भारत की खतरनाक सड़कें
संदर्भ
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2017 के लिये प्रस्तुत भारत में सड़क दुर्घटनाएँ नामक रिपोर्ट काफी निराशाजनक रूप से सामने आती है। यह रिपोर्ट एक बार फिर से नीतियों के खराब प्रदर्शन को दोहराती है क्योंकि ये नीतियाँ या कार्यक्रम सड़कों पर सडकों पर होने वाली मौतों की संख्या में कमी लाने में असफल रही हैं। यह रिपोर्ट उन सड़क दुर्घटनाओं के बारे में सोचने को मजबूर करती है जिनमें हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है और हज़ारों लोग अपंग हो जाते हैं।
मौत के आँकड़ों में कमी नहीं
- यातायात के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने के मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है और ऐसा तब हो रहा है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं इस मामले में दखल दिया है और वह केंद्र सरकार द्वारा गठित जस्टिस के.एस राधाकृष्णन समिति की याचिका पर सार्वजनिक हित में समय-समय पर निर्देश जारी कर रहा है।
- 2017 में सड़क हादसे में होने वाली मौतों का आँकड़ा (1,47, 913) स्पष्ट रूप से यह प्रदर्शित करता है कि कुछ भी नहीं बदला है।
हरित यात्रियों के दुर्घटना का शिकार होने की संभावना अधिक
- यह चौंकाने वाली बात है कि हरित यात्रियों (साइकिल चालक या पैदल चलने वाले) के सड़क दुर्घटना का शिकार होने का खतरा अधिक है। क्योंकि 2017 में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में इन यात्रियों का प्रतिशत क्रमशः 37% और 29% था जो कि वर्ष 2016 के आँकड़ों से कहीं अधिक है।
भारत में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति
- भारत में प्रत्येक 1 मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है तथा इन दुर्घटनाओं के कारण प्रत्येक 3.5 मिनट में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
- प्रत्येक एक घंटे में लगभग 17 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना के कारण होती है।
- सड़क दुर्घटनाओं के कारण भारत को हर साल लगभग 4.07 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होता है।
- भारतीय सड़कों पर प्रतिदिन 46 बच्चों की मौत हो जाती है।
- पिछले दशक में सड़क दुर्घटना के कारण 50 लाख से अधिक लोगों को गंभीर चोटें आईं या वे दुर्घटना के कारण अपंग हो गए तथा 10 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई।
- सड़क दुर्घटना के कारण होने वाली इन मौतों को 50% तक कम किया जा सकता था यदि घायलों को त्वरित सहायता मिल पाती।
वर्ष 2017 में सड़क दुर्घटनाएँ
- वर्ष 2017 के दौरान भारत में कुल 4,70,975 सड़क दुर्घटनाएँ हुईं।
- इन दुर्घटनाओं में 4,64,910 लोग घायल हुए, जबकि 1,47,913 लोगों की मृत्यु हो गई।
भारत में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का कारण
मिशन रोड सेफ्टी
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने आईआईटी दिल्ली के छात्रों की मदद से तैयार सड़क सुरक्षा पर वेबसाइट www.missionroadsafety.com की शुरूआत की थी।
- यह वेबसाइट सड़क दुर्घटनाओं और उससे संबंधित जानकारियों के बारे में आँकड़े प्रदान करती है।
निष्कर्ष
- भले ही सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये बहुत से कार्य किये हैं लेकिन देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं और उनमें मरने वालों की संख्या को देखते हुए सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के मामले में देश में अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है।