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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 01 Jul, 2021
  • 11 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 01 जुलाई, 2021

गिंडी राष्ट्रीय उद्यान: तमिलनाडु

(Guindy National Park: Tamil Nadu)

चेन्नई स्थित गिंडी राष्ट्रीय उद्यान (तमिलनाडु) शहर के लोगों को विभिन्न पारितंत्र सेवाएँ (Ecosystem Services) प्रदान करता है।

  • पारितंत्र सेवाओं का आशय मानव कल्याण के लिये पारिस्थितिक तंत्र के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष योगदान से है।

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प्रमुख बिंदु

गिंडी राष्ट्रीय उद्यान

  • यह भारत का आठवाँ सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है और उन चुनिंदा राष्ट्रीय उद्यानों में से भी एक है, जो शहर के अंदर अवस्थित हैं। यह चेन्नई के महानगरीय क्षेत्र के मध्य में स्थित है।
  • यह कोरोमंडल तट के उष्णकटिबंधीय शुष्क सदाबहार वनों के अंतिम हिस्सों में से एक है।
  • गिंडी राष्ट्रीय उद्यान की लगभग 22 एकड़ जमीन को बाह्य-स्थाने संरक्षण (Ex Situ Conservation) के लिये चिल्ड्रन पार्क के रूप में परिवर्तित किया गया है।
  • गिंडी सर्प उद्यान, गिंडी राष्ट्रीय उद्यान के साथ ही स्थित है। इसे वर्ष 1995 में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (Central Zoo Authority- CZA) से एक मध्यम चिड़ियाघर के रूप में वैधानिक मान्यता प्राप्त हुई थी।
  • वर्ष 1978 में इस छोटे क्षेत्र, जिसे पूर्व में गिंडी डियर पार्क के नाम से जाना जाता था, को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।

वनस्पति और प्राणीजगत:

  • इसमें वृक्षों की 30 से अधिक प्रजातियाँ और कई शताब्दी पुराने विशाल बरगद के वृक्ष मौजूद हैं।
  • साथ ही इसमें काले हिरण, चित्तीदार हिरण, सियार, साँपों की भिन्न-भिन्न प्रजातियाँ, पक्षियों की 100 से अधिक प्रजातियाँ और तितलियों की 60 से अधिक प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं।

तमिलनाडु के अन्य राष्ट्रीय उद्यान:

बाह्य-स्थाने और स्व-स्थाने संरक्षण

  • बाह्य-स्थाने (एक्स सीटू) संरक्षण का आशय वनस्पति या जीवों के उनके प्राकृतिक आवास या मूल वातावरण के बाहर एक अलग स्थान पर संरक्षित करने से है।
    • संरक्षण की इस पद्धति के अंतर्गत जीन बैंक, बीज बैंक आदि का रखरखाव शामिल है।
  • स्व-स्थाने (इन सीटू) संरक्षण का आशय वनस्पति या जीवों को उनके प्राकृतिक आवासों में संरक्षित करने से है।
    • इस पद्धति के अंतर्गत वन्यजीव अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों आदि के रूप में प्राकृतिक आवासों का रखरखाव शामिल है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 जुलाई, 2021

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस

प्रतिवर्ष इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा 01 जुलाई को ‘राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय की जयंती एवं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिवस उन सभी डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित है, जो कोविड-19 महामारी जैसे इस चुनौतीपूर्ण समय में भी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी ने एक बार पुनः दुनिया भर के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा किये गए योगदान और बलिदान को याद करने का अवसर प्रदान किया है। यह दिवस पहली बार 1991 में मानवता की सेवा में बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बी.सी. रॉय के योगदान को मान्यता देने के लिये मनाया गया था। डॉ. रॉय एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे, जिन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उनका जन्म 1 जुलाई, 1882 को हुआ था और इसी तारीख को वर्ष 1962 में उनकी मृत्यु हुई। उन्हें 4 फरवरी, 1961 को भारत रत्न सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने जादवपुर टीबी अस्पताल, कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल, विक्टोरिया इंस्टीट्यूशन (कॉलेज), चित्तरंजन कैंसर अस्पताल और महिलाओं व बच्चों के लिये चित्तरंजन सेवा सदन जैसे चिकित्सा संस्थानों की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे, जो बाद में पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री बने। 

