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डेली न्यूज़

  • 15 Apr, 2019
  • 21 min read
भारतीय अर्थव्यवस्था

ब्लॉकचेन तकनीक

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भुगतान नेटवर्क भारतीय राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली (National Payment Corporation of India- NPCI) ने डिजिटल भुगतान को मज़बूत करने के लिये ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करने की योजना बनाई है।

क्या है ब्लॉकचेन तकनीक?

  • ज्ञातव्य है कि जिस प्रकार हज़ारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में जोड़कर इंटरनेट का अविष्कार हुआ, ठीक उसी प्रकार डेटा ब्लॉकों (आँकड़ों) की लंबी श्रृंखला को जोड़कर उसे ब्लॉकचेन नाम दिया गया है।
  • ब्लॉकचेन तकनीक में तीन अलग-अलग तकनीकों का समायोजन है, जिसमें इंटरनेट, पर्सनल 'की' (निजी कुंजी) की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है। 
  • ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जिससे बिटकॉइन तथा अन्य क्रिप्टो-करेंसियों का संचालन होता है। यदि सरल शब्दों में कहा जाए तो यह एक डिजिटल ‘सार्वजनिक बही-खाता’ (Public Ledger) है, जिसमें प्रत्येक लेन-देन का रिकॉर्ड दर्ज़ किया जाता है।
  • ब्लॉकचेन में एक बार किसी भी लेन-देन को दर्ज करने पर इसे न तो वहाँ से हटाया जा सकता है और न ही इसमें संशोधन किया जा सकता है।
  • ब्लॉकचेन के कारण लेन-देन के लिये एक विश्वसनीय तीसरी पार्टी जैसे-बैंक की आवश्यकता नहीं पड़ती।
  • इसके अंतर्गत नेटवर्क से जुड़े उपकरणों (मुख्यतः कंप्यूटर की श्रृंखलाओं, जिन्हें नोड्स कहा जाता है) के द्वारा सत्यापित होने के बाद प्रत्येक लेन-देन के विवरण को बही-खाते में रिकॉर्ड किया जाता है।

NPCI

  • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली (National Payment Corporation of India- NPCI) देश में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन के लिये एक अम्ब्रेला संगठन है।
  • इसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंक संघ (IBA) द्वारा भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (The Payment and Settlement Systems Act, 2007) के प्रावधानों के तहत एक मज़बूत भुगतान और निपटान अधोसंरचना बनाने के लिये स्थापित किया गया है।
  • इसे कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के प्रावधानों के तहत "नॉट फॉर प्रॉफिट" कंपनी के रूप में शामिल किया गया है।
  • इसके दस प्रमुख प्रवर्तक बैंक- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, आई.सी.आई.सी.आई बैंक, एच.डी.एफ.सी बैंक, सिटी बैंक और एच.एस.बी.सी हैं।

स्रोत: TOI


विविध

‘विश्व जनसंख्या की स्थिति- 2019’ रिपोर्ट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी ‘विश्व जनसंख्या की स्थिति- 2019’ (State of World Population- SWOP) रिपोर्ट के अनुसार, भारत के स्कूलों में प्राथमिक और माध्यमिक दोनों स्तरों पर लड़कों की तुलना में लड़कियों की नामांकन दर अधिक है।

प्रमुख बिंदु

  • ज्ञातव्य है कि ‘विश्व जनसंख्या की स्थिति- 2019’ रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund- UNFPA) द्वारा प्रकाशित की गई है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लड़कियों के नामांकन की दर प्राथमिक स्कूलों में लड़कों की तुलना में कम है, जबकि माध्यमिक स्तर पर बराबर है।
  • 2009-18 के लिये समायोजित आँकड़ों के अनुसार, भारत के प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों की नामाकन दर 98%, जबकि लड़कों की नामांकन दर 97% थी।
  • वैश्विक स्तर पर लड़कियों और लड़कों की नामांकन दर क्रमश: 90% और 92% है।
  • अध्ययन के अनुसार, इस मामले में भारत का लैंगिक समानता सूचकांक (Gender Parity Index) 1.01 है, जबकि विश्व का 0.98 है।
  • माध्यमिक स्तर पर भारत में लड़कियों और लड़कों की नामांकन दर दुनिया भर की तुलना में कम है।
  • हालाँकि भारत में लड़कियों और लड़कों की नामांकन क्रमश: 62% और 61% है, इस मामले में भारत का लैंगिक समानता सूचकांक 1.01 है जो दुनिया भर के सूचकांक (1.0) से अधिक है।
  • भारत के पड़ोसी देशों- बांग्लादेश और श्रीलंका ने स्कूली शिक्षा के दोनों स्तरों पर नामांकन में उच्च स्कोर प्राप्त किया हैं।

UNFPA

  • संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund- UNFPA) की स्थापना विकासशील देशों को जनसंख्या वृद्धि के सामाजिक और आर्थिक निहितार्थों के बारे में सलाह देने और राष्ट्रीय जनसंख्या कार्यक्रमों को समर्थन देने के लिये 1969 में की गई थी।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

एंटीबायोग्रामोस्कोप

चर्चा में क्यों?

