नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 01 Feb, 2021
  • 9 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट् : 01 फरवरी, 2021

स्टार्स परियोजना

STARS Project

हाल ही में शिक्षा मंत्रालय की स्टार्स परियोजना (Strengthening Teaching-Learning and Results for States- STARS) के क्रियान्वयन को वित्तीय मदद प्रदान करने हेतु आर्थिक मामलों के विभाग और विश्व बैंक के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं।

  • इसके पूर्व केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने 14 अक्तूबर, 2020 को स्टार्स परियोजना के प्रस्ताव का अनुमोदन किया था। 

Stars-Yojana

प्रमुख बिंदु

  • लागत: स्टार्स परियोजना की कुल लागत 5718 करोड़ रुपए है। 
    • पाँच वर्ष की अवधि में विश्व बैंक द्वारा इस परियोजना के लिये 50 करोड़ डॉलर (लगभग 3700 करोड़ रुपए) की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। 
    • शेष राशि योजना में भागीदारी कर रहे राज्यों द्वारा उनके अंश के रूप में दी जाएगी।
  • क्रियान्वयन: स्टार्स परियोजना का क्रियान्वयन शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अंतर्गत नई केंद्रीय सहायता प्राप्त योजना के रूप में किया जाएगा।
    • स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग  इस परियोजना के लिये राष्ट्रीय स्तर पर मुख्य क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
    • राज्य स्तर पर परियोजना का क्रियान्वन समग्र शिक्षा की समेकित राज्य क्रियान्वयन सोसाइटी के माध्यम से किया जाएगा।
    • स्टार्स परियोजना समग्र शिक्षा के अंतर्गत मौजूदा संरचना में ही क्रियान्वित की जाएगी।
  • परियोजना में शामिल राज्य: इस परियोजना में छह राज्य- हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और ओडिशा शामिल हैं। 
    • परियोजना में शामिल राज्यों को शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के कदमों के लिये सहायता दी जाएगी।
  • स्टार्स के तहत विश्व बैंक की प्रस्तावित सहायता मूलत: परिणाम-आधारित वित्तीय उपकरण के रूप में है जिसे प्रोग्राम फॉर रिजल्ट्स (PRR) कहते हैं। 
  • परियोजना का लाभ: स्टार्स परियोजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विभिन्न अनुशंसाओं जैसे- आरंभिक बाल्यावस्था शिक्षा और आधारभूत शिक्षण, शिक्षण आकलन सुधार प्रणाली, शिक्षक विकास और व्यवसायपरक शिक्षा को लागू करने में सहायक बनेगी।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 फरवरी, 2021

भारतीय तटरक्षक बल स्थापना दिवस

भारतीय तटरक्षक बल 01 फरवरी, 2021 को अपना 45वाँ स्थापना दिवस मना रहा है। वर्ष 1978 में केवल 7 ज़मीनी प्लेटफार्मों के साथ एक साधारण शुरुआत से लेकर वर्तमान में भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में कुल 156 जहाज़ और 62 विमान शामिल हैं तथा अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2025 तक इसके बेड़े में 200 ज़मीनी प्लेटफॉर्म और 80 विमान शामिल होने की संभावना है। विश्व में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने भारतीय तट की सुरक्षा और भारत के समुद्री क्षेत्रों में नियमों को लागू करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका आदर्श वाक्य ‘वयम रक्षाम’ का अर्थ ‘हम रक्षा करते हैं।’ भारतीय तटरक्षक बल ने 1977 में स्थापना के बाद से 10,000 से अधिक लोगों की जान बचाने के साथ ही लगभग 14,000 असामाजिक तत्त्वों को गिरफ्त में लिया है। संगठन का नेतृत्त्व महानिदेशक भारतीय तटरक्षक बल (DGICG) द्वारा किया जाता है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। विदित हो कि भारतीय तटरक्षक बल जहाज़ों पर परिचालन भूमिका में महिला अधिकारियों की नियुक्ति करने वाला देश का पहला बल है। वर्तमान में के. नटराजन भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक हैं।

सेवामुक्त हुआ पोत ‘T-81’ 

सुपर डीवोरा एमके-2 श्रेणी के भारतीय नौसेना के फास्ट अटैक क्राफ्ट (IN FAC) ‘T-81’ को 20 वर्षों से अधिक समय तक सफलतापूर्वक राष्ट्र की सेवा करने के बाद 28 जनवरी, 2021 को मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में सेवामुक्त कर दिया गया। इज़राइल के मैसर्स रामता के सहयोग से 60 टन विस्थापन क्षमता तथा 25 मीटर लंबा यह पोत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में बनाया गया था। इसे गोवा के तत्कालीन गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल जे.एफ.आर. जैकब (सेवानिवृत्त) द्वारा 05 जून, 1999 को नौसेना में शामिल किया गया था। यह 45 नॉट तक की गति के साथ-साथ दिन/रात निगरानी करने, खोज तथा बचाव, समुद्र तट तक पहुँचने, समुद्री कमांडो को सुरक्षित निकालने तथा घुसपैठ करने वाले जहाज़ों का शीघ्र पता लगाने में सक्षम था। फास्ट अटैक क्राफ्ट (FAC) एक छोटा, तेज़, फुर्तीला और आक्रामक युद्धपोत है, जो एंटी-शिप मिसाइलों, बंदूकों और टॉरपीडो आदि से लैस होता है। इन्हें प्रायः भूमि के आस-पास ही संचालित किया जाता है। 

कल्पना चावला

प्रतिवर्ष 01 फरवरी को भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की पुण्यतिथि मनाई जाती है। ध्यातव्य है कि अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला के रूप में कल्पना चावला का इतिहास में एक विशिष्ट स्थान है। कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च, 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने वर्ष 1988 में एक शोधकर्त्ता के रूप में नासा (NASA) के साथ अपने कॅरियर की शुरुआत की। अप्रैल 1991 में अमेरिकी नागरिक बनने के पश्चात् उन्हें वर्ष 1994 में नासा (NASA) में बतौर अंतरिक्ष यात्री (Astronauts) चुन लिया गया। नवंबर 1996 में उन्हें अंतरिक्ष शटल मिशन STS-87 में मिशन विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किया गया, जिसके साथ ही वे अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बन गई। वर्ष 2000 में कल्पना चावला को अंतरिक्ष शटल मिशन STS-107 के चालक दल का सदस्य बनने का अवसर प्राप्त हुआ। इसी मिशन के दौरान दुर्घटना के कारण 01 फरवरी, 2003 को कल्पना चावला की मृत्यु हो गई।

‘टॉप 25’ अभियान

मुंबई पुलिस ने हिस्ट्रीशीटरों अथवा ऐसे लोगों, जो भविष्य में कानून-व्यवस्था पर संकट उत्पन्न कर सकते हैं, को नियंत्रित करने के लिये ‘टॉप 25’ नाम से एक अभियान शुरू किया है। मुंबई पुलिस ने शहर के 95 पुलिस स्टेशनों को अपने क्षेत्राधिकार में शीर्ष 25 आपराधिक तत्त्वों की एक सूची बनाने का आदेश दिया है, इसके बाद इन लोगों से ‘अच्छे व्यवहार’ संबंधी एक बाॅण्ड हस्ताक्षित कराने को कहा गया है, इस कार्य में विफल रहने पर उन्हें जुर्माना देना पड़ेगा। इस अभियान का उद्देश्य शहर में आपराधिक तत्त्वों पर लगाम लगाना और कानून व्यवस्था को बनाए रखना है।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow