प्रिलिम्स फैक्ट्स (05 Jul, 2022)



स्क्वाड्रन INAS 324

हाल ही में भारतीय नौसेना ने पूर्वी नौसेना कमान में एक नया भारतीय नौसेना एयर स्क्वाड्रन 324 अधिकृत किया है।

  • यह पूर्वी समुद्र तट पर निगरानी क्षमता को बढ़ाएगा।

स्क्वाड्रन INAS 324 :

  • यह इकाई स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) एमके III (MR) हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने वाली पूर्वी समुद्र-तट की पहली नौसेना स्क्वाड्रन है।
  • इसे "KESTRELS" नाम दिया गया है, जिसका मतलब शिकारी पक्षी है और इनमें अच्छी संवेदी क्षमताएंँ हैं, जो विमान और वायु स्क्वाड्रन की इच्छित भूमिका को प्रदर्शित करते हैं।
  • स्क्वाड्रन के प्रतीक चिह्न में एक 'KESTREL' को दर्शाया गया है जो विशाल नीली और सफेद समुद्री लहरों पर खोज कर रहा है, जो स्क्वाड्रन की अभिन्न समुद्री टोही (MR) और खोज एवं बचाव (SAR) भूमिका का प्रतिनिधित्व करता है।
  • ALH MK III हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं जिनमें आधुनिक निगरानी रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर शामिल हैं।

उन्नत हल्का हेलीकाॅप्टरर (ALH):

  • यह हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित व निर्मित है।
  • HAL सार्वजनिक क्षेत्र की विमान निर्माण कंपनी है।
  • समुद्री टोही (MR) तथा खोजबीन एवं बचाव (SAR) की अपनी मुख्य भूमिकाओं के अलावा इन हेलीकॉप्टरों को मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) संचालन के साथ-साथ समुद्री कमांडो के साथ स्पेशल ऑपरेशन्स के लिये भी तैनात किया जा सकता है।
  • गंभीर रूप से बीमार रोगियों की चिकित्सा की सुविधा के लिये एयर एम्बुलेंस की भूमिका में उपयोग हेतु इसमें एक एयरबोर्न मेडिकल इंटेंसिव केयर यूनिट (Medical Intensive Care Unit-MICU) भी शामिल है।

स्रोत: पी.आई.बी.


राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग 2021

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा स्टार्टअप इकोसिस्टम की सहायता को लेकर राज्यों की रैंकिंग के तीसरे संस्करण के परिणाम जारी किये गए।

  • इससे पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस (EoDB) रैंकिंग जारी की गई, जो बिज़नेस रिफॉर्म्स एक्शन प्लान (BRAP) रिपोर्ट, 2020 पर आधारित है।

राज्यों की स्टार्टअप रैंकिंग:

  • परिचय:
    • भारत सरकार की स्टार्टअप इंडिया पहल में नवाचार को बढ़ावा देने और नवोदित उद्यमियों को अवसर प्रदान करने के लिये देश में एक बूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने की परिकल्पना की गई है।
    • वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) 2018 से राज्यों के स्टार्टअप रैंकिंग अभ्यास का आयोजन कर रहा है।
    • यह अभ्यास देश में स्टार्टअप के लिये कारोबारी माहौल को आसान बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • उद्देश्य:
    • स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिये राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा की गई प्रगति को सामने लाने में मदद करना।
    • प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ावा देना और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सक्रिय रूप से काम करने के लिये प्रेरित करना।
    • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अच्छे अभ्यासों की पहचान करना, सीखने और दोहराने के लिये सुविधा प्रदान करना।
  • वर्गीकरण: राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 5 श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है,
    • सर्वश्रेष्ठ कलाकार
    • शीर्ष प्रदर्शक
    • नेता
    • आकांक्षी नेता
    • उभरते स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र।

रैंकिंग 2021 के बारे:

  • 7 व्यापक सुधार क्षेत्र:
    • प्रतिभागियों का मूल्यांकन 7 व्यापक सुधार क्षेत्रों में किया गया, जिसमें 26 कार्य बिंदु शामिल थे।
      • संस्थागत सहयोग
      • नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना
      • बाजार तक पहुंँच
      • इनक्यूबेशन सहयोग
      • वित्तीय सहयोग
      • सक्षमकर्त्ताओं के क्षमता निर्माण के लिये मेंटरशिप सहयोग।
  • परिणाम:
    • गुजरात और कर्नाटक राज्यों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्त्ता के रूप में उभरे हैं।
      • केंद्रशासित प्रदेशों और पूर्वोत्तर राज्यों की श्रेणी में मेघालय शीर्ष पर है।
    • केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना ने राज्यों की श्रेणी में शीर्ष कलाकार का पुरस्कार जीता।
      • केंद्रशासित प्रदेशों और पूर्वोत्तर राज्यों की श्रेणी में जम्मू और कश्मीर शीर्ष प्रदर्शनकर्त्ता के रूप में दिखाई दिया।

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संबंधित पहल:

स्रोत:पी.आई.बी.