हाल ही में चेन्नई में स्थित अन्ना विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की एक टीम ने एंटीबायोटिक प्रतिरोध से निपटने के लिये एंटीबायोग्रामोस्कोप नामक एक उपकरण विकसित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस उपकरण की सहायता से एंटीबायोटिक प्रतिरोध से निपटना आसान हो जाएगा जो कि आधुनिक स्वास्थ्य सेवा की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
  • यह उपकरण छह घंटे के भीतर बैक्टीरिया के प्रतिरोधी उपभेदों की पहचान करता है, जिससे चिकित्सकों को सही दवा का चयन करने में मदद मिलती है इस प्रक्रिया में कुल लागत 100-300 रूपए तक आती है।
  • मौजूदा परीक्षणों में 500 रुपए से लेकर 2,000 रुपए का खर्च आता है और एंटीबायोटिक प्रतिरोध का पता लगाने में 48 घंटे तक का समय लगता है।
  • अन्ना विश्वविद्यालय की टीम ने जैव प्रौद्योगिकी, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, विनिर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, इंस्ट्रूमेंटेशन तथा मेडिकल भौतिकी के प्रोफेसरों के संयुक्त प्रयास से एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया।
  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission- UGC) और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology- DST) ने इस कार्य का समर्थन किया है।

परीक्षण की विधि

  • टीम ने एक तरल एंटीबायोटिक संवेदनशीलता परीक्षण (Antibiotic Sensitivity Testing- AST) माध्यम विकसित किया। इसके लिये एक व्यावसायिक रूप से उपलब्ध फ्लोरोसेंट अणु को सैंपल (Body Fluid) के साथ जोड़ा जाता है।
  • इसे एंटीबायोग्रामोस्कोप के माइक्रोवेल्स (Microwells) में स्थानांतरित किया जाता है जो कि एक प्रकार के एंटीबायोटिक के साथ लेपित होते हैं।
  • जब बैक्टीरिया इस माध्यम में विकसित होते हैं, तो एक यौगिक का निर्माण करते हैं जिसे एरुकेमाइड (Erucamide) कहा जाता है, यह यौगिक फ्लोरोसेंट (Fluorescent) अणु को बांधता है जिससे इसकी प्रतिदीप्ति (Fluorescence) बंद हो जाती है।
  • इसका मतलब है कि अगर हम कुछ माइक्रोवेल्स में प्रतिदीप्ति को देखते हैं, तो वे एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया को मारने में प्रभावी हैं।
  • प्रतिदीप्ति का मतलब यह नहीं है कि एंटीबायोटिक के बावजूद बैक्टीरिया बढ़ रहे हैं।
  • मौजूदा विधि बैक्टीरिया को विकसित करने के लिये एक ठोस माध्यम का उपयोग करती है और एंटीबायोटिक दवाओं को उपयोग से पहले 24 घंटे लगते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 48 घंटे लगते हैं। जबकि एंटीबायोग्रामोस्कोप में तरल माध्यम और दो चरणों का विलय पूरी प्रक्रिया को गति देता है।
  • यह माध्यम की मात्रा को 20ml से 2ml करते हुए लागत को भी कम करता है। इसके अलावा, तरल माध्यम पर एंटीबायोटिक परीक्षण बेहतर परिणाम देता है। यह प्रक्रिया स्वचालित है, सैंपल और माध्यम लोड होने के बाद किसी भी मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।
  • यह संबंधित डॉक्टरों और अस्पतालों को ईमेल द्वारा अंतिम रिपोर्ट चित्र सहित भेजेगा।

राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड
National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories (NABL)

