डेली न्यूज़ (29 Mar, 2019)



ब्लॉकचेन आधारित कॉफी ई-मार्केटप्लेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में कॉफी बोर्ड ने नई दिल्ली में ब्लॉकचेन आधारित कॉफी ई-मार्केटप्लेस का आरंभ किया है। गौरतलब है कि ब्लॉकचेन आधारित कॉफी ई-मार्केटप्लेस, कॉफी की खेती करने वाले किसानों के लिये सहायक सिद्ध हो सकता है।

प्रमुख बिंदु

  • किसान इस प्रायोगिक परियोजना से बाज़ारों के साथ पारदर्शी ढंग से जुड़ सकेंगे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें उचित मूल्य की प्राप्ति होगी।
  • ब्लॉकचेन की सहायता से कॉफी उत्पादकों और खरीदारों के बीच की दूरी कम होगी और किसानों को अपनी आमदनी दोगुनी करने में मदद मिलेगी।
  • भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहाँ कॉफी छाया में उगाई जाती है, उसे हाथ से तोड़ा जाता है और धूप में सुखाया जाता है। यहाँ उगाई जाने वाली कॉफी दुनिया की बेहतरीन कॉफी में शुमार है।
  • विश्व बाज़ार में भारतीय कॉफी की बहुत ज़्यादा मांग है और यह प्रीमियम कॉफी के रूप में बेची जाती है इसके बावजूद कॉफी उगाने वाले किसानों की आमदनी बहुत कम है।

उद्देश्य

  • ब्लॉकचेन आधारित मार्किटप्लेस एप का उद्देश्य भारतीय कॉफी के व्यापार में पारदर्शिता लाना है।
  • इस पहल से भारतीय कॉफी की ब्रांड इमेज़ तैयार करने में मदद मिलेगी और खरीदारों तक सीधी पहुँच कायम होने से कॉफी उत्पादकों की बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी।

भारतीय कॉफी बोर्ड

  • भारत सरकार ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कॉफी अधिनियम, 1942 की धारा VII के द्वारा ‘कॉफी बोर्ड’ का गठन किया।
  • अध्यक्ष इस बोर्ड का मुख्य कार्यपालक होता है तथा इसकी नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है।
  • इस बोर्ड में अध्यक्ष सहित 33 सदस्य होते हैं।
  • अध्यक्ष के अलावा शेष 32 सदस्य कॉफी उत्पादन से संबंधित उद्योग, कॉफी व्यापार हितैषी, श्रमिकों एवं उपभोक्ताओं के हितैषी, कॉफी उगाने वाले प्रमुख राज्यों के सरकार के प्रतिनिधि तथा सांसद जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं।

बोर्ड के प्रमुख कार्य

  • उत्पादन, उत्पादकता एवं गुणवत्ता का प्रोन्नयन।
  • भारतीय कॉफी के लिये उचित लाभ प्राप्त करने हेतु निर्यात संवर्द्धन।
  • स्वदेशी बाज़ार के विकास का समर्थन।

भारतीय कॉफी

  • भारत में 3.66 लाख कॉफी किसानों द्वारा 4.54 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर कॉफी की खेती की जाती है।
  • इसकी खेती मुख्यतः कर्नाटक (54 प्रतिशत), केरल (19 प्रतिशत) और तमिलनाडु (8 प्रतिशत) में होती है।
  • कॉफी की खेती आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी होती है।
  • देश में उत्पादित कॉफी के 65% से 70% भाग का निर्यात किया जाता है, जबकि शेष कॉफी का उपभोग देश में ही किया जाता है।
  • भारत में उगाई जाने वाली कॉफी मुख्यतः दो प्रकार की है- अरेबिका एवं रोबस्टा।

