इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 02 Feb, 2022
  • 12 min read
प्रारंभिक परीक्षा

भारतीय तटरक्षक बल

भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने 01 फरवरी, 2022 को अपना 46वाँ स्थापना दिवस मनाया।  

  • ICG की स्थापना अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी।
  • विश्व में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट की सुरक्षा और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ICG के कार्य:

  • पृष्ठभूमि:
    • यह रक्षा मंत्रालय के तहत कार्यरत एक सशस्त्र बल, खोज और बचाव एवं समुद्री कानून प्रवर्तन एजेंसी है।
    • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
    • ICG के गठन की अवधारणा वर्ष 1971 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई।
    • रुस्तमजी समिति द्वारा एक बहु-आयामी तटरक्षक के लिये दूरदर्शी खाका तैयार किया गया था।
    • प्रभावी कमान एवं नियंत्रण हेतु भारत के समुद्री क्षेत्रों को पाँच तटरक्षक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिसमें उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, पूर्व, उत्तर-पूर्व और अंडमान एवं निकोबार शामिल हैं, इनके मुख्यालय क्रमशः गांधीनगर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और पोर्ट ब्लेयर में स्थित हैं।
  • कार्य:
    • तस्करी को रोकना: ICG के प्राथमिक कर्तव्यों में से एक समुद्री मार्गों से तस्करी को रोकना है।
      • सन्निहित क्षेत्र और अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone-EEZ) सहित भारत के क्षेत्रीय जल पर इसका अधिकार क्षेत्र है।
      • यह भारत के समुद्री क्षेत्रों में समुद्री पर्यावरण संरक्षण के लिये ज़िम्मेदार है और भारतीय जल क्षेत्र में तेल रिसाव की प्रतिक्रिया हेतु प्राधिकरण के साथ समन्वय कर रहा है।
    • नागरिक को सहायता: इसने अपने विभिन्न कार्यों के दौरान अब तक लगभग 13,000 नागरिकों को बचाया है। हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में बाढ़, चक्रवात एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी नागरिकों को सहायता प्रदान की।
      • यह एक मज़बूत तटीय सुरक्षा तंत्र स्थापित करने के लिये केंद्र और राज्य एजेंसियों के साथ निकट समन्वय में कार्य कर रहा है।
    • समुद्री सुरक्षा: यह अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने और अपने अधिकार वाले क्षेत्र के साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने हेतु  तटवर्ती देशों के साथ भी सहयोग करता है।
      • सागर पहल (Security and Growth for All in the Region-SAGAR) तथा नेबरहुड फर्स्ट (Neighbourhood First) की नीति के तहत ICG ने महासागरों में व्यावसायिक संबंधों का विकास किया है और महासागर शांति स्थापना के लिये हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ संबंध स्थापित किये हैं।
    • आपदा प्रबंधन में भूमिका: ICG ने बड़ी पारिस्थितिक आपदाओं के दौरान सफलतापूर्वक सुरक्षा प्रदान की है और इस क्षेत्र में 'प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता' ( ‘First Responder) के रूप में उभरा है।
      • उदाहरण के लिये आईसीजी ने हाल ही में श्रीलंका तट पर "सागर आरक्षा-II" के रासायनिक वाहक एमवी एक्स-प्रेस पर्ल जहाज़ पर आग बुझाकर गंभीर पारिस्थितिक आपदा को सफलतापूर्वक टाल दिया।  

स्रोत: पी.आई.बी. 


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 02 फरवरी, 2022

विश्व आर्द्रभूमि दिवस

हमारे गृह (पृथ्वी) के लिये आर्द्रभूमि की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रतिवर्ष 02 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस का आयोजन किया जाता है। इसी दिन वर्ष 1971 में ईरान के शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर ‘कन्वेंशन ऑन वेटलैंड ऑफ इंटरनेशनल इंपोर्टेंस’ (रामसर कन्वेंशन) पर हस्ताक्षर किये गए थे। विश्व आर्द्रभूमि दिवस का आयोजन पहली बार 02 फरवरी, 1997 को रामसर सम्मेलन के 16 वर्ष पूरे होने के अवसर पर किया गया था। विश्व आर्द्रभूमि दिवस आम लोगों को प्रकृति के लिये आर्द्रभूमि के महत्त्व को पहचानने का अवसर प्रदान करता है। वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘वेटलैंड एक्शन फॉर पीपल्स एंड नेचर’, वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम थी- ‘आर्द्रभूमि और जल’ तथा वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम थी- 2020- ‘आर्द्रभूमि और जैव विविधता’। नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को आर्द्रभूमि या वेटलैंड (Wetland) कहा जाता है। दरअसल, आर्द्रभूमि वे क्षेत्र हैं जहाँ भरपूर नमी पाई जाती है और इसके कई लाभ भी हैं। आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है। आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो वर्ष भर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है। भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है।

