विश्व एकीकृत औषधि फोरम
23 से 25 जनवरी, 2019 के बीच होम्योपैथिक औषधीय उत्पादों के विनियमन पर विश्व एकीकृत औषधि फोरम/मंच (World Integrated Medicine Forum) का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इस फोरम का आयोजन गोवा में किया गया।
- यह फोरम का दूसरा आयोजन था पहला आयोजन वर्ष 2017 में किया गया था।
- फोरम की थीम ‘वैश्विक सहयोग को आगे बढ़ाना’ (Advancing Global Collaboration) थी।
- इस फोरम में 21 देशों के लगभग 150 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
- केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (Central Council for Research in Homeopathy-CCRH) के द्वारा इस फोरम का आयोजन निम्नलिखित के सहयोग से किया गया-
♦ आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH)
♦ होम्योपैथिक फॉर्माकोपिया कन्वेंशन ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स (Homoeopathic Pharmacopoeia Convention of the United States-HPCUS)
♦ यूरोपियन कोलीशन ऑन होम्योपैथिक एंड आन्थ्रोपोसोफिक मेडिसिनल प्रोडक्ट (European Coalition on Homeopathic & Anthroposophic Medicinal Products-ECHAMP)
♦ फॉर्माकोपिया कमीशन ऑफ इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी (Pharmacopoeia Commission of Indian Medicine and Homoeopathy)
♦ केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization-CDSCO)
- इस फोरम में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) के प्रतिनिधियों और औषधि नियामक प्राधिकरणों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ फॉर्माकोपिया विशेषज्ञों और जर्मनी, अमेरीका, फ्राँस, यू.के, ब्राज़ील, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेटीना, रूस, ग्रीस, ऑस्ट्रिया, क्यूबा, कतर, क्रोएशिया, मलेशिया, जापान, हॉन्गकॉन्ग और श्रीलंका आदि देशों के उद्योगपतियों सहित सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के हितधारकों ने भागीदारी की।
- भारत के विभिन्न राज्यों के पशुचिकित्सा विशेषज्ञ, नियामक और औषधि नियंत्रक भी इस फोरम के प्रतिनिधियों में शामिल थे।
फोरम का महत्त्व
- दुनिया भर के दस खरब से अधिक रोगियों की स्वास्थ्य देखभाल के लिये सुरक्षित और प्रभावी औषधियों की मांग की जा रही है। इसके परिणामस्वरूप होम्योपैथी की मांग भी बढ़ रही है।§ विभिन्न देशों में होम्योपैथिक दवाओं के नियमन के संबंध में अभी भी अत्यधिक विषम स्थिति है और इसका सीधा प्रभाव इन दवाओं की उपलब्धता पर पड़ता है।
- लंबे समय से होम्योपैथी को अपनाने वाले देशों ने होम्योपैथी को कैसे विनियमित और एकीकृत किया जा सकता है, इसके बारे में जानकारी देने के अलावा इस फोरम में उन देशों को भी चर्चा में शामिल किया गया जहाँ हाल ही में होम्योपैथी अपनाई गई है।
पृष्ठभूमि
- CCRH ने 2017 में इसी तरह के पहले फोरम का आयोजन किया था, जो विभिन्न देशों में होम्योपैथिक औषधीय उत्पादों के प्रभावी नियमन के लिये उठाए गए आवश्यक कदमों पर संवाद शुरू करने में बेहद सफल रहा था।
- होम्योपैथिक उद्योग और नियामक क्षेत्र को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक मंच पर 'होम्योपैथिक औषधीय उत्पाद के विनियमन पर विश्व एकीकृत औषधि फोरम' में सामरिक चर्चा की शुरुआत भारत सरकार के केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद तथा आयुष मंत्रालय और इस प्रकार के आयोजन की व्यवस्था के लिये परामर्श देने वाली अंतर्राष्ट्रीय कंपनी वर्ल्ड इंटीग्रेटेड मेडिसिन फ़ोरम (World Integrated Medicine Forum-WIMF) ने संयुक्त रूप से की थी।
केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (Central Council for Research in Homeopathy-CCRH)
- केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (CCRH), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक शीर्ष अनुसंधान संगठन है, जो होम्योपैथी में समन्वय, इसके विकास, प्रसार एवं वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देती है।
- इसका गठन औपचारिक रूप से 30 मार्च, 1978 को आयुष विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संगठन के रूप में किया गया था और बाद में 1860 के सोसायटीज़ पंजीकरण अधिनियम XXI के तहत पंजीकृत किया गया, उसके बाद जनवरी 1979 से इस परिषद ने एक स्वतंत्र संगठन के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया था।
- परिषद का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित हैं और पूरे भारत में परिषद के 22 संस्थानों/इकाइयों के नेटवर्क के माध्यम से बहु-केंद्रित अनुसंधान कार्य किये जाते हैं।
होम्योपैथी
- होम्योपैथी की खोज एक जर्मन चिकित्सक, डॉ. क्रिश्चन फ्रेडरिक सैमुएल हैनिमैन (Christian Friedrich Samuel Hahnemann) (1755-1843), द्वारा अठारहवीं सदी के अंत के दशकों में की गई थी।
- यह ‘सम: समम् शमयति’ (Similia Similibus Curentur) या ‘समरूपता’ (let likes be treated by likes) दवा सिद्धांत पर आधारित एक चिकित्सीय प्रणाली है।
- यह प्रणाली दवाओं द्वारा रोगी का उपचार करने की एक ऐसी विधि है, जिसमें किसी स्वस्थ व्यक्ति में प्राकृतिक रोग का अनुरूपण करके समान लक्षण उत्पन्न किया जाता है, जिससे रोगग्रस्त व्यक्ति का उपचार किया जा सकता है।
- होम्योपैथी, जो भारत में लगभग दो सौ साल पहले आरंभ की गई थी, वर्तमान में भारत की बहुलवादी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
भारत में होम्योपैथी का इतिहास
- भारत में होम्योपैथी उस समय आरंभ की गई थी, जब कुछ जर्मन मिशनरियों और चिकित्सकों ने स्थानीय निवासियों के बीच होम्योपैथिक दवाओं के वितरण का कार्य आरंभ किया था। तथापि, होम्योपैथी ने भारत में 1839 में उस समय अपनी जड़ें जमाईं जब डॉ. जॉन मार्टिन होनिगबर्गर (John Martin Honigberger) ने स्वर-रज्जु पक्षाघात (paralysis of Vocal Cords) के लिये महाराजा रणजीत सिंह का सफलतापूर्वक इलाज किया।
- डॉ. होनिगबर्गर कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में बस गए और हैजा-चिकित्सक के रूप में लोकप्रिय हुए। बाद में डॉ. एम.एल. सिरकार, जो अपने समय के एक ख्यातिप्राप्त चिकित्सक थे, ने भी होम्योपैथी में प्रैक्टिस आरंभ कर दी। उन्होंने वर्ष 1868 में प्रथम होम्योपैथिक पत्रिका ‘कलकत्ता जर्नल ऑफ़ मेडिसिन’ (Calcutta Journal of Medicine) का संपादन किया।
- वर्ष 1881 में डॉ. पी.सी मजूमदार और डॉ. डी.एन रॉय सहित अनेक प्रसिद्ध चिकित्सकों ने प्रथम होम्योपैथिक कॉलेज- 'कलकत्ता होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज' (Calcutta Homoeopathic Medical College) की स्थापना की।
स्रोत : पी.आई.बी एवं CCRH वेबसाइट
मलेरिया उन्मूलन के लिये ओडिशा सरकार की ‘दमन’ (DAMaN) योजना
चर्चा में क्यों?
