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डेली न्यूज़

  • 14 Oct, 2019
  • 28 min read
भारतीय अर्थव्यवस्था

आईआरसीटीसी आईपीओ

प्रीलिम्स के लिये:

आरंभिक सार्वजनिक निर्गम , ग्रीन-शू विकल्प

मुख्य परीक्षा के लिये:

आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों का अर्थव्यवस्था में योगदान

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (Initial Public Offering-IPO) जारी किया।

प्रमुख बिंदु

  • इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने 30 सितंबर, 2019 को 645 करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य के साथ अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) जारी किया।
  • इस आरंभिक सार्वजनिक निर्गम(I.P.O) में सरकार ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के शेयर जारी किये। ये भारत सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार इन शेयरों के प्रति बाज़ार के रुख को देखते हुए कंपनी ग्रीन-शू विकल्प भी अपना सकती थी , जो जारीकर्त्ता को ओवरसब्सक्रिप्शन के मामले में प्रारंभिक लक्ष्य की तुलना में अधिक शेयर बेचने की अनुमति देता है।

इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC)

  • IRCTC भारतीय रेलवे की ई-टिकटिंग, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और ई-कैटरिंग जैसी सेवाएँ प्रदान करने के लिये एकमात्र अधिकृत इकाई है।

आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (Initial Public Offering-IPO)

  • जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर सार्वजनिक रूप से लोगों या संस्थाओं के लिये जारी करती है तो उसे आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) कहते हैं।

ग्रीन-शू विकल्प

  • ग्रीन-शू विकल्प को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने वर्ष 2003 में मुख्य रूप से शेयरों की बाज़ार की कीमतों को स्थिरता प्रदान करने के लिये पेश कियाI
  • इसे ओवर-अलॉटमेंट प्रावधान भी कहते हैं।
  • इसका उपयोग आईपीओ के समय या किसी भी स्टॉक की लिस्टिंग के लिये किया जाता है, जिससे सफल शुरुआती मूल्य सुनिश्चित किया जा सके।
  • अगर शेयर की कीमत जारी मूल्य से कम या अधिक होती है तो प्रस्तावक प्रस्तावित मूल्य पर 15% शेयर खरीद सकता है। उपरोक्त विकल्प, एक मूल्य स्थिरीकरण तंत्र के रूप में कार्य करता है। निवेशक के दृष्टिकोण से, यह विकल्प यह सुनिश्चित करता है कि सूचीबद्ध शेयर की कीमत जारी कीमत से कम न होने पाए।

स्रोत -द हिंदू (बिज़नेसलाइन)


जैव विविधता और पर्यावरण

ग्रेट निकोबार द्वीपसमूह और प्लास्टिक प्रदूषण

प्रीलिम्स के लिये:

ग्रेट निकोबार द्वीप समूह, जैव-विविधता केंद्र

मुख्य परीक्षा के लिये:

प्लास्टिक प्रदूषण और इससे उत्पन्न ख़तरे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में एक सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत के प्राचीनतम दक्षिणी ग्रेट निकोबार द्वीप के पांच समुद्र तटों का अस्तित्व प्लास्टिक के कारण ख़तरे में है।

प्रमुख बिंदु

  • इन तटों पर प्लास्टिक की बोतलें पाई गई हैं।
  • भारत सहित लगभग 10 देश (मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, फिलीपींस, वियतनाम, भारत, म्याँमार, चीन और जापान) द्वीप पर प्लास्टिक कचरे के ज़िम्मेदार हैं।
  • सर्वेक्षण में गैर भारतीय मूल के लगभग 60 तटों को शामिल किया गया था तथा इन पर लगभग-
    • 40.5% कचरा मलेशियाई मूल का
    • 23.9% कचरा इंडोनेशियाई मूल का तथा
    • 16.3% कचरा थाईलैंड का था।
  • इन तटों पर भारतीय मूल का केवल 2.2% कचरा था।

Plastic threat

द्वीप पर कचरे का कारण

  • इंडोनेशिया और थाईलैंड से प्लास्टिक कचरे में वृद्धि का कारण इनकी अंडमान द्वीप से निकटता हो सकती है।
  • इसके अलावा मलक्का जलडमरूमध्य जो एक प्रमुख जल मार्ग है, के माध्यम से जल धाराओं के कारण प्लास्टिक ने द्वीप पर अपना रास्ता बना लिया है।
  • इस द्वीप पर समुद्री मलबे की भारी मात्रा, मछली पकड़ने, समुद्री कृषि गतिविधि और जहाज यातायात आदि के कारण ठोस अपशिष्ट के अनुचित प्रबंधन की वजह हो सकती है।

