प्रारंभिक परीक्षा
लोकटक झील
हाल ही में मणिपुर के लोकटक झील प्राधिकरण ने लोकटक झील पर सभी फ्लोटिंग हाउस और मछली पकड़ने से संबंधित ढाँचों को हटाने के लिये एक नोटिस जारी किया है।
- स्थानीय मत्स्य पालन समुदाय और होम-स्टे संचालकों ने इस निर्णय का पुरज़ोर विरोध किया।
संबंधित मुद्दे:
- झील से संबंधित नियमन का अभाव।
- नव-निर्मित घरों और झोंपड़ियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है; परिणामस्वरूप इसने झील पारिस्थितिकी तंत्र को खतरे में डाल दिया है, और पर्यावरण को भी प्रभावित किया है।
- वर्ष 1983 में शुरू की गई एक प्रमुख जलविद्युत परियोजना के कारण भी इस झील में मछली के उत्पादन और पारंपरिक मत्स्य पालन में भारी कमी आई है।
- इसके अलावा बाढ़ और अनुपचारित नदियों द्वारा तलछट एवं प्रदूषकों के बढ़ते स्तर के कारण कृषि-योग्य भूमि को हानि पहुँची है।
लोकटक झील:
- परिचय:
- यह इम्फाल से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।
- लोकटक झील पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मीठे जल की झील है, जो जल की सतह के ऊपर तैरती फुमडी के लिये प्रसिद्ध है।
- यह झील अपने तैरते वृत्ताकार दलदलों (स्वैंप) के लिये जानी जाती है, जिन्हें स्थानीय भाषा में फुमडी कहा जाता है।
- यह झील अपनी अलौकिक सुंदरता के कारण दूर-दूर से पर्यटकों को आकर्षित करती है।
- ये दलदल द्वीपों के सदृश लगते हैं जो मिट्टी, कार्बनिक पदार्थ और वनस्पतियों के इकट्ठे होने से निर्मित हुए हैं।
- यह दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान है, लोकटक झील पर स्थित केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान मणिपुर का डांसिंग डियर 'सांगई' (Rucervus eldii eldii), जो कि मणिपुर का राज्य पशु है, का अंतिम प्राकृतिक आवास है।
- इसके अलावा झील जलीय पौधों की लगभग 230 प्रजातियों, 100 प्रकार के पक्षियों तथा 400 प्रजातियों के जीवों जैसे- बार्किंग डियर, सांभर और भारतीय अजगर को आश्रय प्रदान करती है।
- पारिस्थितिक स्थिति और इसके जैवविविधता मूल्यों को ध्यान में रखते हुए लोकटक झील को वर्ष 1990 में रामसर अभिसमय के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया था।
- बाद में इसे वर्ष 1993 में मॉन्ट्रेक्स रिकॉर्ड के तहत भी सूचीबद्ध किया गया था।
आगे की राह
- चूँकि अधिकांश फ्लोटिंग होम-स्टे संचालक शिक्षित बेरोज़गार युवा हैं, इसलिये सरकारी प्राधिकरणों को उनकी न्याय-निर्णयन प्रक्रिया को सरल बनाने एवं आवश्यक परिवर्तनों हेतु सुझाव देना चाहिये।
- इसके अलावा इसके संरक्षण और रखरखाव में योगदान करने के लिये प्रत्येक हितधारक की सामूहिक ज़िम्मेदारी की आवश्यकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा एक नेशनल पार्क इसलिये अनूठा है कि वह एक प्लवमान (फ्लोटिंग) वनस्पति से युक्त अनूप (स्वैंप) होने के कारण समृद्ध जैवविविधता को बढ़ावा देता है? (2015) (a) भीतरकणिका नेशनल पार्क उत्तर: B व्याख्या:
प्रश्न: आर्द्रभूमि क्या है? आर्द्रभूमि संरक्षण के संदर्भ में 'बुद्धिमान उपयोग' की रामसर अवधारणा की व्याख्या कीजिये। भारत के रामसर स्थलों के दो उदाहरण दीजिये। (2018, मुख्य परीक्षा) |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