नवंबर 2018 में विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2018 (World Malaria Report-2018) जारी की गई थी जिसमें मलेरिया के उन्मूलन के लिये उठाए गए कदमों के चलते भारत सुर्खियों में आया।
- इस रिपोर्ट में मलेरिया के नए मामलों में कमी के लिये ओडिशा की प्रशंसा की गई थी, जहाँ वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में 80% की कमी दर्ज की गई।
दमन (DAMaN) योजना
- अन्य भारतीय राज्यों के लिये ओडिशा (Odisha) मलेरिया उन्मूलन की दिशा में एक प्रेरणास्रोत के रूप में उभरकर सामने आया है।
- हाल के वर्षों में इसने अपने दुर्गम अंचलारे मलेरिया निराकरण (Durgama Anchalare Malaria Nirakaran- DAMaN) नामक पहल के माध्यम से मलेरिया के प्रसार पर अंकुश लगाने तथा उसके निदान और उपचार के लिये व्यापक प्रयास किये हैं, इस प्रयासों के चलते बहुत ही कम समय में प्रभावशाली परिणाम भी प्राप्त किये हैं।
- 2017 में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं (Accredited Social Health Activists-ASHAs) ने लगभग 11 मिलियन मच्छरदानियाँ वितरित करने में मदद की, जो उन क्षेत्रों में, जहाँ इसके प्रसार की संभावना सबसे अधिक थी, के सभी निवासियों को मलेरिया जैसे रोगों से सुरक्षा प्रदान करने के लिये आवश्यक था। इनमें आवासीय विद्यालयों के छात्रावास भी शामिल थे।
- अपने निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप ओडिशा ने 2017 में मलेरिया के मामलों और उसके कारण होने वाली मौतों में 80% की गिरावट दर्ज की।
- DAMaN का उद्देश्य राज्य के दुर्गम और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के लोगों तक अपनी सेवाओं का विस्तार करना है।
- DAMaN को राज्य के स्वास्थ्य एजेंडे में प्राथमिकता दी गई है।
- इस पहल को प्रभावी बनाने के लिये राज्य द्वारा पाँच सालों के लिये वित्तीय प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।
विश्व मलेरिया रिपोर्ट-2018 (World Malaria Report-2018)
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation-WHO) ने नवंबर 2018 में यह रिपोर्ट जारी की थी।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया उन्मूलन के वैश्विक प्रयासों में स्थिरता आई है जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2017 में वैश्विक रूप से मलेरिया के 219 मिलियन नए मामले सामने आए। उल्लेखनीय है कि यह संख्या वर्ष 2016 की तुलना में मलेरिया के मामलों की संख्या से 2 मिलियन अधिक थी।
- भारत मलेरिया से सबसे अधिक प्रभावित 11 देशों में से एकमात्र देश है जहाँ इस रोग को कम करने के मामले में पर्याप्त प्रगति देखी गई। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में मलेरिया के मामलों में यहाँ 24% की कमी देखी गई जो कि भारत के लिये सकारात्मक संकेत है।
- इससे पता चलता है कि भारत मलेरिया को समाप्त करने के लिये किये जा रहे वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाने में एक अग्रणी देश के रूप में सामने आया है।
- मलेरिया उन्मूलन के मामले में भारत की सफलता मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित अन्य देशों को इस रोग से निपटने के लिये एक उम्मीद प्रदान करती है।
पृष्ठभूमि
- भारत में मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख मोड़ 2015 में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) के दौरान आया, जब इसने 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने का संकल्प लिया।
- इस सार्वजनिक घोषणा के बाद, भारत ने मलेरिया उन्मूलन के लिये पंचवर्षीय राष्ट्रीय सामरिक योजना (National Strategic Plan for Malaria Elimination) की शुरुआत की।
- इसने मलेरिया ‘नियंत्रण’ से ‘उन्मूलन’ की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिये एक बदलाव को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया।
- यह योजना 2022 तक भारत के 678 ज़िलों में से 571 में मलेरिया को समाप्त करने का लक्ष्य हासिल करने के लिये एक रोडमैप प्रदान करती है।
आगे की राह
- योजना को सुचारु रूप से कार्यान्वित करने के लिये 10,000 करोड़ रुपए से अधिक धन की आवश्यकता है।
- इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सरकारों, नागरिक समाज और परोपकारी दाताओं के बीच समन्वित कार्रवाई के साथ संयुक्त निवेश अनिवार्य है।
- चूँकि स्वास्थ्य राज्य सूची का विषय है, इसलिये देश भर की राज्य सरकारें इस बीमारी के उन्मूलन में विशेष ज़िम्मेदारी निभा सकती हैं।
स्रोत : द हिंदू
भारत रत्न, 2019
हाल ही में देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, समाजसेवी नानाजी देशमुख और गायक व संगीतकार भूपेन हज़ारिका को भारत रत्न देने का फैसला किया गया है। गौरतलब है कि ‘भारत रत्न’ देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
प्रमुख बिंदु
- यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने देश के किसी भी क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण कार्य किये हों, अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाया हो।
- ‘भारत रत्न’ कला, साहित्य, विज्ञान के क्षेत्र में तथा किसी राजनीतिज्ञ, विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को असाधारण सेवा हेतु व उच्च लोक सेवा को मान्यता देने के लिये भारत सरकार की ओर से दिया जाता है।
- सामाजिक कार्यकर्त्ता नानाजी देशमुख और प्रख्यात संगीतकार भूपेन हज़ारिका को मरणोपरांत इस सम्मान से सम्मानित किया गया है।
प्रणब मुखर्जी
- करीब पाँच दशकों तक देश की राजनीति में सक्रिय रहे प्रणब मुखर्जी देश के 13वें राष्ट्रपति रहे हैं। हालाँकि पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद दो बार राष्ट्रपति रहे इसलिये वे इस पद पर आसीन होने वाले 12वें व्यक्ति हैं।
- प्रणब मुखर्जी ने 25 जुलाई, 2012 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली। वह इस पद पर 25 जुलाई, 2017 तक रहे। 1984 में प्रणव मुखर्जी वित्त मंत्री रह चुके हैं।
नानाजी देशमुख
- 11 अक्तूबर, 1916 को महाराष्ट्र के हिंगोली में जन्मे नानाजी देशमुख मुख्य रूप से समाजसेवी रहे।
- 1980 में सक्रिय राजनीति से उन्होंने संन्यास ले लिया लेकिन दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना करके समाजसेवा से जुड़े रहे।
- 1999 में उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाया गया और उसी साल समाज सेवा के लिये उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। नानाजी देशमुख का निधन 27 फरवरी, 2010 को 95 वर्ष की उम्र में चित्रकूट में हुआ था।
भूपेन हज़ारिका
- भूपेन हज़ारिका गायक एवं संगीतकार होने के साथ ही एक कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति तथा संगीत के अच्छे जानकार थे।
- उनका निधन पाँच नवंबर, 2011 को हुआ था। उन्हें दक्षिण एशिया के सबसे नामचीन सांस्कृतिक कर्मियों में से एक माना जाता था।
- अपनी मूल भाषा असमी के अलावा भूपेन हज़ारिका ने हिंदी, बांग्ला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए। उन्हें पारंपरिक असमिया संगीत को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भी दिया जाता है।
- हज़ारिका को पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के जैसे पुरस्कारों से भी नवाज़ा गया था।
भारत रत्न संबंधी कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य
- भारत रत्न देने की शुरुआत 2 जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने की थी।
- 1954 में सर्वप्रथम भारत रत्न सी. राजगोपालाचारी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सी. वी. रमन को दिया गया था, उस समय केवल जीवित व्यक्ति को यह सम्मान दिया जाता था।
- 1955 में मरणोपरांत भी सम्मान देने का प्रावधान इसमें जोड़ दिया गया।
- 2013 में पहली बार खेल के क्षेत्र में नाम कमाने वालों को भी भारत रत्न देने का निर्णय लिया गया और इसी कड़ी में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को इस सम्मान के लिये चुना गया।
- 2013 में सचिन तेंदुलकर के साथ वैज्ञानिक सी.एन.आर. राव को भी भारत रत्न दिया गया।
- भारत रत्न पाने वालों को भारत सरकार की ओर से केवल एक प्रमाणपत्र और एक पदक मिलता है।
- इस सम्मान के साथ कोई धनराशि नहीं दी जाती।
- इसे पाने वालों को विभिन्न सरकारी विभाग सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं।
- किसी विशेष वर्ष में वार्षिक पुरस्कारों की संख्या अधिकतम तीन तक सीमित है।
