एडिटोरियल (31 Dec, 2021)



क्रिप्टोकरेंसी से परे ब्लॉकचेन

यह एडिटोरियल 30/12/2021 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “Blockchain in Schools and Colleges” लेख पर आधारित है। इसमें शिक्षा के क्षेत्र में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के महत्त्व के संबंध में चर्चा की गई है।

संदर्भ

अब तक ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की चर्चा मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में ही होती रही है। यह एक ऐसी प्रौद्योगिकी के रूप में ज्ञात है जो दुनिया के बिटकॉइन (Bitcoins) और एथरियम (Ethereums) को सक्षम बनाता है।

हालाँकि अन्य प्रमुख क्षेत्रों को रूपांतरित करने में भी ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी पर्याप्त संभावनाएँ रखती है और एक ऐसा क्षेत्र जहाँ यह तकनीक वास्तव में क्रांति ला सकती है, वह शिक्षा है।

इस संदर्भ में भारत के प्रधानमंत्री ने हाल ही में डिजिटल रूपों में ब्लॉकचेन-आधारित शैक्षिक डिग्री प्रदान करने के लिये एक प्रणाली की शुरुआत की।

ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी और शिक्षा

  • ब्लॉकचेन के बारे में: ब्लॉकचेन को यह नाम डिजिटल डेटाबेस या लेज़र के आधार पर दिया गया है जहाँ सूचना "ब्लॉक" के रूप में संग्रहीत की जाती है और जो एक "चेन" या शृंखला द्वारा एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।
    • यह स्थायी और टेम्पर-एविडेंट रिकॉर्ड कीपिंग, रीयल-टाइम लेनदेन पारदर्शिता और ऑडिटेबिलिटी का एक विलक्षण संयोजन प्रदान करता है।
    • ब्लॉकचेन की सदृश प्रति विविध कंप्यूटरों या उपयोगकर्त्ताओं में से प्रत्येक के लिये उपलब्ध रहती है जो एक नेटवर्क में साथ जुड़े होते हैं।
      • नए ब्लॉक के माध्यम से जोड़ी या बदली गई किसी भी नई सूचना का परीक्षण और अनुमोदन कुल उपयोगकर्त्ताओं के आधे से अधिक द्वारा किया जाता है।
  • ब्लॉकचेन का महत्त्व:
    • ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी व्यापक और महत्त्वपूर्ण जानकारी के प्रबंधन, भंडारण, पुनर्प्राप्ति तथा सुरक्षा की आवश्यकता वाली कई प्रक्रियाओं एवं अनुप्रयोगों में नवाचारों की सुविधा प्रदान कर सकती है।
      • इनमें वित्तीय लेनदेन से संबंधित जानकारी का प्रबंधन (जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी के मामले में), चुनावी वोटिंग, मेडिकल रिकॉर्ड, शैक्षणिक पाठ, संपत्ति स्वामित्व रिकॉर्ड, प्रोफेशनल टेस्टिमोनियल आदि सुविधाएँ शामिल हैं।
    • ब्लॉकचेन जैसा विकेंद्रीकृत ढाँचा प्रणाली को और वहाँ संग्रहीत सूचना को धोखाधड़ी-रहित, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाता है।
  • ब्लॉकचेन और डिजिटल शिक्षा:
    • NEP 2020 के उद्देश्यों की पूर्ति: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 बहु-विषयक शिक्षा के आरंभ का आह्वान करती है जहाँ छात्रों को पाठ्यक्रम की अवधि में पर्याप्त लचीलेपन के साथ प्रमुख और गौण विषयों के संबंध में अपने स्वयं के संयोजन के चयन की स्वतंत्रता होगी।
      • इस संदर्भ में ब्लॉकचेन एक बहु-प्रवेश-और-निकास संरचना (multiple-entry-and-exit structure) के क्रियान्वयन में मदद कर सकता है।
    • ‘स्किल बैज’ का प्रदर्शन: इसके अतिरिक्त, छात्रों को शिक्षकों की गुणवत्ता के बारे में आश्वस्त किया जा सकता है क्योंकि प्रौद्योगिकी शिक्षकों को अपने प्रमाणित ‘स्किल बैज’ (Skill Badges) प्रदर्शित करने में सक्षम बना सकती है, जिससे छात्रों को सूचित तरीके से पाठ्यक्रम चुनने का अवसर प्राप्त होता है।
      • इसके अलावा छात्र, विशेष रूप से उच्च शिक्षा और अनुसंधान में संलग्न छात्र अपनी दक्षता दर्शाने के लिये स्किल बैज का प्रयोग कर सकते हैं।
      • इससे संकाय/फैकल्टी को प्रोजेक्ट के लिये सही छात्रों की पहचान करने में मदद मिलेगी।
    • छात्रवृत्ति पारितंत्र को डिज़ाइन करना: एक ब्लॉकचेन-आधारित पारितंत्र का उपयोग एक छात्रवृत्ति प्रणाली को डिज़ाइन करने के लिये भी किया जा सकता है जो छात्रों को निरंतरता बनाए रखने और अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित करेगा।
    • रिकॉर्ड-कीपिंग: यह एक सुरक्षित प्रणाली होगी जो सुनिश्चित करेगी कि शैक्षिक रिकॉर्ड में कोई हेरफेर न होने को सुनिश्चित करेगी।
      • ब्लॉकचेन छात्र रिकॉर्ड (असाइनमेंट, उपस्थिति एवं पाठ्येतर गतिविधियों जैसी दिन-प्रतिदिन की सूचना से लेकर डिग्री और उनके द्वारा अटेंड किये गए कॉलेजों के बारे में जानकारी तक) को प्रबंधित करने के लिये एक उत्कृष्ट ढाँचा प्रदान कर सकता है।
      • शैक्षणिक संस्थानों और नियोक्ताओं द्वारा इन पर भरोसा किया जा सकता है जिन्हें प्रासंगिक रिकॉर्ड तक पहुँच प्रदान की जा सकती है।
    • संकाय के प्रदर्शन की निगरानी: ब्लॉकचेन लेजर संकाय के प्रदर्शन- जैसे छात्र मूल्यांकन, ऐच्छिक चुनने वाले छात्रों की संख्या, शोध आउटपुट और प्रकाशन का टाइम-स्टैम्प्ड तथा टैम्पर-प्रूफ रिकॉर्ड प्रदान करेगा।
      • इन रिकार्ड्स को संकाय मूल्यांकन प्रणाली से जोड़ा जा सकता है, जिससे अधिक जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
    • शिक्षार्थी-केंद्रित मॉडल: शिक्षा में ब्लॉकचेन का उपयोग करने से वास्तव में शिक्षार्थी-केंद्रित मॉडल का निर्माण हो सकेगा जहाँ शिक्षार्थी न केवल प्राप्तकर्त्ता होंगे बल्कि सह-निर्माता भी होंगे और शिक्षक भी केवल एकतरफा सूचना प्रदाता होने के बजाय अधिक सहभागी बन सकेंगे।

ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी से संबद्ध चुनौतियाँ

  • सीमित मापनीयता: वास्तव में ब्लॉकचेन उपयोगकर्त्ताओं की एक छोटी संख्या के लिये उपयुक्त तरीके से काम करता है। जब नेटवर्क पर उपयोगकर्त्ताओं की संख्या बढ़ती है तो ट्रांज़िशन को संसाधित होने में अधिक समय लगता है।
    • नतीजतन लेनदेन की लागत सामान्य से अधिक होती है। यह नेटवर्क पर उपयोगकर्त्ताओं की अधिक संख्या को प्रतिबंधित भी करता है।
  • सुरक्षा चुनौतियाँ: ब्लॉकचेन नेटवर्क हमलों के लिये असुरक्षित है क्योंकि उन्हें मूल रूप से नेटवर्क प्रोटोकॉल के लिये डिज़ाइन नहीं किया गया था। जैसे-जैसे ब्लॉकचेन सेवाओं का विकास व विस्तार होता जाएगा, मैलवेयर फ़ाइलों और आपत्तिजनक कंटेंट्स के उनमें शामिल होने की चुनौती भी बढ़ती जाएगी।
    • इससे निजता उल्लंघन, संभावित अवैध फ़ाइलों, कॉपीराइट उल्लंघनों, मैलवेयर आदि की समस्या उत्पन्न होगी।
  • अंतरसंक्रियता: अंतरसंक्रियता (Interoperability) एक अन्य समस्याजनक पहलू है। यह अभी भी भारत में अपनी आरंभिक अवस्था में है और कई प्रमुख क्षेत्रों में बहुत कुछ किये जाने की आवश्यकता है।
  • अपरिवर्तनीयता: इस प्रौद्योगिकी की विशेषताओं में से एक इसकी अपरिवर्तनीयता (Immutability) भी है, अर्थात् एक बार कोई डेटा दर्ज करने के बाद इसे बदला या हटाया नहीं जा सकता है।
    • यह समस्याजनक है क्योंकि यह वैध उद्देश्यों के लिये छात्र रिकॉर्ड को संशोधित करने की संभावना को समाप्त कर देता है।
  • प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की कमी: वर्तमान नियामक वातावरण में भारतीय डेवलपर्स के पास बड़े पैमाने पर खुले ब्लॉकचेन समाधान विकसित करने की क्षमता मौजूद नहीं है।
    • ब्लॉकचेन पेशेवर अधिक अनुकूल नियमों वाले देशों की ओर तेज़ी से पलायन कर रहे हैं।
    • परिणामस्वरूप प्रतिभा पारितंत्र के अभाव में रोज़गार अवसरों, पूंजी, स्थानीय नवाचार और स्थिति से लाभ उठाने की भारत की क्षमता कम हो गई है।

