आम बजट 2019-20
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई को अपना पहला बजट (वर्ष 2019-20) संसद में पेश किया।
- रक्षा बजट के लिये 3.18 लाख करोड़ रुपए दिये गए हैं। यह वर्ष 2018-19 के 2 लाख 95 हजार 511 रुपए की तुलना में 7.93 प्रतिशत अधिक है और पिछली बार से इसमें 20 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
- स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये 62,398 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
- रेलवे के लिये 65,837 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं और पूंजीगत खर्च के लिये 1.60 लाख करोड़ रुपए तय किये गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2019-20 में क्रेडिट गांरटी वर्द्धन निगम की स्थापना की जाएगी।
- इलेक्ट्रॉनिक फंड रेजिंग प्लेटफॉर्म सेबी के विनियामक दायरे में।
- सामाजिक उद्यमों और स्वैच्छिक संगठनों को सूचीबद्ध करना।
- इक्विटी, ऋण या म्यूचुअल फंड जैसी यूनिटों की तरह पूंजी जुटाना।
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिये KYC मानदंडों को अधिक-से-अधिक अनुकूल बनाना।
- सभी हितधारकों के साथ परामर्श करके विमानन, मीडिया (एनीमेशन एवीजीसी) और बीमा क्षेत्र को FDI के लिये और अधिक खोला जा सकता है।
- बीमा मध्यस्थताओं को 100 प्रतिशत FDI.
- एकल ब्रांड के खुदरा क्षेत्र में FDI के लिये स्थानीय स्रोत के मापदंडों को आसान बनाना।
- सरकारी क्षेत्र के उद्यम न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड को अंतरिक्ष विभाग की वाणिज्यिक शाखा के रूप में शामिल किया गया है।
- 45 लाख रुपए तक के मूल्य वाले मकान की खरीद पर 31 मार्च, 2020 तक की अवधि हेतु लिये गए ऋण पर चुकाए गए ब्याज के लिये प्रतिवर्ष 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त कटौती। 15 साल की ऋण अवधि पर लगभग 7 लाख रुपए का समग्र लाभ।
- इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने हेतु लिये गए ऋण पर चुकाए गए ब्याज पर 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त आयकर छूट।
- इलेक्ट्रिक वाहनों के कुछ पुर्जों पर सीमा शुल्क में छूट।
- स्टार्ट-अप्स में निवेश के लिये रिहायशी मकान की बिक्री से उत्पन्न पूंजीगत लाभ में छूट वर्ष 2021 तक बढ़ाई गई।
- एंजल टैक्स का मामला सुलझाया गया- आवश्यक घोषणा दाखिल करने वाले और अपने रिटर्न में जानकारी उपलब्ध कराने वाले स्टार्ट-अप्स तथा उनके निवेशक शेयर प्रीमियम के मूल्यांकन के बारे में किसी तरह की जाँच नहीं की जाएगी।
- स्टार्ट-अप्स द्वारा जुटाए गए धन को आयकर विभाग द्वारा किसी तरह की जाँच की ज़रूरत नहीं होगी।
- निवेशक और धनराशि के स्रोत की पहचान स्थापित करने के लिये ई-सत्यापन व्यवस्था।
- लंबित आकलनों और शिकायत निवारण के लिये विशेष प्रशासनिक प्रबंध।
- 400 करोड़ रुपए तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिये कर की दर घटाकर 25 प्रतिशत की गई।
- 2 करोड़ रुपए से 5 करोड़ रुपए तथा 5 करोड़ रुपए और उससे अधिक की कर योग्य आय वाले व्यक्तियों पर अधिभार बढ़ाया गया।
- पिछले पाँच वर्षों में प्रत्यक्ष कर राजस्व 78 प्रतिशत बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपए हो गया।
- जिनके पास पैन नहीं है, वे आधार के ज़रिये रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
- जहाँ पैन की आवश्यकता है वहाँ आधार इस्तेमाल किया जा सकता है।
- करदाताओं की वास्तविक कठिनाइयों में कमी लाने के लिये कर कानूनों का सरलीकरण।
- टैक्स रिटर्न दाखिल न करने के लिये कार्रवाई शुरू करने हेतु अधिकतम कर सीमा।