अरेबिका तथा रोबस्टा कॉफी में प्रमुख अंतर

  • अरेबिका मृदु कॉफी है, इसकी फलियाँ अधिक खुशबूदार होने के कारण रोबस्टा फलियों की तुलना में इसका बाज़ार मूल्य अधिक होता है।
  • रोबस्टा की तुलना में अरेबिका को उच्च उन्नतांशों में उगाया जाता है। अरे‍बिका के लिये 15 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच ठंडा और सम तापमान उपयुक्त होता है, जबकि रोबस्टा के लिये 20 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस के साथ गर्म और उन्नत तापमान उपयुक्त होता है।
  • अरेबिका को अधिक देखभाल और पोषण की आवश्यकता होती है तथा यह बड़े जोतों के लिये उपयुक्त है, जबकि रोबस्टा सभी प्रकार के खेतों के लिये उपयुक्त है।
  • अरेबिका का संग्रहण नवंबर से जनवरी के बीच होता है, जबकि रोबस्टा के लिये यह अवधि दिसंबर से फरवरी तक होती है।
  • अरे‍बिका सफेद तना छेदक, पत्ती किट्ट आदि जैसे कीटाणुओं एवं रोगों के प्रति संवेदी है और इसे रोबस्टा की तुलना में अधिक छाया की आवश्यकता होती है।

क्या है ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी?

  • ब्लॉकचेन एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जो एक सुरक्षित एवं आसानी से सुलभ नेटवर्क पर लेन-देन का एक विकेंद्रीकृत डाटाबेस तैयार करती है।
  • लेन-देन के इस साझा रिकॉर्ड को नेटवर्क पर स्थित कोई भी व्यक्ति देख सकता है।
  • वास्तव में ब्लॉकचेन डेटा ब्लॉकों की एक श्रृंखला होती है तथा प्रत्येक ब्लॉक में लेन-देन का एक समूह समाविष्ट होता है।
  • ये ब्लॉक एक-दूसरे से इलेक्ट्रॉनिक रूप में जुड़े होते हैं तथा इन्हें कूट-लेखन के माध्यम से सुरक्षा प्रदान की जाती है।
  • ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम एवं सबसे बड़ा उदाहरण बिटकॉइन नेटवर्क है।
  • यह तकनीक सुरक्षित है। इसे हैक करना मुश्किल होता है।
  • साइबर अपराध और हैकिंग को रोकने के लिये यह तकनीक सुरक्षित मानी जाती है।

स्रोत- पीआईबी


वायनाड में 4 इकोटूरिज़्म (पर्यावरण पर्यटन) केंद्र बंद

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केरल उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, वायनाड ज़िले में दक्षिण वायनाड वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले चार प्रमुख इकोटूरिज़्म (पर्यावरण पर्यटन) केंद्रों में पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • अदालत ने 21 मार्च को एक पर्यावरण संगठन ‘वायनाड प्रकृति संरक्षा समिति’ द्वारा दायर याचिका पर वन प्रभाग में सभी ईकोटूरिज़्म गतिविधियों पर अंतरिम रोक जारी की।
  • अदालत के निर्देशानुसार बंद किये गए प्रमुख इकोटूरिज़्म पर्यटन केंद्र निम्नलिखित है:
  1. मेप्पदी वन श्रेणी के अंतर्गत सोचीपारा जलप्रपात
  2. चेथलायथ वन रेंज के अंतर्गत कबानी पर कुरुवा द्वीप
  3. मेप्पदी वन रेंज के अंतर्गत चेम्बरा शिखर
  4. कालपेट्टा वन रेंज के तहत पदिन्हारेथरा (Padinharethara) में मीनमुट्टी जलप्रपात
  • सोचीपारा जलप्रपात और कुरुवा द्वीपों में पर्यटकों के प्रवेश को हाल ही में बंद किया गया, जबकि चेम्बरा शिखर और मीनमुट्टी जलप्रपात को जनवरी 2019 के मध्य से ही जंगल की आग के जोखिम के कारण बंद किया गया था।

