डेली न्यूज़ (16 Mar, 2019)



चक्रवात ईदाई

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मोज़ांबिक में आए एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात ईदाई में सबसे ज़्यादा प्रभावित बीरा नामक शहर रहा।

प्रमुख बिंदु

  • इस चक्रवात से सोफाला प्रांत में सबसे अधिक नुकसान हुआ है।
  • अधिकांश क्षति बीरा शहर में हुईं जो देश का चौथा सबसे बड़ा शहर है, साथ ही एक बंदरगाह हब और सोफाला प्रांत की राजधानी है।

mozambia

ग्लोबल फैसिलिटी फॉर डिज़ास्टर रिडक्शन एंड रिकवरी
Global Facility for Disaster Reduction and Recovery-GFDRR

  • GFDRR, विकासशील देशों को प्राकृतिक खतरों और जलवायु परिवर्तन के प्रति उनकी भेद्यता को बेहतर ढंग से समझने और कम करने में मदद हेतु एक वैश्विक साझेदारी है।
  • इसकी स्थापना सितंबर 2006 में की गई थी।
  • यह विश्व बैंक द्वारा प्रबंधित अनुदान प्रक्रिया है, जो दुनिया भर में आपदा जोखिम प्रबंधन परियोजनाओं का समर्थन करती है।
  • 400 से अधिक स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ काम करते हुए GFDRR ज्ञान, वित्तपोषण और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।

उद्देश्य

  • देश की विकास रणनीति के तहत मुख्यतः आपदाओं में कमी लाना और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन (CCA) तथा आपदा न्यूनीकरण (ISDR) प्रणाली के लिए अंतर्राष्ट्रीय रणनीति के तहत विभिन्न हितधारकों के बीच वैश्विक और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना एवं उसे मजबूत करना।
  • यह आपदा जोखिम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन को विकास की रणनीतिय और निवेश कार्यक्रमों में एकीकृत कर आपदाओं से जल्दी और प्रभावी ढंग से उबरने में देशों की मदद करने हेतु जीएफडीआरआर आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये सेंदाई फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन में योगदान देता है।

चक्रवात

  • चक्रवात कम वायुमंडलीय दाब के चारों ओर गर्म हवाओं की तेज़ आँधी को कहा जाता है।
  • दोनों गोलार्द्धों के चक्रवाती तूफानों में अंतर यह है कि उत्तरी गोलार्द्ध में ये चक्रवात घड़ी की सुइयों की विपरीत दिशा में (Counter-Clockwise) तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुइयों की दिशा (Clockwise) में चलते हैं।
  • उत्तरी गोलार्द्ध में इसे हरिकेन, टाइफून आदि नामों से जाना जाता है।


स्रोत - द हिंदू


मलेरिया से निपटने में कारगर दवा

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बुर्किना फासो (Burkina Faso) में मच्छर मारने की एक दवा ‘आइवरमेक्टिन’ (Ivermectin) का परीक्षण किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • परीक्षण में यह बात सामने आई है कि आइवरमेक्टिन दवा लेने के पश्चात् लोगों का रक्त मच्छरों के लिये घातक हो जाता है जिससे पुन: दूसरों को काटने और संक्रमित करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है।
  • मलेरिया से एक साल में 200 मिलियन से अधिक लोग संक्रमित होते हैं और 2017 में इससे 4,35,000 लोगों की मौत हो गई। इनमें से ज़्यादातर अफ्रीका के थे।
  • गौरतलब है कि इस दवा का उपयोग पहले से ही परजीवियों से होने वाले संक्रमण को रोकने में होता रहा है। किंतु मलेरिया के मामले में इसका परीक्षण पहली बार किया गया है।
  • यह दवा मलेरिया नियंत्रण की अन्य विधियों के साथ प्रयुक्त करने से अधिक प्रभावी होगी।
  • इस दवा के परीक्षण के लिये बुर्किना फासो के आठ गाँवों के 590 बच्चों सहित 2,700 लोगों को शामिल किया गया।
  • उस गाँव में जहाँ यह दवा इस्तेमाल नहीं की गई थी वहाँ औसतन 2.5 बच्चे मलेरिया से प्रभावित थे, लेकिन जिन गाँवों में यह दवा दी गई वहाँ औसतन 2 बच्चे इससे ग्रसित थे।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि मलेरिया के खिलाफ लड़ाई आंशिक रूप से रुकी हुई है क्योंकि मच्छर उन कीटनाशककों के प्रति प्रतिरोधी हो गए हैं जो कि आमतौर पर इस्तेमाल किये जाते हैं।
  • मच्छरों के प्रजनन को नियंत्रित करने के लिये अन्य विधियों का परीक्षण किया जा रहा है जिसमें टीका और आनुवंशिक संशोधन भी शामिल हैं।

