लघु वित्त बैंक
चर्चा में क्यों?
- इनवेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन एंड क्रेडिट एजेंसी (Investment Information and Credit Agency- ICRA) ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अगर वित्तीय वर्ष 2023 तक 4000-6000 करोड़ की बाह्य पूंजी उपलब्ध हो तो लघु वित्त बैंकों (Small Financial Banks- SFBs) में 20-30% वार्षिक दर से वृद्धि की संभावना है।
प्रमुख बिंदु
- लघु वित्त बैंकों ने विविधीकरण के माध्यम से व्यावसायिक जोखिमों को कम करने के अलावा, प्रबंधन, जमा और अपने इक्विटी पर बेहतर रिटर्न के तहत परिसंपत्तियों में वृद्धि दर्ज़ की है।
- दिसंबर 2018 तक इन बैंकों ने प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों में 33% की वार्षिक वृद्धि (लगभग 64,325 करोड़ रुपए) की है।
- ये बैंक अपने उत्पादों में विविधता लाने में भी सक्षम हुए हैं, जिसके कारण परिसंपत्ति वर्ग में माइक्रोफाइनेंस की हिस्सेदारी, जो मार्च 2017 में 60% थी, दिसंबर 2018 में 44% तक गिर गई।
- मार्च 2018 के 9% से दिसंबर 2018 तक 5.8% घटकर सकल एनपीए के साथ इन बैंकों के परिसंपत्ति गुणवत्ता संकेतकों (Asset Quality Indicators) में सुधार हुआ है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि शाखाओं की स्थापना, सिस्टम अपग्रेड और नियुक्तियों ने इन बैंकों के लिये परिचालन व्यय अनुपात (Operating Expense Ratio) को उच्च रखा है। लेकिन अप्रैल-दिसंबर 2018 के दौरान सुधार के कुछ संकेत दिखाई दिये।
- ज्ञातव्य है कि ICRA 1991 में अग्रणी वित्तीय/निवेश संस्थानों, वाणिज्यिक बैंकों द्वारा स्थापित भारतीय स्वतंत्र और पेशेवर निवेश सूचना और क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है।
क्या होती हैं SFBs?
- इन बैंकों की स्थापना छोटी व्यावसायिक इकाइयों, छोटे और सीमांत किसानों, सूक्ष्म और लघु उद्योगों और असंगठित क्षेत्र की संस्थाओं जैसे अर्थव्यवस्था के कुछ अदम्य क्षेत्रों को वित्तीय समावेशन की सुविधा प्रदान करने के लिये की गई है।
- वित्तीय समावेशन पर नचिकेत मोर समिति द्वारा इनकी स्थापना की सिफ़ारिश की गई थी।
- यह वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Banks) का एक छोटा और सीमित संस्करण है जो कि जमा ले सकते हैं और ऋण दे सकते हैं।
- एस.एफ.बी. की स्थापना के लिये न्यूनतम पूंजी 100 करोड़ रुपए होनी चाहिये।
- यह अन्य उत्पाद जैसे कि बीमा, म्युचुअल फंड आदि बेच सकते हैं और एक पूर्ण वाणिज्यिक बैंक का आकार ले सकते हैं।
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स्रोत: द हिंदू
वैश्विक पर्यावरण आउटलुक
चर्चा में क्यों?