आगे की राह

  • संबंधित चिंताओं को संबोधित करना: शिक्षा में ब्लॉकचेन को अपनाने से शिक्षा पारितंत्र की दक्षता में सुधार करने और मानव एवं भौतिक संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने में मदद मिल सकती है।
    • इस दौरान डेटा गोपनीयता, लागत, मापनीयता और लिगेसी प्रणालियों के साथ एकीकरण जैसी चिंताओं को दूर करना होगा।
    • ऐसा करना लाभप्रद होगा क्योंकि यह एक ऐसी शैक्षिक प्रणाली की शुरुआत करने में मदद करेगा जो सुरक्षित, पारदर्शी, सहयोगी, रचनात्मक और भविष्य के लिये तैयार रहते हुए उच्च नामांकन के प्रबंधन के लिये बेहतर सुसज्जित होगा।
  • डिजिटल शिक्षा के लिये निवेश: शिक्षक-वर्ग आधारित शिक्षण से डिजिटल-शिक्षा में संक्रमण के लिये समय के साथ बहु-आयामी प्रयासों की आवश्यकता होगी। छात्रों, शिक्षकों और संस्थानों के लिये अधिक निवेश तथा बेहतर बुनियादी ढाँचा एक आवश्यकता है जिसकी पूर्ति की जानी चाहिए।
    • NEP 2020 के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों की प्राप्ति और समग्र एवं बहु-विषयक शिक्षा प्रदान करने के लिये डिजिटल शिक्षा तथा संबंधित प्रौद्योगिकियों में निवेश करने की आवश्यकता है।
  • ब्लॉकचेन के साथ एक सुदृढ़ DEE का निर्माण करना: एक सुदृढ़ डिजिटल शिक्षा पारितंत्र (DEE) निर्माण के जैसे सामग्री विकास, शिक्षण, मूल्यांकन, ग्रेडिंग, उपस्थिति रिकॉर्डिंग, उपलब्धियाँ, प्रमाण पत्र, डिग्री और डिप्लोमा कई पहलू हैं।
    • शैक्षिक संस्थानों, भावी नियोक्ताओं, सलाहकारों और प्रमाणन एजेंसियों जैसे हितधारकों को एक DEE में एकीकृत किया जा सकता है।
    • छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों पर नज़र रखने और सभी हितधारकों को आवश्यक जानकारी प्रदान करने के लिये अधिक सुरक्षित और सरल प्रणालियों की भी अंतर्निहित आवश्यकता है।
      • ऐसे एकीकृत DEE के प्रबंधन के लिये ब्लॉकचेन एक व्यवहार्य समाधान के रूप में उभर सकता है।

निष्कर्ष

कोविड-19 महामारी ने दुनिया भर के शैक्षणिक संस्थानों को प्रभावित किया है और ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा में डिजिटल तकनीक का व्यापक उपयोग अब सामान्य परिदृश्य होगा। बेहतर निवेश, तकनीकी विशेषज्ञता और सरकारी हस्तक्षेप के साथ ब्लॉकचेन तकनीक में डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय रचने की क्षमता है।

अभ्यास प्रश्न: अब तक ब्लॉकचेन को एक ऐसी प्रौद्योगिकी के रूप में जाना जाता रहा है जो विश्व के बिटकॉइन और एथेरियम को सक्षम बनाती है। हालाँकि इसमें शिक्षा जैसे अन्य प्रमुख क्षेत्रों को भी रूपांतरित करने की अपार संभावनाएँ निहित हैं। चर्चा कीजिये।