Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 मार्च, 2021
सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से ‘सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट’ (SFDR) प्रौद्योगिकी पर आधारित फ्लाइट टेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। परीक्षण के दौरान बूस्टर मोटर और नोजल रहित मोटर समेत सभी उप प्रणालियों ने अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन किया। ठोस ईंधन आधारित डक्टेड रैमजेट तकनीक के सफल प्रदर्शन ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (DRDO) को तकनीकी लाभ प्रदान किया है, जिससे वह लंबी दूरी की हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें विकसित कर पाएगा। वर्तमान में ऐसी तकनीक विश्व के कुछ चुनिंदा देशों के पास ही उपलब्ध है। पिछले महीने DRDO ने स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRMAM) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल निकट सीमाओं पर विभिन्न हवाई खतरों से निपटने में सक्षम है। रैमजेट एयर-ब्रीदिंग जेट इंजन का एक रूप है जो घूर्णन कंप्रेसर के बिना आने वाली वायु को संपीडित करने के लिये वाहन की अग्रिम गति का उपयोग करता है। रैमजेट सुपरसोनिक गति पर अधिक कुशलता से कार्य करते हैं किंतु वे हाइपरसोनिक गति में कुशल नहीं हैं।
'बाओ-धान' या 'रेड राइस’
हाल ही में असम के लाल चावल या 'रेड राइस’ की पहली खेप संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के लिये रवाना की गई। आयरन से समृद्ध 'लाल चावल' को असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में बिना किसी रासायनिक खाद के प्रयोग के उगाया जाता है। असम में चावल की इस किस्म को 'बाओ-धान' कहा जाता है, जो कि असमिया भोजन का एक अभिन्न अंग है। 'बाओ-धान' या 'रेड राइस’ के निर्यात में बढ़ोतरी होने से असम के किसान परिवारों की आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। 'रेड राइस’ में एंथोसाइनिन (anthocyanin) नामक पदार्थ होता है, जिसके कारण यह लाल रंग का दिखता है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि ‘रेड राइस’ खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। ज्ञात हो कि बीते दिनों भारत सरकार ने ‘कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण’ (APEDA) के तत्त्वावधान में चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये चावल निर्यात संवर्द्धन मंच (REPF) की स्थापना की थी। कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और इसका प्राथमिक उद्देश्य निर्यात के लिये अनुसूचित उत्पादों से संबंधित उद्योगों के विकास को बढ़ावा देना है।
गैरसैंण
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने गैरसैंण (Gairsain) को राज्य का नया प्रशासनिक मंडल घोषित किया है। इसके साथ ही कुमाऊँ और गढ़वाल के बाद यह उत्तराखंड का तीसरा मंडल बन गया है। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, गैरसैंण मंडल में चार पहाड़ी ज़िले शामिल होंगे, जिनमें अल्मोड़ा और बागेश्वर (जो कि कुमाऊँ से हैं) तथा रुद्रप्रयाग एवं चमोली (जो कि गढ़वाल से हैं) शामिल हैं। इसी के साथ गैरसैंण मंडल के लिये एक कमिश्नर और एक पुलिस उप-महानिरीक्षक (DIG) की नियुक्ति की जाएगी। बीते वर्ष 4 मार्च को मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को राज्य की नई ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी, ज्ञात हो कि राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को राज्यपाल की भी सहमति मिल गई है। वर्तमान में गैरसैंण चमोली ज़िले की तहसील है, जो कि उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी देहरादून से लगभग 270 किलोमीटर दूर स्थित है। 9 नवंबर, 2000 को उत्तराखंड भारत का 27वाँ राज्य बना जिसे उत्तर प्रदेश से अलग करके बनाया गया था। वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। इसकी सीमाएँ उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से मिलती हैं।
‘श्ररब फ्रॉग’ की पाँच नई प्रजातियाँ
हाल ही में भारत और अमेरिका के शोधकर्त्ताओं द्वारा ‘श्ररब फ्रॉग’ की पाँच नई प्रजातियों की खोज की गई है। मेढ़क की ये नई प्रजातियाँ ट्रीफ्रॉग परिवार ‘राकोफोराइडे’ (Rhacophoridae) से संबंधित मानी जा रही हैं। शोधकर्त्ताओं द्वारा खोजी गई नई प्रजातियाँ विभिन्न मापदंडों के आधार पर अन्य प्रजातियों से अलग हैं, जिसमें उनकी आकृति, उनका DNA, कॉलिंग पैटर्न और व्यवहार आदि शामिल हैं। खोजी गई पाँच प्रजातियों हैं- रोरचेस्टेस द्रुताहू (इसे केरल के इडुक्की और पलक्कड ज़िले में खोजा गया), रोरचेस्टेस कक्कायमेंसिस (इसे कक्कायम बाँध के नज़दीक खोजा गया), रोरचेस्टेस कैरासबिनेई (इसे दक्षिणी-पश्चिमी घाट में अगस्त्यमलाई और अन्नामलाई की पहाड़ियों में खोजा गया है), रोरचेस्टेस संजप्पाई (इसे उत्तरी केरल के वायनाड क्षेत्र से खोजा गया है) और रोरचेस्टेस वेल्लिक्कन्नन (इसे साइलेंट वैली नेशनल पार्क के निकटवर्ती क्षेत्र में खोजा गया है)।