- आयकर अधिनिमय की धारा 50सीए और 56 के दुर्व्यवहार विरोधी प्रावधानों से उचित श्रेणियों के व्यक्तियों को छूट।
- काजू, PVC, टाइल, मोटरवाहन के पुर्जे, संगमरमर, ऑप्टिकल फाइबर केबल, CCTV कैमरा आदि पर आधारभूत सीमा शुल्क में वृद्धि।
- भारत में अब निर्मित होने वाले कुछ इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर सीमा शुल्क में छूट वापस ली गई।
- विभिन्न प्रकार के कागज़ों पर छूट वापस ली गई।
- आयातित पुस्तकों पर 5 प्रतिशत आधारभूत सीमा शुल्क लगाया गया।
- ऐसे रक्षा उपकरणों को आधारभूत सीमा शुल्क से छूट, जिनका निर्माण भारत में नहीं हुआ हो।
- कच्चे और अर्द्ध-परिष्कृत चमड़े पर निर्यात कर को सुसंगत बनाया गया।
- पेट्रोल और डीज़ल पर एक रुपए प्रति लीटर की दर से विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और सड़क एवं अवसंरचना सेस में वृद्धि।
- सोना और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर सीमा शुल्क में वृद्धि कर इसे 12.5 प्रतिशत किया गया।
- केंद्रीय उत्पाद और सेवा कर में GST व्यवस्था से पहले लंबित मुकदमों की शीघ्र समाप्ति हेतु लिगेसी (Leagcy) विवाद निपटारा योजना।
- सभी इच्छुक ग्रामीण परिवारों के लिये वर्ष 2022 तक बिजली और स्वच्छ रसोई की सुविधा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के दूसरे चरण (2019-20 से 2021-22) में पात्र लाभार्थियों को शौचालयों, बिजली और LPG कनेक्शनों जैसी सुविधाओं के साथ 1.95 करोड़ घर दिये जाएंगे।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पात्र और व्यवहार्य आवास स्थलों को सड़क संपर्क से जोड़ने की गति तेज़ करने के लिये इन्हें पूरा करने का निर्धारित लक्ष्य वर्ष 2022 से कम करके वर्ष 2019 किया गया है। ऐसे 97 प्रतिशत आवास स्थलों को सभी मौसमों के लिये अनुकूल सड़क संपर्क से जोड़ दिया गया है।
- हरित प्रौद्योगिकी, कचरा प्लास्टिक और शीत मिश्रित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 30 हज़ार किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण के तहत 80,250 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से अगले पाँच वर्षों में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़कों का उन्नयन किया जाएगा।
- गंगा नदी पर कार्गों आवाजाही अगले 4 सालों में लगभग 4 गुना बढ़ने का अनुमान।
- रोज़गार के टिकाऊ अवसरों का सृजन कर पारंपरिक उद्योगों को और अधिक उत्पादक, लाभदायक एवं सक्षम बनाने के लिये कलस्टर आधारित विकास में आसानी हेतु साझा सुविधा केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
- 2019-20 के दौरान बांस, शहद और खादी पर विशेष जोर देते हुए 100 नए कलस्टर स्थापित किये जाएंगे, जिससे 50 हज़ार कारीगर आर्थिक मूल्य श्रृंखला में शामिल हो सकेंगे।
- कृषि-ग्रामीण उद्योग क्षेत्र में 75 हज़ार उद्यमियों को कौशल प्रदान किया जाएगा।
- किसानों के उत्पादों को उनके खेतों से मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा देने और संबंधित क्रियाकलापों में लगे निजी उद्यमियों को सहायता दी जाएगी।
- पशुओं के लिये चारे का उत्पादन, दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिये अवसंरचना तैयार करके सहकारी संस्थाओं के माध्यम से दूथ उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- किसानों की बेहतर आर्थिक स्थिति सुनिश्चित करने के लिये 10,000 नये किसान उत्पादक संगठन बनाए जाएंगे।
- ज़ीरो बजट फार्मिंग में कुछ राज्यों के किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
