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डेली न्यूज़

  • 19 Feb, 2019
  • 25 min read
सामाजिक न्याय

महिलाओं की सुरक्षा हेतु महत्त्वपूर्ण पहल की शुरुआत

चर्चा में क्यों?

देश के 16 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा महिला और बाल विकास मंत्रालय के तहत महिलाओं की सुरक्षा के लिये नई दिल्ली में कई पहलों की शुरुआत की गई है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • यह योजना देश के 16 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में एक साथ शुरू की गई। इनमें शामिल है - आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, पुद्दुचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान, दादरा नगर हवेली, दमन और दीव, जम्मू-कश्मीर।
  • महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा घरेलू, कामकाजी और सार्वजनिक स्थानों पर उपस्थित महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने के लिये कई पहलों की शुरुआत की गई है। इनमें से तीन महत्त्वपूर्ण पहलें निम्नलिखित हैं –
  1. इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (Emergency Response Support Systems-ERSS)
  2. यौन अपराधों के लिये जाँच ट्रेकिंग सिस्टम (Investigation Tracking System-ITSSO)
  3. सुरक्षित महानगर कार्यान्वयन निगरानी पोर्टल (Safe Metropolitan Implementation Monitoring Portal)

इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (Emergency Response Support Systems-ERSS)

  • ERSS पीड़ित व्यक्तियों के लिये एक अखिल भारतीय एकल संख्या-112 (All India Single Number-112) आधारित रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम है जिसे डायल कर नागरिकों द्वारा आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्राप्त की जा सकती है।
  • ‘112 इंडिया ऐप’ महिलाओं और बच्चों के लिये विशेष सुविधा प्रदान करता है, जो तत्काल सहायता के लिये पीड़ित के आसपास के क्षेत्र में पंजीकृत स्वयंसेवकों को सचेत करता है।
  • इस प्रणाली के तहत सभी राज्यों को एक इमरजेंसी रिस्पॉन्स केंद्र (Emergency Response Center-ERC) स्थापित करना होगा। इसमें पुलिस, फायर एंड रेस्क्यू, स्वास्थ्य और अन्य आपातकालीन सेवाओं जैसी सहायता प्रदान करने हेतु आपातकालीन अनुरोधों के संचालन के लिये प्रशिक्षित कॉल-टेकर्स और डिस्पैचर की एक टीम होगी।
  • ERC पर आपातकालीन सेवा के लिये कॉल किये जाने के बाद पुलिस घटनाओं की निगरानी कर सकती है। ERC ज़िला कमांड सेंटर (District Command Center) और इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल (Emergency Response Vehicle) से जुड़े होते हैं और पीड़ितों को उनके माध्यम से सहायता/प्रतिक्रिया दी जाती है।
  • ERSS पहल को प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश द्वारा प्रबंधित एक सामान्य प्रोटोकॉल के रूप में तैयार किया गया है।
  • केंद्र सरकार द्वारा निर्भया योजना के हिस्से के रूप में ERSS के लिये राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को 321.69 करोड़ रूपए का अनुदान दिया जा रहा है।
  • हिमाचल प्रदेश और नगालैंड में पहले ही ये सेवाएँ शुरू की जा चुकी हैं।

यौन अपराधों के लिये जाँच ट्रेकिंग सिस्टम (Investigation Tracking System-ITSSO)

इसके अंतर्गत इमरजेंसी नंबर 112 तथा एप के माध्यम से सूचना प्राप्त होने पर ट्रेकिंग सिस्टम से महिलाओं एवं बच्चों की यथास्थिति का पता लगाकर उन्हें तत्काल सहायता प्रदान की जाती है।

सुरक्षित महानगर कार्यान्वयन निगरानी पोर्टल (Safe Metropolitan Implementation Monitoring Portal)

पोर्टल की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :

  • अपराध की पहचान, प्रत्येक शहर में हॉट-स्पॉट।
  • चिन्हित हॉट-स्पॉट में सीसीटीवी (CCTV) द्वारा निगरानी बढ़ाना।
  • आवश्यकता के अनुसार कुछ शहरों में स्वचालित नंबर प्लेट रीडिंग (Automatic Number Plate Reading-ANPR) और ड्रोन आधारित निगरानी की व्यवस्था भी की जा रही है।
  • किसी भी पीड़ित महिला द्वारा घटना की सूचना देने या सहायता प्राप्त करने में आसानी के लिये महिला पुलिस आउट-पोस्ट (Women Police Out-Post) की स्थापना करना।
  • असुरक्षित क्षेत्रों में महिला पुलिस द्वारा गश्त।
  • प्रशिक्षित काउंसलर की सुविधा के साथ पुलिस स्टेशनों में महिला सहायता डेस्क (Women's Help Desk) की स्थापना।
  • मौजूदा महिला सहायता केंद्रों जैसे - आशा ज्योति केंद्र (Asha Jyoti Kendra) या भरोसा केंद्र (Trust Center) आदि का विस्तार।
  • बसों में कैमरों सहित सुरक्षा उपायों की व्यवस्था करना।
  • चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटिंग में सुधार।
  • महिलाओं के लिये शौचालय की स्थापना।
  • महिला सुरक्षा और लैंगिक संवेदनशीलता पर सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम।

उद्देश्य

  • बलात्कार जैसे अपराध की प्रभावी ढंग से रोकथाम के लिये सरकार द्वारा आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 2018 (Criminal Law Amendment Act, 2018) लागू किया गया है। इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिये जाँच और अभियोजन तंत्र को मज़बूत करने तथा महिलाओं के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करने के उपायों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा इन पहलों की शुररुआत की गई है।
  • इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा चार राज्यों - तमिलनाडु (चेन्नई और मदुरै), उत्तर प्रदेश (लखनऊ और आगरा), पश्चिम बंगाल (कोलकाता) और महाराष्ट्र (मुंबई) में राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की डीएनए विश्लेषण क्षमताओं को मज़बूत करने के लिये निर्भया फंड के तहत एक विशेष परियोजना की घोषणा की गई।

स्रोत – PIB


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

अंतरिक्ष में पहला सौर ऊर्जा स्टेशन

चर्चा में क्यों?

चंद्रमा के अनदेखे हिस्से के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिये भेजे गए मिशन की सफलता के बाद चीन अंतरिक्ष में एक सौर ऊर्जा स्टेशन (Solar Power Station) बनाने की तैयारी कर रहा है।

प्रायोगिक आधार का निर्माण

  • वैज्ञानिकों ने पहले ही पश्चिमी चीनी शहर चोंगकिंग(Chongqing) में इस प्रयोग के लिये एक बेस/आधार के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है।
  • साइंस एंड टेक्नोलॉजी डेली (Science and Technology Daily)के अनुसार, वैज्ञानिकों की योजना प्रारंभ में 2021 से 2025 के बीच समतापमंडल (Stratosphere) में एक छोटा ऊर्जा स्टेशन, वर्ष 2030 तक अंतरिक्ष में 1 मेगावाट की क्षमता वाले ऊर्जा स्टेशन और अंततः एक बड़ा सौर जनरेटर स्थापित करने की है।
  • 3 जनवरी को राष्ट्र के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा पृथ्वी से चंद्रमा की अधिकतम दूरी पर अपना लैंड रोवर सफलतापूर्वक उतारा गया जिसने, मिशन की एक श्रृंखला की कैपिंग की और चीन की महत्त्वाकांक्षाओं को बढ़ावा दिया।
  • पृथ्वी से विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप के अभाव के कारण अस्पष्टीकृत क्षेत्र पर उतारे गए लैंड रोवर (Change-4) द्वारा चंद्रमा का बेहतर ढंग से अध्ययन किया जा सकेगा।

अंतरिक्ष केंद्र (Space Station)

  • चीन का लक्ष्य 2022 तक अपना खुद का अंतरिक्ष केंद्र, तियांगोंग (Tiangong) या हैवेनली पैलेस (Heavenly Palace) स्थापित करना है। इसमें एक कोर मॉड्यूल (Core Module) और प्रयोगों के लिये दो अन्य मॉड्यूल होंगे, जो विकसित किये जाने से कम-से-कम 10 साल तक 66 टन भार और तीन व्यक्तियों को ले जाने में सक्षम होगा।
  • इसका उपयोग जीव विज्ञान (Biology), भौतिकी (Physics) और पदार्थ विज्ञान (Material Sciences) सहित एक दर्जन क्षेत्रों में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये किया जाएगा।

