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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 01 Feb, 2022
  • 12 min read
प्रारंभिक परीक्षा

बम चक्रवात

हाल ही में 'बम चक्रवात' पूर्वी अमेरिका से टकराया, इससे परिवहन संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं।

बम चक्रवात:

  • परिचय:
    • बम चक्रवात एक एक तीव्र मध्य अक्षांशीय चक्रवात है, इसके केंद्र में निम्न वायुदाब होता है और इसमें खराब मौसम एवं बर्फीले तूफान से लेकर तेज़ आँधी और भारी वर्षा तक मौसम के कई रूप देखने को मिलते हैं।
    • बम चक्रवात को पूर्वानुमानकर्ताओं द्वारा हाई अलर्ट पर रखा जाता है क्योंकि यह  अत्यधिक हानिकारक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है।
  • उत्पत्ति के कारण:
    • यह तब निर्मित हो सकता है जब ठंडी वायु का द्रव्यमान गर्मवायु के द्रव्यमान से टकराता है जैसे कि गर्म समुद्री जल के ऊपर की वायु। इस तेज़ी से मजबूत होने वाली मौसम प्रणाली का बनना एक प्रक्रिया है जिसे बॉम्बोजेनेसिस (Bombogenesis) कहा जाता है।
    • इसका निर्माण तब होता है जब एक मध्य अक्षांश चक्रवात तेज़ी से बढ़ता है तथा जिसमें 24 घंटों में कम-से-कम 24 मिलीबार की गिरावट आई हो।
      • ‘मिलीबार’ वायुमंडलीय दबाव को मापता है।

एक बम चक्रवात, हरिकेन से किस प्रकार भिन्न होता है?

  • हरिकेन’ (Hurricanes) उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बनते हैं और गर्म समुद्रों द्वारा संचालित होते हैं। इस कारण से वे गर्मियों के मौसम में काफी आम होते हैं, क्योंकि इस दौरान समुद्री जल गर्म होता है।
  • बम चक्रवात आमतौर पर ठंड के दौरान देखने को मिलते हैं, क्योंकि ये चक्रवात ठंडी और गर्म हवा के मिलन के कारण बनते हैं। गर्मियों के दौरान आमतौर पर पूरे वातावरण में अधिक ठंडी हवा नहीं होती है; इसका मतलब है कि तब एक बम चक्रवात उत्पन्न होने की संभावना बहुत कम होती है।
  • उष्णकटिबंधीय जल में तूफान बनते हैं, जबकि बम चक्रवात उत्तर-पश्चिमी अटलांटिक, उत्तर-पश्चिमी प्रशांत और कभी-कभी भूमध्य सागर के ऊपर बनते हैं।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

सेहत पहल

रक्षा मंत्रालय (MoD) ने सर्विसेज ई-हेल्थ असिस्टेंस एंड टेलीकंसल्टेशन (SeHAT) नामक एक ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श मंच के माध्यम से सेवानिवृत सैनिकों और सैन्यकर्मियों को सेवाएँ प्रदान करने के लिये दवाओं की होम डिलीवरी सेवा शुरू की है।

सेहत पहल (SeHAT Initiative)

  • यह रक्षा मंत्रालय की सेना के तीनों अंगों की एक टेलीकंसल्टेशन सेवा है जिसे सभी पात्र सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों के लिये बनाया गया है।
  • डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस के लिये सरकार की प्रतिबद्धता के तहत रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 27 मई, 2021 को सेहत का शुभारंभ किया।
  • इसका उद्देश्य मरीज़ो को उनके घरों में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है।
  • सेहत स्टे होम ओपीडी ई-संजीवनी की तर्ज पर सभी नागरिकों के लिये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा संचालित एक मुफ्त ओपीडी सेवा पर आधारित है।
  • सेहत स्टे होम ओपीडी (SeHATOPD) मरीज़ से लेकर डॉक्टर तक के लिये एक प्रणाली है जहाँ रोगी इंटरनेट के माध्यम से दूर से ही डॉक्टर से परामर्श कर सकता है।

स्रोत: पी.आई.बी.


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 फरवरी, 2022

भारतीय तटरक्षक बल स्थापना दिवस

भारतीय तटरक्षक बल 01 फरवरी, 2022 को अपना 46वाँ स्थापना दिवस मना रहा है। वर्ष 1978 में केवल 7 ज़मीनी प्लेटफॉर्मों के साथ एक साधारण शुरुआत से लेकर वर्तमान में भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में कुल 156 जहाज़ और 62 विमान शामिल हैं तथा अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2025 तक इसके बेड़े में 200 ज़मीनी प्लेटफॉर्म और 80 विमान शामिल होने की संभावना है। विश्व में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट की सुरक्षा और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके आदर्श वाक्य ‘वयम रक्षाम’ का अर्थ है ‘हम रक्षा करते हैं।’ भारतीय तटरक्षक बल ने 1977 में स्थापना के बाद से 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाने के साथ ही लगभग 14,000 असामाजिक तत्त्वों को गिरफ्त में लिया है। संगठन का नेतृत्त्व महानिदेशक भारतीय तटरक्षक बल (DGICG) द्वारा किया जाता है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। विदित हो कि भारतीय तटरक्षक बल जहाज़ों पर परिचालन भूमिका में महिला अधिकारियों की नियुक्ति करने वाला देश का पहला बल है। वर्तमान में के. नटराजन भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक हैं।

