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डेली न्यूज़

  • 23 Apr, 2019
  • 16 min read
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

अंतरिक्ष में नए अग्निशामक यंत्र का उपयोग

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में उपयोग हेतु एक नए अग्निशामक यंत्र (Novel Fire Extinguisher) को विकसित किया है। जो फ्लेम/लौ के साथ-साथ जले हुए पदार्थों को भी सोख लेगा।

प्रमुख बिंदु

  • इस विधि में वैक्यूम एक्सटिंग्विश मेथड (Vacuum Extinguish Method- VEM) का उपयोग किया गया है।
  • वैक्यूम एक्सटिंग्विश मेथड को जापान में टोयोहाशी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (Toyohashi University of Technology) के शोधकर्त्ताओं द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
  • यह विधि वर्तमान में व्यापक रूप से उपयोग किये जाने वाले अग्निशामक यंत्रों के पूरी तरह से ‘रिवर्स’ ऑपरेशन पर आधारित है।
  • VEM दहनशील उत्पादों और वैक्यूम के साथ लौ को सोखने पर आधारित है, इन्हें अलग करने के लिये एक वैक्यूम कंटेनर में इकट्ठा किया जाता है।
  • यह रिवर्स कॉन्सेप्ट विशेष रूप से बंद परिवेश वाले वातावरण जैसे कि अंतरिक्ष वाहन और पनडुब्बी में होता है, के हानिकारक दहन वाले उत्पादों जैसे-धुआँ, कणिका पदार्थ/पार्टिकुलेट मैटर, ज़हरीली गैसों के घटक को फैलने से रोकने के लिये उपयुक्त हो सकता है।
  • यह विशेष रूप से अंतरिक्ष उपयोग के लिये लाभप्रद है, क्योंकि यह एक अत्यधिक वैक्यूम वाले वातावरण के लिये ज़्यादा बेहतर है।
  • वर्तमान में अमेरिका, जापान, यूरोप और रूस में अंतरिक्षयान या अंतरिक्ष स्टेशनों में प्रयुक्त अग्निशामक मुख्यतः CO2-स्प्रेयिंग गैस एक्सटिंग्विशर्स हैं, हालाँकि पानी की धुंध/कोहरे को भी आंशिक रूप से एक विकल्प के रूप में माना जाता है।

CO2-स्प्रेयिंग गैस एक्सटिंग्विशर्स (CO2-spraying gas extinguishers)

  • वर्तमान में पृथ्वी पर बिजली से लगी आग को बुझाने के लिये ज़्यादातर CO2-स्प्रेयिंग गैस एक्सटिंग्विशर्स (CO2-spraying gas extinguishers) का इस्तेमाल किया जाता है।
  • हालाँकि केबिन के अंदर सीमित क्षेत्र तथा CO2 की सांद्रता में वृद्धि के कारण एक्सटिंग्विशर्स की छिड़काव प्रक्रिया अंतरिक्ष-पर्यावरण के लिये सबसे अच्छा विकल्प नहीं है।
  • इसलिये बुझाने की प्रक्रिया को निष्पादित करने से पहले O2 मास्क पहनना आवश्यक है, जो कार्रवाई में देरी का कारण बनता है और आग को बढ़ने देता है।
  • इसके अलावा जब CO2 गैस का छिड़काव फायरिंग ज़ोन में किया जाता है तो हानिकारक दहनशील उत्पादों के साथ-साथ CO2 गैस पूरे केबिन में फैल जाती है।
  • अंततः हानिकारक गैस घटकों यहाँ तक कि CO2 को अंततः एयर-रीसर्क्युलेशन प्रक्रिया air-recirculation procedure द्वारा फ़िल्टर किया जाता है जिसमें अधिक समय लगता है और मिशन में देरी होती है।

निष्कर्ष

भविष्य में दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशन की संभावनाएँ हैं जिसमें आग लगने की घटना में नए अग्निशामक यंत्र CO2 गैस की छिड़काव प्रक्रिया की अपेक्षा एक प्रभावी उपकरण के रूप में देखा जा रहा है जो अग्नि सुरक्षा रणनीति पर बेहतर कार्य कर सकता है।

स्रोत- बिज़नेस स्टैंडर्ड्स


जैव विविधता और पर्यावरण

खतरे में हैं मेडागास्कर की देशज प्रजातियाँ

चर्चा में क्यों?