चीन का लूनर रोवर 'चांग ई-4' (Chang'e 4)

  • हाल ही में चीन ने चंद्रमा के अनदेखे हिस्से के बारे में जानकारी जुटाने के लिये चांग ई-4 यान का प्रक्षेपण किया।
  • चीन के सिचुआन प्रांत में स्थित शीचांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से लॉन्ग मार्च-3 रॉकेट के ज़रिये यह प्रक्षेपण किया गया था।
  • चांग ई-4 का उद्देश्य चंद्रमा के उस हिस्से के रहस्यों का खुलासा करना है, जहाँ अभी तक कोई यान नहीं गया है।
  • ध्यातव्य है कि चंद्र अभियान 'चांग ई-4' का नाम चीनी पौराणिक कथाओं की चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है।

स्रोत – बिज़नेस लाइन


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति का भारत दौरा

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री (Mauricio Macri) भारत की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर आए।

  • 2019 दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना का 70वाँ वर्ष है।
    Argentina

भारत-अर्जेंटीना संबंध

राजनीतिक संबंध

  • 1943 में भारत द्वारा ब्यूनस आयर्स में एक व्यापार आयोग की स्थापना की गई थी। बाद में 1949 में इसे भारतीय दूतावास में बदल दिया गया।
  • इस यात्रा के दौरान दोनों देशों की समृद्धि के लिये महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही एक रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशो ने साथ मिलकर कार्य करने का फैसला किया।

आतंकवाद का सामना (Counter-Terrorism)

  • भारत और अर्जेंटीना द्वारा आतंकवाद से लड़ने के लिये अलग से एक संयुक्त घोषणा-पत्र जारी किया गया।
  • अर्जेंटीना ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है।
  • दोनों देशों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और एक संयुक्त बयान में कहा कि दोनों में से कोई भी देश किसी अन्य देश पर आतंकवादी हमला करने के लिये अपने क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा।
  • भारत ने वर्ष 2018 में जी -20 शिखर सम्मेलन के दौरान 'आतंकवाद का मुकाबला करने के लिये हैम्बर्ग स्टेटमेंट’ (Hamburg Statement on countering terrorism) के 11-सूत्री एजेंडे को लागू करने का भी आग्रह किया।

आर्थिक और वाणिज्यिक अनुबंध (Economic and Commercial Engagement)

  • पिछले 10 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार दोगुने से अधिक होकर लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है।
  • कृषि, धातु और खनिज, तेल एवं गैस, दवा, रसायन, मोटर वाहन तथा अन्य सेवाओं जैसे विभिन्न' क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना व्यक्त गई है।
  • भारत और अर्जेंटीना ने व्यापार क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को दूर कर, बाज़ार तक पहुँच अधिक सुविधाजनक बनाने, व्यापार एवं निवेश में वृद्धि एवं इसमें विविधता लाने के लिये एक साथ काम करने का फैसला किया।

कृषि (Agriculture)

  • अर्जेंटीना एक कृषि शक्ति संपन्न (Powerhouse of Agriculture) है। भारत इसे अपनी खाद्य सुरक्षा के लिये एक महत्त्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखता है।
  • यात्रा के दौरान दोनों देशों ने उत्पादकता बढ़ाने, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और जलवायु तन्यकता (climate resilience) बढ़ाने के लिये प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान सहित कृषि सहयोग के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया।

खनन (Mining)

  • अर्जेंटीना लीथियम ट्राएंगल (Lithium Triangle) का एक हिस्सा है और इसके पास दुनिया के लिथियम भंडार का लगभग 54% हिस्सा है।
  • भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की खनन कंपनी, खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड (Khanij Bidesh India Limited-KABIL) ने अर्जेंटीना में लिथियम खनन के लिये एक संयुक्त उद्यम स्थापित करने का निर्णय लिया है।

भारत-मर्कोसुर

  • भारत 2004 में मर्कोसुर के साथ अधिमान्य व्यापार समझौते ( Preferential Trade Agreement-PTA) पर हस्ताक्षर करने वाला पहला देश था।
  • अर्जेंटीना और भारत के बीच PTA के विस्तार के लिये भी सहमति बनी है।