Indonesia-Thailand Plastic

अंडमान और ग्रेट निकोबार द्वीप

  • ये द्वीपसमूह भारत के पूर्वी तट पर बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं और भारत की दक्षिण-पूर्वी सीमा बनाते हैं।
  • इसके अलावा ये द्वीपसमूह अंडमान सागर से घिरे हैं और मलेशिया, म्याँमार, थाईलैंड, सिंगापुर तथा इंडोनेशिया जैसे कुछ दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से निकटता रखते हैं।
  • अंडमान और निकोबार को टेन डिग्री चैनल ( Ten Degree Channel) द्वारा अलग किया जाता है जो लगभग 150 किमी. तक विस्तृत है।

Andaman-Nicobar Island

ग्रेट निकोबार द्वीप

  • यह भारत का दक्षिणतम द्वीप है।
  • अंडमान के ग्रेट निकोबार द्वीप का क्षेत्रफल लगभग 1044 वर्ग किमी है।
  • 2011 की जनगणना के अनुसार, यहाँ की आबादी लगभग 8,069 है।
  • यह द्वीप भारत की सबसे आदिम जनजाति शोम्पेंस (Shompens) का निवास स्थान है।
  • इस द्वीप में ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिज़र्व (Great Nicobar Biosphere Reserve-GNBR) भी अवस्थित है जिसे यूनेस्को द्वारा बायोस्फीयर रिज़र्व्स के विश्व नेटवर्क के रूप में घोषित किया गया है।
    • इस बायोस्फीयर रिज़र्व में गैलाथिया नेशनल पार्क (Galathea National Park) और कैम्पबेल बे नेशनल पार्क (Campbell Bay National Park) शामिल हैं।
  • यह द्वीप उष्णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वनों, पर्वत श्रृंखलाओ और तटीय मैदानों से पारिस्थितिक तंत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला का निर्माण करता है।
    • इस द्वीप पर विशाल केकड़ों, केकड़े खाने वाले मकाक ( Crab-Eating Macaques), दुर्लभ मेगापोड (Megapode) के साथ-साथ लेदरबैक कछुए (Leatherback Turtles) भी पाए जाते हैं।
  • भारत में चार जैव विविधता वाले आकर्षण केंद्रों में से एक सुंडालैंड है जिसमें निकोबार द्वीपसमूह भी शामिल है।

आगे की राह

  • महासागर प्रदूषण के लिये सबसे खतरनाक कारकों में से प्लास्टिक प्रदूषण एक के रूप में उभरा है।
  • समुद्री मलबे का लगभग 83% मलबा प्लास्टिक कचरा है।
  • शेष 17% मुख्य रूप से कपड़ा, कागज़, धातु और लकड़ी उद्योग आदि के कारण है।
  • इन द्वीपों की निगरानी के लिये उचित दिशा निर्देशों के साथ- साथ पर्याप्त कर्मचारियों की उपस्थिति ज़रुरी है।
  • साथ ही ठोस अपशिष्ट का उचित प्रबंधन होना चाहिये।

स्रोत: द हिंदू


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इलास्टोकेलोरिक प्रभाव

प्रीलिम्स के लिये:

इलास्टोकेलोरिक प्रभाव

मुख्य परीक्षा के लिये:

पर्यावरण संरक्षण हेतु किये गए प्रयास

चर्चा में क्यों?

जर्नल साइंस में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इलास्टोकेलोरिक प्रभाव रेफ्रिजरेटर और एयर-कंडीशनर में उपयोग किये जाने वाले द्रव रेफ़्रिजरेंट की आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम है।

इलास्टोकेलोरिक प्रभाव क्या होता है?