मेडागास्कर की लगभग 20 देशज प्रजातियाँ खतरे में हैं। गौरतलब है कि खतरों से घिरी इन प्रजातियों का ज़्यादातर हिस्सा नरवानर गण (Primate) समूह से संबंध रखता है। इस समूह में आमतौर पर लेमूर, बंदर, वानर और मनुष्यों से संबंधित सभी प्रजातियाँ शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ( International Union for Conservation of Nature- IUCN) की संकटग्रस्त जातियों की लाल सूची के अनुसार, 111 लेमूर प्रजातियों में से 24 वर्तमान में क्रिटिकली एन्डेंजर्ड के रूप में सूचीबद्ध हैं, 49 लुप्तप्राय हैं और 20 सुभेद्य हैं।
  • CITES द्वारा इन सभी प्रजातियों को परिशिष्ट I में सूचीबद्ध किया गया है, जो वैज्ञानिक उद्देश्यों को छोड़कर किसी नमूने या अंग के व्यापार को प्रतिबंधित करता है।

♦ इंद्री, सभी लेमूर प्रजातियों में सबसे बड़ी और मेडागास्कर के लिये प्रतीकात्मक महत्त्व वाली प्रजाति है। यह प्रजाति भी उन लेमूर प्रजातियों में से एक है जिन्हें लुप्तप्राय की सूची से हटाकर क्रिटिकली एन्डेंजर्ड के रूप में सूचीबद्ध जाएगा।

♦ मैडम बर्थे (Madame Berthe’s) माउस लेमूर (दुनिया का सबसे छोटा प्राइमेट) को भी अब लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया जाएगा।

  • मेडागास्कर में लेमूर प्रजाति के अस्तित्व पर कई कारक संकट उत्पन्न कर रहे हैं, उनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं-

♦ उष्णकटिबंधीय वन्य आवास का व्यापक विनाश

♦ गैरकानूनी तरीके से पेड़ों की कटाई

♦ झूम कृषि की वज़ह से वनों की कटाई

♦ चारकोल का उत्पादन

♦ खनन

♦ भोजन और व्यापार के लिये लेमूर का शिकार।

मेडागास्कर

  • पूरे मेडागास्कर द्वीप पर विशिष्ट पारिस्थितिक तंत्र और असाधारण वन्यजीव विकसित हुए हैं। यह अफ्रीकी महाद्वीप से लगभग 160 मिलियन साल पहले अलग हो गया था।
  • मेडागास्कर के समुद्र तट का विस्तार 3,000 मील से भी अधिक है। इसमें 250 से अधिक द्वीपसमूह हैं जहाँ दुनिया के सबसे बड़े प्रवाल भित्ति और सबसे व्यापक मैंग्रोव क्षेत्रों में से कुछेक पाए जाते हैं।
  • IUCN हर साल 30 अक्तूबर को विश्व लेमूर दिवस मनाता है।

स्रोत- द हिंदू


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (23 April)

