डेली न्यूज़ (18 Mar, 2019)



बंगाल डेल्टा में प्रवास

हाल ही में ‘डेल्टाज, वल्नरेबिलिटी एंड क्लाइमेट चेंज: माइग्रेशन एंड अडेप्टेशन’ (Deltas, Vulnerability and Climate Change: Migration and Adaptation (DECMA) नामक शीर्षक से एक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन प्रकाशित हुआ।

  • अध्ययन में पाया गया कि आर्थिक कारण भारत के बंगाल डेल्टा में होने वाले प्रवासन का प्रमुख कारक हैं और अधिकांश प्रवासी 20-30 वर्ष की आयु वर्ग के हैं।
  • वर्ष 2014 और 2018 के बीच तीन डेल्टाओं गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना डेल्टा (भारत और बांग्लादेश) वोल्टा (घाना) और महानदी (भारत) पर केंद्रित इस अध्ययन में डेल्टाओं में जलवायु परिवर्तन, अनुकूलन और प्रवासन के पहलूओं पर प्रकाश डाला गया है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

डेल्टाओं में प्रवासन के कारण

  • अध्ययन जिसमें दक्षिण और उत्तर 24 परगना ज़िले को कवर किया गया है, के अनुसार 64% लोग आर्थिक कारणों से प्रवासन करते हैं जिसमें अस्थिर कृषि, आर्थिक अवसरों की कमी और कर्ज़ जैसे कारण शामिल हैं।
  • इस क्षेत्र से होने वाले प्रवासन में 28% प्रवासन सामाजिक कारणों से होता है जबकि लगभग 7% प्रवासन के लिये चक्रवात और बाढ़ जैसे पर्यावरणीय कारक ज़िम्मेदार हैं।

प्रवासन में लैंगिक असमानता

  • अध्ययन में पाया गया कि भारतीय बंगाल डेल्टा से बाहर प्रवासन में लैंगिक असमानता का स्तर व्यापक है, जिसमें प्रवासन करने वाले पुरुषों की संख्या महिलाओं की संख्या का लगभग पाँच गुना है।
  • अध्ययन में दर्शाया गया है कि पलायन करने वाले लोगों में 83% पुरुष हैं और केवल 17% महिलाएँ शामिल हैं।
  • एक ओर जहाँ अधिकांश पुरुष आर्थिक कारणों से पलायन करते हैं वहीं महिलाएँ सामाजिक कारकों से प्रेरित होकर ऐसा करती हैं।

प्रवासन के बाद गंतव्य स्थल

  • प्रवास के बाद गंतव्य स्थान के संदर्भ में, अध्ययन में पाया गया है कि भारतीय बंगाल डेल्टा से प्रवास करने वाले 51% लोग राज्य के अन्य क्षेत्रों में विशेष रूप से कोलकाता शहर तथा 10% लोग महाराष्ट्र, 9% तमिलनाडु, 7% केरल और 6% गुजरात की ओर प्रवास करते हैं।

डेल्टा में प्रवासन का प्रकार

  • प्रवास का 57% मौसमी है, जिसमें लोग वर्ष में एक या दो बार प्रवास करते हैं।
  • 19% प्रवासन सर्कुलर है, जिसमें पलायन करने वाले लोग साल में तीन बार प्रवास करते हैं, भले ही इसके कारण कुछ भी हों।
  • 24% प्रवासन स्थायी है, जिसमें लोग उस स्थान पर कम-से-कम छह महीने तक रहने का इरादा रखते हैं, जहाँ वे प्रवास कर रहे हैं।

प्रवासन क्या है?

प्रवासन एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोगों की आवाजाही है। यह एक छोटी या लंबी दूरी के लिये, अल्पकालिक या स्थायी, स्वैच्छिक या मज़बूर, अंतर्देशीय या अंतर्राष्ट्रीय हो सकता है।

प्रवासन के कारक

  • प्रतिकर्ष कारक (Push Factor)

बेरोज़गारी, रहन-सहन की निम्न दशाएँ, राजनीतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक विपदाएँ, महामारियाँ तथा सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन जैसे कारण उद्गम स्थान को कम आकर्षित बनाते हैं।

  • अपकर्ष कारक (Pull Factor)

काम के बेहतर अवसर और रहन-सहन की अच्छी दशाएँ, शांति व स्थायित्व, जीवन व संपत्ति की सुरक्षा तथा अनुकूल जलवायु जैसे कारण गंतव्य स्थान को उद्गम स्थान की अपेक्षा अधिक आकर्षक बनाते हैं।

प्रवासन के कारण

आर्थिक कारक

  • प्रतिकर्ष कारक
    1. बेरोज़गारी या रोज़गार के अवसरों की कमी
    2. ग्रामीण गरीबी
    3. अस्थायी आजीविका
  • अपकर्ष कारक
    1. रोज़गार के अवसर
    2. धन सृजन के लिये बेहतर आय और संभावनाएँ
    3. एक नए उद्योग के लिये औद्योगिक नवाचार और तकनीकी जानकारी
    4. विशिष्ट शिक्षा की खोज