  • जब किसी रबर बैंड को घुमाया (Twisted) जाता है और फिर छोड़ (Untwisted) दिया जाता है तो यह शीतलन का प्रभाव उत्पन्न करती है इस प्रभाव को ‘इलास्टोकोलिक प्रभाव’ कहा जाता है।
  • इलास्टोकेलोरिक प्रभाव ऐसे परिवर्तन हैं जो किसी बाहरी तनाव, बिजली या चुंबकीय क्षेत्र के कारण होते हैं।
  • वर्तमान में कुशल और पर्यावरण के अनुकूल प्रशीतन प्रौद्योगिकियों (Refrigeration Technologies) की अधिक मांग के कारण इलास्टोकेलोरिक तथा विशाल केलोरिक प्रभाव वाले पदार्थों के विषय में व्यापक स्तर पर शोध कार्य किये जा रहे हैं।

Elastocaloric Effect

इलास्टोकलोरिक प्रभाव ईंधन की जगह ले रहा है।

  • रेफ्रिजरेटर में प्रयोग किये जाने वाले तरल पदार्थों का रिसाव पर्यावरण के प्रति अतिसंवेदनशील होता है तथा ये ग्लोबल वार्मिंग की वृद्धि के कारक हो सकते हैं।
  • इलास्टोकेलोरिक प्रभाव में हीट एक्सचेंज उसी तरह से होती है जैसे द्रव रेफ्रिजरेंट को संकुचित और विस्तारित करने पर होता है।
    • जब एक रबर बैंड को बढ़ाया जाता है, तो यह अपने वातावरण से गर्मी को अवशोषित करता है और जब इसे छोड़ा जाता है, तो यह धीरे-धीरे ठंडा हो जाता है।
  • यह पता लगाने के लिये कि ट्विस्टेड क्रियाविधि (Twisted Mechanism) एक रेफ्रिजरेटर को कार्य सक्षम बनाने में कितनी सक्षम है, शोधकर्त्ताओं ने शीतलन के लिये रबर फाइबर, नायलॉन, पॉलीइथाइलीन, मछली पकड़ने के तार और निकल-टाइटेनियम जैसे तारों का प्रयोग किया।
    • इसके लिये कुंडलित और सुपरकोलाइड फाइबर के मोड़ (Twisted) में परिवर्तन से उच्च शीतलन का अवलोकन किया गया।
    • इस अवलोकन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रबर बैंड में हीट एक्सचेंज की दक्षता का स्तर मानक रेफ्रिजरेंट की तुलना में अधिक पाया गया।
  • इन निष्कर्षों से ज्ञात होता है कि हरित, उच्च दक्षता और कम लागत वाली शीतलन प्रौद्योगिकी का विकास किया जा सकता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


जैव विविधता और पर्यावरण

विश्व महापौर शिखर सम्मेलन-2019

प्रीलिम्स के लिये:

C-40 की स्थापना एवं विश्व महापौर शिखर सम्मेलन

मुख्य परीक्षा के लिये:

विश्व महापौर सम्मेलन में तय की गई प्रतिबद्धताएँ

चर्चा में क्यों?

9 अक्तूबर से 12 अक्तूबर, 2019 के मध्य डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में विश्व महापौर शिखर सम्मेलन (World Mayors Summit) का आयोजन किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन से निपटने की उन नगरीय प्रक्रियाओं से संबंधित है जो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और जलवायु जोखिमों को कम करती हैं।
  • यह सम्मेलन शहरी नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार और उन्हें अधिक आर्थिक अवसर प्रदान कराने का प्रयास करता है।
  • इस अवसर पर दिल्ली सरकार ने “C-40 स्वच्छ वायु शहर उद्घोषणा” के तहत एक ‘विशेष कार्य दल’ के गठन का निर्णय लिया जो इस उद्घोषणा के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये किये गए प्रयासों की समीक्षा करेगा।
  • C-40 में शामिल कलकत्ता शहर को इस वर्ष ई-मोबिलिटी तथा निम्न कार्बन उत्सर्जन के लिये C-40 पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • C-40 में शामिल सभी शहरों द्वारा ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने की प्रतिबद्धता जताई गई है, क्योंकि C-40 में शामिल शहरों द्वारा कुल 2.3 गीगा टन कार्बन उत्सर्जन किया जाता है।
  • कोपेनहेगन में आयोजित C-40 विश्व महापौर शिखर सम्मेलन प्रमुख शहरों, व्यवसायों और नागरिकों के वैश्विक गठबंधन का निर्माण करेगा जो हमारे ग्रह के लिये उपयोगी और महत्त्वाकांक्षी जलवायु कार्रवाई के लिये प्रयास करेगा।