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nation Environment Programme-UNEP) ने हाल ही में वैश्विक पर्यावरण आउटलुक रिपोर्ट (Global Environment Outlook- GEO) का छठा संस्करण जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में होने वाली एक-चौथाई अकाल मौतों और बीमारियों का एक बड़ा कारण मानव जनित प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति है। 2015 में लगभग 9 मिलियन मौतें इसी के कारण हुईं।
- रिपोर्ट के अनुसार घातक गैसीय उत्सर्जन, पीने के पानी को प्रदूषित करने वाले रसायन और पारिस्थितिकी तंत्र के विनाश के कारण विश्व में महामारी की स्थिति बनती जा रही है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगी।
- ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण समुद्र में जल स्तर बढ़ने से बाढ़ और अतिवृष्टि का खतरा बना हुआ है। साथ ही जलवायु परिवर्तन के कारण अन्य प्राकृतिक आपदाओं का भी खतरा है।
- स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति न होने से प्रतिवर्ष 1.4 मिलियन लोगों की मृत्यु रोगजनक बीमारियों से होती है।
- समुद्र में पहुँचने वाले रसायनों से कई पीढ़ियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है एवं वायु प्रदूषण से सालाना 6-7 मिलियन मौतें होती हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य अपशिष्ट, जो वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 9% है, को नष्ट किया जा सकता है। वर्तमान में उत्पादित सभी खाद्य पदार्थों का एक तिहाई भाग दुनिया फेंक देती है और केवल अमीर देशों में यह 56% है।
स्रोत: द हिंदू
विदेशी विनिमय व्यवस्था के तहत बैंकिंग प्रणाली में 5 अरब डॉलर डालेगा रिज़र्व बैंक
चर्चा में क्यों?
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग प्रणाली में तीन साल की अवधि तक विदेशी विनिमय व्यवस्था (Foreign Exchange Swap) के तहत पाँच अरब डॉलर की नकदी डालने का फैसला किया है।
प्रमुख बिंदु
- यह स्वैप या अदला-बदली व्यवस्था रिज़र्व बैंक की ओर से विदेशी मुद्रा विनिमय की खरीद-बिक्री के रूप में होगी।
- तरलता प्रबंधन (Liquidity Management) के लिये यह तरीका पहली बार उपयोग किया जा रहा है।
- इसके तहत बैंक की ओर से रिजर्व बैंक को डॉलर बेचे जाएंगे और साथ ही वह स्वैप की अवधि समाप्त होने के बाद इतनी ही राशि के डॉलर की खरीद की सहमति देगा।
- नकदी के सतत् प्रवाह के मद्देनज़र दीर्घावधि विदेशी विनिमय व्यवस्था के तहत यह राशि बैंकिंग प्रणाली में डाली जाएगी।
- नकदी के प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिये रिज़र्व बैंक इसी वित्त वर्ष में यह राशि डालेगा।
- विदेशी करेंसी की अदला-बदली के माध्यम से यह प्रक्रिया 26 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च 2022 तक चलेगी।
- इसके माध्यम से जुटाए गए डॉलर स्वैप की अवधि तक रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार में प्रदर्शित होंगे और रिज़र्व बैंक की आगामी देनदारियों में भी परिलक्षित होंगे।
- माना जा रहा है की इस कदम से मुक्त बाजार संचालन (Open Market Operations) पर निर्भरता कम होगी, जिसका कुल ऋण की राशि में एक बड़ा हिस्सा है। मुक्त बाजार संचालन अधिक होने से दरों पर प्रभाव पड़ता है।
- इसके लिये बाज़ार सहभागियों (Market Participants) को उस प्रीमियम के साथ बोली लगानी होगी, जो वे रिज़र्व बैंक को स्वैप की अवधि के दौरान देने के लिये तैयार हैं।
- रिज़र्व बैंक के अनुसार, नीलामी कटऑफ प्रीमियम के आधार पर बहु-मूल्य (Multiple Price) आधारित होगी।
- इस कदम से रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जो 1 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान 401.7 बिलियन डॉलर था।
विदेशी विनिमय से होने वाले प्रमुख लाभ
करेंसी स्वैप के माध्यम से विदेशी मुद्रा भंडार को मज़बूती मिलती है और रिज़र्व बैंक द्वारा त्वरित तथा सही समय पर सहायता देना संभव हो जाता है।