- प्रधानमंत्री द्वारा भारत रत्न दिये जाने की सिफारिश राष्ट्रपति से की जाती है। इसके लिये कोई औपचारिक सिफारिश आवश्यक नहीं होती है।
- भारत रत्न पाने वालों को महत्त्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है।
- सरकार वॉरंट ऑफ प्रिसिडेंस में उन्हें जगह देती है। वॉरंट ऑफ प्रिसिडेंस का इस्तेमाल सरकारी कार्यक्रमों में वरीयता देने के लिये होता है।
- भारत रत्न विजेताओं को प्रोटोकॉल में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद स्थान मिलता है।
स्रोत- गृह मंत्रालय, बीबीसी हिंदी
Rapid Fire करेंट अफेयर्स (28 January)
- 26 जनवरी को देशभर में 70वें गणतंत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर राजपथ पर हुए मुख्य समारोह में दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति मटामेला सिरिल रामफोसा मुख्य अतिथि थे। इस वर्ष की परेड की खास बात यह रही कि लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी पुरुषों की टीम का नेतृत्व करने वाली देश की पहली महिला बन गईं। उन्होंने भारतीय सेना की सर्विस कॉर्प्स का नेतृत्व किया, जिसमें उनके अलावा कोई महिला जवान शामिल नहीं थी। उनके अलावा मेजर खुशबू कंवर ने असम राइफल्स के महिला दस्ते का नेतृत्व किया। कैप्टन भावना स्याल ने ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल के दस्ते का नेतृत्व किया। डेयरडेविल्स टीम के पुरुष साथियों के साथ सिग्नल्स कोर की कैप्टन शिखा सुरभि बाइक पर करतब करने वाली पहली महिला बनीं।
- रक्षा मंत्रालय ने 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक मोबाइल एप RDP India 2019 लॉन्च किया, जिसमें लोग राजपथ पर इस साल की गणतंत्र दिवस परेड की झलकियाँ देख सकते हैं। इस एप पर परेड के मार्चपास्ट की क्रमवार जानकारी के साथ विभिन्न राज्यों एवं मंत्रालयों की झांकियाँ, बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुति, फ्लाईपास्ट और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2019 से सम्मानित बच्चों के नाम इत्यादि का ब्योरा उपलब्ध है। यह नई पहल सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान के सहयोग से शुरू की गई है।
- 2019 के लिये पद्म पुरस्कारों की घोषणा। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, असमिया कलाकार स्व. भूपेन हज़ारिका और RSS विचारक नानाजी देशमुख को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न देने का ऐलान। लोक कलाकार तीजन बाई, जिबूती के राष्ट्रपति इस्माइल उमर गुएलेह, L&T इंडिया के चेयरमैन ए.एम नाइक और लेखक बलवंत मोरेश्वर को पद्म विभूषण दिया जाएगा। तीसरा सर्वोच्च पुरस्कार पद्म भूषण 14 लोगों को दिया जाएगा और शेष 94 लोगों को पद्म श्री से नवाज़ा जाएगा। कुल 112 लोगों की सूची में 21 महिलाएँ और 11 विदेशी तथा NRI हैं। इनमें तीन मरणोपरांत पुरस्कार प्राप्त करने वाले और एक ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के मदुरै में एम्स का शिलान्यास किया। इससे मदुरै तथा समीपवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा और उन्नत स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के नए अवसर खुलेंगे। मदुरै में थोप्पुर के निकट बनाया जाने वाला यह एम्स तमिलनाडु के दक्षिणी पिछड़े ज़िलों में रहने वाले लोगों को लाभान्वित करेगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि रिफाइनरी में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का एकीकृत रिफाइनरी विस्तार परिसर देश को समर्पित किया। एकीकृत रिफाइनरी एक आधुनिक विस्तार है, जो कोच्चि रिफाइनरी को देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की रिफाइनरी बनाता है। यह LPG तथा डीजल उत्पादन को दोगुना करेगा और संयंत्र में पेट्रोरसायन उत्पादों के लिये कच्चे पदार्थों का उत्पादन भी शुरू कर देगा। इसके अलावा, रिफाइनरी में पेट्रोरसायन परिसर की आधारशिला भी रखी गई।
- भारत के हस्तकरघा तथा वस्त्र क्षेत्र को और मज़बूती देने के लिये वस्त्र मंत्रालय ने आर्टिज़न स्पीक कार्यक्रम का आयोजन मुंबई के निकट यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, एलीफेंटा गुफा में किया। इस दौरान हुए समझौतों से सरकार एवं अग्रणी रिटेलर तथा टेक्सटाइल ब्रांडों के बीच हस्तकरघा संवर्द्धन को बढ़ावा मिलेगा। इनके अलावा, वस्त्र कंपनियों और बुनकर सेवा केंद्रों के बीच हुए समझौते कार्यों को सुगमक बनाएंगे और कपड़ा कंपनियों तथा हैंडलूम क्लस्टरों को आपस में जोड़ेंगे।
