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एडिटोरियल

  • 25 Jun, 2021
  • 8 min read
भारतीय राजव्यवस्था

संघ बनाम केंद्र

यह एडिटोरियल दिनांक 22/06/2021 को 'द हिंदू' में प्रकाशित लेख “The 'Union government’ has a unifying effect” पर आधारित है। इसमें संघ सरकार एवं केंद्र सरकार के मध्य अंतरों पर चर्चा की गई है।

संदर्भ

हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने अपने आधिकारिक पत्राचार या संचार में 'केंद्र सरकार' (Central Government) शब्द के उपयोग को बंद करने एवं इसके स्थान पर 'संघ सरकार' (Union Government) का उपयोग करने का फैसला किया है।

  • मूल संविधान के 22 भागों में 395 अनुच्छेदों और आठ अनुसूचियों को पढ़ने के बाद यह कहा जा सकता है कि 'केंद्र' या 'केंद्र सरकार' शब्द का उपयोग कहीं भी नहीं किया गया है।
  • भले ही मूल संविधान में 'केंद्र सरकार' का कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन 'General Clauses Act, 1897' इसे पारिभाषित करता है।
  • इसलिये सवाल यह है कि क्या 'केंद्र सरकार' की ऐसी परिभाषा संवैधानिक है क्योंकि संविधान ही सत्ता के केंद्रीकरण को मंजूरी नहीं देता है।

उत्पत्ति: संघ सरकार और केंद्र सरकार

  • ब्रिटिश शासन के तहत गवर्नर जनरल द्वारा चलाए जाने वाले प्रशासन को अक्सर "केंद्र सरकार" के रूप में वर्णित किया जाता था।
  • उदाहरण के लिये वर्ष 1919 में, जब ब्रिटेन की संसद द्वारा नए भारत सरकार अधिनियम को पारित किया गया, जो भारत में स्वशासन और संघवाद का एक प्रारंभिक रूप पेश करता था। इसके तहत शक्तियों को "केंद्रीय" और "प्रांतीय" विषयों के बीच विभाजित किया गया था।
  • आधुनिक शब्द "संघ" का पहली बार आधिकारिक तौर पर वर्ष 1946 में कैबिनेट मिशन प्लान द्वारा इस्तेमाल किया गया था, जो सत्ता के हस्तांतरण के बाद भारत को एकजुट रखने के लिये एक ब्रिटिश योजना थी।
  • संविधान सभा के कई सदस्यों की राय थी कि ब्रिटिश कैबिनेट मिशन योजना (वर्ष 1946) के सिद्धांतों को अपनाया जाए।
  • कैबिनेट मिशन ने बहुत सीमित शक्तियों वाली केंद्र सरकार जबकि प्रांतों के पास पर्याप्त स्वायत्तता देकर एक तरह से संघ सरकार बनाने का विचार दिया था।
  • हालाँकि कश्मीर में वर्ष 1947 के विभाजन और हिंसा ने संविधान सभा को अपने दृष्टिकोण को संशोधित करने के लिये मजबूर किया और इसके पश्चात एक मज़बूत केंद्र के पक्ष में विचार किया जाने लगा। 
  • इसके कारण संघ से राज्यों के अलग होने की संभावना को देखते हुए संविधान के निर्माणकर्त्ताओं ने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय संघ "अविनाशी" होगा।
  • इस प्रकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि "भारत, अर्थात् इंडिया, राज्यों का संघ होगा।" (“India, that is Bharat, shall be a Union of States”)।

