प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स: 01 दिसंबर, 2020
पीकॉक सॉफ्ट-शेल्ड कछुआ
Peacock Soft-shelled Turtle
हाल ही में असम के सिलचर में मछली बाज़ार से ‘पीकॉक सॉफ्ट-शेल्ड कछुआ’ (Peacock Soft-shelled Turtle) को बचाया गया है।
प्रमुख बिंदु:
- वैज्ञानिक नाम: निल्सोनिया हर्म (Nilssonia hurum)
- विशेषताएँ:
- इस कछुए का सिर बड़ा, निचले थूथन के साथ, हल्के एवं अंडाकार पृष्ठवर्म जो कभी-कभी पीले रंग के साथ गहरे काले रंग का होता है।
- सिर एवं अंग का रंग ओलिव ग्रीन होता है, सिर विशेषकर आँखों के पीछे एवं थूथन के आगे गहरे रंग के निशान एवं बड़े पीले या नारंगी धब्बे होते हैं।
- नर कछुए, मादा की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक लंबे एवं मोटे होते हैं।
- पर्यावास:
- यह प्रजाति भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान तक ही सीमित है।
- भारत में यह उत्तरी एवं मध्य भागों में व्यापक रूप से पाई जाती है।
- ये नदी, नालों, झीलों और तालाबों के तल में कीचड़ या रेत में पाए जाते हैं।
- प्रमुख खतरे:
- इसके मांस एवं कैलीपी (Calipee) के लिये इन प्रजातियों का अत्यधिक शिकार किया जाता है। कैलीपी, शैल/खोल/आवरण का बाहरी ‘कार्टिलेजिनस रिम’ (Cartilaginous Rim) है।
- गंगा नदी में पाए जाने वाले सभी बड़े नदी कछुओं की तरह ही इन प्रजातियों के लिये भी सामान्य खतरा है, जिनमें मछली के भंडार में कमी अर्थात् ओवरफिशिंग, प्रदूषण, नदी यातायात में वृद्धि, और रेत-खनन सहित अन्य कारक शामिल हैं।
- संरक्षण की स्थिति:
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची I (Schedule I)
- IUCN की रेड लिस्ट: सुभेद्य (Vulnerable)
- CITES: परिशिष्ट I (Appendix I)
विश्व एड्स दिवस 2020
World AIDS Day 2020
पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को 'विश्व एड्स दिवस' (World AIDS Day) मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु:
- इसकी शुरुआत वर्ष 1988 में 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' (WHO) द्वारा की गई थी और यह 'एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम' (एड्स) के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पहला 'वैश्विक स्वास्थ्य दिवस' था।
- एड्स, 'ह्यूमन इम्यूनो वायरस' (एचआईवी) के संक्रमण के कारण होने वाली एक महामारी है, जो मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती है।
- वर्ष 2019 में एचआईवी तथा उससे संबंधित कारणों की वजह से 6,90,000 लोगों की मृत्यु हो गई तथा 17 लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए। इनमें से लगभग 62% संक्रमण के मामले घनी आबादी वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तथा उनके साथियों में देखे गए।
- वर्ष 2020 की थीम: ‘वैश्विक एकजुटता, लोचशील एचआईवी सेवाएँ।’
- 'विश्व एड्स दिवस'-2020 पर WHO द्वारा वैश्विक नेताओं और नागरिकों से एचआईवी के खिलाफ प्रतिक्रिया पर COVID-19 द्वारा उत्पन्न चुनौतियों को दूर करने में 'वैश्विक एकजुटता' प्रदर्शित करने के लिये एक रैली में भाग लेने का आह्वान किया गया है।
- महामारी के कारण एचआईवी की रोकथाम, परीक्षण, उपचार और देखभाल सेवाएँ आदि नाजुक स्वास्थ्य प्रणालियों वाले देशों सहित सभी देशों में बाधित हो रही हैं।
- स्वास्थ्य सेवाओं के बाधित होने से विश्व द्वारा एड्स के खिलाफ वर्ष 2020 के निर्धारित लक्ष्य '90-90-90' को प्राप्त करना मुश्किल है:
- इस लक्ष्य के अनुसार, यह सुनिश्चित किया जाना है कि 90 प्रतिशत लोग अपनी HIV स्थिति जान सकें, पॉज़िटिव HIV वाले 90 प्रतिशत लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँच सकें और इलाज तक पहुँच प्राप्त 90 प्रतिशत लोगों में इस वायरस के दबाव को कम किया जा सके।
- इन सेवाओं के बाधित होने से एचआईवी संक्रमण और एड्स से होने वाली मौतों के कारण बड़ी आबादी प्रभावित हो सकती है और इन मध्यवर्ती लक्ष्यों को प्राप्त न करने से वर्ष 2030 तक एड्स के उन्मूलन का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो जाएगा।
- वर्ष 2020 को 'नर्स और मिडवाइफ के लिये अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' के रूप में नामित किया गया है। यह वर्ष उन स्वास्थ्य कर्मियों जो कि लंबे समय से एचआईवी सेवाओं के वितरण की अग्रिम पंक्ति में कार्यरत हैं, को अधिक सुरक्षा और समर्थन का आह्वान करता है।
महत्त्व:
- विश्व एड्स दिवस अंतर्राष्ट्रीय समुदायों तथा सरकारों को याद दिलाता है कि एचआईवी का अभी पूरी तरह से उन्मूलन किया जाना बाकी है। इस दिशा में अधिक धन जुटाने, जागरूकता बढ़ाने, पूर्वाग्रह को समाप्त करने और साथ ही लोगों को इस बारे में शिक्षित किया जाना महत्त्वपूर्ण है।
- यह दिवस दुनिया भर में एचआईवी ग्रसित लाखों लोगों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर प्रदान करता है।