हालाँकि यह परीक्षण छोटे स्तर पर किया गया था किंतु इसके परिणाम आशाजनक रहे हैं।

स्रोत: द हिंदू


संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा- 4

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA-4) का चौथा सत्र केन्या के नैरोबी में संपन्न हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • UNEA-4 का विषय 'पर्यावरणीय चुनौतियों और सतत् उपभोग तथा उत्पादन हेतु अभिनव समाधान' (Innovative Solutions for Environmental Challenges and Sustainable Consumption and Production) था।
  • सभा के दौरान राष्ट्र इस बात पर सहमत हुए कि उन्हें 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों के तहत लक्ष्य प्राप्त करने हेतु विकास के नए मॉडल की ओर कदम बढ़ाने होंगे।
  • सभी राष्ट्रों ने सर्वसम्मति से 2030 तक एकल-उपयोग प्लास्टिक उत्पादों जैसे- कप, कटलरी और बैग आदि में कटौती करने पर भी सहमति व्यक्त की।
  • इस सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nation Environment Programme-UNEP) ने वैश्विक पर्यावरण आउटलुक रिपोर्ट का छठा संस्करण भी जारी किया है।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (United Nations Environment Assembly-UNEA)

  • संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (UNEA) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का प्रशासनिक निकाय है।
  • पर्यावरण के संदर्भ में निर्णय लेने वाली विश्व की सर्वोच्च संस्था संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा है।
  • यह दुनिया के सामने आने वाली महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौतियों को संबोधित करती है।
  • यह पर्यावरणीय सभा वैश्विक पर्यावरण नीतियों हेतु प्राथमिकताएँ निर्धारित करने और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कानून विकसित करने के लिये हर दो वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है।
  • सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा का गठन जून 2012 में किया गया। ध्यातव्य है कि सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को RIO+20 या RIO 2012 भी कहा जाता है।

स्रोत- द हिंदू


Rapid Fire करेंट अफेयर्स (16 March)