विदेशी मुद्रा कोष को उपयुक्त स्तर पर बनाए रखने से आयात, ऋण किस्त का भुगतान करने में आसानी रहती है और घरेलू मुद्रा को मज़बूती मिलने के साथ विनिमय दर में अस्थिरता से भी बचाव होता है।
इस तरह की सुविधा से रुपए की विनिमय दर तथा पूंजी बाजारों में भी स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलती है।
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire करेंट अफेयर्स (14 March)
- 14 मार्च को विश्व किडनी दिवस दुनियाभर में आयोजित किया गया। हर वर्ष मार्च महीने के दूसरे बृहस्पतिवार को इस दिवस का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य किडनी रोग और उससे संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव को कम करना तथा मानव स्वास्थ्य में किडनी के महत्त्व के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। विश्व किडनी दिवस को 2006 से मनाना शुरू किया गया था और यह एक प्रकार से वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता अभियान है। 2019 के लिये इस दिवस की थीम Kidney Health for Everyone Everywhere रखी गई है। विश्व किडनी दिवस एक अभियान है, जो किडनी रोगों के बढ़ते प्रकोप को दर्शाने और silent killer कहे जाने वाले इस रोग के प्रति लोगों को सचेत करने का काम करता है।
- 13 मार्च की देर रात चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बार फिर जैश सरगना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी (Global Terrorist) घोषित करने वाले प्रस्ताव के विरोध में अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर उसे बचा लिया। जबकि परिषद के चार अन्य स्थायी सदस्यों- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्राँस और रूस ने प्रस्ताव का समर्थन किया था। गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद में चौथी बार चीन ने इस प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल किया है। सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के समक्ष अज़हर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिये फ्राँस, ब्रिटेन और अमेरिका ने 27 फरवरी को प्रस्ताव पेश किया था। इसके बाद समिति ने सदस्य देशों को आपत्ति दर्ज करने के लिये 10 दिनों का समय दिया था।
- भारत और ओमान के बीच संयुक्त सैन्याभ्यास ‘अल-नागाह-III’ की शुरुआत 13 मार्च को जबल रेजिमेंट, निजवा, ओमान में हुई। ओमान के सैन्य दल का प्रतिनिधित्व वहाँ की रॉयल सेना की जबल रेजिमेंट की टुकड़ी कर रही है, जबकि भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व गढ़वाल राइफल रेजिमेंट की 10वीं बटालियन की टुकड़ी द्वारा किया जा रहा है। 25 मार्च तक चलने वाले इस अभ्यास में दोनों देश के सैनिक संयुक्त राष्ट्र घोषणा के अंतर्गत पर्वतीय इलाकों में संयुक्त रूप से आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में अपनी निपुणता और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करेंगे। इससे पहले दोनों देशों के बीच अल-नागाह-II सैन्याभ्यास 2017 में हिमाचल प्रदेश में धौलाधार पहाड़ियों के बीच स्थित बकलोह में हुआ था। पहला अल नागाह अभ्यास 2015 में ओमान में आयोजित किया गया था।
- मध्य प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिये आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने हेतु अध्यादेश जारी किया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा अध्यादेश को मंज़ूरी देने के साथ ही मध्य प्रदेश OBC के लिये 27% आरक्षण का प्रावधान करने वाला देश का एकमात्र राज्य बन गया है। साथ ही प्रदेश में कुल आरक्षण 70% से अधिक हो गया है। मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति (SC) के लिये 16% और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिये 20% आरक्षण सीमा है।