- वस्त्र मंत्रालय मुंबई में तकनीकी वस्त्रों पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। । सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी द्वारा की जाएगी। भारत सरकार द्वारा तकनीकी वस्त्रों के लिये HSN (Harmonized System of Nomenclature) कोड जारी करना इस सम्मेलन की प्रमुख विशेषताओं में से है। तकनीकी वस्त्रों में वह कपड़ा सामग्री और उत्पाद शामिल हैं, जो मुख्य रूप से सौंदर्य और सजावटी विशेषताओं के अलावा बेहतर तकनीक के उपयोग से निर्मित होते हैं। भारत में तकनीकी वस्त्र कुल कपड़ा मूल्य श्रृंखला का 12 से 15% है, जबकि कुछ यूरोपीय देशों में यह औसत 50% तक है।
- मेक इन इंडिया के तहत इंटीग्रल कोच फैक्टरी, चेन्नई में निर्मित ट्रेन-18 का नाम वंदे भारत एक्सप्रेस रखा गया है। अधिकतम 160 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली यह फिलहाल देश की सबसे अधिक गति से चलने वाली ट्रेन है। देश की इस पहली इंजन-रहित ट्रेन को ट्रेन-18 का नाम इसलिये दिया गया क्योंकि भारतीय इंजीनियरों ने इसे केवल 18 महीनों में पूरी तरह भारत में बनाया है। पूरी तरह से वातानुकूलित यह ट्रेन सबसे पहले दिल्ली-वाराणसी के बीच चलेगी।
- जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी के बेसिन का मुआयना करने के लिये पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे पर आया। पाकिस्तान के सिंधु जल आयुक्त सैयद मोहम्मद मेहर अली शाह अपने दो सलाहकारों के साथ पाकल डुल और लोअर कलनई जलविद्युत परियोजना का निरीक्षण करेंगे। गौरतलब है कि भारत ने एक हज़ार मेगावाट के पाकल डुल और 48 मेगावाट की लोअर कलनई जलविद्युत परियोजनाओं पर पाकिस्तान की आपत्तियों को खारिज करते हुए उसे भारत आकर निरीक्षण करने को कहा था। सिंधु जल संधि के तहत दोनों देशों के आयुक्तों को सिंधु बेसिन के दोनों ओर के क्षेत्र का पाँच साल में एक बार निरीक्षण करने का अधिकार है। भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हुए सिंधु जल संधि के तहत यह निरीक्षण किया जाता है।
- ऑक्सफोर्ड Oxford Dictionary ने 'नारी शक्ति' को 2018 के लिये हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर घोषित किया है। हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर का दर्जा ऐसे शब्द को दिया जाता है, जो पूरे साल काफी ध्यान आकर्षित करता है और लोकाचार, भाव और चिंता को प्रतिबिंबित करता है। ऑक्सफोर्ड शब्दकोश की ओर से कहा गया कि आज यह शब्द अपनी जिंदगी का भार उठाने वाली महिलाओं का सूचक है। भाषा विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति की सहायता से इस शब्द को चुना गया।
- सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने स्पेन के राफेल नडाल को हराकर रिकॉर्ड सातवीं बार ऑस्ट्रेलियन ओपन का पुरुष एकल खिताब जीता। यह उनके करियर का 15वाँ ग्रैंड स्लैम है। इस जीत से जोकोविच ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी रॉय एमर्सन और स्विट्ज़रलैंड के रोजर फेडरर के छह बार यह खिताब जीतने का रिकॉर्ड तोड़ दिया। महिला वर्ग में जापान की नाओमी ओसाका ने दो बार की विम्बल्डन विजेता चेक गणराज्य की पेत्रा क्वितोवा को पराजित किया। इस प्रकार यह टूर्नामेंट जीतने वाली वह जापान की पहली टेनिस खिलाड़ी बन गई हैं। साथ ही वह पहली एशियाई हैं जिसे वर्ल्ड नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी बनने का गौरव मिला है।
- भारत की साइना नेहवाल ने फाइनल में कैरोलिना मारिन के चोट के कारण हटने से इंडोनेशिया मास्टर्स खिताब जीत लिया। फाइनल मैच की शुरुआत के सातवें मिनट में ही मारिन रिटायर्ड हर्ट हो गईं। वह उस समय साइना से 10-4 से आगे थीं। इसके साथ ही साइना इंडोनेशिया मास्टर्स जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं। वह पिछली बार भी इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुँची थीं। विश्व में नौवीं वरीयता प्राप्त साइना नेहवाल ने सेमीफाइनल में छठी वरीयता प्राप्त चीन की ही बिंगजियाओ को हराया था।