  • NABL भारत की गुणवत्ता परिषद का एक संविधानिक बोर्ड है।
  • एनएबीएल को सरकार, उद्योग संघों और उद्योग को आमतौर पर अनुरूपता मूल्यांकन निकाय की मान्यता प्रदान करने की योजना के साथ स्थापित किया गया है। जिसमें चिकित्सा और अंशांकन प्रयोगशालाओं, प्रवीणता परीक्षण प्रदाताओं और संदर्भ सामग्री उत्पादकों सहित परीक्षण की तकनीकी क्षमता का तृतीय-पक्ष मूल्यांकन शामिल है।
  • क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) एक गैर-लाभकारी स्वायत्त सोसाइटी के रूप में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है।
  • QCI का उद्देश्य देश में एक मान्यता वाले ढाँचे को स्थापित करना और भारत में एक गुणवत्ता अभियान शुरू करके भारत में गुणवत्ता का संचार करना है।

स्रोत- टाइम्स ऑफ़ इंडिया


शासन व्यवस्था

विदेश मंत्रालय में एशियाई-प्रशांत डिविज़न

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत ने विदेश मंत्रालय में एक एशियाई-प्रशांत (इंडो-पैसिफिक) डिविज़न की स्थापना की है।

महत्त्वपूर्ण क्यों?

  • यह डिविज़न हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), आसियान क्षेत्र और क्वाड (QUAD) के मध्य संबंधों को और बेहतर बनाएगा।
  • अमेरिका ने हाल ही में अपनी इंडो-पैसिफिक पॉलिसी को महत्त्व देने के लिये पैसिफिक कमांड का नाम बदलकर इंडो-पैसिफिक कमांड कर दिया है अत: इस डिविज़न को बनाना भारत की तरफ से इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

शांगरी-ला संवाद

  • शांगरी-ला संवाद अंतर-सरकारी सुरक्षा फोरम है। यह प्रतिवर्ष इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज द्वारा सिंगापुर में आयोजित किया जाता है।
  • शांगरी-ला संवाद एशिया-प्रशांत क्षेत्र की एक महत्त्वपूर्ण रणनीतिक सभा के रूप में विकसित हुआ है।
  • इसमें एशिया-प्रशांत राष्ट्रों के रक्षा मंत्री, मंत्रालयों के स्थायी प्रमुख और सैन्य प्रमुख भाग लेते हैं।

हिंद महासागर रिम एसोसिएशन

  • हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (Indian Ocean Rim Association- IORA) एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसे 7 मार्च, 1997 को स्थापित किया गया था।
  • IORA में 21 सदस्य देश हैं जिनमें मुख्यत: हिंद महासागर के राष्ट्र हैं, इसके अलावा इसमें 7 अन्य राष्ट्र भी शामिल हैं।

क्वाड (QUAD)

  • यह भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान का समूह है।
  • इसकी स्थापना 12 नवंबर, 2017 को हुई थी।
  • ये सभी चारों लोकतांत्रिक राष्ट्र हैं और निर्विवाद समुद्री व्यापार तथा सुरक्षा के साझा हित का भी समर्थन करते हैं।
  • इसका साझा उद्देश्य एशियाई-प्रशांत क्षेत्र को "मुक्त, खुले और समृद्ध" रूप में विकसित करना है।

स्रोत: TOI


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (15 April)