- नया जल शक्ति मंत्रालय एक समन्वित और समग्र रूप से हमारे जल संसाधनों और जल आपूर्ति के प्रबंधन की देखरेख करेगा।
- जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों के लिये ‘हर घर जल’ (पाइप द्वारा जल आपूर्ति) के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
- स्थानीय स्तर पर जल की मांग और आपूर्ति पर आधारित प्रबंधन पर ज़ोर दिया जाएगा।
- इसके लक्ष्य तक पहुँचने के क्रम में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को एक साथ मिलाया जाएगा।
- जलशक्ति अभियान के लिये 256 ज़िलों के 1592 खंडों की पहचान की गई है।
- 2 अक्तूबर, 2014 से अब तक 9.6 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया।
- 5.6 लाख से अधिक गाँव खुले में शौच से मुक्त हुए।
- प्रत्येक गाँव में सतत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये स्वच्छ भारत मिशन का विस्तार किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान के तहत दो करोड़ से अधिक ग्रामीणों को डिजिटली रूप से साक्षर बनाया गया।
- ग्रामीण और शहरी भेद को दूर करने के लिये भारतनेट के तहत प्रत्येक पंचायत में स्थानीय निकायों को इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जा रही है।
- PPP प्रबंध के तहत वैश्विक दायित्व निधि का भारतनेट को गति प्रदान करने में उपयोग किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत लगभग 81 लाख घरों के निर्माण के लिये 4.83 लाख करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दी गई। इनमें 47 लाख घरों का निर्माण कार्य शुरू हुआ।
- 26 लाख से भी अधिक घरों का निर्माण पूरा हुआ और लगभग 24 लाख घर लाभार्थियों को सौंपे गए।
- नई प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए अभी तक 13 लाख से भी अधिक घरों का निर्माण हुआ।
- 95 प्रतिशत से अधिक शहरों को भी खुले में शौच से मुक्त घोषित किया गया।
- स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों में बड़े बदलाव करने के लिये नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाई जाएगी।
- भारत उच्च शिक्षा आयोग स्थापित करने के लिये विधेयक का मसौदा पेश करना।
- पंजीकरण को मानकीकृत और सरल बनाने तथा रिटर्न फाइल करने के लिये विविध श्रम कानूनों को सरल बनाने के लिये चार श्रम कोड (श्रम संहिता) के सैट का प्रस्ताव किया गया है।
- लगभग 30 लाख कामगार प्रधानमंत्री श्रम योगी मानदंड योजना में शामिल हो गए हैं। इस योजना के तहत असंगठित और अनौपचारिक क्षेत्रों के मजदूरों को 60 साल की उम्र होने पर पेंशन के रूप में 3000 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान है।
- उज्जवला योजना के तहत लगभग 35 करोड़ LED बल्ब बाँटे गए, जिससे वार्षिक रूप से 18,341 करोड़ रुपए की बचत हुई।
- LED बल्ब मिशन की पहुँच का उपयोग करते हुए सोलर स्टोव और बैटरी चार्जरों को बढ़ावा देना।
- रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिये व्यापक कार्यक्रम शुरू किये गए।
- लैंगिक भेदभाव दूर करने के लिये सरकारी और निजी हितधारकों के साथ एक समिति प्रस्तावित की गई है।
- जनधन बैंक खाता रखने वाली प्रत्येक सत्यापित महिला स्वयं सहायता समूह सदस्य को 5000 रुपए के ओवरड्राफ्ट की अनुमति होगी।
- 59 मिनट में छोटे दुकानदारों को ऋण उपलब्ध करवाने का विचार।
- आने वाले 12 सालों में PPP के ज़रिये रेलवे में 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव।
- भारतीय पासपोर्ट रखने वाले अनिवासी भारतीयों के लिये भारत आगमन पर 180 दिनों की प्रतीक्षा अवधि के बगैर आधार कार्ड जारी करने का प्रस्ताव।
- पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े भारतीय कारीगरों को वैश्विक बाज़ारों से जोड़ने के लिये आवश्यक पेटेंट और भौगोलिक संकेतक उपलब्ध कराने का प्रस्ताव।
- भारत विकास सहयोग योजना को नया रूप देने का प्रस्ताव।
- पिछले एक वर्ष में वाणिज्यिक बैंकों के NPA में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की गिरावट आई। पिछले चार वर्षों में चार लाख करोड़ से अधिक की कर्ज़ वसूली हुई।
- घरेलू ऋण वृद्धि दर बढ़कर 13.8 प्रतिशत पर पहुँची।
- ऋण क्षमता बढ़ाने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70 हज़ार करोड़ रुपए उपलब्ध कराने का प्रस्ताव।
- वित्त विधेयक में गैर-बैंकिंग कंपनियों पर रिज़र्व बैंक के विनियामक अधिकारों को सशक्त बनाने का प्रस्ताव।
- आवास संबंधी सभी वित्तीय विनियमन का अधिकार NHB से लेकर वापस RBI को सौंपने का प्रस्ताव।
- अगले पाँच वर्षों में अवसंरचना क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना।
- देश में अंतर्राष्ट्रीय बीमा कारोबार की सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों में विदेशी बीमाकर्त्ताओं की शाखा खुलवाने की व्यवस्था।
- सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिये विनिवेश के ज़रिये 1,05,000 करोड़ रुपए प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
- सरकार एयर इंडिया में विनिवेश की रणनीति फिर से शुरू करेगी और निजी क्षेत्रों को तथा साथ ही निजी क्षेत्रों की रणनीतिक भागीदारी के लिये मौका देगी।
- सरकार PSU की रणनीतिक बिक्री का भी रास्ता अपनाएगी तथा गैर-वित्तीय क्षेत्रों में PSU को मज़बूत तथा सुसंगठित बनाए रखने का काम जारी रखेगी।
- सरकार PSU में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत बनाए रखने की नीति में आवश्यकता पड़ने पर संशोधन करने पर विचार करेगी।
- लोगों के इस्तेमाल के लिये जल्द ही एक रुपए, दो रुपए, 5 रुपए, 10 रुपए और 20 रुपए के नए सिक्के उपलब्ध होंगे।
- बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ से अधिक की नकदी निकासी पर 2 प्रतिशत के TDS का प्रस्ताव।
- ऐसे व्यापारिक प्रतिष्ठान जिनका वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपए से अधिक है, वे अपने ग्राहकों को कम लागत वाली डिजिटल भुगतान सुविधा बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराएंगे। इसके लिये व्यापारियों या ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त प्रभार नहीं लगाया जाएगा।
- खेलो इंडिया स्कीम का विस्तार किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खेल बोर्ड स्थापित किया जाएगा।
- मकान मालिकों और किरायेदारों के बीच होने वाले विवादों का समाधान करने के लिये राज्यों को विश्वास में लेकर आदर्श किराया कानून बनाया जाएगा।
- सरकार पानी और गैस के लिये राष्ट्रीय ग्रिड बनाने की योजना पर काम करेगी।
आगामी दशक के लिये दस लक्ष्यों की परिकल्पना
- भौतिक और सामाजिक अवसंरचना निर्माण
- डिजिटल इंडिया को अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुँचाना
- हरित मातृभूमि और प्रदूषण मुक्त भारत
- MSME, स्टार्टअप, रक्षा निर्माण, ऑटो, चिकित्सा उपकरणों पर ज़ोर
- जल प्रबंधन और स्वच्छ नदियाँ
- ब्लू इकोनॉमी
- अंतरिक्ष कार्यक्रम- गगनयान, चंद्रयान और उपग्रह कार्यक्रम
- खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, फलों और सब्जियों में आत्मनिर्भरता और निर्यात
- स्वस्थ समाज, आयुष्मान भारत, सुपोषित महिलाएँ, बच्चे
- जन भागीदारी न्यूनतम सरकार-अधिकतम अभिशासन
कश्मीर मुद्दे पर UNCHR की रिपोर्ट
चर्चा में क्यों?
