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डेली न्यूज़

  • 16 Apr, 2019
  • 14 min read
भूगोल

इस वर्ष सामान्य रहेगा मानसून

हाल ही में भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department- IMD) ने इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने की संभावना व्यक्त की है।

प्रमुख बिंदु

  • IMD के पहले पूर्वानुमान के अनुसार, प्रशांत महासागर में मौजूदा अल नीनो स्थितियों के कारण केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आने में देरी हो सकती है लेकिन यह वर्षभर सामान्य बना रहेगा।
  • अनुमान है कि अल-नीनो (El Nino) का असर जुलाई तक कम हो जाएगा जिससे मानसून के सामान्य रहने की संभावना बढ़ जाती है।
  • पूरे देश में वर्षा की मात्रा long-period average- LPA की लगभग 96 प्रतिशत होगी। ज्ञातव्य है कि LPA 1951 और 2000 के बीच 50 साल की अवधि में मानसूनी वर्षा का औसत है, जो 89 सेंटीमीटर है। 
  • IMD, लंबी अवधि के औसत के हिसाब से 96-104 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य मानता है। 

प्रभाव

  • सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से देश भर में कुछ राहत मिलेगी विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो वर्तमान में सूखे की स्थिति में हैं।
  • देश के 60 प्रतिशत कृषि क्षेत्र की सिंचाई बारिश के जल से होती हैं एवं 70 प्रतिशत वार्षिक वर्षा मानसून से प्राप्त होती है ऐसे में खेती और आर्थिक विकास के लिये मानसून का सामान्य रहना महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गांधीनगर की जल और जलवायु प्रयोगशाला के अनुसार, भारतीय भू-भाग में 40 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में सूखे की स्थिति बनी हुई है, जिसमें 17 प्रतिशत क्षेत्र गंभीर रूप से सूखाग्रस्त है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD)

  • IMD की स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी।
  • यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Science- MoES) की एक एजेंसी है।
  • यह मौसम संबंधी अवलोकन, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान के लिये ज़िम्मेदार प्रमुख एजेंसी है।

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अल-नीनो

स्रोत: द हिंदू बिज़नेस लाइन


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

नासा द्वारा लॉन्च किया गया क्यूबसैट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नासा द्वारा एक टीम को उनके क्यूबसैट (CubeSat) के लिये चुना गया। इसका नेतृत्व 21 वर्षीय भारतीय अमेरिकी छात्र केशव राघवन कर रहे हैं।

प्रमुख बिंदु

  • क्यूबसैट ब्रह्मांडीय किरणों का पता लगाने के लिये एक मिनी शोध उपग्रह है
  • राघवन की अगुवाई में येल अंडर ग्रेजुएट एयरोस्पेस एसोसिएशन (Yale Undergraduate Aerospace Association- YUAA) के शोधकर्त्ता देश भर की उन 16 टीमों में से एक हैं, जिनके क्यूबसैट को 2020, 2021 और 2022 में एक योजना के तहत अंतरिक्ष में उतारा जाएगा।
  • टीम के क्यूबसैट BLAST (Bouchet Low-Earth Alpha / Beta Space Telescope) का नाम भौतिक विज्ञानी एडवर्ड ए बाउचेट के नाम पर रखा गया है जो अमेरिका में पीएचडी प्राप्त करने वाले पहले अफ्रीकी अमेरिकी हैं।
  • नासा के अनुसार, BLAST एक वैज्ञानिक अन्वेषण मिशन है जो रात में आकाश में गैलेक्टिक कॉस्मिक रेडिएशन के वितरण का मानचित्र तैयार करता है।
  • यह उपग्रह किरणों (Ray’s) में अल्फा और बीटा कणों की पहचान करेगा और पृथ्वी के चारों ओर पाई जाने वाली विकिरण ऊर्जा को मापेगा।
  • BLAST इन किरणों की उत्पत्ति और प्रकृति के लिये चल रही खोज में योगदान देगा, जिससे ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में जानकारी प्राप्त की जाएगी।
  • क्यूबसैट लघु उपग्रह (Miniature Satellites) हैं। जो लॉन्च किये जाने वाले वाहनों में बड़े उपग्रहों के साथ आसानी से फिट हो सकते हैं।
  • क्यूबसैट मॉडल छात्र समूहों, शौकिया काम करने वाले संगठनों और अनुसंधान टीमों को सीमित धन के उपयोग के साथ काम करने या अंतरिक्ष में अभूतपूर्व पहुँच बनाने का अनुभव देता है।
  • क्यूबसैट 10x10x10 सेमी. क्यूब्स के एक मॉड्यूलर संरचना से निर्मित है। यह व्यावसायिक रूप से उपलब्ध अतिरिक्त घटकों को विविधता प्रदान करता है, जिन्हें विभिन्न निर्माताओं ने संरचना में फिट होने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