- इधर कुछ समय से लगातार चर्चा में बने हुए भगवान अयप्पा के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में वार्षिकोत्सव की शुरुआत हो गई है। मंदिर के कपाट 10 दिनों तक चलने वाले वार्षिक उत्सव और मासिक पूजा के लिये खुल गए हैं। इसके लिये पारंपरिक ‘कोदियेट्टू’ से शुद्धिकरण अनुष्ठान की शुरुआत की गई। गौरतलब है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान अयप्पा को शिव और मोहिनी (विष्णु जी का एक रूप) का पुत्र माना जाता है। भगवान अयप्पा को अयप्पन, शास्ता, मणिकांता नाम से भी जाना जाता है। दक्षिण भारत में इनके कई मंदिर हैं और उन्हीं में से एक प्रमुख मंदिर है सबरीमाला। यह मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है और चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
- ब्रिटेन की रॉयल मिंट ने मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के सम्मान में 50 पेंस का एक नया सिक्का जारी किया है जो ब्लैक होल पर की गई उनकी रिसर्च को समर्पित है। पूरी तरह लकवाग्रस्त होने की वज़ह से स्टीफन हॉकिंग व्हीलचेयर पर ही रहते थे और वह बोलने में भी असमर्थ थे। वॉइस सिंथेसाइजर की मदद से वह अपने विचार प्रकट करते थे। 21 वर्ष की आयु में वह मोटर न्यूरोन बीमारी से पीड़ित हो गए थे। स्टीफन हॉकिंग ने क्वांटम फिजिक्स के अलावा ब्लैक होल, बिग बैंग और सापेक्षता के सिद्धांत के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण शोध किये। इस सिक्के का अनावरण स्टीफन हॉकिंग की बेटी लूसी एवं बेटे टिम ने किया। गौरतलब है कि ब्रिटेन की रॉयल मिंट इससे पहले आइज़ैक न्यूटन और चार्ल्स डार्विन के सम्मान में भी सिक्का जारी कर चुकी है।
- लंदन पुस्तक मेला 12 से 14 मार्च तक लंदन ओलंपिया में आयोजित किया गया। भारत ने भी इस मेले में हिस्सा लिया और भारतीय मंडप में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर विशेष ध्यान दिया गया। इसमें भारत की संस्कृति, इतिहास, लोक साहित्य के अन्य विविध शीर्षकों के अलावा ‘कलेक्टिड वर्क्स ऑफ महात्मा गांधी’ के डिजिटल संस्करण का प्रदर्शन किया गया। महात्मा गांधी के जीवन और काल के बारे में एक संवादात्मक डिजिटल मीडिया अनुभव, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और भारत की अन्य मुख्य उपलब्धियाँ भी इस मंडप में दर्शाई गईं।
- नासा ने एक सुपर कार्गो प्लेन सुपर गप्पी (Super Guppy) बनाया है, जो बड़े और भारी सामानों की सुपरफास्ट डिलीवरी करने का काम आसान बना देगा। हाल ही में इस प्लेन ने सफलतापूर्वक अपनी पहली उड़ान पूरी की है, जिसमें इस प्लेन ने 30 फुट चौड़े डबल डेकर जितने बड़े डिब्बे को कैलिफोर्निया से वर्जीनिया तक सफलतापूर्वक पहुँचाया। Aero Spacelines द्वारा निर्मित यह प्लेन किसी विशाल व्हेल मछली की तरह दिखता है, जिसका कॉकपिट वाला हिस्सा ढक्कन की तरह खुल जाता है। दरअसल यह एक बोइंग 377 विमान है, लेकिन भारी-भरकम चीज़ों को ढोने के लिये इसमें फेरबदल किया गया है। इसके लिये प्लेन के ढाँचे को स्टील से मज़बूत धातुओं और कार्बन कंपोजिट से बनाया गया है। यह प्लेन 460 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। Aero Spacelines ने सुपर गप्पी से पहले ऐसा ही एक प्लेन ‘प्रेगनेंट गप्पी’ के नाम से बनाया था।
- दिल्ली के फीरोजशाह कोटला में खेले गए पाँचवें और अंतिम एकदिवसीय मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 35 रन से पराजित कर 3-2 से सीरीज़ पर कब्ज़ा कर लिया। यह 28 महीने बाद हुआ, जब भारत को अपने घरेलू मैदानों पर हार का सामना करना पड़ा है। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार एकदिवसीय सीरीज़ हारी है। आपको बता दें कि भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में पाँच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में 3-1 से और एकदिवसीय सीरीज़ में 2-1 से हराया था। ऑस्ट्रेलिया के ओपनर उस्मान ख्वाजा को मैन ऑफ द सीरीज़ चुना गया।