हाल में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (United Nation Commission on Human Rights- UNCHR) ने भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित कश्मीर संबंधी मुद्दे पर अपनी दूसरी रिपोर्ट जारी की।
प्रमुख बिंदु
- इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान दोनों ही कश्मीर संबंधी मुद्दे का समाधान करने में विफल रहे हैं।
- उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की थी जिसमें दोनों देशों द्वारा तनाव कम करने के लिये कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीर और पीओके में मई 2018 से अप्रैल 2019 के दौरान हताहत होने वाले नागरिकों की संख्या पिछले एक दशक से भी अधिक है।
- कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के सदस्यों द्वारा मानवाधिकारों उल्लंघन किया जाता है जिसकी कोई भी जवाबदेहिता नहीं होती है।
- रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान की सरकारों को व्यापक रूप से सलाह दी गई है साथ ही मानवाधिकार परिषद (Human Rights Council- HRC) से कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जाँच के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय आयोग गठित करने का भी आग्रह किया गया है।
रिपोर्ट पर भारत की प्रतिक्रिया
- भारत ने इस रिपोर्ट पर राजनयिक विरोध दर्ज़ कराते हुए इसे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बताया है। क्योंकि इसमें सीमापार आतंकवाद के मूल मुद्दे की अनदेखी की गयी है।
- इस रिपोर्ट में वर्षों से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमापार से चलने वाले आतंकवाद तथा उससे उत्पन्न स्थितियों को नज़रअंदाज़ किया गया है।
- भारत के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र पर आतंकवाद को वैधता प्रदान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र तथा एक खुले तौर पर राज्य प्रायोजित आतंकवाद को समर्थन प्रदान करने वाले देश में कृत्रिम समानता स्थापित करने का प्रयास किया गया है।
- यह रिपोर्ट भारतीय संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ जारी ‘गलत और पूर्वाग्रह से ग्रसित बयान’ का हिस्सा है।
- भारत ने रिपोर्ट में जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को ‘सशस्त्र समूह’ बताये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फरवरी 2019 के पुलवामा आतंकी हमले में इस संगठन के शामिल होने का ज़िक्र किया जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी स्वीकार किया है।
जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति
- जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लेकिन पाकिस्तान ने इस राज्य के एक हिस्से को अवैध रूप से अपने कब्ज़े में ले रखा है।
- अवैध हिस्से में तथाकथित 'आजाद कश्मीर' और 'गिलगित-बाल्टिस्तान' का क्षेत्र शामिल है जिसे भारत द्वारा बार-बार पाकिस्तान से इन कब्ज़े वाले क्षेत्रों को खाली करने का आह्वान किया जाता रहा है।
- रिपोर्ट में कश्मीर के इस मुद्दे को स्पष्ट नही किया गया है साथ ही भारत की मज़बूत न्यायपालिका और राष्ट्रीय मानवाधिकार तंत्र के माध्यम की जाने वाली न्यायिक प्रक्रिया को भी अनदेखा किया गया है।
- रिपोर्ट में एक ‘पूर्वाग्रही मानसिकता’ को दर्शाया गया है, जो ‘आतंकवादी चुनौतियों के सामने सरकार द्वारा किये गए व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रयासों" की अनदेखी करती है।
- रिपोर्ट में भारत द्वारा भीड़ नियंत्रण के उपकरण के रूप में पेलेट-फायरिंग की गोली का उपयोग जारी रखने तथा कश्मीर में राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नागरिक समाज के लोगों को हिरासत में लेने के कारण विभिन्न कानूनों की आलोचना की गई है।
स्रोत- द हिंदू
गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्वच्छ व सतत विकास के लिये गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना हेतु इंजीनियरिंग सेवाएँ (Engineering Services on Quality Infrastructure for Clean & Sustainable Development) विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में किया गया।
प्रमुख बिंदु
- सम्मेलन में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा रेल मंत्री ने गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया है ताकि भारत अपने उत्कृष्ट उत्पादों के लिये पहचाना जाए।
- उन्होंने कहा कि भारत को केवल तुलनात्मक और प्रतिस्पर्धात्मक लागत का लाभ ही नहीं है, बल्कि देश को अपने उत्कृष्ट उत्पादों व उत्कृष्ट सेवाओं के लिये भी पहचान मिली है।
- भारत में व्यापार के विस्तार के लिये दो प्रकार की संभावनाएँ हैं – पहला बड़े पैमाने पर निर्यात क्षमता तथा दूसरा इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी को भारत लाने की अपार संभावनाएँ।
- वाणिज्य मंत्री के अनुसार, बजट 2019-20 में वित्त मंत्री ने भारत में ढाँचागत संरचना के विस्तार के लिये रोडमैप प्रस्तुत किया है जिसमें अगले पाँच वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है साथ ही अगले 10-12 वर्षों के दौरान रेलवे के विस्तार और विकास के लिये 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
- यह विज़न दिखाता है कि भारत अवसंरचना में बड़े पैमाने पर निवेश का गंतव्य स्थल बन गया है।
भारत की स्थिति
- भारत सौर ऊर्जा उत्पादन में सबसे तेजी से उभरने वाला देश बन गया है।
- पिछले पाँच वर्षों के दौरान सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता में 1200 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
- LED बल्व उपयोग के मामले में भारत सबसे अग्रणी देश बन गया है।
- इस वर्ष के बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये विशेष छूट का भी उल्लेख किया गया है साथ ही दुपहिया, तिपहिया और चार पहिये वाहनों के विनिर्माण में भारत के अतिशीघ्र ही विश्व का अग्रणी देश बनने की सम्भावना व्यक्त की गई है ।
आगे की राह
- LPG सुविधा प्राप्त घरों की संख्या में दोगुनी वृद्धि का अनुमान है।
- बिजली और गैस आपूर्ति में आधुनिक प्रक्रिया अपनाने की जरूरत है, ताकि नागरिकों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा किया जा सके।
- सभी शहरी घरों को पाइप द्वारा रसोई गैस की आपूर्ति के लिये एक राष्ट्रीय गैस ग्रिड बनाने की आवश्यकता है जिससे आपूर्ति संबंधी लागत में कमी आएगी।
स्रोत- PIB
आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019
चर्चा में क्यों?
राज्यसभा ने भी आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 को पारित कर दिया है।
- मुख्य बिंदु :
- यह विधेयक उपयोगकर्ताओं को बैंक खाते खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन प्राप्त करने के लिये पहचान के प्रमाण के रूप में आधार (Aadhaar) के स्वैच्छिक उपयोग की अनुमति देता है।
- इस संशोधन का प्रमुख उद्देश्य आधार के उपयोग के लिये निर्धारित मानदंडों के उल्लंघन पर सख्त जुर्माना लगाना है।
- संशोधन के तहत आधार नियमों का उल्लंघन करने वाली फर्मों पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना व जेल का प्रावधान है।
- यह संशोधन जनहित की सेवा करने और आधार के दुरुपयोग को रोकने के लिये एक मजबूत तंत्र के निर्माण में सक्षम होगा।
- इस संशोधन में निजी संस्थाओं द्वारा आधार के उपयोग से संबंधित आधार अधिनियम की धारा 57 को हटाने का भी प्रस्ताव है ।
आधार से जुड़े कुछ तथ्य :
- आँकड़ों के अनुसार, अब तक आधार के माध्यम से 123 करोड़ लोगों का नामांकन किया जा चुका है तथा 70 करोड़ से अधिक फ़ोन नंबर भी इससे जोड़े जा चुके हैं।
आधार क्या है ?