पौधों में नाइट्रोजन अवशोषण का विनियमन

राष्ट्रीय जैविक विज्ञान केंद्र, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, बंगलूरू (NCBS-TIFR) के शोधकर्त्ताओं ने एक नया मार्ग खोजा है जो पौधों में नाइट्रेट अवशोषण को नियंत्रित करता है।

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नई विधि:

  • शोधकर्त्ताओं ने MADS27 नामक एक miR444 लक्ष्य जीन की जाँच की, जो एक प्रतिलेखन कारक है जिस पर पहले थोड़ा ध्यान दिया गया था।
    • प्रतिलेखन कारक प्रोटीन होते हैं जो DNA को RNA में परिवर्तित करने या प्रतिलेखन करने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। प्रतिलेखन कारकों में RNA पोलीमरेज़ को छोड़कर बड़ी संख्या में प्रोटीन शामिल हैं, जो जीन के प्रतिलेखन को आरंभ और विनियमित करते हैं।
  • माइक्रो-आरएनए, miR444, जीन MADS27 को सक्रिय करता है, जो नाइट्रेट अवशोषण, जड़ विकास और तनाव सहिष्णुता को नियंत्रित करता है तथा इस प्रकार इन पौधों के गुणों को नियंत्रित करने का एक तरीका प्रदान करता है।
    • जीन MADS27 नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार के लिये संशोधन हेतु एक उत्कृष्ट जीन प्रतीत होता है, जो पौधे को अधिक नाइट्रेट्स को अवशोषित करने में मदद करता है और अजैविक सहनशीलता को बढ़ाता है।
  • शोधकर्त्ताओं द्वारा चावल (मोनोकॉट) और तंबाकू (डाइकॉट) दोनों पौधों में इस तंत्र का अध्ययन किया गया था। यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल बॉटनी’ में प्रकाशित हुआ था।

नाइट्रोजन का महत्त्व:

  • नाइट्रोजन एक पौधे के विकास के लिये आवश्यक सबसे महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्वों में से एक है हैं।
    • हालाँकि उर्वरकों में नाइट्रेट के अत्यधिक उपयोग के कारण मिट्टी में नाइट्रेट संचयित हो सकता है, परिणामस्वरूप जल और मिट्टी में नाइट्रेट जमा हो सकता है। यह संचय मिट्टी व जल प्रदूषण को बढ़ा देता है, साथ ही ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि करता है।
  • यह दूसरों के बीच क्लोरोफिल, अमीनो एसिड और न्यूक्लिक एसिड का एक हिस्सा है।
  • यह ज़्यादातर मृदा से प्राप्त होता है जहाँ यह मुख्य रूप से जड़ों द्वारा नाइट्रेट्स और अमोनियम के रूप में अवशोषित होता है।
  • नाइट्रेट्स जीनोम-वाइड ज़ीन अभिव्यक्ति को भी प्रभावित करते हैं, जो बदले में जड़ प्रणाली, पौधों के जैविक चक्र, की वृद्धि आदि को प्रभावित करते हैं।

विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन मृदा में नाइट्रोजन मिलाता है? (2013)

  1. जानवरों द्वारा यूरिया का उत्सर्जन
  2. मनुष्यों द्वारा कोयले को जलाना
  3. मृत वनस्पति

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्त: c

व्याख्या:

  • मानव सहित स्तनधारी यूरिया के प्राथमिक उत्पादक हैं। क्योंकि वे यूरिया को प्राथमिक नाइट्रोजनयुक्त अपशिष्ट उत्पाद के रूप में स्रावित करते हैं, उन्हें यूरियोटेलिक ज़ानवर कहा जाता है। ये अपशिष्ट मृदा में नाइट्रोजन मिलाते हैं। अत: कथन 1 सही है।
  • कोयले के दहन से कार्बन के ऑक्साइड (COx), सल्फर के ऑक्साइड (SOx), नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NOx) और फ्लाई-ऐश, ग्रिप गैस तथा स्क्रबर कीचड़ सहित कई तरह के उपोत्पाद बनते हैं। हालाँकि ये सीधे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को नहीं बढ़ाते हैं। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • जब वनस्पति तथा जानवर की मृत्यु हो जाती है, तो कार्बनिक पदार्थों में नाइट्रोजन यौगिक मिट्टी में प्रवेश करते हैं, जहाँ वे सूक्ष्मजीवों द्वारा विघटित होते हैं, जिन्हें अपघटक (Decomposers) के रूप में जाना जाता है। यह अपघटन अमोनिया उत्पन्न करता है, जो नाइट्रिफिकेशन प्रक्रिया से गुज़रता है, अर्थात् मिट्टी में नाइट्रिफाइंग बैक्टीरिया अमोनिया को नाइट्राइट (NO2) और फिर नाइट्रेट (NO3) में परिवर्तित करते हैं। अतः कथन (c) सही है