कल्पना चावला

प्रतिवर्ष 01 फरवरी को भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की पुण्यतिथि मनाई जाती है। ध्यातव्य है कि अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला के रूप में कल्पना चावला का इतिहास में एक विशिष्ट स्थान है। कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च, 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने वर्ष 1988 में एक शोधकर्त्ता के रूप में नासा (NASA) के साथ अपने कॅरियर की शुरुआत की। अप्रैल 1991 में अमेरिकी नागरिक बनने के पश्चात् उन्हें वर्ष 1994 में नासा (NASA) में बतौर अंतरिक्ष यात्री (Astronauts) चुन लिया गया। नवंबर 1996 में उन्हें अंतरिक्ष शटल मिशन STS-87 में मिशन विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया, जिसके साथ ही वे अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बन गईं। वर्ष 2000 में कल्पना चावला को अंतरिक्ष शटल मिशन STS-107 के चालक दल का सदस्य बनने का अवसर प्राप्त हुआ। इसी मिशन के दौरान दुर्घटना के कारण 01 फरवरी, 2003 को कल्पना चावला की मृत्यु हो गई।

जनरल जीएवी रेड्डी

लेफ्टिनेंट जनरल जीएवी रेड्डी को ‘रक्षा खुफिया एजेंसी’ (DIA) के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। वह लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ढिल्लों का स्थान लेंगे। रक्षा खुफिया एजेंसी का महानिदेशक संगठन का प्रमुख होता है और रक्षा मंत्री एवं रक्षा स्टाफ के प्रमुख के खुफिया सलाहकारों में से एक होता है। महानिदेशक का पद तीनों सशस्त्र सेवाओं के बीच रोटेशन के आधार पर तय होता है। डीआईए के पहले महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल कमल डावर थे, जो भारतीय सेना के मशीनीकृत बलों के पूर्व महानिदेशक थे। लेफ्टिनेंट जनरल जीएवी रेड्डी, जिन्होंने रक्षा खुफिया एजेंसी के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला, पूर्व में प्रतिष्ठित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA), गया के नौवें कमांडेंट के रूप में कार्यरत थे। रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) भारतीय सशस्त्र बलों को रक्षा और सैन्य खुफिया सुविधा प्रदान करने और समन्वय करने के लिये ज़िम्मेदार है। इसका गठन मार्च 2002 में किया गया था और इसे रक्षा मंत्रालय के उचित मार्गदर्शन में प्रशासित किया जाता है।

कर्नाटक के होयसल मंदिर

कर्नाटक के बेलूर, हलेबिड और सोमनाथपुरा के होयसल मंदिरों को वर्ष 2022-2023 के विश्व विरासत सूची के लिये भारतीय नामांकन के तौर पर शामिल किया गया है। होयसल के पवित्र स्मारक 15 अप्रैल, 2014 से यूनेस्को की संभावित सूची में हैं और भारत की समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल. वी. शर्मा ने औपचारिक रूप से होयसल मंदिरों का नामांकन यूनेस्को के विश्व धरोहर निदेशक लज़ारे एलौंडौ को सौंपा। होयसल मंदिर जो भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) का एक स्मारक है, को 12वीं शताब्दी में बनाया गया था। होयसल वास्तुकला 11वीं एवं 14वीं शताब्दी के बीच होयसल साम्राज्य के अंतर्गत विकसित एक वास्तुकला शैली है जो ज़्यादातर दक्षिणी कर्नाटक क्षेत्र में केंद्रित है। होयसल मंदिर, हाइब्रिड या बेसर शैली के अंतर्गत आते हैं क्योंकि उनकी अनूठी शैली न तो पूरी तरह से द्रविड़ है और न ही नागर।

होयसल मंदिरों में खंभे वाले हॉल के साथ एक साधारण आंतरिक कक्ष की बजाय एक केंद्रीय स्तंभ वाले हॉल के चारों ओर समूह में कई मंदिर शामिल होते हैं और यह संपूर्ण संरचना एक जटिल डिज़ाइन वाले तारे के आकार में होती है। होयसलेश्वर मंदिर (Hoysaleshvara Temple) जो कर्नाटक के हलेबिड में है, इसे 1150 ईस्वी में होयसल राजा द्वारा काले शिष्ट पत्थर (Dark Schist Stone) से बनवाया गया था। कर्नाटक के सोमनाथपुरा में चेन्नेकेशवा मंदिर (Chennakeshava Temple) जिसे नरसिम्हा III की देखरेख में 1268 ईस्वी के आसपास बनाया गया था। कर्नाटक के हसन ज़िले के बेलूर में केशव मंदिर (Kesava Temple) विष्णुवर्धन द्वारा निर्मित किया गया था।


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