विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 अप्रैल, 2021
शांतिर ओग्रोशेना-2021
बांग्लादेश के 'राष्ट्रपिता' बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित किये जा रहे बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘शांतिर ओग्रोशेना-2021’ (शांति का फ्रंट रनर) में भारतीय सेना हिस्सा लेगी, यह सैन्य अभ्यास बांग्लादेश की आज़ादी के 50 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है। भारतीय सेना की टुकड़ी में डोगरा रेजिमेंट की एक बटालियन के अधिकारी, जूनियर कमीशन अधिकारी और जवान शामिल हैं, जो 4 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2021 तक रॉयल भूटान आर्मी, श्रीलंकाई सेना और बांग्लादेश सेना की टुकड़ी के साथ अभ्यास में भाग लेंगे। इस सैन्य अभ्यास के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत और सिंगापुर के सैन्य पर्यवेक्षक भी उपस्थित रहेंगे। वर्ष 2021 बांग्लादेश की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगाँठ और शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी का प्रतीक है। भारत और बांग्लादेश के निकट संबंधों को प्रतिबिंबित करने और वर्ष 1971 के युद्ध की 50वीं वर्षगाँठ को चिह्नित करने के लिये भारत कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। 16 दिसंबर, 1971 को लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना और ‘मुक्ति बाहिनी’ की संयुक्त सेना के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था और इसी आत्मसमर्पण से बांग्लादेश के जन्म का मार्ग प्रशस्त हुआ था। ज्ञात हो कि हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री भी बांग्लादेश की यात्रा पर गए थे।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
स्मार्ट हाईवे के रूप में प्रसिद्ध दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को उसके शेष हिस्सों (फेज़-2 और फेज़-4) को पूरा करने के बाद आम जनता के लिये खोल दिया गया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का 14 किलोमीटर लंबा पहला चरण (दिल्ली के अक्षरधाम से यूपी गेट तक) और 22 किलोमीटर लंबा तीसरा चरण (डासना से हापुड़ तक) पहले ही आम जनता के लिये खोला जा चुका है। इस परियोजना के फेज़-1 को वर्ष 2018 में और फेज़-3 को वर्ष 2019 में आम जनता के लिये खोला गया था। इस समग्र परियोजना को 8,346 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है। एक्सप्रेसवे के संबंध में जारी सूचना के मुताबिक, इस पर कुल 24 छोटे और बड़े पुल, 10 फ्लाईओवर, तीन रेलवे पुल, 95 अंडरपास और पैदल यात्रियों के लिये कई पुल बनाए गए हैं। इसके अलावा यात्रियों की सुरक्षा के लिये संपूर्ण एक्सप्रेसवे पर 4,500 से अधिक लाइट्स और कैमरे लगाए गए हैं। एक्सप्रेसवे से यात्रा करने वाले यात्रियों को इस दौरान मौसम तथा इससे संबंधित कई अन्य महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ प्रदान की जाएंगी। इस एक्सप्रेसवे की शुरुआत के परिणामस्वरूप दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा का समय 2.5 घंटे से घटकर 45 मिनट रह जाएगा।
जॉइंट लॉजिस्टिक नोड
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने हाल ही में मुंबई में तीनों सेनाओं के लिये ‘जॉइंट लॉजिस्टिक नोड’ का उद्घाटन किया, इसे तीनों सेनाओं के कामकाज में अधिक-से-अधिक एकीकरण लाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। जॉइंट लॉजिस्टिक नोड छोटे हथियारों, गोला-बारूद, राशन, ईंधन, जनरल स्टोर, सिविल ट्रांसपोर्ट, पुर्जों और इंजीनियरिंग कार्यों में सहयोग के लिये तीनों सेनाओं को एकीकृत लॉजिस्टिक कवर प्रदान करेंगे। सशस्त्र बलों के सफल संचालन के लिये यह आवश्यक है कि उन्हें युद्ध के सभी चरणों में यथासंभव लॉजिस्टिक समर्थन प्रदान किया जाए। यह वित्तीय बचत के अलावा मानव शक्ति और संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सुनिश्चित करने में भी लाभदायक होगा। साथ ही लॉजिस्टिक क्षेत्र में एकीकरण, तीनों सेनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर बुनियादी अवसंरचना और लॉजिस्टिक में हो रहे सुधारों से लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा।
मुक्तिजोद्धा छात्रवृत्ति
भारत सरकार ने अपनी नई मुक्तिजोद्धा छात्रवृत्ति योजना के तहत बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले सेनानियों के 2000 वंशजों को छात्रवृत्ति देने की घोषणा की है। इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, हायर सेकेंडरी और अंडर ग्रेजुएट श्रेणियों में से प्रत्येक में 1000 छात्रों को छात्रवृत्ति की राशि प्रत्यक्ष तौर पर उनके बैंक खाते में प्रदान की जाएगी। योजना का उद्देश्य आगामी पाँच वर्ष की अवधि में बांग्लादेश के 10,000 छात्रों को लाभान्वित करना है। इस छात्रवृत्ति के तहत बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले सेनानियों यानी मुक्तिजोद्धाओं के प्रत्यक्ष वंशजों को उच्च माध्यमिक श्रेणी में 20,000 टका और स्नातक श्रेणी में 50,000 टके की राशि प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत अब तक 17,082 छात्रों को लाभ प्राप्त हुआ है और इस प्रयोजन हेतु 37.99 करोड़ टके की राशि का उपयोग किया गया है।