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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 02 Jul, 2019
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 02 जुलाई, 2019

राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन

National Library Mission

राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन के तहत प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में एक केंद्रीय पुस्तकालय और ज़िला पुस्तकालय के बुनियादी ढाँचे के उत्थान के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

  • संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) के प्रशासनिक नियंत्रण में निम्नलिखित छह सार्वजनिक पुस्तकालय हैं -
    • राष्ट्रीय पुस्तकालय- कोलकाता (National Library, Kolkata)
    • केंद्रीय संदर्भ पुस्तकालय कोलकाता (Central Reference Library- Kolkata)
    • केंद्रीय सचिवालय पुस्तकालय- नई दिल्ली (Central Secretariat Library- New Delhi)
    • दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालय- दिल्ली (Delhi Public Library- Delhi)
    • खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी- पटना (Khuda Bakhsh Oriental Public Library- Patna)
    • रामपुर रज़ा लाइब्रेरी- रामपुर (Rampur Raza Library- Rampur)
  • पुस्तकालय राज्य सूची का विषय है, इसलिये देश के सार्वजनिक पुस्तकालयों का प्रबंधन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के बजाय राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
  • राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन की स्थापना वर्ष 2012 में राष्ट्रीय ज्ञान आयोग की सिफारिश पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा की गई थी।

राष्ट्रीय ज्ञान आयोग

National knowledge commission

  • राष्ट्रीय ज्ञान आयोग की स्थापना 13 जून, 2005 को हुई थी। यह प्रधानमंत्री को शिक्षा, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, कृषि, उद्योग और ई-प्रशासन जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर सलाह देता है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।

विमान-वाहक पोत ‘विराट’

Aircraft Carrier Viraat

दो साल पूर्व सेवा से मुक्त हुए विमान-वाहक पोत ‘विराट’ (Aircraft Carrier Viraat) को कबाड़ (Scrapped) में परिवर्तित किया जाएगा।

  • वर्ष 2018 में महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक- निजी भागीदारी (Public-Private Partnership - PPP) के माध्यम से इस विमान- वाहक पोत को संग्रहालय में परिवर्तित करने का प्रस्ताव मंज़ूर किया था।
  • परंतु इसे संग्रहालय का रूप देने के लिये अब तक अनेक प्रयास असफल रहे हैं और इसीलिये इसे कबाड़ में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है।
  • भारतीय नौसेना पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह और अधिक समय के लिये इसे नहीं रख सकती है, क्योंकि यह बहुत अधिक भीड़ वाले मुंबई डॉकयार्ड में बहुत जगह घेर रहा है।

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विमान-वाहक पोत ‘विराट’

  • विराट एक सेंतौर श्रेणी (Centaur class) का विमान वाहक पोत है जिसे नवंबर 1959 में ब्रिटिश नौसेना में तैनात किया गया था।
  • ब्रिटिश नौसेना में इसका नाम एच.एम.एस. हर्मस (HMS Hermes) था।
  • यह लगभग 25 सालों तक ब्रिटिश नौसेना में कार्यरत रहा और फिर अप्रैल 1984 में इसे सेवा से मुक्त कर दिया गया, जिसके पश्चात् मई 1987 में इसका आधुनिकीकरण किया गया और इसे भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया।
  • इस विमान-वाहक पोत का कुल वज़न 27,800 टन है।
  • वर्ष 2017 में नौसेना ने भी इसे सेवानिवृत्त कर दिया था।
  • इस पोत की खासियतों की बात करें तो इसमें एक साथ 26 विमान खड़े हो सकते थे और एक साथ 750 कर्मचारी भी रह सकते थे।

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेला

India International Cooperatives Trade Fair (IICTF)

कृषि निर्यात को दोगुना करने तथा भारतीय किसानों और कृषि उत्पादों को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जोड़ने के लक्ष्य वाली कृषि निर्यात नीति, 2018 के अनुरूप प्रथम भारतीय अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेला (India International Cooperatives Trade Fair- IICTF) का आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 11 से 13 अक्तूबर, 2019 तक किया जाएगा।