C-40:

C 40

  • C-40 वर्ष 2005 में अस्तित्व में आया एक ऐसा समूह है जो त्वरित जलवायु कार्रवाई करने और एक स्वस्थ एवं स्थायी भविष्य के निर्माण के लिये दुनिया के 90 से अधिक शहरों को आपस में जोड़ता है।
  • C-40 समूह, विश्व के 700 मिलियन से अधिक नागरिकों और वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक-चौथाई का प्रतिनिधित्व करता है।
  • C-40 शहरों के महापौर स्थानीय स्तर पर पेरिस समझौते के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध हैं, साथ ही जिस हवा में हम साँस लेते हैं, उसकी स्वच्छता की ज़िम्मेदारी निभाने के लिये भी प्रतिबद्ध हैं।
  • भारत के 5 शहर-दिल्ली NCR, जयपुर, कलकत्ता, चेन्नई तथा बंगलूरु C-40 शहरों के अंतर्गत आते हैं।

स्रोत-द हिंदू


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

आइकॉन उपग्रह

प्रीलिम्स के लिये:

आयनमंडल, ‘आइकॉन’ उपग्रह, नासा

मुख्य परीक्षा के लिये:

आयनमंडल के अध्ययन करने के कारण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ‘नासा’ ने आयनमंडल के उस रहस्यमयी, गतिशील क्षेत्र का पता लगाने के लिये ‘आइकॉन’ नामक उपग्रह लॉन्च किया है जो वायु और अंतरिक्ष का मिलन बिंदु है।

प्रमुख बिंदु:

  • नासा द्वारा आयनमंडल के अध्ययन के लिये लॉन्च किया गया ‘आइकॉन’ उपग्रह ( Satellite -ICON) निर्धारित समय से दो वर्ष की देरी से कक्षा में पहुँचा।
  • रेफ्रिजरेटर के आकार का ‘आइकॉन’ उपग्रह आयनमंडल में उपस्थित गैसों से बनने वाले हवा के प्रकाशीय पुंजों का अध्ययन करेगा और अंतरिक्षयान के चारों ओर आवेशित वातावरण की माप भी करेगा जो पृथ्वी की सतह से 580 किलोमीटर की ऊँचाई पर है।
  • ‘आइकॉन’ उपग्रह पृथ्वी के अंतरिक्ष वातावरण की भौतिकी को निर्धारित करने में मदद करेगा और हमारी प्रौद्योगिकी, संचार प्रणालियों एवं समाज पर इसके प्रभावों को कम करने का मार्ग भी प्रशस्त करेगा।

आयनमंडल:

  • आयनमंडल मध्यमंडल के ऊपर 80 से 400 किलोमीटर के बीच स्थित होता है।
  • इसमें विद्युत आवेशित कण पाए जाते हैं, जिन्हें आयन कहते हैं, इसीलिये इसे आयनमंडल के नाम से जाना जाता है।
  • पृथ्वी द्वारा भेजी गई रेडियो तरंगें इस संस्तर द्वारा वापस पृथ्वी पर लौट आती हैं। यहाँ पर ऊँचाई बढ़ने के साथ ही तापमान में वृद्धि शुरू हो जाती है।
  • यह वह क्षेत्र है जिसके माध्यम से रेडियो संचार और GPS तरंगें संचार करती हैं।

आयनमंडल का अध्ययन क्यों?

  • आयनमंडल के अध्ययन से बेहतर पूर्वानुमान के माध्यम से अंतरिक्षयान और अंतरिक्ष यात्रियों को उनकी निर्धारित कक्षा में भेजा जा सकता है।
  • आयनमंडल के अध्ययन से यह पता लगाने में सहायता मिलेगी कि ऊपरी वायुमंडल भू-चुंबकीय तूफानों पर कैसे प्रतिक्रिया करता है, जो सौर गतिविधि के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के लिये एक समस्याहै।
  • आयनमंडल में परिवर्तनशीलता का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने की आवश्यकता होती है क्योंकि यह स्थलीय और अंतरिक्ष दोनों के मौसमों के आधार पर संचालित होने वाली एक जटिल प्रक्रिया है।
  • आयनमंडल में भिन्नताओं के परिणामस्वरूप रेडियो सिग्नलों, अन्य संचार के माध्यमों में विकृतियाँ हो सकती हैं, संकेतों का पूर्ण विघटन भी हो सकता है। अतः इस समस्या के समाधान के लिये भी आयनमंडल का अध्ययन करना आवश्यक है।