स्रोत: द हिंदू


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 05 जुलाई, 2022

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) 

हाल ही में सिंगापुर के टी. राजा कुमार को एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। मार्कस प्लेयर की जगह राजा कुमार को नियुक्त किया गया है। वह अगले दो साल के लिये अपनी सेवा का निर्वहन करेंगे। वह लंबे समय से वैश्विक आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ काम कर रहे हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को फ्रेंच में ग्रुप डी एक्शन फाइनेंसर (Groupe d’action financière – GAFI) के रूप में भी जाना जाता है। यह एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने तथा नीतियों को विकसित करने के लिये G7 की एक पहल के रूप में की गई थी। वर्ष 2001 में आतंकवाद के वित्तपोषण को शामिल करके इसके जनादेश का विस्तार किया गया था। FATF अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिये आतंकवादी वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य संबंधित खतरों से निपटने हेतु मानकों को स्थापित करने एवं कानूनी, परिचालन तथा नियामक उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के उद्देश्यों के साथ काम करता है। यह इन क्षेत्रों में राष्ट्रीय विधायी और नियामक सुधार लाने के लिये आवश्यक राजनीतिक इच्छाशक्ति पैदा करने का काम करता है। 

प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र-तिहान 

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने 4 जुलाई, 2022 को आईआईटी हैदराबाद परिसर में मानव रहित  हवाई वाहन विकसित करने के लिये अत्याधुनिक ऑटोनॉमस नेविगेशन पर प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्-तिहान का उद्घाटन  किया। अगली पीढ़ी की स्मार्ट मोबिलिटी प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में उभरता आईआईटी हैदराबाद नवाचार के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को सहयोग प्रदान कर रहा है। स्वायत्त नौवहन और डेटा अधिग्रहण प्रणाली के विशिष्ट डोमेन क्षेत्र में अंतर-विषयी प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान एवं विकास पर आवश्यकतानुसार ध्यान देने के साथ ही यह केंद्र मानव रहित व स्वायत्त वाहनों से संबंधित विभिन्न चुनौतियों के तत्काल समाधान पर ज़ोर देता है। आईआईटी हैदराबाद में मानव रहित वायुयानों (UAVs) तथा दूरस्थ नियंत्रित वाहनों (RoVs) के लिये स्वायत्त नौवहन प्रणाली अथवा ऑटोनाॅमस नेविगेशन सिस्टम पर आधारित प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र को 'तिहान फाउंडेशन' (TiHAN Foundation) के रूप में जाना जाता है। संस्थान द्वारा जून 2020 में इसे खंड-8 कंपनी के रूप में मान्यता दी गई है। यह एक बहु-विभागीय पहल है जिसमें प्रतिष्ठित संस्थानों और उद्योगों के सहयोग तथा समर्थन के साथ आईआईटी हैदराबाद में इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल एवं एयरोस्पेस, सिविल, गणित व डिज़ाइन के शोधकर्त्ता शामिल हैं। यह 'आत्मनिर्भर भारत', 'स्किल इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' की दिशा में उचित कदम है। Page Break 

‘नारी को नमन’ योजना 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य की महिलाओं के लिये “नारी को नमन” योजना शुरू की। हिमाचल प्रदेश सरकार ने महिलाओं को राज्य सरकार की बसों में टिकट की कीमतों में 50% की छूट देने की घोषणा की है। टिकट में महिलाओं को रियायत देने के अलावा सरकार ने HRTC बसों में न्यूनतम किराए को 7 रुपए से घटाकर 5 रुपए करने की भी घोषणा की। इसके अलावा HRTC की ‘राइड विद प्राइड’ टैक्सियों में महिला ड्राइवरों के 25 पद भरे जाएंगे। HRTC में मोटर मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन आदि के 265 पदों पर भी भर्ती की जाएगी। HRTC हिमाचल प्रदेश में राज्य के स्वामित्व वाला सड़क परिवहन निगम है। HRTC भारत में पहले RTC में से एक है जो सभी प्रकार की बसों में टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा प्रदान करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1958 में हिमाचल प्रदेश सरकार, पंजाब सरकार और रेलवे द्वारा “मंडी-कुल्लू सड़क परिवहन निगम” के रूप में की गई थी। इसकी स्थापना पंजाब और हिमाचल प्रदेश में परिवहन को संचालित करने के लिये की गई थी। 2 अक्तूबर, 1974 को इस निगम का हिमाचल सरकार में विलय कर इसका नाम हिमाचल सड़क परिवहन निगम कर दिया गया।