कॉस्मिक किरणें

  • कॉस्मिक किरणें उच्च ऊर्जा वाले कण होते हैं, जो अंतरिक्ष के वाह्य भाग में उत्पन्न होती हैं। इनकी गति लगभग प्रकाश की गति के समान होती है और पृथ्वी के चारों तरफ पाए जाते हैं।
  • अधिकांश कॉस्मिक किरणें आवर्त सारणी में सबसे हल्के तत्त्वों से लेकर सबसे भारी तत्त्व तक परमाणुओं की नाभिक में होती हैं। कॉस्मिक किरणों में उच्च ऊर्जा इलेक्ट्रॉन, पॉज़िट्रॉन और अन्य उप-परमाणु कण भी शामिल होते हैं।
  • शब्द ‘कॉस्मिक किरणें’ आमतौर पर गेलेक्टिक कॉस्मिक किरणों को संदर्भित करता है, जो सौर प्रणाली के वाह्य स्रोतों में उत्पन्न होती हैं।

स्रोत- टाइम्स ऑफ इंडिया


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (16 April)

  • निजी टेलिकॉम ऑपरेटर भारती एयरटेल ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) की महिला उद्यमियों की शाखा FLO के सहयोग से हाल ही में एक मोबाइल एप My Circle लॉन्च किया, जो किसी प्रकार की समस्या या घबराहट के हालात में महिलाओं की मदद करेगा। इस एप में संशय/संकट के संकेत मिलते ही यह अन्य टेलिकॉम ऑपरेटर्स के नेटवर्क के साथ फोन पर काम करेगा। इस एप से महिलाएँ जरूरत पड़ने पर अपने परिवार या मित्रों में से किन्हीं पाँच लोगों को 13 भाषाओं में संदेश भेज सकती हैं, जिनमें अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, मराठी, पंजाबी, बांग्ला, उर्दू, असमी, ओड़िया और गुजराती शामिल हैं। संकट में फंसी महिला एप पर SOS प्रॉम्प्ट दबाकर अलर्ट भेज सकती है।
  • कौशल विकास और छात्रों को साइकिलों के वितरण के लिये पश्चिम बंगाल सरकार की दो योजनाओं उत्कर्ष बांग्ला और सबूज साथी ने संयुक्त राष्ट्र सूचना सोसाइटी (WSIS) पुरस्कारों में प्रतिष्ठित विश्व शिखर सम्मेलन जीता है। ‘उत्कर्ष बांग्ला’ योजना के तहत 400 से 1200 घंटे तक निःशुल्क प्रशिक्षण देकर स्कूल छोड़ने वालों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इस योजना के तहत, लाभार्थियों को ड्राइविंग, टेलरिंग, टीवी रिपेयरिंग और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, ब्यूटीशियन पाठ्यक्रम आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। ‘सबूज साथी’ योजना का उद्देश्य छात्रों, विशेष रूप से लड़कियों को सशक्त बनाना और उच्च शिक्षा में ड्रॉप-आउट रेट को कम करना है। इस योजना के तहत, कक्षा 9 से 12 के लक्षित विद्यार्थियों को 34.94 लाख साइकिलें अब तक वितरित की जा चुकी हैं।
  • DRDO के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह को चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, मोहाली में आयोजित चौथी एपीजे अब्दुल कलाम इनोवेशन कॉन्क्लेव के दौरान DRDO ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2019 से सम्मानित किया। डॉ. ए.के. सिंह  ने विखंडन उत्पादित रेडियोन्यूक्लाइड्स और संक्रमण इमेजिंग के आंतरिक विनिगम में उल्लेखनीय कार्य किया है। संक्रामक घाव का पता लगाने के लिये उन्होंने एक डायग्नोबैक्ट किट भी बनाई और फार्माकोसाइन्टीग्राफी भी पेश की। उनको यह पुरस्कार Life Sciences, Aerospace तथा Aeronautics में योगदान देने के लिये दिया गया है।