प्रारंभिक परीक्षा
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन
हाल ही में केंद्र सरकार के मंत्रालयोंं के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (National E-Governance Service Delivery Assessment-NeSDA) मेंं गृह मंत्रालय की वेबसाइट को केंद्रीय मंत्रालय सेवाओं के पोर्टल में प्रथम स्थान और डिजिटल पुलिस पोर्टल को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन:
- परिचय:
- यह एक आवधिक मूल्यांकन है जिसका उद्देश्य नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं के वितरण में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र सरकार की प्रभावशीलता में सुधार करना है।
- यह कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।
- इस आकलन में सेवा पोर्टलों का मूल्यांकन उनके मूल मंत्रालय/पोर्टल विभाग के साथ किया गया था।
- यह आकलन प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) ने अपने नॉलेज पार्टनर्स नैसकॉम (NASSCOM) और केपीएमजी (KPMG) के साथ मिलकर वर्ष 2021 में किया था।
- NeSDA 2021, NeSDA का दूसरा संस्करण है, पहला संस्करण वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था और यह एक द्विवार्षिक अध्ययन है।
- पोर्टल का वर्गीकरण:
- सभी सरकारी पोर्टल जिनका मूल्यांकन किया गया उन्हें दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- राज्य/संघ शासित प्रदेश/केंद्रीय मंत्रालय पोर्टल
- राज्य/संघ शासित प्रदेश/केंद्रीय मंत्रालय सेवाओं के पोर्टल
- सभी सरकारी पोर्टल जिनका मूल्यांकन किया गया उन्हें दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- मापदंड:
- मूल्यांकन के चार मुख्य मापदंड थे:
- पहुँच
- सामग्री उपलब्धता
- उपयोग में आसानी और सूचना की सुरक्षा
- केंद्रीय मंत्रालय के पोर्टलों के लिये गोपनीयता
- केंद्रीय मंत्रालय के सुविधा पोर्टलों के लिये तीन अतिरिक्त मापदंडों का उपयोग किया गया:
- लक्षित सेवा वितरण
- एकीकृत सेवा वितरण
- स्थिति और अनुरोध ट्रैकिंग
- मूल्यांकन के चार मुख्य मापदंड थे:
- NeSDA 2021 का नवीनतम मूल्यांकन:
- गृह मंत्रालय के मामले में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डिजिटल पुलिस पोर्टल को सेवा पोर्टल के तहत मूल्यांकन के लिये चुना गया था।
- तद्नुसार, गृह मंत्रालय की मुख्य वेबसाइट को मूल्यांकन के लिये मूल मंत्रालय पोर्टल के रूप में चुना गया था।
- राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पोर्टल की श्रेणी में समूह A राज्यों में- केरल सबसे आगे रहा और तमिलनाडु ने प्रगति दर्ज की तथा उसके बाद पंजाब का स्थान रहा।
- समूह B राज्यों में- ओडिशा शीर्ष पर है और उसके बाद उत्तर प्रदेश तथा बिहार का स्थान है।
- पूर्वोत्तर राज्यों में नगालैंड, मेघालय और असम शीर्ष पर हैं।
- केंद्रशासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर सबसे ऊपर है, उसके बाद अंडमान तथा निकोबार, पुद्दुचेरी, दिल्ली और चंडीगढ़ का स्थान है।
स्रोत: पी.आई.बी.