  • 14 अप्रैल को देशभर में संविधान निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की 128वीं जयंती का आयोजन किया गया। भारतीय संविधान के रचयिता और समाज सुधारक डॉ. अंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी जाना जाता है। भारत रत्न डॉ. अंबेडकर जीवनभर समानता के लिये संघर्ष करते रहे, इसीलिये उनके जन्म दिवस यानी अंबेडकर जयंती को देश में समानता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • 11 और 12 अप्रैल को भारत तथा आसियान देशों के वरिष्ठ अधिकारियों (Special Officers Meeting-SOM) की 21वीं बैठक नई दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में दोनों पक्षों ने कूटनीतिक भागीदारी और भविष्य की दशा-दिशा की समीक्षा की तथा राजनीतिक-सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्रों में भागीदारी में हुई प्रगति का मूल्यांकन किया गया। दोनों ही पक्षों के अधिकारियों ने आसियान और भारत के आपसी हितों वाले क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। आसियान-भारत 2018 के सम्मेलन में समुद्री सहयोग के लिये जो निर्णय लिये गए थे, उसको और गहन बनाने पर सहमति जताई गई।
  • फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हाल ही में नई सरकार को शपथ दिलाई। महमूद अब्बास ने इज़राइल के साथ सतत् शांति वार्ता के समर्थक प्रधानमंत्री मोहम्मद इश्तयेह की अगुवाई में वेस्ट बैंक स्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण की नई कैबिनेट को शपथ दिलाई। इश्तयेह की नियुक्ति से फिलीस्तीनी प्राधिकरण और हमास के बीच की खाई और चौड़ी होने की संभावना है। गौरतलब है कि हमास इस्लामी सैन्य समूह है जो गाज़ा पट्टी पर शासन करता है। इससे पहले इसी वर्ष जनवरी में प्रधानमंत्री रामी हमदल्ला की राष्ट्रीय एकता सरकार ने इस्तीफा दे दिया था, जो 2014 में वेस्ट बैंक और गाज़ा पट्टी में प्रतिद्वंद्वी सरकारों के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिये बनाई गई थी। माना जा रहा है कि हमास को अलग-थलग करने के लिये सरकार को बदला गया है। हमास का एक दशक से अधिक समय से महमूद अब्बास और इश्तयेह की फतह पार्टी के साथ सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है।
  • फिनलैंड में हुए आम चुनाव में वामपंथी एन्टी रिने (Antti Rinne) के नेतृत्व वाली सोशल डेमोक्रेट्स ने संसद में 40 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं यूरोपियन संसद में फिनलैंड के प्रतिनिधि कट्टरपंथी जुस्सी क्रिस्टियन हल्ला-अहो (Jussi Kristian Halla-aho) के नेतृत्व वाली घोर दक्षिणपंथी फिन्स पार्टी को 39 सीटें मिली। गौरतलब है कि पिछले महीने देश के प्रधानमंत्री जुहा सिपिला ने देश की स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल प्रणाली में सुधार करने में हो रही परेशानियों का हवाला देकर अपना मंत्रिमंडल भंग कर दिया था।
  • वैज्ञानिकों की एक टीम ने पश्चिमी प्रशांत महासागर में लगभग 11 हज़ार मीटर की गहराई में एक ऐसे अनोखे बैक्टीरिया की खोज की है, जो तैलीय पदार्थों को अपना भोजन बनाता है। चीन की ओशियन यूनिवर्सिटी की टीम इस बैक्टीरिया की खोज के लिये काम कर रही थी। ये हाइड्रोकार्बन बैक्टीरिया केवल हाइड्रोजन और कार्बन परमाणुओं से बने होते हैं। इस प्रकार के बैक्टीरिया प्रमुख रूप से तेल के समान यौगिकों को खाते हैं और फिर इसे ईंधन के लिये उपयोग करते हैं। इसी तरह के बैक्टीरिया मेक्सिको की खाड़ी में तेल रिसाव जैसी प्राकृतिक आपदाओं में तेल रिसाव को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इस टीम ने समुद्र की सतह से कई तरह के नमूने लिये थे जिसके लिये एक विशेष पनडुब्बी का निर्माण किया था।
  • जिस प्रकार बौद्ध नववर्ष के अवसर पर हाल ही में थाईलैंड में वाटर फेस्टिवल सोंगक्रान का आयोजन किया गया था, ठीक उसी से मिलता-जुलता आयोजन भारत के पड़ोसी देश म्यांमार की राजधानी यांगून में भी आयोजित हुआ। थिंगयान नामक इस त्यौहार को जल उत्सव भी कहा जाता है। पाँच दिन तक चलने वाले इस उत्सव में लोग एक-दूसरे पर पाइपों से पानी फेंकते हैं और बड़े-बड़े टबों में एक-दूसरे को डुबोते हैं।
  • भारत की मीना कुमारी मेश्राम ने जर्मनी के शहर कोलोन में हुए मुक्केबाज़ी विश्व कप में 54 किग्रा. भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जबकि 57 किग्रा. भार वर्ग में साक्षी और 64 किग्रा. भार वर्ग में पिलाओ बासुमातारे ने रजत पदक जीते। 51 किग्रा. भार वर्ग में पिंकी रानी और 60 किग्रा. भार वर्ग में परवीन ने कांस्य पदक हासिल किये। तीन राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के अलावा 2014 में एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली मीना ने फाइनल में थाईलैंड की बॉक्सर को पराजित किया। 
  • भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले वर्ल्ड कप 2019 के लिये 15 सदस्यीय भारतीय क्रिकेट टीम की घोषणा कर दी। विराट कोहली टीम के कप्तान बने रहेंगे। अंबाती रायडू और ऋषभ पंत को टीम में नहीं चुना गया है, जबकि विजय शंकर को टीम में शामिल किया गया है। धोनी की जगह विकेट कीपर के विकल्प के तौर पर दिनेश कार्तिक को टीम में जगह दी गई है। रोहित शर्मा को टीम का उपकप्तान बनाया गया है। 

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