जैव विविधता और पर्यावरण
वैज्ञानिकों ने मृत सूअर के दिमाग की कोशिकाओं को पुन: जीवित किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वैज्ञानिकों ने कुछ घंटों पहले मृत सूअर के दिमाग में सेल फंक्शन को पुनः संचालित करने में कामयाबी हासिल की है।
प्रमुख बिंदु
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, इस शोध का उपयोग भविष्य में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के पीड़ितों के इलाज में मदद करने और मस्तिष्क आघात के रहस्यों को उजागर करने में किया जा सकता है।
- मानव एवं बड़े स्तनधारियों के मस्तिष्क में जैसे ही रक्त की आपूर्ति में कटौती होती है वैसे ही तंत्रिका तंत्र के लिये आवश्यक महत्त्वपूर्ण कोशिकाएँ खराब होने लगती हैं और इस प्रक्रिया को अपरिवर्तनीय माना जाता है।
- लेकिन जर्नल नेचर में प्रकाशित परीक्षण के निष्कर्ष के अनुसार, सूअर के दिमाग में रक्त का प्रवाह हो सकता है और मृत्यु के कुछ घंटों पश्चात् भी कोशिका पुन: कार्य शुरू कर सकती है।
परीक्षण
- NIH BRAIN (National Institutes of Health BRAIN), जो अमेरिकी अनुसंधान कार्यक्रम है, की एक टीम ने 32 सूअरों पर यह परिक्षण किया।
- उन्होंने मृत सूअरों को बिना खून या ग्लूकोज़ के प्रवाह के चार घंटे तक छोड़ दिया।
- इसके पश्चात् एक ऊतक सहायक प्रणाली का उपयोग करके उनके शारीर में कृत्रिम रक्त का प्रवाह कराया गया।
निष्कर्ष
- उक्त प्रणाली के उपयोग से शोधकर्त्ताओं को आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त हुए। इससे कृत्रिम रक्त प्राप्त करने वाले सूअरों के दिमाग की कोशिकाओं की कार्यक्षमता पुन: बहाल हो गई। इस प्रकार उनकी रक्त वाहिका संरचना को पुनर्जीवित कर लिया गया।
- टीम ने कुछ स्थानीय प्रक्रियाओं का भी अवलोकन किया जिनमें सिनैप्सेस (synapses) और प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएँ शामिल हैं।
- इस सफलता के बाद अन्य जानवरों या मनुष्यों को मृत्यू के पश्चात् पुनः जीवित किये जाने की संभावना को बल मिला है।
स्रोत: द हिंदू
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
‘मार्स बेस 1’ (‘Mars Base 1’)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में चीन के गोबी रेगिस्तान की गांसु प्रांत स्थित रेगिस्तानी पहाड़ियों में मंगल ग्रह के आधार की प्रतिकृति तैयार की गई है।
प्रमुख बिंदु
- भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के लिये सी-स्पेस नामक एक चीनी कंपनी ने “मार्स बेस 1” खोला है।
- इसमें सफेद रंग के आधार पर एक गुंबद और नौ मॉड्यूल हैं, जिसमें रहने के लिये क्वार्टर, एक नियंत्रण कक्ष, एक ग्रीनहाउस और एक एयरलॉक शामिल हैं।
- फिलहाल इसका उपयोग शैक्षिक उद्देश्यों के लिये किया जाएगा किंतु भविष्य में इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में भी विस्तारित किया जाएगा।
- यह किंघई के क़ैदाम बेसिन में पिछले महीने खोले गए ‘मंगल गाँव’ का अनुसरण करता है।
- ज्ञातव्य है कि किंघई का क़ैदाम बेसिन एक बेहद गर्म और शुष्क क्षेत्र है। यह दुनिया का सबसे ऊँचा मरुस्थल है। इसे मंगल की सतह की स्थितियों की सबसे अच्छी प्रतिकृति माना जाता है।
- ‘मार्स बेस 1’ छात्रों को यह बताने में मदद करेगा कि मंगल पर जीवन कैसा हो सकता है।
- 2022 तक क्रू स्पेस स्टेशन स्थापित किये जाने की उम्मीद के साथ चीन अपने सैन्य-संचालित अंतरिक्ष कार्यक्रम में अरबों रुपए का निवेश कर रहा है।
गोबी रेगिस्तान
- गोबी मध्य एशिया का एक रेगिस्तानी क्षेत्र है। गोबी एक मंगोलियाई शब्द है जिसका अर्थ ‘पानी रहित स्थान’ होता है।
- यह मंगोलिया और चीन दोनों के विशाल भागों में फैला है।
- गोबी रेगिस्तान उत्तर में अल्ताई पर्वत और मंगोलिया के घास के मैदान और दक्षिण-पश्चिम में तिब्बती पठार और दक्षिण-पूर्व में उत्तर चीन के मैदान से घिरा है।
स्रोत: द हिंदू
विविध
Rapid Fire करेंट अफेयर्स (18 April)
- केंद्र सरकार ने जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) के चौथे चरण को जारी रखने का फैसला किया है। इस चौथे चरण के तहत 2021-24 की अवधि के दौरान GSLV की पाँच उड़ानें शामिल हैं। GSLV के इस चौथे चरण से जियो-इमेजिंग, नेवीगेशन, डेटा रिले कम्युनिकेशन और स्पेस साइंस के लिये दो टन वर्ग के उपग्रहों को लॉन्च करने की क्षमता को और मज़बूती मिलेगी। चरण-4 के ज़रिये महत्त्वपूर्ण उपग्रह नौवहन सेवाएँ प्रदान करने, भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम और अगले मंगल अभियान के संबंध में डेटा रिले कम्युनिकेशन संबंधी उपग्रहों की आवश्यकताएँ पूरी करने में मदद मिलेगी। ज्ञातव्य है कि GSLV निरंतरता कार्यक्रम को 2003 में मंज़ूरी दी गई थी और इसके दो चरण पूरे किये जा चुके हैं तथा तीसरा चरण प्रगति पर है। आशा है कि 2020-21 की चौथी तिमाही में इसे पूरा कर लिया जाएगा।