नासा

(National Aeronautics and Space Administration)

  • नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) संयुक्त राज्य अमेरिकी सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एयरोनॉटिक्स तथा एयरोस्पेस संशोधन के लिये उत्तरदायी है।
  • नासा का गठन नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1948 को इसकी पूर्वाधिकारी संस्था, नेशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एयरोनॉटिक्स (NCA) के स्थान पर किया गया था।
  • इस संस्था ने 01अक्तूबर, 1948 से कार्य करना शुरू किया।

स्रोत-द हिंदू


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (14 October)

1. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का 26वाँ स्थापना दिवस

NHRC

  • 12 अक्तूबर, 2019 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने (National Human Rights Commission-NHRC) अपना 26वाँ स्थापना दिवस मनाया।
  • राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है, जिसकी स्थापना मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्तूबर, 1993 को की गई थी।
  • मानवाधिकार आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और 12 अक्तूबर, 2018 को इसने अपनी स्थापना की रजत जयंती मनाई।
  • NHRC एक बहु-सदस्यीय संस्था है जिसमें एक अध्यक्ष सहित 7 सदस्य होते हैं।
  • यह आवश्यक है कि 7 सदस्यों में कम-से-कम 3 पदेन (Ex-officio) सदस्य हों।
  • अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय कमेटी की सिफारिशों के आधार पर की जाती है।
  • राज्य मानवाधिकार आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के परामर्श पर की जाती है।

मानवाधिकार क्या हैं?

  • यह संविधान द्वारा प्रदत्त मानवाधिकारों जैसे- जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार और समानता का अधिकार आदि की रक्षा करता है और उनके प्रहरी के रूप में कार्य करता है।
  • संयुक्त राष्ट्र (UN) की परिभाषा के अनुसार ये अधिकार जाति, लिंग, राष्ट्रीयता, भाषा, धर्म या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किये बिना सभी को प्राप्त हैं।
  • मानवाधिकारों में मुख्यतः जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, गुलामी और यातना से मुक्ति का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और काम एवं शिक्षा का अधिकार, आदि शामिल हैं।
  • कोई भी व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के इन अधिकारों को प्राप्त करने का हकदार होता है।

2. भारत के उपराष्ट्रपति की सियेरा लियोन यात्रा

  • भारत के उपराष्‍ट्रपति अपनी पश्चिमी अफ्रीकी दो देशों की पाँच दिन की यात्रा के दूसरे चरण में सियेरा लियोन की राजधानी फ्रीटाउन पहुँचे। इससे पहले वह कोमोरोस की यात्रा पर थे।
  • फ्रीटाउन में सियेरा लियोन के उपराष्‍ट्रपति डॉक्‍टर मोहम्‍मद जुल्‍देह जल्‍ला ने उनकी अगवानी की और उनको गार्ड ऑफ ऑनर देकर सम्मानित किया गया।
  • वेंकैया नायडू की यह यात्रा भारत की ओर से हो रही दो अफ्रीकी देशों की पहली उच्‍चस्‍तरीय यात्रा है।

Sierra Leone

इस यात्रा के दौरान भारत और सियेरा लियोन ने छह समझौतों पर हस्‍ताक्षर किये। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और सियेरा लियोन के राष्ट्रपति जुलिअस माडा बायो की मौजूदगी में निम्नलिखित समझौतों पर हस्ताक्षर हुए-

  • दोनों देश कृषि, खाद्य प्रशंस्करण, सूचना तकनीक, बुनियादी ढाँचा विकास और क्षमता विकास के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हुए।
  • भारत ने सियेरा लियोन में अपना उच्चायोग स्थापित करने की घोषणा की है।
  • दोनों देशों ने पैन-अफ्रीकी टेली एजुकेशन, टेली मेडि‍सिन पहल-ई-विद्या भारती और ई-आरोग्‍य भारती में सियेरा लियोन की भागीदारी के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये।
  • भारत सियेरा लियोन में सूचना प्रौद्योगिकी में उत्‍कृष्‍टता केंद्र स्‍थापित करने के लिये जल्‍द ही कदम उठाएगा।
  • इसके अलावा भारत सद्भावना दर्शाते हुए आगामी महीनों में सियेरा लियोन को एक हज़ार मीट्रिक टन चावल भी भेजेगा।
  • गौरतलब है कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत सियेरा लियोन में चार हज़ार सैनिकों को तैनात किया है।