अभिमन्यु मिश्रा

भारतीय मूल के 12 वर्षीय अभिमन्यु मिश्रा हाल ही में शतरंज में सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए हैं। अमेरिका के ‘न्यू जर्सी’ के अभिमन्यु मिश्रा ने वर्ष 2002 में ग्रैंडमास्टर सर्गेई कारजाकिन द्वारा बनाए गए 12 वर्ष, 7 महीने के रिकॉर्ड को तोड़ा दिया है। अभिमन्यु मिश्रा ने यह रिकॉर्ड 12 वर्ष, 4 माह की आयु में स्थापित किया है। इससे पूर्व 12 अगस्त, 2002 को सर्गेई कारजाकिन ने 12 वर्ष और 7 महीने की आयु में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया था। 5 फरवरी, 2009 को जन्मे अभिमन्यु मिश्रा ने 15 वर्षीय भारतीय ग्रैंडमास्टर लियोन ल्यूक मेंडोंका को हराकर शतरंज में यह सर्वोच्च खिताब हासिल किया है। गौरतलब है कि इससे पूर्व अभिमन्यु मिश्रा ने भारत के आर प्रज्ञानानंद के सबसे कम उम्र के अंतर्राष्ट्रीय मास्टर बनने का रिकॉर्ड तोड़ा था। अभिमन्यु मिश्रा ने वर्ष 2019 में यह खिताब तब जीता था जब उनकी आयु  10 वर्ष, 9 महीने और 20 दिन थी। इसके अलावा अभिमन्यु मिश्रा मात्र नौ वर्ष की आयु में अमेरिका में सबसे कम उम्र के नेशनल मास्टर भी बने थे। 

ग्लेशियल लेक एटलस

हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय ने गंगा नदी घाटी के लिये एक ‘ग्लेशियल लेक एटलस’ का विमोचन किया है। यह ‘ग्लेशियल लेक एटलस’ गंगा नदी घाटी में मौजूद हिमनद झीलों पर आधारित है जो इसके उद्गम स्थल से लेकर हिमालय की तलहटी तक 2,47,109 वर्ग किलोमीटर के जलग्रहण क्षेत्र को कवर करती हैं। गंगा नदी बेसिन के अध्ययन में भारतीय हिस्से के साथ-साथ सीमा पार क्षेत्र भी शामिल हैं। यह एटलस 0.25 हेक्टेयर से अधिक जल प्रसार क्षेत्र वाले गंगा नदी बेसिन के लिये एक व्यापक एवं व्यवस्थित हिमनद झील डेटाबेस प्रदान करता है। जलवायु परिवर्तन प्रभाव विश्लेषण के संदर्भ में परिवर्तन विश्लेषण के लिये भी एटलस को संदर्भ डेटा के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा यह इतिहास और भविष्य की किसी समय अवधि की तुलना के लिये भी उपयोगी होगा। यह एटलस क्षेत्रीय सीमा (विस्तार/संकुचन) में नियमित या आवधिक निगरानी परिवर्तनों और नई झीलों के निर्माण के लिये प्रामाणिक डेटाबेस भी प्रदान करता है। एटलस का उपयोग ग्लेशियर पर जलवायु प्रभाव अध्ययन के लिये भी किया जा सकता है।  ‘ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड’ (GLOF) के संभावित जोखिम का पता लगाने के लिये भी यह एटलस काफी महत्त्वपूर्ण साबित होगा। केंद्र और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण आपदा न्यूनीकरण योजना और संबंधित कार्यक्रम के लिये एटलस का उपयोग कर सकते हैं।

अमिताभ कांत

केंद्रीय थिंक टैंक ‘नीति आयोग’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में वरिष्ठ नौकरशाह अमिताभ कांत के कार्यकाल को एक वर्ष के लिये बढ़ा दिया गया है। केरल कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी अमिताभ कांत ने सरकार की कई नीतिगत पहलों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें 'मेक इन इंडिया,' 'स्टार्ट-अप इंडिया' और 'अतुल्य भारत' आदि शामिल हैं तथा हाल ही में नीति आयोग की ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ पहल का नेतृत्त्व कर रहे हैं। अमिताभ कांत कोविड प्रबंधन के लिये गठित एक टास्क फोर्स के अध्यक्ष के रूप में व्यापक पैमाने पर नागरिक समाज संगठनों के साथ भी जुड़े रहे। इससे पूर्व अमिताभ कांत को जून 2019 में इसी पद पर दो वर्ष का कार्यकाल विस्तार दिया गया था। भारत सरकार द्वारा एक 'नीतिगत थिंक टैंक' के रूप में ‘नीति आयोग’ की स्थापना 1 जनवरी, 2015 को की गई थी। नीति आयोग बैंकों के विनिवेश और निजीकरण समेत सरकार की विभिन्न पहलों के लिये प्रारंभिक ढाँचा तैयार कर नीति निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। नीति आयोग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।


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