सामाजिक-राजनीतिक कारक

  • प्रतिकर्ष कारक
    1. राजनैतिक अस्थिरता
    2. सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ (जातीय, धार्मिक, नस्लीय या सांस्कृतिक उत्पीड़न)
    3. संघर्ष या संघर्ष का खतरा
    4. अपर्याप्त या सीमित शहरी सेवाएँ और बुनियादी ढाँचा (स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, संसाधन, परिवहन और पानी सहित)
  • अपकर्ष कारक
    1. परिवार का पुनर्मिलन
    2. स्वावलंबन और स्वतंत्रता
    3. एकीकरण और सामाजिक सामंजस्य
    4. खाद्य सुरक्षा
    5. सस्ती और सुलभ शहरी सेवाएँ (स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, संसाधन और परिवहन सहित)

पारिस्थितिकीय कारक

  • प्रतिकर्ष कारक
    1. जलवायु परिवर्तन (चरम मौसम की घटनाओं सहित)
    2. फसल की विफलता और भोजन की कमी
  • अपकर्ष कारक
    1. प्राकृतिक संसाधनों और खनिजों की प्रचुरता (जैसे पानी, तेल)
    2. अनुकूल जलवायु

स्रोत : द हिंदू


ओपन-हार्ट सर्जरी के लिये एक व्यवहार्य विकल्प

चर्चा में क्यों?

नए शोध के अनुसार, एक खराब हो चुके हृदय वाल्व को बदलने के लिये हृदय रोग विशेषज्ञों (Cordiologists) द्वारा रोगी की कमर से एक यांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से वाल्व का प्रत्यारोपण किया जाता है।

प्रमुख बिंदु

  • इस प्रक्रिया का नाम ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (Transcatheter Aortic Valve Replacement-TAVR) है। इसके ज़रिये उन रोगियों के खराब हो चुके हृदय वाल्व को बदला जा सकता है जिनमें ओपन हार्ट सर्जरी आवश्यक होती है।
  • दो बड़े क्लिनिकल ट्रायल में यह देखा गया है कि TAVR युवा और स्वस्थ रोगियों के लिये भी उपयोगी है।
  • यह तकनीक ओपन-हार्ट सर्जरी की तुलना में स्ट्रोक और मौत के जोखिम को कम करने में बेहतर हो सकती है। हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि यह संभवतः एओर्टिक वाल्व के साथ अधिकांश रोगियों की देखभाल के मानक को बदल देगा।
  • ओपन-हार्ट सर्जरी में रोगी की पसलियों को अलग कर दिया जाता है और नए एओर्टिक वाल्व के प्रत्यारोपण के लिये हृदय को बंद कर दिया जाता है जबकि TAVR की प्रक्रिया में कमर में एकमात्र चीरा लगाया जाता है जहाँ पर कैथेटर को डाला जाता है।
  • लगभग 60,000 मध्यम और उच्च जोखिम वाले रोगियों के अलावा वर्ष में 20,000 से अधिक मरीज़ TAVR के लिये पात्र होंगे। उम्मीद है कि फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से इस प्रक्रिया को जल्द मंज़ूरी मिलेगी।

स्रोत : द हिंदू


Rapid Fire करेंट अफेयर्स (18 March)

  • गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 वर्ष की आयु में निधन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली NDA सरकार में रक्षा मंत्री रहे (2014 से 2017 तक) मनोहर पर्रिकर करीब एक साल से कैंसर से जूझ रहे थे। मनोहर पर्रिकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे से मेटालर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक थे।
  • विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मालदीव की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। मालदीव में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के सत्ता में आने के बाद विदेश मंत्री की यह पहली यात्रा है। विदेश मंत्री के इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच घनिष्ठता तथा मैत्रीपूर्ण संबंधों को मज़बूत करना है।
  • हाल ही में ऑस्कर अवॉर्ड विनर ए.आर. रहमान (KM Music Conservatory) के शिष्य पियानोवादक लिडियन नादस्वरम ने अमेरिकी रियलिटी शो ‘द वर्ल्ड्स बेस्ट’ का खिताब जीता है। लिडियन ने दक्षिण कोरिया के कुक्कीवोन उर्फ ​​द फ्लाइंग ताइक्वांडो मास्टर्स को हराकर यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया है। इसके तहत लिडियन ने 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नकद पुरस्कार जीता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल महासंघ (फीफा) ने इस बार अंडर-17 महिला विश्व कप 2020 की मेज़बानी करने का मौका भारत को दिया है। अमेरिका के मियामी में फीफा परिषद की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। इससे पहले भारत ने अंडर-17 पुरुष विश्व कप 2017 की मेज़बानी की थी।
  • ब्रिटेन सरकार ने ब्रेक्जिट के बाद लागू की जाने वाली नीतियों को तैयार करते हुए एक नई ‘अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा रणनीति’ की घोषणा की है। इस रणनीति के तहत शिक्षा उपरांत दिये जाने वाले वीज़ा व्यवस्था में सुधार होगा जिससे भारतीय छात्रों को लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। इस नई रणनीति के तहत स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के पश्चात् ब्रिटेन में काम की तलाश हेतु छह माह तक रहने का मौका दिया जाएगा। यह रणनीति आगामी सत्रों से प्रभावी होगी।
  • भारत का पहला रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT) अब निवेश के लिये उपलब्ध है। एम्बेसी ऑफिस पार्क, बंगलूरू के एक रियल एस्टेट डेवलपर ने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT) हेतु इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) लॉन्च किया है। एम्बेसी ऑफिस पार्क ने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग के माध्यम से 4,570 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है।