3. भारत का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेला

IICTF 2019

  • भारत के प्रथम अंतर्राष्‍ट्रीय सहकारी व्‍यापार मेले का आयोजन 11 से 13 अक्तूबर, 2019 तक नई दिल्‍ली में किया गया।
  • इस तीन दिवसीय मेले ने सहकारी समितियों के उत्‍पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के एक बड़े मंच की भूमिका निभाई, जिससे गाँवों और किसानों की समृद्धि बढ़ेगी।
  • मेले में 36 देशों के संगठनों ने हिस्सा लिया तथा भारत की डेढ़ सौ से ज़्यादा सहकारी समितियाँ इसमें शामिल हुईं।
  • इस मेले में डिलीवरी और हाट-व्‍यवस्‍था जैसी चुनौतियों पर चर्चा की गई, जिससे सहकारिता को बल मिलेगा।
  • कृषि निर्यात को दोगुना करने और भारतीय किसानों और कृषि उत्पादों को वैश्विक मूल्य शृंखलाओं के साथ एकीकृत करने के लक्ष्य वाली कृषि निर्यात नीति, 2018 के अनुरूप यह मेला आयोजित किया गया।
  • NCDC द्वारा निर्देशित यह मेला एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन (NEDAC), तीन मंत्रालयों, चार राज्य सरकारों और अऩेक शीर्ष स्तरीय भारतीय सहकारी संगठनों की सहायता से आयोजित किया गया।

इस तीन दिवसीय मेले में IICTF ने उन प्रदर्शकों/विक्रेताओं/खरीदारों को शामिल किया, जो कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की पूर्ण मूल्य श्रृंखलाओँ, कोल्ड चेन, डेयरी जिन्सों, निर्यात, प्रौद्योगिकी, जलवायु के अनुरूप कृषि, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, भंडारण, मशीनरी, ब्रांड का प्रचार, विपणन, सहकारी-बैंकिंग, कृषि-तकनीक, साइबर-सुरक्षा, मवेशी, मत्स्य पालन, हथकरघा, हस्तशिल्प, कपड़ा, उपभोक्ता सामान, आतिथ्य, बीमा, वित्त, ऋण, स्वास्थ्य सेवाएँ, महिला समूहों के उत्पाद और क्षमता विकास जैसे कोऑपरेटिव-टू-कोऑपरेटिव व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया।


4. डच ओपन सुपर 100

    • विश्व में 72वीं वरीयता प्राप्त भारत के शटलर लक्ष्य सेन ने डच ओपन सुपर 100 टूर्नामेंट के फाइनल में विश्व में 160वीं वरीयता प्राप्त जापान के यूसुके ओनेडेरा को कड़े मुकाबले में पराजित किया।
    • 13 अक्तूबर, 2019 को अल्मेरे (नीदरलैंड्स) में भारत के लक्ष्य सेन द्वारा जीता गया यह खिताब उनके कॅरियर का यह पहला BWF खिताब था। डच ओपन BWF विश्व टूअर सुपर 100 टूर्नामेंट है।
    • एशियाई जूनियर चैंपियन, युवा ओलंपिक खेलों के रजत और विश्व जूनियर चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने इससे पहले पिछले महीने बेल्जियम इंटरनेशनल का खिताब जीता था। इसी साल वह पोलिश ओपन के फाइनल में भी पहुँचे थे।
  • पिछले वर्ष 22 जुलाई को जूनियर एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले वह तीसरे भारतीय खिलाड़ी बने थे।
  • उनसे पहले पी.वी. सिंधु और गौतम ठक्कर ने ऐसा किया था। तब लक्ष्य सेन पिछले 53 सालों में यह खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने थे।
  • लक्ष्य सेन का जन्म 16 अगस्त, 2001 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुआ था।
  • लक्ष्य सेन की यह इस सत्र की दूसरी, जबकि करियर की छठी ट्रॉफी है।

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