  • विश्व प्रसिद्ध समाचार एजेंसी रॉयटर्स (Reuters) के पत्रकारों, क्याव सो ओ और वा लोन को यूनेस्को द्वारा दिये जाने वाले गिलर्मो केनो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज 2019 के लिये चुना गया है। फिलहाल ये दोनों म्यांमार में 7 वर्ष की जेल की सज़ा काट रहे हैं, जहाँ उन्होंने वर्गीकृत सैन्य रिकॉर्ड एकत्र किये, जिनमें रखाइन राज्य में सेना द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों की असाधारण हत्याओं की जानकारी थी। गौरतलब है कि 1997 में शुरू किया गया गिलर्मो केनो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार देकर उस व्यक्ति, संगठन या संस्था को सम्मानित किया जाता है जिसने दुनिया में कहीं भी खतरे  में रहकर प्रेस स्वतंत्रता की रक्षा की हो या उसके स्तर को बढ़ाने में उत्कृष्ट योगदान दिया हो। 3 मई को वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 45 हज़ार डॉलर का यह पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार का नाम कोलंबिया के अख़बार एल एस्पेक्टोर के संपादक गिलर्मो केनो इस्ज़ा के नाम पर रखा गया है।
  • प्रसिद्ध तेलुगू कवि डॉ. शिवा रेड्डी को 2018 के 28वें सरस्वती सम्मान के लिये चुना गया है। उन्हें यह सम्मान उनके काव्य संग्रह पक्की ओत्तिगिलिते (Pakki Ottigilite) के लिये दिया जाएगा। इस पुस्तक का प्रकाशन 2016 में हुआ था। यह सम्मान प्रतिवर्ष संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित किसी भी भारतीय भाषा में पिछले 10 वर्ष में प्रकाशित भारतीय लेखकों की उत्कृष्ट साहित्यिक कृति को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिन्ह और 15 लाख रुपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। ज्ञातव्य है कि 1991 में के.के. बिड़ला फाउंडेशन द्वारा सरस्वती सम्मान की स्थापना की गई थी।
  • विश्व एलर्जी संगठन (World Allergy Organization) ने 7-13 अप्रैल तक विश्व एलर्जी सप्ताह का आयोजन किया। इस वर्ष विश्व एलर्जी सप्ताह की थीम The Global Problem of Food Allergy रखी गई है। प्रत्येक वर्ष विश्व एलर्जी संगठन एक अलग थीम पर काम करता है जिसमें लोगों को जागरूक करने की अधिक आवश्यकता होती है। विश्व प्रसिद्ध पुस्तक लिविंग विद फूड एलर्जीज़ के लेखक एलेक्स गजोला के अनुसार हर देश में फूड एलर्जी के अलग कारण होते हैं। ज्ञातव्य है कि पहली बार जुलाई 2005 में द्विवार्षिक विश्व एलर्जी कॉन्ग्रेस के सहयोग से विश्व एलर्जी दिवस आयोजित करने की शुरुआत हुई थी।
  • हाल ही में गूगल ने अपना नया क्लाउड प्लेटफॉर्म एंथोस (Anthos) लॉन्च किया। यह क्लाउड सर्विसेज प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिसका ऐलान गूगल ने पिछले वर्ष किया था। इसकी सहायता से उपयोगकर्ता कहीं से भी एप्लीकेशन चला सकता है। एंथोस अपने उपयोकर्त्ताओं को Unmodified, Curent On-Premises Hardware या General Cloud पर एप्लीकेशन चलाने की अनुमति देता है। एंथोस उपयोगकर्ताओं को एमेज़ोन वेब सर्विसेज़ और माइक्रोसॉफ्ट Azure जैसे Third-party Cloud पर चलने वाले वर्कलोड का प्रबंधन भी करने देगा।
  • रिओ पैरालिम्पिक्स की रजत पदक विजेता भारत की दीपा मलिक को न्यूज़ीलैंड के प्रधानमंत्री द्वारा दी जाने वाली सर एडमंड हिलेरी फेलोशिप देने का ऐलान किया गया है। उन्हें यह फेलोशिप उनकी प्रेरणादायक उपलब्धियों के लिये दी जा रही है। इस फेलोशिप कार्यक्रम को 2008 में शुरू किया गया था तथा इसका उद्देश्य भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच संबंधों को मज़बूत बनाना है। गौरतलब है कि दीपा मलिक ने 2016 में रिओ में शॉट पुट इवेंट में रजत पदक जीता था।

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