केरल में पर्यटन

  • केरल प्रांत पर्यटन के लिये बहुत लोकप्रिय स्थान है, इसीलिये इसे 'God's Own Country' अर्थात् 'ईश्वर का अपना घर' नाम से पुकारा जाता है।
  • यहाँ अनेक प्रकार के दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें प्रमुख हैं - पर्वतीय तराई क्षेत्र, समुद्र तटीय क्षेत्र, वन क्षेत्र, तीर्थाटन केंद्र आदि। इन स्थानों पर देश-विदेश से असंख्य पर्यटक भ्रमणार्थ आते हैं।
  • पर्वतीय क्षेत्र, समुद्री तट, वन्य पशु केंद्र, कोल्लम, झीलें, जलप्रपात, पर्वत शिखर आदि पर्यटकों के लिये विशेष आकर्षण के केंद्र हैं।
  • भारतीय चिकित्सा पद्धति (आयुर्वेद) का पर्यटन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान है।
  • राज्य की अर्थव्यवस्था में भी पर्यटन क्षेत्र का प्रमुख योगदान है।

पर्यटन क्षेत्र में विकास

  • पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिये केरल राज्य सरकार का पर्यटन विभाग अत्यधिक सक्रिय है।
  • विभाग द्वारा पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिये प्रचार-प्रसार, बुनियादी सुविधाओं का विकास आदि कार्य किये जाते हैं।
  • राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिये आवश्यक प्राकृतिक संतुलन तथा सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखते हुए 'दायित्वपूर्ण पर्यटन विकास' की नीति अपनाई गई है।

उपलब्धियाँ

  • पर्यटन क्षेत्र में केरल की उपलब्धियाँ काफी प्रशंसनीय रही हैं।
  • इस क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास के कारण राज्य को अनेक राष्ट्रीय - अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।
  • पिछले दस वर्षों में वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक पर्यटकों के आगमन तथा अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्ति और पर्यटन विकास में केरल का स्थान सर्वोपरि रहा।

इकोटूरिज़्म

  • पर्यावरण पर्यटन का अर्थ है वातावरण की दृष्टि से धारणीय पर्यटन जिसमें प्रमुख रूप से उन प्राकृतिक क्षेत्रों का अनुभव प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जो पर्यावरणीय और सांस्कृतिक समझ-बूझ, मूल्यांकन और संरक्षण को बढ़ावा देते हैं।
  • पर्यावरण पर्यटन का आशय यह है कि पर्यटन का प्रबंधन तथा प्रकृति का संरक्षण इस तरीके से किया जाए ताकि पर्यटन व पारिस्थितिकी के साथ-साथ रोज़गार की भी पूर्ति होती रहे।

स्रोत- द हिंदू


समान कार्य असमान वेतन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ऑक्सफेम इंडिया (Oxfam India) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में समान कार्य के लिये महिलाओं को उनके समकक्ष पुरुषों से 34% कम वेतन प्राप्त होता है।

प्रमुख बिंदु

  • ऑक्सफेम इंडिया ने ‘माइंड द गैप: स्टेट ऑफ़ एम्प्लॉयमेंट इन इंडिया’ (Mind The Gap-State of Employment in India) शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिलाओं का अवैतनिक कार्यों (घरेलू कार्य) में अत्यधिक प्रतिनिधित्व है।
  • महिलाओं को समान कार्य के लिये पुरुषों से लगभग एक-तिहाई (34%) कम भुगतान किया जाता है।
  • राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (National Sample Survey Office) (2011-12) के अनुमानों के आधार पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में नियमित रूप से वेतन पाने वाली महिलाओं को उनके समकक्ष पुरुषों से औसतन क्रमश: 123 और 105 रुपए का कम भुगतान किया जाता है।
  • इसी प्रकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अनियमित रूप से कार्य करने वाली महिलाओं को अपने पुरुष समकक्ष की तुलना में क्रमश: 72 और 47 रुपए कम प्राप्त होते हैं।
  • यदि अवैतनिक कार्यों जैसे- देखभाल और घरेलू गतिविधियों को NSSO के कार्य की परिभाषा में शामिल किया जाए तो महिला श्रम बल भागीदारी दर जो 2011-12 में 20.5 प्रतिशत थी बढ़कर 81.7 प्रतिशत हो जाती।
  • धर्मं के आधार पर महिला श्रम बल भागीदारी दर में कोई बड़ा अंतर नहीं दिखाई पड़ता है। हालाँकि जाति के आधार पर कुछ अंतर स्पष्ट रूप से दिखता हैं।
  • मुस्लिम महिलाएँ अधिकतर घरेलू वस्तुओं के निर्माण में, अनुसूचित जाति की महिलाएँ निर्माण एवं साफ-सफाई कार्यों में तथा गैर-अनुसूचित जाति की महिलाएँ अधिकतर शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
  • महिला रोज़गार का आधा हिस्सा 10 उद्योगों में सीमित है। प्रत्येक 7 में से 1 महिला केवल शैक्षणिक क्षेत्र में कार्यरत है।
  • लगभग 49.5 प्रतिशत विवाहित महिलाएँ उसी क्षेत्र में काम करती है जहाँ उनके पति काम करते हैं।
  • दक्षिणी और पूर्वोत्तर राज्यों में महिला श्रमिकों की संख्या अधिक है लेकिन फिर भी ये राज्य अंतर्राष्ट्रीय मानकों से नीचे हैं।