  • 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का आयोजन हुआ। इस वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम Trusted Smart Products रखी गई है। हमारे देश की एक बड़ी आबादी अशिक्षित है, जो अपने अधिकारों और कर्त्तव्यों के प्रति अनभिज्ञ है, लेकिन उपभोक्ता अधिकारों के मामले में शिक्षित लोग भी अपने अधिकारों के प्रति उदासीन नज़र आते हैं। इसी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये इस दिवस का आयोजन किया जाता है। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिये देश में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 बनाया गया है। उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिये देशभर में 500 से भी अधिक ज़िला उपभोक्ता फोरम हैं तथा प्रत्येक राज्य में एक राज्य उपभोक्ता आयोग है, जबकि राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग नई दिल्ली में स्थित है। भारत में हर साल 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है।
  • IIT गुवाहाटी, IIT मंडी और IISC बेंगलुरु के शोधकर्त्ताओं ने हिमालय के नज़दीक बसे 12 प्रदेशों के मौसम परिवर्तन का तुलनात्मक मानचित्र तैयार किया है। इस मानचित्र से इन राज्यों के लिये सुविधाओं का विकास करने में मदद मिलेगी। जिन राज्यों के बारे में रिपोर्ट तैयार की गई है, उनमें असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। इन राज्यों का ज़िलावार नक्शा बनाकर वहाँ के मौसम के बारे में जानकारी साझा की गई है। गौरतलब है कि हिमालय का इलाका पर्यावरण के दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है। इस मानचित्र में कई बिंदुओं पर फोकस किया गया है, जिनमें मौसम, तापमान, वर्षा, उपज, वन और रहन-सहन के बारे में जानकारियाँ शामिल हैं। 
  • मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय के परंपरागत पर्व भगोरिया महोत्सव की शुरुआत 14 मार्च से हुई। होली के सात दिन पहले साप्ताहिक हाटों में इस पर्व की शुरुआत हो जाती है। पारंपरिक भगोरिया महोत्सव में इस क्षेत्र की संस्कृति, परिवेश, रहन-सहन, वेषभूषा, वाद्ययंत्र प्रमुख आकर्षण होते हैं। आदिवासी समुदाय मान्यतानुसार दलिया, खजूर, काकनी, माजक आदि की खरीदारी करते हैं और इसे पर्व की मिठाई कहा जाता है। भगोरिया त्योहार में आदिवासी लोग भागोरादेव की पूजा करते हैं।  झाबुआ, धार, अलीराजपुर और खरगोन जैसे क्षेत्रों में यह सबसे पुराने त्योहारों में से एक है।
  • हिंदी के जाने-माने साहित्यकार लीलाधर जगूड़ी को उनके 2013 में प्रकाशित काव्य संग्रह ‘जितने लोग उतने प्रेम’ के लिये 2018 का व्यास सम्मान देने का एलान किया गया है। आपको बता दें कि के.के. बिरला फाउंडेशन द्वारा व्यास सम्मान के तहत चार लाख रुपए और प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है। यह पुरस्कार 1991 में शुरू किया गया था और डॉ. रामविलास शर्मा, डॉ. धर्मवीर भारती, श्रीलाल शुक्ल, केदारनाथ सिंह, मन्नू भंडारी, विश्वनाथ त्रिपाठी सहित कई प्रमुख साहित्यकार इससे सम्मानित हो चुके हैं। 2017 का व्यास सम्मान ममता कालिया को उनके उपन्यास ‘दुक्खम सुक्खम’ के लिये दिया गया था। लीलाधर जगूड़ी को 2004 में पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। उनकी प्रमुख कृतियों में ‘शंखमुखी शिखरों पर, नाटक जारी है, रात अब भी मौजूद है, भय भी शक्ति देता है, अनुभव के आकाश में चाँद और खबर का मुँह विज्ञापन से ढंका है’ शामिल हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट ने BCCI की अनुशासनात्मक समिति द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को लेकर तेज़ गेंदबाज़ एस. श्रीसंत के पक्ष में फैसला दिया है। कोर्ट ने BCCI को उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध पर तीन महीने के भीतर पुनर्विचार करने का आदेश दिया है। श्रीसंत 2007 विश्व टी-20 और 2011 एकदिवसीय विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं। आपको बता दें कि श्रीसंत के साथ मुंबई के स्पिनर अंकित चव्हाण और हरियाणा के अजीत चंदीला को 2013 में BCCI की अनुशासनात्मक समिति ने आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद श्रीसंत ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी थी। 
  • विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा ने भारत में पहली बार 2020 में अंडर-17 महिला विश्व कप का आयोजन करने की मंज़ूरी दे दी है। भारत ने फ्राँस को पीछे छोड़ते हुए मेज़बानी का अधिकार हासिल किया। यह अंडर-17 महिला विश्व कप का सातवाँ संस्करण होगा। गौरतलब है कि यह भारत में फीफा का दूसरा आयोजन होगा। इससे पहले 2017 में भारत ने पहली बार अंडर-17 पुरुष विश्व कप की मेज़बानी की थी। उसमें इंग्लैंड ने स्पेन को फाइनल में हराकर खिताब जीता था। अंडर-17 महिला विश्व कप की मेज़बानी करने वाला भारत दूसरा एशियाई देश होगा। इससे पहले जॉर्डन ने 2016 में इसकी मेज़बानी की थी और तब खिताब उत्तर कोरिया ने जीता था, जो इस टूर्नामेंट में दो बार खिताब जीतने वाला एकमात्र देश है।
  • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में 14 मार्च से 21 मार्च तक विशेष ओलंपिक विश्व खेल 2019 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 200 से अधिक देशों के 7500 विशेष एथलीट प्रतिस्पर्द्धा करेंगे। ये खेल पहली बार पश्चिम एशिया में आयोजित किये जा रहे हैं, जिनमें 24 ओलंपिक खेलों में एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। आबु धाबी और दुबई में नौ विश्वस्तरीय खेल आयोजन स्थलों पर ये खेल आयोजित किये जा रहे हैं। मेज़बान UAE के बाद भारत ने इन खेलों में सबसे बड़ी टीम भेजी है। आपको बता दें कि विशेष ओलंपिक दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय खेल आयोजन और वैश्विक आंदोलन है, जो खेल की शक्ति के माध्यम से बौद्धिक रूप से अशक्त लोगों के सशक्तीकरण पर केंद्रित है।
  • इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेले गए राष्ट्रीय टी-20 टूर्नामेंट के फाइनल में महाराष्ट्र को नौ गेंद शेष रहते हुए आठ विकेट से हराकर कर्नाटक ने पहली बार सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी जीती। कर्नाटक ने यह राष्ट्रीय टी-20 टूर्नामेंट का खिताब पहली बार जीता है, जबकि महाराष्ट्र दूसरी बार यह ट्रॉफी जीतने में असफल रहा। उसने 2009-10 में यह ट्रॉफी जीती थी। आपको बता दें कि कर्नाटक छठी टीम है जिसने तीनों प्रारूपों की राष्ट्रीय चैंपियनशिप- रणजी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीती है। इस ट्रॉफी की शुरुआत 2008-09 में हुई थी।