IICTF

  • NCDC द्वारा संचालित यह मेला कृषि सहकारी समितियों के विकास के एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन (Network for the Development of Agricultural Cooperatives- NEDAC), तीन मंत्रालयों, चार राज्य सरकारों और शीर्ष स्तर के भारतीय सहकारी संगठनों की सहायता से आयोजित किया जा रहा है।
  • इस तीन दिवसीय मेले में बड़ी संख्या में भारतीय सहकारी समितियों और अंतर्राष्ट्रीय सहकारी संगठनों के भाग लेने की संभावना है।
  • इस व्यापार मेले का उद्देश्य ग्रामीण और कृषि समृद्धि में वृद्धि के लिये भारत और विदेशों में कोऑपरेटिव-टू-कोऑपरेटिव व्यापार (Cooperative to Cooperative Trade) को बढ़ावा देना है।
  • इस मेले के दौरान सम्मेलनों, प्रदर्शनियों, बी टू बी बैठकों (B2B Meetings), सी टू सी बैठकों (C2C Meetings), बिक्री संवर्द्धन, विपणन और उत्पादों के प्रदर्शन के साथ व्यापार, नेटवर्किंग, नीति प्रचार आदि का आयोजन किया जाएगा।
  • यह व्यापार मेला भारत और विदेश के उद्योगों तथा व्यापारिक घरानों का गठबंधन करने, बिज़नेस नेटवर्किंग, प्रोडक्ट सोर्सिंग और सबसे बढ़कर उत्पादों और सेवा प्रदाताओं की विस्तृत श्रृंखला के प्राथमिक उत्पादकों के साथ बातचीत करने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।
  • IICTF सहकारी समितियों द्वारा देश के सभी सदस्यों को प्रत्यक्ष लाभ पहुँचाने के साथ ही निर्यात को बढ़ावा देने हेतु प्रमुख मंच होगा जिसमें मुख्य रूप से किसान, कारीगर, महिलाएँ, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति लोग आदि शामिल होंगे।

नासा का पंच (PUNCH) मिशन

नासा (NASA) ने अपने PUNCH मिशन का नेतृत्व करने के लिये टेक्सास स्थित साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (Southwest Research Institute) का चयन किया है जो सूर्य को प्रतिबिंबित करेगा।

Punch mission

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (Indian Institute of Astrophysics) के सौर भौतिक विज्ञानी दीपांकर बनर्जी को भी PUNCH मिशन के सह-अन्वेषक के रूप में चुना गया है। जो PUNCH मिशन के तहत सौर हवाओं की गति तेज़ होने के कारणों का अध्ययन करेंगे और इसके अलावा सूर्य के ध्रुवीय क्षेत्रों के बारे में अध्ययन करेंगे।
  • यह एक महत्त्वपूर्ण मिशन है जो सूर्य के बाहरी कोरोना (corona) से परे के क्षेत्रों की छवि बनाएगा या उन्हें प्रतिबिंबित करेगा।
  • PUNCH का पूरा नाम ‘Polarimeter to Unify the Corona and Heliosphere’ है। यह सूर्य के बाहरी कोरोना से सौर हवा में कणों के संक्रमण के अध्ययन पर केंद्रित है।
  • PUNCH में सूटकेस-आकार के चार सूक्ष्म सेटेलाइट शामिल होंगे जो पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे और अध्ययन करेंगे कि कोरोना, जो कि सूर्य का वातावरण है, अंतर-ग्रहीय माध्यम से किस प्रकार जुड़ा हुआ है।
  • इसके अलावा PUNCH और भारतीय मिशन आदित्य (आदित्य) के संयुक्त निष्कर्षों के आधार पर सूर्य का अवलोकन करने की भी योजना बनाई जा रही है।

भारत सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने के लिये आदित्य-एल 1 (Aditya L-1) नामक मिशन की योजना बना रहा है।

कोरोना (Corona):

  • सूर्य के वर्णमंडल के वाह्य भाग को किरीट/कोरोना (Corona) कहते हैं।
  • पूर्ण सूर्यग्रहण के समय यह श्वेत वर्ण का होता है।
  • किरीट अत्यंत विस्तृत क्षेत्र में पाया जाता है।

Corona

सौर पवन: यह सौर कोरोनल पदार्थों की निरंतर धारा है जो सूरज से निकलती रहती है।

इंटरप्लेनेटरी मीडियम:

  • यह पतले बिखरे हुए पदार्थ हैं जो ग्रहों और सौर मंडल के अन्य निकायों, साथ ही साथ बलों (जैसे, चुंबकीय और विद्युत) के बीच मौजूद होते हैं तथा अंतरिक्ष में व्याप्त रहते हैं।
  • इसके भौतिक घटकों में उदासीन हाइड्रोजन, प्लाज्मा गैस शामिल होती है।

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