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डेली न्यूज़

  • 11 Sep, 2018
  • 22 min read
भारत-विश्व

प्रत्यायन पर चौथा विश्व सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नई दिल्ली में प्रत्यायन पर चौथे विश्व सम्मेलन  (World Summit on Accreditation WOSA-2018) का आयोजन किया गया।

प्रत्यायन क्या है?

  • प्रत्यायन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत एजेंसियों, शैक्षिक संस्थानों और अन्य संगठनों का मूल्यांकन किया जाता है।
  • प्रत्यायन का कार्य इस उद्देश्य के लिए नामित निकायों द्वारा ही किया जाता है।

WOSA क्या है?

  • प्रत्यायन पर वैश्विक सम्मेलन (WOSA) का आयोजन दो वर्ष में एक बार किया जाता है जो प्रत्यायन के विषय पर भागीदारों को अपने ज्ञान एवं सूचनाओं को साझा करने हेतु मंच प्रदान करता है।
  • इसका आयोजन राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (National Board of Accreditation) द्वारा किया जाता है।
  • WOSA-2018 की थीम ‘परिणाम-आधारित प्रत्यायन के समक्ष चुनौतियाँ एवं अवसर’ (CHALLENGES AND OPPORTUNITIES IN OUTCOME BASED ACCREDITATION) है।

पूर्व में आयोजित WOSA

थीम

WOSA-2012

प्रत्यायन के माध्यम से उत्कृष्टता की प्राप्ति

(Achieving Excellence through Accreditation)

WOSA-2014

शिक्षा योग्यता की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता

(International Recognition of Education Qualification)

WOSA-2016

परिणाम आधारित प्रत्यायन के माध्यम से गुणवत्ता आश्वासन

(Quality Assurance through Outcome Based Accreditation)

 

WOSA-2018 के उप-विषय (sub-themes)

  • उप-विषय 1 –अचीविंग एक्सीलेंस थ्रू लर्निंग आउटकम्स
  • उप-विषय 2 –रोल ऑफ इंडस्ट्री इन टेक्नीकल एजुकेशन
  • उप-विषय 3- रैंकिंग एंड रेटिंग ऑफ हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस- डू दे हैव ए रोल इन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट?
  • उप-विषय 4- लिंकिंग गवर्नमेंट फंडिंग विद क्वालिटी
  • उप-विषय 5- यूज़ ऑफ आईसीटी इन एक्रेडिटेशन इन लार्ज ज्यूरिस्डिक्शंस

WOSA का महत्त्व

  • WOSA-2018 अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों एवं उद्योग के लिये अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त करने हेतु भविष्य में की जाने वाली साझेदारियों के लिये मंच ढूंढने एवं विश्व भर में छात्रों व पेशेवरों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करने के लिये खुली वार्ता का वातावरण तैयार करने का अवसर है।
  • इसमें हिस्सा लेने वाले साझीदार वर्तमान में जारी वैश्विक प्रत्यायन प्रक्रियाओं की बेहतर समझ प्राप्त कर सकेंगे।
  • शैक्षिक संस्थानों को विश्व भर के उद्योगों, नीति-निर्माताओं एवं प्रत्यायन एजेंसियों से बातचीत करने एवं उनके दृष्टिकोण को समझने का अवसर मिलता है।

राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड के बारे में

  • राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (National Board of Accreditation- NBA) केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत प्रत्यायन के माध्यम से भारत में पेशेवर एवं तकनीकी संस्थानों द्वारा चलाए जाने वाले कार्यक्रमों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाला एक स्वायत्त संस्थान है।
  • इसकी स्थापना AICTE अधिनियम की धारा 10(प) के अंतर्गत वर्ष 1994 में की गई थी।
  • NBA को जून 2014 से वॉशिंगटन समझौते के स्थायी हस्ताक्षरकर्त्ता का दर्जा प्रदान किया गया है।
  • इसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वित परिणाम-आधारित मूल्यांकन एवं प्रत्यायन को अपनाया है।

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारतीय राष्ट्रपति की तीन यूरोपीय देशों की यात्रा

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 2 से 9 सितंबर 2018 तक तीन यूरोपीय देशों, क्रमशः साइप्रस, बुल्गारिया और चेक गणराज्य की राजकीय यात्रा पर रहे और इस दौरान राष्ट्रपति द्वारा इन देशों के साथ कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों पर हस्‍ताक्षर किये गए।

साइप्रस की यात्रा

  • इस यात्रा के दौरान भारतीय राष्ट्रपति ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस एन एनास्टासिएड्स के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की, इसमें द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का मुद्दा भी शामिल है।
  • भारतीय राष्ट्रपति ने कहा कि हम भारत की वित्तीय सूचना इकाई और साइप्रस में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिये बनाई गई यूनिट के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं।
  • उन्होंने यह भी कहा कि भारत और साइप्रस के बीच हुए एंटी मनी लॉन्ड्रिंग समझौते से दोनों देशों के बीच निवेश के क्षेत्र में मदद मिलेगी।
  • यह समझौता निवेश पार-प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिये संस्थागत ढाँचे को और मज़बूत बनाने में मदद करेगा। दोनों देश दोहरे कराधान से बचने के लिये वर्ष 2016 में हुए समझौते में संशोधन करने पर भी सहमत हुए।
  • इसके अलावा, दोनों देशों के प्रमुखों ने पारस्परिक हित से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें आईटी और आईटी-सक्षम सेवाओं, पर्यटन, नौवहन तथा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापार सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है।
  • दोनों देशों ने मौजूदा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों की समीक्षा के साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।
  • उल्लेखनीय है कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने भविष्य में उत्त्पन्न होने वाली चुनौतियों पर बातचीत करने के लिये सामान्य उद्देश्यों को रेखांकित किया।

बुल्गारिया की यात्रा

  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके बुल्गारियाई समकक्ष रूमेन रादेव ने असैन्य परमाणु सहयोग सहित चार विषयों से जुड़े समझौतों पर दस्तखत किये।
  • इन समझौतों में प्रमुख रूप से भारत और बुल्गारिया के बीच आपस में निवेश, पर्यटन सहयोग, असैनिक परमाणु अनुसंधान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक साथ काम करना तथा हिंदी के अध्ययन हेतु आईसीसीआर तथा सोफिया विश्वविद्यालय के बीच मज़बूत भागीदारी को बढ़ाना है।
  • उल्लेखनीय है कि बुल्गारिया उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य देश है।
  • दोनों देशों के समकक्षों ने संयुक्‍त रूप से साउथ पार्क, सोफिया में महात्‍मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया।
  • भारतीय राष्ट्रपति ने सोफिया विश्वविद्यालय के छात्रों को "परिवर्तन के एक उपकरण के रूप में शिक्षा और साझा समृद्धि" विषय वस्तु पर संबोधित किया।

चेक गणराज्‍य की यात्रा

  • बुल्‍गारिया यात्रा की समाप्ति के बाद राष्‍ट्रपति चेक गणराज्‍य के लिये रवाना हुए।
  • चेक गणराज्य में उन्होंने भारतीय व्यापारी प्रनितिधिमंडल के साथ मुलाकात की।
  • यहाँ भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध हज़ारों साल पुराने हैं और दोनों देशों के लोगों के बीच वह गर्मज़ोशी आज भी बरकरार है।
  • उन्होंने कहा कि चेक गणराज्य आधुनिक प्रौद्योगिकी युक्त मज़बूत विनिर्माण आधार वाला देश है। ‘‘यह हमारे मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और दूसरे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में महत्त्वपूर्ण भागीदार बन सकता है।
  • उन्होंने वहाँ रह रहे भारतीयों को अपने देश का सांकृतिक दूत बताया।
  • नोट: यह भारतीय राष्ट्रपति की उनके कार्यकाल के दूसरे वर्ष में पहली आधिकारिक यात्रा है।


भारत-विश्व

बांग्लादेश में तीन परियोजनाओं का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी तथा त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री श्री बिप्‍लव कुमार देव ने संयुक्‍त रूप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये बांग्‍लादेश में तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज और बांग्‍लादेश के विदेश मंत्री भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्‍ली और ढाका से इस कार्यक्रम से जुड़े।
  • इन तीन परियोजनाओं में बांग्‍लादेश के भेरामारा तथा भारत के बहरामपुर के बीच मौजूदा पारेषण लाइन के ज़रिये बांग्‍लादेश को 500 मेगावाट की अतिरिक्‍त बिजली की आपूर्ति, अखौरा और अगरतला के बीच रेल संपर्क तथा बांग्‍लादेश रेलवे के कुलोरा-शाहबाजपुर सेक्शन को बहाल किया जाना शामिल है।
  • उन्‍होंने कहा कि पड़ोसी देशों के नेताओं को अपने संबंध पड़ोसियों की तरह रखना चाहिये और इसके लिये किसी प्रोटोकॉल के दवाब में आए बिना एक-दूसरे के यहाँ अक्‍सर आना-जाना चाहिये।
  • इससे पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री हाल के दिनों में बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री से काठमांडू में हुई बिम्‍सटेक की बैठक, शान्ति निकेतन और लंदन में राष्‍ट्रमंडल देशों की बैठक सहित कई अवसरों पर भी मिल चुके हैं।
  • उन्‍होंने कहा कि बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री और उनके बीच हाल के दिनों में हुई कई मुलाकातें पड़ोसी देशों के बीच निकटता का प्रमाण है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 की अपनी बांग्‍लादेश यात्रा के दौरान ही प्रधानमंत्री ने बांग्‍लादेश को 500 मेगावाट अतिरिक्‍त बिजली की आपूर्ति करने का फैसला लिया था।
  • यह काम पश्चिम बंगाल और बांग्‍लादेश के बीच मौजूद पारेषण लाइन के ज़रिये किया जाएगा और इस कार्य में पश्चिम बंगाल सहयोग दे रहा है।
  • उन्‍होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा हो जाने से अब भारत से बांग्‍लादेश को 16 गीगावॉट बिजली की आपूर्ति हो रही है।
  • इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 2021 तक बांग्‍लादेश को एक मध्‍यम आय वाला देश बनाने तथा 2041 तक एक विकसित राष्‍ट्र के रूप में बदलने के बांग्‍लादेश के लक्ष्य की सराहना की।

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स 11 सितंबर, 2018

 

तेलंगाना के दो सिंचाई केंद्रों को मिला सिंचाई विरासत का दर्ज़ा

हाल ही में तेलंगाना स्थित दो सिंचाई परियोजनाओं को अंतर्राष्ट्रीय सिंचाई एवं नहर आयोग (International Commission on Irrigation and Drainage- ICID) के तहत ‘विरासत सिंचाई परियोजनाओं’ (Heritage Irrigation Structures) के रूप में पंजीकृत किया गया है।

  • यह फैसला अंतर्राष्ट्रीय सिंचाई एवं नहर आयोग के शीर्ष निकाय इंटरनेशनल एक्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा सस्काटून (कनाडा) में आयोजित बैठक के दौरान लिया गया।
  • ‘विरासत सिंचाई परियोजना’ का दर्जा प्राप्त करने वाले दो बांध हैं- सदरमट्ट एनिकट (Sadarmatt Anicut) तथा पेड्डा चेरूवु।

सदरमट्ट एनिकट

  • यह तेलंगाना के निर्मल ज़िले में गोदावरी नदी पर निर्मित है।
  • इस बांध का निर्माण नवाब विकार उल उमरा बहादुर ने करवाया था।
  • अपने निर्माण के समय से ही यह बांध खानपुर तथा कादेम में 13,100 एकड़ के क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदान करता है।

पेड्डा चेरूवु

  • यह तेलंगाना के कमारेड्डी ज़िले में स्थित है।
  • इसका निर्माण 1897 में हैदराबाद राज्य के छठे निजाम मीर महबूब अली खान के शासनकाल के दौरान किया गया था।
  • यह 618 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है।

अंतर्राष्ट्रीय सिंचाई एवं नहर आयोग

  • अंतर्राष्ट्रीय सिंचाई एवं नहर आयोग की स्थापना वर्ष 1950 में हुई थी।
  • यह एक प्रमुख वैज्ञानिक, तकनीकी, अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी, गैर-सरकारी संगठन है।
  • ICID सिंचाई, जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन के क्षेत्र में दुनिया भर के पेशेवर विशेषज्ञों का एक नेटवर्क है।

तेजस

 

 

विंग्स की चौड़ाई: 8.20 मीटर

लंबाई: 13.20 मीटर

ऊँचाई: 4.40 मीटर

वजन: 6560 किग्रा.

गति: 2376 किमी./घंटा

रेंज: 3000 किमी.

विमान का ढाँचा कार्बन फाइबर, एल्युमीनियम अलॉय और टाईटेनियम से मिलकर बना है।

हवा से हवा में तथा हवा से सतह पर मिसाइल दागने में सक्षम।

 

हाल ही में भारतीय वायुसेना (IAF) के तेजस एमके-1 के लिये हवा में ईंधन (तरल ईंधन) भरने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया गया। उल्लेखनीय है कि इस परीक्षण से पहले शुष्क ईंधन परीक्षण का कार्य 04 और 06 सितंबर, 2018 को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया था।

  • हवा में ईंधन भरने की इस सफलता से IAF के हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की क्षमता में कई गुना वृद्धि होगी। इससे हवा में लंबे समय तक विमान का परिचालन किया जा सकेगा।
  • यह एक ‘स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान’ (Indigenous Light Combat Aircraft) है, जिसे ‘वैमानिकी विकास एजेंसी’ (Aeronautical Development Agency - ADA) तथा ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (Hindustan Aeronautics Limited - HAL) के द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
  • रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के अधीन कार्यरत ‘ए.डी.ए.’, एल.सी.ए. के डिज़ाइन तथा विकास के लिये एक नोडल एजेंसी है। जबकि HAL, DRDO और CSIR प्रयोगशालाओं, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्योगों तथा शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी के साथ एलसीए कार्यक्रम का प्रमुख भागीदार है।
  • यह सबसे छोटे-हल्के वज़न का एकल इंजन युक्त ‘बहु-भूमिका निभाने वाला एक सामरिक लड़ाकू विमान’ (Multirole tactical fighter aircraft) है।
  • गौरतलब है कि इसे रूस के Mig-21 लड़ाकू विमानों पर अपनी निर्भरता को कम करने तथा स्वदेशी युद्धास्त्रों के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

नोमैडिक एलीफैंट-2018

10 सितंबर, 2018 को भारत और मंगोलिया के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास नोमैडिक एलीफैंट-2018, मंगोलियाई सशस्त्र बलों (MAF) के फाइव हिल्स ट्रेनिंग एरिया, उलानबाटार में शुरू हुआ। उल्लेखनीय है कि यह संयुक्त अभ्यास 12 दिनों तक चलेगा।

  • नोमैडिक एलीफैंट एक वार्षिक, द्विपक्षीय अभ्यास है जिसका आयोजन भारतीय सेना और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के बीच साझेदारी को मज़बूत करने के उद्देश्य से वर्ष 2006 से किया जा रहा है।
  • इससे पूर्व वर्ष 2017 में इस अभ्यास का आयोजन भारतीय सेना के पूर्वी कमान वैरेंगते, मिज़ोरम में किया गया था।
  • इस अभ्यास में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व 17 पंजाब रेजिमेंट के एक दल द्वारा किया जा रहा है, जबकि मंगोलियाई सेना का प्रतिनिधित्व मंगोलियाई सशस्त्र बलों की यूनिट 084 द्वारा किया जा रहा है।

यूएस ओपन 2018

यूएस ओपन का आयोजन 27 अगस्त से 09 सितंबर, 2018 तक किया गया। उल्लेखनीय है कि यूएस ओपन विश्व के चार ग्रैंडस्लैम टेनिस टूर्नामेंट में से एक है।

यूएस ओपन के अलावा अन्य तीन ग्रैंडस्लैम हैं:

  • विंबलडन
  • फ्रेंच ओपन
  • ऑस्ट्रेलियन ओपन

यूएस ओपन 2018 के विजेताओं की सूची

स्पर्द्धा वर्ग

विजेता

उपविजेता

पुरुष एकल

नोवाक जोकोविच (सर्बिया)

(14वाँ ग्रैंडस्लैम)

जुआन मार्टिन डेल पोट्रो (अर्जेंटीना)

महिला एकल

नाओमी ओसाका (जापान)

(पहला ग्रैंडस्लैम)

सेरेना विलियम्स (USA)

पुरुष युगल

माइक ब्रायन व जैक सोक (USA)

मार्सेलो मेलो (ब्राज़ील) व लुकास कुबोट (पोलैंड)

महिला युगल

एश्ली बार्टी (ऑस्ट्रेलिया) व कोको वैंडेवेघे (USA)

टिमी बैबोस (हंगरी) व क्रिस्टीना म्लादेनोविच (फ्राँस)

मिश्रित युगल

बेथानी माटेक सैंड्स (USA) व जैमी मरे (ग्रेट ब्रिटेन)

एलिक्जा रोसोल्सका (पोलैंड) व निकोला मेक्टिक (क्रोएशिया)

 

बिम्सटेक मिलेक्स-2018

बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन) के सदस्य देशों के बीच एक सैन्य अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है।

  • इस अभ्यास को मिलेक्स-18 (MILEX-18) नाम दिया गया है।
  • यह अभ्यास पुणे स्थित औंध मिलिट्री स्टेशन पर (10-16 सितंबर, 2018) आयोजित किया जा रहा है।
  • इसका उद्देश्य क्षेत्र में आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिये परियोजना तैयार करना तथा परियोजनाओं को लागू करने में सदस्य देशों का सहयोग करना है।
  • इस अभ्यास में नेपाल को छोड़कर अन्य सभी देशों के सैनिक भाग लेंगे। उल्लेखनीय है कि पहले नेपाल भी इस अभ्यास में भाग लेने के लिये तैयार था लेकिन बाद उसने इस अभ्यास में भाग लेने से इनकार कर दिया।
  • बिम्सटेक की स्थापना वर्ष 1997 में की गई थी।
  • इसके सात सदस्य देश हैं- बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्याँमार, नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका।
  • उल्लेखनीय है कि बिम्सटेक के इन सात सदस्य देशों में विश्व की 22% जनसंख्या निवास करती है।

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