधित हवाई अड्डे के ऑपरेटर्स द्वारा किया जाता है।
हुरुन रिचेस्ट सेल्फ वूमेन इन द वर्ल्ड 2022
हाल ही में हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा हुरुन रिचेस्ट सेल्फ वूमेन इन द वर्ल्ड 2022 की सूची जारी की गई है। इस सूची के अनुसार, वर्तमान में दुनिया में 124 स्व-निर्मित महिला अरबपति (Self-Made Women Billionaires) हैं। सूची में दो-तिहाई महिलाएंँ चीन की हैं, उसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन की महिलाओं का स्थान है। बीजिंग की एक प्रॉपर्टी डेवलपर वू यजुन (Wu Yajun) ने इस सूची में शीर्ष स्थान हासिल किया है जिनकी अनुमानित संपत्ति 17 बिलियन डाॅलर है। भारतीय महिलाओं में नायका की सीईओ और संस्थापक फाल्गुनी नायर को 7.6 अरब डॉलर के साथ शीर्ष 10 सबसे अमीर महिलाओं की सूची में रखा गया है। राधा वेम्बू 3.9 बिलियन डाॅलर के साथ भारत की दूसरी सबसे अमीर स्व-निर्मित महिला अरबपति हैं। वेम्बू ज़ोहो की उत्पाद प्रबंधक हैं। हुरुन सूची में उन्हें 25वें स्थान पर रखा गया है। बायोकॉन की संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार-शॉ को 3.8 बिलियन डाॅलर की संपत्ति के साथ इस सूची में 26वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। यह हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित इस सूची का 12वांँ संस्करण है।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स
हाल ही में श्री कांतीरवा स्टेडियम, बंगलूरू में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 का लोगो, शुभंकर, जर्सी और एंथम लॉन्च किया गया। यह इवेंट 24 अप्रैल, 2022 से कर्नाटक में आयोजित किया जाएगा। वर्ष 2020 में ओडिशा द्वारा आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के बाद यह खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (KIUG) का दूसरा आयोजन होगा। इस अवसर पर मेजबान राज्य कर्नाटक द्वारा गेम्स पर लाइव अपडेट देने के लिये एक खेलो इंडिया एप भी लॉन्च किया गया। कर्नाटक के राज्यपाल टी.सी. गहलोत ने गेम्स के लोगो और आधिकारिक शुभंकर- वीरा (एक हाथी) को लॉन्च किया तथा केद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गेम्स की आधिकारिक जर्सी के साथ-साथ चंदन शेट्टी और निखिल जोशी द्वारा गाए गए एंथम को भी लॉन्च किया।