आगे की राह

  • रिपोर्ट में इस अंतर को कम करने के लिये कुछ सुझाव भी दिये गए हैं। जैसे-
  • अधिक रोज़गार सृजन के लिये श्रम प्रधान क्षेत्रों का और अधिक विकास करने की ज़रूरत है।
  • नौकरियों में वृद्धि समावेशी तरीके से होनी चाहिये साथ ही नई नौकरियों में बेहतर कार्य स्थितियों के साथ रोज़गार सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है।
  • सुरक्षा के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा, मातृत्व अवकाश एवं अन्य अधिकार भी शामिल हों।

स्रोत: द हिंदू बिज़नेस लाइन


Rapid Fire करेंट अफेयर्स (29 March)

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दुनियाभर में आतंकवादी गतिविधियों और आतंकी गुटों की फंडिंग पर रोक लगाने के उद्देश्य से एक नया प्रस्ताव पारित किया है। आतंकवादी गतिविधियों को मिलने वाले वित्तीय समर्थन को रोकने के लिये सुरक्षा परिषद का यह प्रस्ताव संख्या 2462 कुछ पुराने प्रस्तावों को साथ लाकर बनाया गया एक समाहित दस्तावेज़ है, जिसमें कई मुख्य उभरते हुए मुद्दों को ध्यान में रखा गया है। इस प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) से आतंकी गतिविधियों को वित्तीय समर्थन रोकने के लिये रास्तों की पहचान करने में अग्रणी भूमिका निभाने को कहा गया है। गौरतलब है कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद विरोधी रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये 2017 में UNOCT का गठन किया गया था। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में यह प्रस्ताव बेहद सामयिक है और इससे आतंकवाद को मिलने वाले वित्तीय समर्थन को रोकने में मदद मिलेगी।
  • भारत और अफ्रीकन यूनियन ने हेल्थकेयर को लेकर एक समझौता किया है, जिसके तहत इस क्षेत्र में एक रोडमैप बनाकर स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और विकास, क्षमता निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, दवा व्यापार और दवाओं तथा निदान के लिये विनिर्माण क्षमताओं में सहयोग करने पर सहमति बनी है। आपको बता दें कि स्वास्थ्य क्षेत्र में एक संरचित और ठोस साझेदारी के माध्यम से तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन (IAFS) के रणनीतिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिये, विदेश मंत्रालय ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ भागीदारी में संयुक्त रूप से प्रथम भारत-अफ्रीका स्वास्थ्य विज्ञान की बैठक 2016 में नई दिल्ली में आयोजित की थी। इस बैठक में विचार-विमर्श के बाद ICMR ने भारत-अफ्रीका स्वास्थ्य विज्ञान सहयोग मंच (IAHSP) की स्थापना करके एक संरचित और संगठित तरीके से स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग शुरू करने और उसे मज़बूती प्रदान करने पर काम करना शुरू किया था।
  • भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने युविका नाम से युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम लॉन्च किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मुख्य रूप से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों पर बुनियादी ज्ञान प्रदान करने के साथ उन युवाओं को अंतरिक्ष गतिविधियों को समझने में मदद करेगा, जो वैज्ञानिक बनकर अपना करियर संवारना चाहते हैं। इसके तहत प्रत्येक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से 9वीं कक्षा के तीन छात्रों को इसरो केंद्र में जाने और प्रख्यात वैज्ञानिकों से बात करने का मौका मिलेगा। इस दौरान वे इसरो की प्रयोगशाला और सुविधाओं को भी देख सकेंगे। दो सप्ताह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में हर राज्य या केंद्रशासित प्रदेश से 9वीं के सिर्फ तीन विद्यार्थियों को चुना जाएगा।
  • भारत और अर्जेंटीना के बीच अंटार्कटिक सहयोग को लेकर हुए समझौते को भारत सरकार ने मंज़ूरी दे दी है। इस समझौते से पृथ्वी विज्ञान से जुड़ी परियोजनाओं के साथ-साथ अंटार्कटिका और दक्षिणी महासागर के प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करने और उसके संरक्षण के लिये वैज्ञानिक सहयोग स्थापित करने में मदद मिलेगी। इससे अंटार्कटिका और उससे संबंधित पर्यावरण प्रणालियों के अध्ययन से जुड़ी वैज्ञानिक और ग्रंथात्मक जानकारी का आदान- प्रदान करना भी आसान हो जाएगा।
  • ऑस्ट्रेलियन अंटार्कटिक प्रोग्राम के शोधकर्त्ताओं ने पूर्वी अंटार्कटिका के सबसे बड़े ग्लेशियर टॉटेन में 160 दिनों तक चले एक अभियान के दौरान यह पाया कि वहाँ बर्फ के नीचे झीलों का एक बड़ा नेटवर्क छिपा हुआ है। इस खोज से यह पता लगाने में आसानी हो सकती है कि भविष्य में ध्रुवीय बर्फ के पिघलने से दुनिया के महासागर किस प्रकार प्रभावित होंगे। अनुमान है कि 30 किमी. लंबा और लगभग 2 किमी. मोटी बर्फ वाला टॉटेन ग्लेशियर यदि पिघल जाए तो समुद्र का जलस्तर 7 मीटर तक बढ़ सकता है।
  • अमेरिका में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक का विकास किया है, जिसकी सहायता से चालक रहित कार चलाना आसान हो जाएगा। इस तकनीक में चालक रहित कारें अपने हर पिछले अनुभव से सीख लेते हुए अपनी कार्यक्षमता में सुधार करती जाएंगी। शोधकर्त्ताओं ने निकी और शेली नामक दो चालक विहीन कारों से रेसट्रैक पर इस तकनीक का परीक्षण किया। वैज्ञानिकों ने अधिक नियंत्रण वाली प्रणाली बनाने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वाले कंप्यूटर सिस्टम की तरह का न्यूरल नेटवर्क बनाया, जो पिछले अनुभवों के आधार पर डेटा एकत्र करता है। साथ ही इसमें भौतिकी से जुड़े कई सिद्धांत भी शामिल हैं।
  • स्काईट्रैक्स वर्ल्ड एयरपोर्ट अवार्ड में सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे को लगातार सातवीं बार दुनिया का सर्वश्रेष्ठ उड्डयन हब बताया गया है। यह हवाई अड्डा छत पर बने स्वीमिंग पूल, दो 24 घंटे चलने वाले फिल्म थिएटर व शॉपिंग स्पॉट के लिये जाना जाता है। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे को 59वाँ स्थान मिला है, इसे 2018 में 66वाँ स्थान मिला था। हवाई अड्डों की यह सूची ब्रिटेन स्थित स्काईट्रैक्स संकलित करता है। यह एक कंसल्टिंग कंपनी है, जो एयरलाइन्स व हवाई अड्डों की समीक्षा व रैंकिंग का कार्य करती है, जिसमें 100 हवाई अड्डे शामिल हैं। स्काईट्रैक्स वर्ल्ड एयरपोर्ट अवार्ड के लिये वैश्विक हवाई अड्डा ग्राहक संतुष्टि सर्वेक्षण में उपभोक्ताओं ने वोट दिया था। यह पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रियों के बीच हवाई अड्डे की लोकप्रियता को रेखांकित करता है।