वन क्षेत्र 

हाल ही में आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा जारी आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि भारत वन क्षेत्र वृद्धि के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर है। भारत में  वर्ष 2010 से वर्ष 2020 के बीच हर वर्ष  2,66,000 हेक्टेयर वन क्षेत्र की वृद्धि हुई है। भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 24% भाग वनों से आच्छादित है। भारत में विश्व के कुल वनों का 2% वन क्षेत्र पाया जाता है। सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वाधिक वन वाले देश ब्राज़ील, कांगो, पेरू और रूस हैं। ब्राज़ील की कुल भूमि का 59% भाग वनों से आच्छादित है। पेरू का 57%, कांगो का  56% और रूस का 50% भाग वन आच्छादित है। लगभग दस देशों ने वैश्विक वनों में 66% का योगदान दिया। भारत में मध्य प्रदेश में सबसे अधिक वन क्षेत्र है। मध्य प्रदेश में भारत के कुल वन क्षेत्र का 11% हिस्सा है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश का स्थान है जिसमें देश के कुल वन क्षेत्र का 9% हिस्सा है। छत्तीसगढ़ में 8%, ओडिशा में 7% और महाराष्ट्र में 7% हिस्सा है। राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में वन आवरण के मामले में शीर्ष पाँच राज्य: मिज़ोरम- 85%, अरुणाचल प्रदेश- 79%, मेघालय- 76%, मणिपुर- 74% और नागालैंड- 74% हैं। वर्ष  2011 और 2021 के बीच भारत में अत्याधिक सघन वन क्षेत्र में 20% की वृद्धि तथा खुले वन क्षेत्र में 7% की वृद्धि हुई है। शब्द 'वन क्षेत्र' (Forest Area) सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, भूमि की कानूनी स्थिति को दर्शाता है, जबकि 'वन आवरण' (Forest Cover) शब्द किसी भी भूमि पर पेड़ों की उपस्थिति को दर्शाता है।

HERMES मिशन 

हाल ही में नासा द्वारा HERMES मिशन के संदर्भ में एक महत्त्वपूर्ण मिशन समीक्षा पारित की गई। HERMES का अर्थ ‘Heliophysics Environmental and Radiation Measurement Experiment Suite’ है। समीक्षा में नवंबर 2024 तक लॉन्च  के लिये मिशन के प्रारंभिक डिज़ाइन और कार्यक्रम योजना का मूल्यांकन किया गया। HERMES मिशन एक 4-इंस्ट्रूमेंट सूट है जिसे नासा के मून-ऑर्बिटिंग गेटवे के बाहर लगाया जाएगा। यह मिशन आर्टेमिस मिशन के साथ-साथ नासा के चंद्रमा पर एक स्थायी उपस्थिति बनाने के लक्ष्यों का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा होगा। मिशन अंतरिक्ष मौसम की निगरानी और सूर्य द्वारा संचालित अंतरिक्ष में उतार-चढ़ाव की स्थिति का पता लगाने में मदद करेगा। अंतरिक्ष मौसम में निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल होती हैं जैसे- कणों और चुंबकीय क्षेत्रों की निरंतर धारा, बिलियन टन गैस के बादलों का विस्फोट जिसे कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है तथा सौर ज्वालाओं से अत्यधिक-उज्ज्वल प्रकाश की चमक।

इनमें से कुछ अंतरिक्ष मौसम की घटनाएंँ अंतरिक्ष यात्रियों और रोबोटिक मिशनों के लिये खतरे पैदा करती हैं। HERMES विशेष रूप से परिवर्तनशील वातावरण में इन मौसम की घटनाओं का अध्ययन करेगा। 

पी.आर. श्रीजेश

हाल ही में भारतीय हॉकी गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश को  ‘वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर, 2021’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वे यह पुरस्कार पाने वाले दूसरे भारतीय तथा दूसरे हॉकी खिलाड़ी हैं। इससे पूर्व भारत की महिला कप्तान रानी ने वर्ष 2019 में यह पुरस्कार जीता था। पी.आर. श्रीजेश पुरुष हाॅकी टीम का हिस्सा थे जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। वर्ल्ड गेम्स (World Games) एक बहु-खेल आयोजन है जिसे हर चार वर्ष में “अंतर्राष्ट्रीय विश्व खेल संघ” द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सहयोग से आयोजित किया जाता है। इन  खेलों का आयोजन 11 दिनों की अवधि के लिये किया जाता है जिसमें 30 से अधिक खेलों को शामिल किया जाता है।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2