  • 21 अप्रैल को 13वें लोक सेवा दिवस का आयोजन किया गया। आज ही के दिन स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारतीय लोक सेवा आयोग के पहले बैच को 'Steel Frame of India' कहकर संबोधित किया था। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा के सदस्यों द्वारा स्वयं को नागरिकों के प्रति एक बार फिर समर्पित और वचनबद्ध करना है। सिविल सेवा में चुने जाने वाले सरकार की नीतियों को लागू करने और यह सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं कि लोगों को विकास की पहलों का लाभ मिले। भारत सरकार ने 2006 से प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस के रूप मनाने का निर्णय लिया था।
  • 20 अप्रैल को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में प्रोजेक्ट 15B के तीसरे पोत, गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर इम्फाल का जलावतरण किया गया। 3037 टन वज़नी इस युद्धपोत में बेहतर स्टील्थ विशेषताओं को शामिल करने के साथ-साथ रडार पारदर्शी डेक फिटिंग्स का उपयोग भी किया गया है। इससे इन युद्धपोतों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। यह युद्धपोत भी अपने पूर्ववर्ती युद्धपोतों की भांति नौसेना डिज़ाइन निदेशालय द्वारा स्वदेश में तैयार किया गया है। प्रोजेक्ट 15B के सभी युद्धपोतों को अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस किया जाता है, जिसमें बहुउद्देशीय निगरानी रडार, समुद्री और हवाई लक्ष्यों को भेदने वाली मिसाइल प्रणाली शामिल हैं। प्रत्येक युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर है और इनमें 30 नॉटिकल मील से अधिक की गति देने के लिये चार गैस टर्बाइनों का उपयोग किया जाता है। प्रोजेक्ट 15B युद्धपोतों में दो बहु-आयामी हेलीकॉप्टरों को संचालित करने की भी सुविधा उपलब्ध है।
  • भारतीय वायुसेना ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को वीर चक्र देने की सिफारिश की है। बालाकोट में आतंकियों के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना के कुछ F-16 युद्धक विमान भारतीय वायु क्षेत्र में घुस आए थे। उस समय भारतीय विमानों ने इनका पीछा करते हुए एक पाकिस्तानी F-16 विमान को मार गिराया था। इस कोशिश में भारतीय वायुसेना का एक मिग बाइसन जेट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में क्रैश हो गया था। इस विमान को विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान उड़ा रहे थे। वीर चक्र युद्ध के समय योगदान के लिये दिये जाने वाले सम्मानों में तीसरा सर्वश्रेष्ठ सम्मान है। परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद वीर चक्र का स्थान आता है।
  • हिंद महासागर में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं ने एक संयुक्त पनडुब्बी-भेदी अभ्यास किया। इसका उद्देश्य समुद्री गश्त और टोही अभियानों में समन्वय का आधार तैयार करना था। भारत और अमेरिका के P-8 पनडुब्बी-भेदी विमानों ने गाइडेड मिसाइल विध्वंसक USS स्प्रुएंस के साथ इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया। इस युद्धाभ्यास में तमिलनाडु के अरक्कोणम में नौसेना केंद्र रजाली में स्थित नेवल एयर स्क्वाड्रन 312 के भारतीय विमान P-8I नेपच्यून ने फ्लोरिडा के जैक्सनविले में स्थित पेट्रोल स्कवाड्रन VP-8A फाइटिंग टाइगर्स के US P-8A पोसीडॉन विमान के साथ हिस्सा लिया।
  • ओडिशा के कलाम द्वीप में हाल ही में लगभग एक लाख से अधिक छोटे-छोटे ओलिव रिडले कछुए अंडों से निकलकर बंगाल की खाड़ी में समुद्र में अपने ठिकानों की ओर रवाना हो गए। यह प्रक्रिया अभी जारी रहेगी. क्योंकि इस साल लगभग साढ़े चार लाख से ज़्यादा ओलिव रिडले कछुए हज़ारों मील दूर प्रशांत महासागर से गहिरमाथा मरीन सैंक्चुअरी में अंडे देने पहुँचे थे। इनकी सुरक्षा के लिये गहिरमाथा व ऋषिकुल्या क्षेत्रों में मछुआरों तथा पर्यटकों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। गौरतलब है कि बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के तट कछुओं के लिये अंडे देने की सबसे बेहतर जगह माने जाते हैं। ये कछुए गंजाम जिले के ऋषिकुल्या नदी, केंद्रपाडा जिले में गहिरमाथा नदी और पुरी ज़िले के देवी नदी में प्रजनन करने आते हैं। विलुप्ति की कगार पर खड़े इन कछुओं के संरक्षण और अंडे देने तथा प्रजनन की प्रक्रिया के दौरान उन्हें नुकसान से बचाने के लिये सरकार इन क्षेत्रों में 20 किमी. के दायरे में मछली पकड़ने पर 1 नवंबर से 31 मई तक प्रतिबंध लगा चुकी है।
  • हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हर साल कार्य से जुड़ी दुर्घटनाओं और कार्य के चलते हुई बीमारियों से 27.8 लाख कामगारों की मौत हो जाती है। काम के लंबे घंटे और बीमारियों के चलते ऐसा होता है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2-3 दिसंबर, 1984 की रात मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक संयंत्र से निकली कम से कम 30 टन मिथाइल आइसोसाइनेट गैस से 6 लाख से ज़्यादा मज़दूर और आसपास रहने वाले लोग प्रभावित हुए थे। सरकारी आँकड़ों के अनुसार, 15 हज़ार से अधिक लोग इस दुर्घटना में मारे गए थे। लाखों लोग आज भी उस इलाके में मौज़ूद ज़हरीले कणों वाली हवा में साँस लेने को मजबूर हैं। उनकी आने वाली पीढ़ियाँ आज भी साँस संबंधित बीमारियों से जूझ रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1919 के बाद भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक थी।
  • ईसा मसीह के दोबारा जीवित होने की खुशी के अवसर पर ईस्टर (Easter) मनाया जाता है। यह ईसाई धर्म का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है, जो गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार को मनाया जाता है। इस साल ईस्टर 21 अप्रैल को मनाया गया। इसे Date Sunday भी कहते हैं। यह त्योहार जीवन में बदलाव के प्रतीक रूप में मनाया जाता है। 'ईस्टर' शब्द जर्मन के ईओस्टर शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'देवी'। यह वसंत की देवी मानी जाती थी। मान्यता के अनुसार सलीब (Cross) पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यानी ईस्टर के दिन ईसा मसीह फिर से जीवित हो गए थे और इसके बाद 40 दिन तक अपने शिष्यों और दोस्तों के साथ रहे और अंत में स्वर्ग चले गए। अनुयायियों ने प्रभु यीशु के पुनः जीवित होने को ईस्टर घोषित कर दिया। ईस्टर पर सजी हुई मोमबत्तियाँ अपने घरों में जलाने और दोस्तों को बाँटने की भी परंपरा है। ईसाई धर्म को मानने वाले इस दिन व्रत रखते हैं और अपने घरों में रंगीन अंडे (Easter Egg) छिपा देते हैं ताकि सुबह बच्चे उन्हें ढूंढ सकें।

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