- केंद्र सरकार ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के कार्यालय में उप-नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (समन्वय, संचार और सूचना प्रणाली) के एक पद के सृजन को मंजूरी दे दी। इस पद के धारक का काम राज्य लेखाधिकारियों के बीच समन्वय स्थापित करना, दूरसंचार के लेखा और भारतीय लेखा विभाग (IA&AD) के अंतर्गत विभिन्न सूचना प्रणाली की पहलों का निरीक्षण करना होगा। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का पद संवैधानिक है तथा संवैधानिक पदाधिकारी के रूप में इसे मुख्यत: त्रिस्तरीय सरकार- संघीय, प्रांतीय और स्थानीय; राज्य के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के वाणिज्यिक उपक्रमों और संघीय तथा प्रांतीय सरकारों द्वारा वित्तपोषित स्वायत्त निकायों के एकाउंट्स का ऑडिट और इससे संबंधित कार्यकलापों का उत्तरदायित्व निभाना पड़ता है।
- हाल ही में महाराष्ट्र के मुंबई के गोराई में एस्सेल वर्ल्ड ने एक इंटरेक्टिव बर्ड पार्क लॉन्च किया। 1.4 एकड़ क्षेत्र में फैला अपनी तरह का पहला वर्षावन-थीम वाला पार्क 60 से अधिक प्रजातियों के 500 से अधिक विदेशी पक्षियों का घर है। इसका मुख्य उद्देश्य एक ऐसा बर्ड पार्क स्थापित करना है, जो अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करता हो। पक्षियों के लिये उपयुक्त रहने की स्थिति सुनिश्चित करने के लिये पार्क को बेहद सावधानीपूर्वक बनाया गया है, ताकि इससे विभिन्न प्रकार के पक्षियों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके। इस पार्क में जलीय पक्षियों के लिये छोटे तालाब बनाए गए हैं तथा उनके प्रजनन की विशेष व्यवस्था की गई है। पक्षियों के लिये पीने के पानी की व्यवस्था के साथ इसमें एक विशेष पक्षी-रसोई और स्वास्थ्य सेवा केंद्र भी है।
- हरियाणा के साइबर सिटी गुरुग्राम में देश का पहला वोटर पार्क बनाया गया है। इस पार्क के माध्यम से लोगों को मतदान के लिये जागरूक किया जाएगा और उन्हें मतदान के महत्त्व से अवगत कराया जाएगा। यहाँ पर कोई भी व्यक्ति मतदान को लेकर किसी भी तरह की जानकारी हासिल कर सकता है। गुरुग्राम में विकास भवन के टेक्नोलॉजी पार्क में इस वोटर पार्क को बनाने में छह लाख रुपए की लागत आई है और इस पार्क को हरियाणा विधानसभा चुनाव तक बरकरार रखा जाएगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने असम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और कारबी अंगलांग पर्वत श्रृंखला से उत्पन्न होने वाली नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके तहत काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र, उसमें बहने वाली नदियों के जलग्रहण क्षेत्र के साथ-साथ कारबी अंगलांग पर्वत श्रृंखला से उत्पन्न होने वाली नदियों के पूर्ण जलग्रहण क्षेत्र में खनन एवं संबंधित गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसमें बाघ अभयारण्य क्षेत्र के साथ चिह्नित किये गए नौ पशु गलियारों के दायरे में आने वाले किसी निजी भूखंड पर नए निर्माण की अनुमति नहीं होगी। असम के पुलिस महानिदेशक और संबंधित पुलिस अधीक्षकों को इस क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने का निर्देश दिया गया है। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कारबी अंगलांग पर्वत श्रृंखला से अवैध खनन सामग्रियों का परिवहन न हो।
- नासा के शोधकर्त्ताओं ने यह जानकारी दी है कि चंद्रमा पर उल्कापिंडों की वर्षा के कारण उसकी सतह के नीचे मौजूद पानी को नुकसान पहुँचा है और इस वज़ह से गहन अंतरिक्ष में सतत दीर्घावधि वाली मानवीय खोज के कार्य में संभावित स्रोत का काम धीमा पड़ गया है। नासा और अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी अप्लायड फिजिक्स लेबोरेट्री के शोधकर्त्ताओं को नासा के लूनर एटमॉसफेयर एंड डस्ट एनवायरनमेंट एक्सप्लोरर (LADEE) द्वारा एकत्रित आँकड़ों से ऐसी कई घटनाओं का पता चला। LADEE एक रोबोटिक अभियान था, जिसने चंद्रमा की कक्षा में परिक्रमा करते हुए चंद्रमा के विरल वायुमंडल की संरचना तथा उसके आसमान में धूल के प्रसार के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाई।