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डेली न्यूज़

  • 10 Oct, 2019
  • 22 min read
सामाजिक न्याय

विश्व दृष्टि रिपोर्ट

प्रीलिम्स के लिये-

रिपोर्ट का मुख्य निष्कर्ष और आँकड़े

मेन्स के लिये-

चुनौतियाँ, मुद्दे, सुझाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health organisation-WHO) द्वारा दृष्टि पर पहली विश्व रिपोर्ट जारी की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • विश्व में लगभग 1 बिलियन से अधिक लोग दृष्टिहीनता से ग्रसित है।
  • 1.8 बिलियन लोग, प्रेस्बोपिया (एक ऐसी स्थिति जिसमें आस-पास की वस्तुओं को देखना कठिन होता है) से ग्रसित हैं।
    • यह रोग बढ़ती उम्र के साथ होता है।
  • दृष्टिहीनता आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निम्न आय वाले लोगों, महिलाओं, वृद्धों और विकलांगों आदि में अधिक पायी जाती है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, 2.6 बिलियन लोग दूर दृष्टि दोष (मायोपिया) से ग्रसित हैं इनमें से 312 मिलियन लोग 19 वर्ष से कम आयु के हैं।
  • रिपोर्ट में अन्य दृष्टि दोषों से जुड़े हुए आँकड़े जैसे-मोतियाबिंद (65.2 मिलियन), ग्लूकोमा (6.9 मिलियन), कॉर्नियल ओपेसिटी (4.2 मिलियन), डायबिटिक रेटिनोपैथी (3 मिलियन), ट्रेकोमा (2 मिलियन) भी शामिल हैं।
  • पश्चिमी और पूर्वी उप-सहारा अफ्रीका तथा दक्षिण एशिया के निम्न और मध्यम-आय वाले क्षेत्रों में दृष्टिहीनता की दर उच्च-आय वाले देशों की तुलना में आठ गुना अधिक है।
  • महिलाओं में विशेषकर मोतियाबिंद और ट्रेकोमैटस ट्राइकियासिस (Cataract and Trachomatous Trichiasis) की दर अधिक है।
  • ट्रेकोमा, आँख में बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। यह कई देशों में खत्म हो चुका है, भारत भी इन देशों में शामिल है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशेष एजेंसी है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) को बढ़ावा देना है।
  • इसकी स्थापना 7 अप्रैल, 1948 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में अवस्थित है।
  • डब्ल्यू.एच.ओ. संयुक्त राष्ट्र विकास समूह (United Nations Development Group) का सदस्य है। इसकी पूर्ववर्ती संस्था ‘स्वास्थ्य संगठन’ लीग ऑफ नेशंस की एजेंसी थी।

भारत के संदर्भ में

  • भारत में दृष्टिहीनता नियंत्रण के लिये चलाए गए राष्ट्रीय कार्यक्रम (National Programme for Control of Blindness-NPCB) की इस रिपोर्ट में सराहना की गई है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, NPCB के तहत वर्ष 2016-2017 में, भारत में मोतियाबिंद से पीड़ित कुल 6.5 मिलियन लोगों की सर्जरी की गई।
  • साथ ही कहा गया कि वर्ष 2016-2017 के दौरान लगभग 32 मिलियन बच्चों की स्कूल में जाँच की गई और लगभग 750,000 चश्मे वितरित किये गए।

आगे की राह

  • दृष्टिहीनता विश्व में बड़े पैमाने पर है और एक लंबी समयावधि के बाद भी अनुपचारित है।
  • दृष्टिहीनता से ग्रसित लोगों को बिना वित्तीय रूकावट के आँखों की देखभाल करने में सक्षम किये जाने की आवश्यकता है।
  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के अंतर्गत हर देश की राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजनाओं में एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा आँखों की देखभाल करना और देखभाल के लिये आवश्यक पैकेज कि व्यवस्था सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ


सामाजिक न्याय

मेघालय की अल्पसंख्यक जनजातियाँ

प्रीलिम्स के लिये:

छठी अनुसूची, जनजातियाँ- हाज़ोंग जनजाति, राभा जनजाति, कोच जनजाति, बोडो-कचहरी जनजाति

मेन्स के लिये:

अनारक्षित जनजातियों (Unrepresented Tribes) को संविधान की छठी अनुसूची के प्रावधानों से बाहर करने पर उनके हित किस प्रकार प्रभावित होंगे?

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मेघालय सरकार ने ‘अनारक्षित जनजातियों’ (Unrepresented Tribes) को संविधान की छठी अनुसूची ( Sixth Schedule) के प्रावधानों से बाहर करने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु:

  • पाँच अल्पसंख्यक जनजातियों- बोडो-कछारी, हाज़ोंग, कोच, मान तथा राभा को मेघालय की स्वायत्त आदिवासी परिषदों में ‘अनारक्षित जनजातियों’ के रूप में नामांकित किया गया है।
  • ये आदिवासी परिषदें गारो, खासी तथा जयंतिया जनजातियों के नाम पर आधारित हैं, जो राज्य के तीन प्रमुख मातृसत्तात्मक समुदाय हैं।
  • 26 सितंबर, 2019 को मेघालय राज्य सरकार द्वारा छठी अनुसूची में संशोधन के लिये गठित एक उप-समिति ने संशोधित विशेष प्रावधान से ‘अनारक्षित जनजातियाँ’ शब्द को हटाने हेतु संसद की स्थायी समिति से सिफारिश करने का निर्णय लिया था।
  • राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन जनजातियों को स्वायत्त ज़िला परिषदों में संवैधानिक अधिकारों तथा प्रतिनिधित्व करने के अवसर से वंचित कर सकता है क्योंकि उनका निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर संभव नहीं होगा।

हाज़ोंग जनजाति (Hajong Tribe):

  • हाज़ोंग जनजाति अधिकांशतः पूर्वोत्तर भारतीय राज्यों तथा बांग्लादेश में निवास करती है।
  • ये लोग मुख्यतः चावल की खेती करते हैं।
  • यह जनजाति संगोत्री विवाह (Endogamy) का अनुसरण करती है।
  • यह जनजाति हिंदू है तथा हिंदू संस्कारों और रीति-रिवाज़ों का पालन करती है।

राभा जनजाति (Rabha Tribe):

  • यह नेपाल, भूटान, थाईलैंड, म्याँमार और बांग्लादेश तथा भारत के असम, मेघालय एवं पश्चिम बंगाल के मंगोलियाई समुदाय से संबंधित हैं।
  • राभा जनजाति राभा भाषा के अतिरिक्त असमिया भाषा का भी प्रयोग करती है।
  • मेघालय की गारो पहाड़ी के ज़िलों में अधिकतर राभा जनजाति निवास करती है।

कोच जनजाति (Koch Tribe):

  • यह असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश का एक टिबेटो-बर्मन नृजातीय समुदाय (Tibeto-Burman Ethnolinguistic Group) है।
  • इनकी भाषा टिबेटो-बर्मन भाषायी समूह से मिलती जुलती है।
  • 1881 की जनगणना के अनुसार, कोच, बोडो-कछारी समुदाय से संबंधित है।

बोडो-कछारी (Bodo-Kachari):

  • यह पूर्वोत्तर भारतीय राज्य असम में निवास करने वाले कई जातीय समूहों को संबोधित किया जाने वाला एक सामान्य शब्द है।
  • ये लोग आम तौर पर असमिया और अन्य टिबेटो-बर्मन (Tibeto-Burman) भाषा बोलते हैं।

स्रोत: द हिन्दू


शासन व्यवस्था

प्रोग्राम ध्रुव

प्रीलिम्स के लिये:

ध्रुव पहल

मेन्स के लिये:

कौशल शिक्षा हेतु की गई पहलें

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नवीन शिक्षण कार्यक्रम- ध्रुव (Pradhan Mantri Innovative Learning Programme- ‘DHRUV) का शुभारंभ किया।

प्रधानमंत्री नवीन शिक्षण कार्यक्रम- ध्रुव

  • इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को चिह्नित कर उन्हें देश भर के उत्कृष्ट केंद्रों में प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा परामर्श और शिक्षा प्रदान कर उनकी क्षमता का विकास करना है।
    • इससे छात्र अपनी पसंद के क्षेत्रों में उच्चतम स्तर तक पहुँच सकेंगे।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य प्रतिभाशाली छात्रों को उनकी क्षमता का एहसास कराना और उन्हे समाज के लिये योगदान देने हेतु प्रेरित करना है।

Programme Dhruv

प्रमुख बिंदु

  • इस कार्यक्रम का नाम ‘ध्रुव’ तारे के नाम पर ‘ध्रुव’ रखा गया है और प्रत्‍येक चयनित छात्र ‘ध्रुव तारा’ कहलाएगा।
  • इस कार्यक्रम में दो क्षेत्र-विज्ञान और कला प्रदर्शन शामिल हैं। इसमें कुल 60 छात्र होंगे, जिसमें से प्रत्येक क्षेत्र में 30 छात्र होंगे।
  • छात्रों का चयन सरकारी और निजी स्कूलों की 9वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों में से किया जाएगा।
  • यह कार्यक्रम का पहला चरण है जिसका धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों जैसे- रचनात्मक लेखन आदि में विस्तार किया जाएगा।

स्रोत: PIB


भारतीय इतिहास

सतनामी विद्रोह

प्रीलिम्स के लिये:

सतनामी कौन थे?

मेन्स के लिये:

विद्रोह क्यों हुआ था, इसके परिणाम और महत्त्व

संदर्भ

1672 ई. में किसानों और मुगलों के बीच मथुरा के निकट नारनौल नामक स्थान पर एक युद्ध हुआ जिसका नेतृत्व सतनामी नामक एक धार्मिक संप्रदाय ने किया था।

कौन थे सतनामी?

  • सतनामी संप्रदाय की स्थापना "बीरभान" नामक एक संत ने नारनौल में 1657 में की थी।
  • सतनामी अधिकतर किसान, दस्तकार तथा नीची जाति के लोग थे।
  • सत्य एवं ईश्वर में विश्वास रखने के कारण वे अपने को सतनामी पुकारते थे।
  • सतनामियों को एकेश्वरवादी संप्रदाय कहा गया है।
  • इनके धार्मिक ग्रंथ को पोथी कहा जाता था।
  • सतनामी अपने संपूर्ण शरीर के बालों को मूँड़कर रखते थे। इसी कारण उन्हें मुंडिया भी कहा जाता था।

विद्रोह के कारण

  • सतनामी विद्रोह की शुरुआत एक सतनामी और मुगल सैनिक अधिकारी के बीच झगड़े को लेकर हुई।
  • विद्रोह तब भड़क उठा जब मुगल सैनिक ने सतनामी को मार डाला।
  • सतनामियों ने भी बदला लेने के लिये सैनिक को मार डाला तथा बदले में और मुगल सैनिकों को भेजा गया।
  • इस विद्रोह को तब कुचला जा सका जब औरंगजेब ने विद्रोह की कमान संभाली और सतनामियों को कुचलने के लिये तोपखाने के साथ 10,000 सैनिकों को भेजा।
  • विद्रोह को दबाने में स्थानीय हिन्दू ज़मींदारों (जिनमें अधिकतर राजपूत थे) ने मुगलों का साथ दिया था।

स्रोत: डाउन टू अर्थ


शासन व्यवस्था

डब्ल्यूएचओ भारत सहयोग रणनीति 2019-2023

प्रीलिम्स के लिये:

विश्व स्वास्थ्य संगठन, आयुष्मान भारत योजना, व्यापक हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम, सतत् विकास लक्ष्य, विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन का दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय संगठन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017

मेन्स के लिये:

भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में देश सहयोग रणनीति (CCS) की भूमिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने “विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत देश सहयोग रणनीति 2019-2023: परिवर्तन का समय” {World Health Organisation (WHO) India Country Cooperation Strategy 2019–2023: A Time of Transition} को लॉन्च किया।

देश सहयोग रणनीति

(Country Cooperation Strategy-CCS):

  • देश सहयोग रणनीति (CCS), भारत सरकार के साथ WHO के कार्य करने के लिये रणनीतिक रोडमैप है।
  • इसका उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र के लक्ष्यों को प्राप्त करना, लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव लाना है।
  • WHO के साथ रणनीतिक सहयोग के लिये चार क्षेत्रों की पहचान की गई हैः
    • यूएचसी कार्यक्रम को तेज़ी से आगे बढ़ाना
    • स्वास्थ्य व आरोग्य को प्रोत्साहन देना
    • स्वास्थ्य आपात की स्थिति में लोगों की रक्षा करना
    • स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत के वैश्विक नेतृत्व को मज़बूत करना।

आवश्यकता:

  • कई वर्षों से WHO जिन कार्यों को कर रहा है, CCS उसी आधार पर कार्य करता है।
  • यह डिजिटल स्वास्थ्य, गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक लोगों की पहुँच, व्यापक हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम और आयुष्मान भारत जैसे पहलों के माध्यम से भारत को एक मॉडल के रूप में प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।
  • इसके तहत स्वास्थ्य को जन-आंदोलन बनाने, बीमारियों से बचाव और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के तरीकों को अपनाए जाने की बात कही गई है जो जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत की प्रगति की दिशा में सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।
  • CCS में वर्तमान की और उभरती हुई स्वास्थ्य ज़रूरतों व चुनौतियों को शामिल किया गया है, जैसे गैर-संक्रामक बीमारियाँ, एंटी माइक्रोबियल प्रतिरोध और वायु प्रदूषण आदि।

महत्त्वपूर्ण तथ्य:

  • CCS, WHO की 13वीं सामान्य कार्य योजना, सतत् विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal- SDG) और WHO दक्षिण-पूर्व एशिया की आठ प्रमुख प्राथमिकताओं के अनुरूप है।
  • यह रणनीतिक दस्तावेज़ भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 पर आधारित है।
  • इसमें WHO द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को समर्थन प्रदान करने के बारे में बताया गया है।

स्रोत: पीआईबी


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (10 October)

1. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस

10 अक्तूबर को दुनियाभर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिये सप्ताहभर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता है-

  • नुक्कड़ नाटक
  • छात्रों के साथ गहन चर्चा सत्र
  • रन फॉर हैपीनेस
  • टॉक-शो
  • ह्यूमन चेन स्माइली
  • विषय संबंधी विभिन्न पोस्टरों को संस्थानों में प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किया जाता है
  • विभिन्न फैकल्टी सदस्यों के साथ गोष्ठियों का आयोजन
  • नाटक, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता सहित जागरूकता गतिविधियाँ
  • अवसाद,आत्मघाती रुझानों से उबरने वाले व्यक्तियों के प्रयासों का प्रचार और समाज की मुख्यधारा में शामिल होने की उनकी कहानियाँ
  • संस्थानों के पड़ोस में स्थित विभिन्न गैर-सरकारी संस्थानों को जागरूक बनाना
  • अभिभावकों और युवाओं को जागरूक बनाने के लिये रिहायशी इलाकों में बैठकों का आयोजन

राष्‍ट्रीय मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम (NMHP)

भारत में राष्‍ट्रीय मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम (NMHP) की शुरुआत वर्ष 1982 में हुई थी। इसका उद्देश्‍य सभी को न्‍यूनतम मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल उपलब्‍ध और सुलभ कराना, मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी ज्ञान के बारे में जागरूकता लाना तथा मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के विकास में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना एवं समुदाय में स्‍वयं-सहायता को प्रोत्‍साहित करना है। पहली बार यह दिवस वर्ष 1992 में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ मेंटल हेल्थ की पहल पर मनाया गया था, जो 150 से अधिक देशों में सदस्यों और संपर्कों के साथ एक वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है।

इस वर्ष इस दिवस की थीम आत्महत्या रोकें (Suicide Prevention) रखी गई है।


2. भारत-फ्राँस के बीच दूसरी वार्षिक रक्षा वार्ता

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी हालिया फ्राँस यात्रा के दौरान 8 अक्तूबर को पेरिस में फ्राँस के सैन्य बलों की मंत्री सुश्री फ्लोरेंस पार्ली के साथ दूसरी भारत-फ्राँस मंत्री स्तरीय वार्षिक रक्षा वार्ता में हिस्सा लिया।

वार्ता के प्रमुख बिंदु

  • वार्षिक रक्षा वार्ता के दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर व्यापक समीक्षा की। रक्षा सहयोग भारत-फ्राँस रणनीतिक साझेदारी का प्रमुख स्तंभ है।
  • दोनों रक्षा मंत्रियों ने वर्तमान क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
  • रक्षा से संबंधित आधिकारिक और संचालन स्तर पर बातचीत को और भी सुदृढ़ बनाने पर चर्चा की गई।
  • दोनों देशों ने संयुक्त रक्षा अभ्यासों- शक्ति, वरुण और गरुड़ के कार्य क्षेत्र को विस्तार देने पर सहमति व्यक्त की है।
  • दोनों देशों ने स्वीकार किया कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्राँस साझेदारी रणनीतिक और सुरक्षा हितों को संरक्षित करने तथा बढ़ावा देने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • दोनों मंत्रियों ने हिंद महासागर क्षेत्र में भारत-फ्राँस सहयोग के संयुक्त रणनीतिक विज़न (मार्च 2018) में उल्लिखित कार्यों को जारी रखने की बात कही।
  • आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय सहयोग को और मज़बूत करने की भी पुष्टि की गई।

3. रेडियो और टेलीविज़न के क्षेत्र में भारत एवं विदेशी प्रसारकों के बीच समझौते को मंज़ूरी

केंद्र सरकार ने रेडियो और टेलीविज़न के क्षेत्र में भारत तथा विदेशी प्रसारकों के बीच समझौते को पूर्व-प्रभाव से मंज़ूरी दे दी है।

क्या होगा लाभ?

विदेशी प्रसारकों के साथ समझौते से निम्‍नलिखित क्षेत्र में मदद मिलेगी-

  • सार्वजनिक प्रसारक को नए दृष्टिकोण तलाशने में मदद मिलेगी,
  • नई प्रौद्योगिकियों और कड़ी प्रतियोगिता से जुड़ी मांगों को पूरा करने के लिये नई रणनीतियों के संदर्भ में
  • समाचार माध्‍यम के उदारीकरण में
  • वैश्वीकरण में।

मुख्‍य प्रभाव

परस्‍पर आदान-प्रदान, सह-उत्‍पादक के माध्‍यम से तैयार किये गए कार्यक्रमों के प्रसारण से दूरदर्शन और आकाशवाणी के दर्शकों/श्रोताओं के बीच समता तथा समावेशन का वातावरण तैयार होगा। तकनीकी जानकारी, विशेषज्ञता के आदान-प्रदान और कामगारों के प्रशिक्षण से सार्वजनिक प्रसारकों को प्रसारण के क्षेत्र में उभरती चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी।


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