संघ और केंद्र के मध्य अंतर

  • संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप के अनुसार, शब्दों के प्रयोग की दृष्टि से 'केंद्र' एक वृत्त के मध्य में एक बिंदु को इंगित करता है, जबकि 'संघ' संपूर्ण वृत्त है।
  • भारत में संविधान के अनुसार, तथाकथित 'केंद्र' और राज्यों के बीच का संबंध वास्तव में 'संपूर्ण और उसके भागों के मध्य का संबंध' है।
  • संघ और राज्यों के बीच शक्तियों का बँटवारा सरकार के कार्यकारी अंग तक ही सीमित नहीं है, यह सरकार के अन्य अंगों में भी दृष्टव्य है।
  • उदाहरण के लिये, न्यायपालिका को संविधान में यह सुनिश्चित करने के लिये बनाया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय, देश की सबसे ऊँची अदालत, का उच्च न्यायालय पर कोई अधीक्षण नहीं है।
  • यद्यपि सर्वोच्च न्यायालय का अपीलीय क्षेत्राधिकार है - न केवल उच्च न्यायालयों पर बल्कि अन्य न्यायालयों और न्यायाधिकरणों पर भी तथापि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के अधीनस्थ घोषित नहीं किया जाता है।
  • वास्तव में उच्च न्यायालयों के पास जिला और अधीनस्थ न्यायालयों पर अधीक्षण की शक्ति होने के बावजूद विशेषाधिकार रिट जारी करने की शक्तियाँ सर्वोच्च न्यायालय की तुलना में व्यापक हैं।
  • संसद और विधानसभाएँ अपनी अधिकार सीमाओं की पहचान करती हैं और जब उन विषय वस्तुओं पर कानून बनाए जाते हैं तो ये सीमाएँ पार न हों, इसका ध्यान रखते हैं।

केंद्र सरकार शब्द के साथ जुड़े मुद्दे

  • संविधान सभा द्वारा खारिज़: संविधान में 'केंद्र' शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है; संविधान निर्माताओं ने इसे विशेष रूप से खारिज़ कर दिया और इसके बजाय 'संघ' शब्द का प्रयोग किया।
  • बी. आर. अम्बेडकर ने स्पष्ट किया कि "संघ और राज्य दोनों संविधान द्वारा बनाए गए हैं, दोनों संविधान से अपने-अपने अधिकार प्राप्त करते हैं।
  • उनके अनुसार, दोनों में से कोई अपने-अपने क्षेत्र में एक-दूसरे के अधीन नहीं है और एक का अधिकार दूसरे के साथ समन्वय करना है।
  • औपनिवेशिक विरासत: 'केंद्र' शब्द औपनिवेशिक काल की याद दिलाता है क्योंकि नई दिल्ली स्थित सचिवालय में नौकरशाही 'केंद्रीय कानून', 'केंद्रीय विधायिका' आदि शब्द का उपयोग करने की आदी है। अतः बाकी सभी, जिनमें मीडिया भी शामिल हैं, ने इस शब्द का उपयोग करना शुरू कर दिया।
  • संघवाद की भावना के विरुद्ध: भारत एक संघीय सरकार है। शासन करने की शक्ति पूरे देश के लिये दो तरह से विभाजित है। एक संघ की सरकार, जो सामान्य राष्ट्रीय हित के विषयों के लिये ज़िम्मेदार है, और दूसरी राज्यों की सरकार, जो राज्यों के विस्तृत एवं दिन-प्रतिदिन के क्रियाकलाप की देखरेख करते हैं।
  • सुभाष कश्यप के अनुसार, 'केंद्र' या 'केंद्र सरकार' शब्द का उपयोग करने का मतलब होगा कि राज्य सरकारें इसके अधीन हैं।

निष्कर्ष

संविधान सभा के सदस्य संविधान में 'केंद्र' या 'केंद्र सरकार' शब्द का प्रयोग न करने के लिये बहुत सतर्क थे क्योंकि उनका उद्देश्य एक इकाई में शक्तियों के केंद्रीकरण की प्रवृत्ति को दूर रखना था। 'संघ सरकार' या 'भारत सरकार' का एक एकीकृत प्रभाव है। इससे यह संदेश जाता है कि यह सरकार सभी की है।

अभ्यास प्रश्न: 'संघ सरकार' शब्द का एक एकीकृत प्रभाव है"। इस कथन के प्रकाश में संघ सरकार और केंद्र सरकार के मध्य अंतर का विश्लेषण करें।


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