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 अगस्त, 2022
मुस्लिम महिला अधिकार
1 अगस्त को भारत में मुस्लिम महिला अधिकार दिवस (Muslim Women Rights Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस 1 अगस्त को तीन तलाक बिल की पृष्ठभूमि में मनाया जाता है, जिसे 1 अगस्त, 2019 को संसद से मंज़ूरी मिली थी। तीन तलाक बिल, मुस्लिम महिलाओं को तलाक की शर्तों की सामाजिक बुराई की बेड़ियों से मुक्त करने में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है। शाह बानो बेगम एवं अन्य बनाम मो. अहमद खान’ तथा ‘शायरा बानो बनाम भारत संघ और अन्य’ ने इस कदम की आधारशिला रखी। शायरा बानो ने अपनी रिट याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से तीन प्रथाओं तलाक-ए-बिद्दत, बहुविवाह, निकाह-हलाला को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी। संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 तथा अनुच्छेद 25 के उल्लंघन के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। तीन तलाक कानून ने ‘तीन तलाक’ को एक आपराधिक कृत्य घोषित किया। इस कानून को एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जाता है क्योंकि इसने ‘तलाक’ की प्रथा को कानूनी रूप से अपराध घोषित करके लैंगिक असमानता के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण को सुनिश्चित किया। इसलिये इस दिन को मुस्लिम महिला अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह कानून महिलाओं की आत्मनिर्भरता, आत्म-सम्मान को बढ़ावा देने का प्रयास करता है क्योंकि यह मुस्लिम महिलाओं के मौलिक और लोकतांत्रिक अधिकारों को मज़बूत करता है। तीन तलाक कानून के तहत तलाक की घोषणा को संज्ञेय अपराध (cognizable offence) माना जाएगा। इस कानून में ज़ुर्माने के साथ-साथ 3 साल के कैद की सज़ा का प्रावधान है। मिस्र वर्ष 1929 में तीन तलाक पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश था। मिस्र के बाद सूडान, पाकिस्तान (वर्ष 1956 में), मलेशिया (वर्ष 1969 में), बांग्लादेश (वर्ष 1972 में), इराक (वर्ष 1959 में) और सीरिया (वर्ष 1953 में) में भी तीन तलाक को प्रतिबंधित किया गया है। हाल के वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात, मोरक्को, ईरान, साइप्रस, कतर, जॉर्डन, ब्रुनेई, अल्जीरिया तथा साथ ही भारत ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत में कानून पारित होने के बाद से तीन तलाक के मामलों में 82% की कमी आई है।
शहीद उधम सिंह
हाल ही में प्रधानमंत्री ने शहीद उधम सिंह की पुण्यतिथि 31 जुलाई, 2022 को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना सर्वस्व देश के लिये न्यौछावर कर दिया। उधम सिंह वर्ष 1899 में पंजाब के संगरूर ज़िले के सुनाम में पैदा हुए, उन्हें ‘शहीद-ए-आजम’ सरदार उधम सिंह भी कहा जाता है जिसका अर्थ है 'महान शहीद'। इन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है। 13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला हत्याकांड से प्रभावित होकर वे क्रांतिकारी गतिविधियों और राजनीति में सक्रिय हो गए। वे भगत सिंह से बहुत प्रभावित थे। वे वर्ष 1924 में औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से प्रवासी भारतीयों को संगठित करने के लिये गदर पार्टी में शामिल हुए। वर्ष 1927 में क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये सहयोगियों और हथियारों के साथ भारत लौटते समय उन्हें अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तथा पाँच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई। 13 मार्च, 1940 को उधम सिंह ने ईस्ट इंडिया एसोसिएशन और रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी की कैक्सटन हिल में एक बैठक में जनरल डायर के स्थान पर माइकल ओ'डायर को गोली मार दी। उधम सिंह को मौत की सज़ा सुनाई गई और 31 जुलाई, 1940 को लंदन के पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।
इंडिया हाउस
हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (RIL) ने पेरिस ओलंपिक 2024 में पहली बार इंडिया हाउस स्थापित करने हेतु भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के साथ भागीदारी की है। RIL-IOA साझेदारी भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन को बढ़ाने पर केंद्रित है। साथ ही साझेदारी भविष्य में ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करने एवं वैश्विक खेल राष्ट्र के रूप में भारत की साख का निर्माण करने में सहयोग करेगी। RIL एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक खेलों जैसे प्रमुख बहु-खेल आयोजनों में भारतीय एथलीटों का भी सहयोग करेगी। इसके अलावा भारत, पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले जून 2023 में मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में 140वें प्रतिष्ठित IOC सत्र की मेज़बानी करेगा। खेल शासन के भारतीय मॉडल में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (MYAS), भारतीय ओलंपिक संघ (IOA), राज्य ओलंपिक संघ (SOA), राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSF), भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) जैसे कई हितधारक शामिल हैं।