मर्कोसुर (MERCOSUR)

दक्षिणी साझा बाज़ार (Southern Common Market ),जिसे स्पेनिश भाषा में मर्कोसुर कहा जाता है, एक क्षेत्रीय एकीकरण प्रक्रिया है। इसकी स्थापना अर्जेंटीना, ब्राज़ील, पराग्वे (Paraguay) और उरुग्वे (Uruguay) द्वारा की गई थी, जबकि वेनेजुएला और बोलीविया इसमें बाद में शामिल हुए थे।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (International Cooperation)

  • अर्जेंटीना ने विभिन्न अप्रसार व्यवस्थाओं तक भारत की पहुँच में एक प्रमुख भूमिका निभाई है, जिसमें मिसाइल संधि नियंत्रण व्यवस्था (Missile Treaty Control Regime), वासेनार व्यवस्था (Wassenaar Arrangement) और ऑस्ट्रेलिया समूह (Australia Group) शामिल हैं।
  • भारत और अर्जेंटीना ने वैश्वीकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है और बहुपक्षवाद में सुधार किया है।
  • दोनों पक्ष विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization-WTO) में सुधार और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के व्यापक सुधार के लिये मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Cooperation)

  • भारत 2019 में में ब्यूनस आयर्स (Buenos Aires ) में आयोजित होने वाले दक्षिण-दक्षिण सहयोग पर संयुक्त राष्ट्र के दूसरे उच्च स्तरीय सम्मेलन (BAPA 40) में भाग लेगा।

भारत तथा अर्जेंटीना के बीच हस्ताक्षरित अन्य समझौता ज्ञापन (Memorandum of Understanding-MoU) में रक्षा सहयोग, अंतरिक्ष सहयोग, परमाणु ऊर्जा, तेल और गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, संस्कृति, आदि जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

स्रोत - PIB


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (19 February)

  • भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुल्गारिया, मोरक्को और स्पेन की चार दिवसीय यात्रा के दौरान मोरक्को और भारत के संबंधों को और मज़बूत करने तथा सहयोग के क्षेत्रों को बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। दोनों देश आतंकवाद से लड़ने के लिये संयुक्त कार्य समूह के गठन पर भी सहमत हुए, जिसमें सीमा पार से आतंकवाद, आतंकी वित्तपोषण और आतंकवादियों की भर्ती से निपटना शामिल है। इसके लिये दोनों देशों के बीच आतंकवाद निरोधक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए। अन्य तीन समझौते आवास, युवाओं और दोनों देशों के बीच व्यवसायियों के आवागमन की सुविधा को लेकर हुए।
  • रिज़र्व बैंक ने 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त छमाही के लिये सरकार को 28 हज़ार करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश (Interim Dividend) देने का फैसला किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली और रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की बैठक में अंतरिम लाभांश को लेकर फैसला लिया गया। रिज़र्व बैंक के इस डिविडेंड से सरकार को राजकोषीय घाटा नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष में रिज़र्व बैंक ने केंद्र सरकार को 10 हज़ार करोड़ रुपए का अंतरिम लाभांश दिया था।
  • सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश को पलटते हुए तमिलनाडु में तूतीकोरिन स्थित वेदांता के स्टरलाइट कॉपर प्लांट को खोलने की अनुमति देने से इनकार करते हुए स्टरलाइट से इस मामले में हाई कोर्ट जाने के लिये कहा है। इस प्लांट से होने वाले प्रदूषण का स्थानीय लोगों ने जब विरोध किया तो तमिलनाडु सरकार ने पिछले वर्ष 28 मई को स्टरलाइट प्लांट को पूर्ण रूप से बंद करने का आदेश दिया था, लेकिन NGT ने यह रोक हटा ली थी। वेदांता ने तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट संयंत्र को फिर से चालू करने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी।
  • केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (UAS) में भारत के पहले कृषि पूर्वानुमान केंद्र, उत्तर कर्नाटक एग्रोमेट फोरकास्टिंग एंड रिसर्च सेंटर (NKAFC) का उद्घाटन किया। धारवाड़ में बनाए गए इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य मौसम की सटीक जानकारी देना है। इससे किसानों को फसलों की निगरानी करने और बेहतर उपज लेने में आसानी होगी। इस केंद्र से आसपास के लगभग 25 लाख किसानों को WhatsApp, SMS, सोशल नेटवर्किंग साइटों और सामुदायिक रेडियो स्टेशनों जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्मों के माध्यम से मौसम की लेटेस्ट जानकारी मिलेगी।
  • आंध्र प्रदेश सरकार ने अन्नदाता सुखी भव योजना में बदलाव किया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने वाले लघु एवं सीमांत किसानों को 4,000 रुपए का अतिरिक्त फायदा देने का एलान किया है। इसके बाद ऐसे किसानों को राज्य मिलने वाली सहायता बढ़कर 9000 हो जाएगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार दो हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले किसानों को 6 हजार रुपए प्रति वर्ष सहायता राशि मुहैया कराएगी। अब इसी के साथ इस योजना के तहत आंध्र प्रदेश के किसानों को सालाना कुल 15 हज़ार रुपये मिलेंगे। वहीं, ऐसे किसान जिनके पास 5 एकड़ से ज्यादा ज़मीन है और जो केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत नहीं आते, उन्हें राज्य सरकार की ओर से सालाना 10 हज़ार रुपए की मदद मिलेगी।
  • महाराष्ट्र सरकार, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी ने मुंबई में एक बैम्बू इन्वेस्टमेंट समिट (Bamboo Investment Summit) का आयोजन किया। इसमें क्षेत्र के विभिन्न बिज़नेस मॉडलों के लिये अवसरों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने पर ज़ोर दिया गया। इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और बाँस उद्योग से जुड़े हितधारकों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य निजी निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये एक बिज़नेस इको-सिस्टम बनाने के साथ ही कारीगरों, उपयोगकर्त्ता समुदायों और औद्योगिक उपयोगकर्त्ताओं को कच्चे माल की आपूर्ति के संबंध में दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करना था।
  • पंजाब सरकार ने लुधियाना के किला रायपुर में आयोजित होने वाले ग्रामीण खेलों में बैलगाड़ियों की वार्षिक पारंपरिक दौड़ फिर से शुरू करवाने के लिये प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (पंजाब अमेंडमेंट) बिल-2019 लाने की मंज़ूरी दे दी है। गौरतलब है कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पाबंदी लगा देने के बाद इस बैलगाड़ी दौड़ पर रोक लग गई थी। पंजाब में लुधियाना के किला रायपुर में में ये ग्रामीण खेल 1930 से आयोजित होते आ रहे हैं।
  • ब्रिटेन की ग्लास्गो यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं ने एक ऐसी तकनीक का विकास किया है जिससे भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को और भी छोटा बनाया जा सकेगा। इनको चलाने के लिये बाहर से बिजली सप्लाई की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी। यह सब संभव हो पाएगा एक लचीले सुपरकैपेसिटर से, जो सौर ऊर्जा की सहायता से काम करेगा और बाद में इस्तेमाल करने के लिये ऊर्जा को संचित करके भी रखेगा। भारतीय मूल के प्रोफ़ेसर रविन्द्र दहिया के नेतृत्व में एक टीम ने इस लचीले सुपरकैपेसिटर को बनाने के लिये ग्रैफीन और पॉलीयूरेथीन का इस्तेमाल किया।
  • शेष भारत की टीम को हराकर विदर्भ ने लगातार दूसरी बार ईरानी कप (पूर्व में ईरानी ट्रॉफी) जीत लिया। हालाँकि विदर्भ और शेष भारत के बीच यह मुकाबला ड्रा रहा, लेकिन पहली पारी में मिली बढ़त के आधार पर विदर्भ को विजेता घोषित किया गया। विदर्भ के अक्षय कारनेवर को 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया। कर्नाटक और मुंबई के बाद विदर्भ तीसरी ऐसी टीम है जिसने लगातार दो बार ईरानी कप खिताब जीता है। ईरानी कप प्रतियोगिता की शुरुआत 1959-60 के सत्र में हुई थी और यह रणजी ट्रॉफी विजेता तथा शेष भारत की टीमों के बीच हर साल खेली जाती है।

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