- केंद्र सरकार की ओर से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India-UIDAI) द्वारा दिये जाने वाले आधार कार्ड की शुरुआत प्रत्येक भारतीय नागरिक को एक विशेष पहचान संख्या देने के लिये की गई थी।
- इस योजना के तहत भारत सरकार की ओर से एक ऐसा पहचान-पत्र जारी किया जाता है जिसमें 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या होती है।
- चूँकि इसमें बायोमेट्रिक पहचान शामिल होती है, इसलिये अब किसी भी व्यक्ति के बारे में अधिकांश जानकारी इन 12 अंकों की संख्या के ज़रिये प्राप्त की जा सकती है।
- इसमें उसका नाम, पता, आयु, जन्म तिथि, उसके फ़िंगर-प्रिंट और आँखों की स्कैनिंग तक शामिल है।
स्रोत : द हिंदू
विश्वभर में अपराध संबंधी हत्याओं की स्थिति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ और अपराध कार्यालय (United Nations Office on Drugs and Crime - UNODC) द्वारा मानव हत्याओं पर एक अध्ययन प्रकाशित किया गया है।
मुख्य बिंदु:
- दुनियाभर में मानव हत्याओं की दर में कमी आई है, परंतु यह गिरावट अभी भी अपर्याप्त है और इसके सहारे सतत् विकास लक्ष्य संख्या- 16 को प्राप्त करना मुश्किल है।
सतत् विकास लक्ष्य संख्या- 16 का उद्देश्य शांतिपूर्ण और समावेशी समितियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ सभी स्तरों पर इन्हें प्रभावी व जवाबदेहपूर्ण बनाना है, ताकि सभी के लिये न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
- अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर के तमाम देशों में हत्याओं के कारण मरने वाले लोगों की संख्या सशस्त्र संघर्षों (Armed Conflicts) के कारण मरने वाले लोगों की संख्या से 5 गुना अधिक है।
- UNODC के मुताबिक, वर्ष 2017 में दुनियाभर में जानबूझकर की गई मानव हत्याओं (Intentional Homicide) के कारण 4,64,000 लोगों की मृत्यु हुई थी।
- मानव हत्या संबंधी इन आँकड़ों में सबसे अधिक लगभग 37.4 प्रतिशत, अमेरिका में हुई थी ।
- इसके अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों कि स्थिति निम्नलिखित थी :
- अफ्रीका : 35.1 प्रतिशत
- एशिया : 22.5 प्रतिशत
- यूरोप : 4.7 प्रतिशत
- ओशिनिया : 0.2 प्रतिशत
- उपरोक्त हत्याओं (Homicide) की तुलना में सशस्त्र संघर्षों में मरने वाले लोगों की संख्या मात्र 89,000 थी।
- जान-बूझकर की गई हत्या के मामले में मारे गए कुल लोगों में से 95 प्रतिशत पुरुष थे।
- रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्तर पर 15–29 वर्ष की आयु के युवा पुरुषों में हत्या का खतरा सबसे अधिक होता है। जबकि किसी भी उम्र की महिलाओं में इस प्रकार का कोई भी खतरा सबसे कम होता है।
- रिपोर्ट के अनुसार, संसाधनों की दुर्लभता और उनके उपयोग को लेकर संघर्ष इन हत्याओं का प्रमुख कारण है।
रिपोर्ट में भारत की स्थिति:
- भारत के संदर्भ में वर्ष 2009 से वर्ष 2015 के बीच यहाँ होने वाली कुल हत्याओं में 10 प्रतिशत की कमी आई है।
- भारत के मुख्यतः उत्तरी राज्यों में हत्या की दर में वृद्धि देखने को मिली है, जबकि कुछ दक्षिणी राज्यों (विशेषतः आंध्र प्रदेश) में यह दर काफी कम है।
- रिपोर्ट में भारत में घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि को भी उल्लेखित किया गया है।
स्रोत : हिंदुस्तान टाइम्स
नए मामलों की जाँच के लिये सेबी को मिली शक्तियाँ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वित्त विधेयक (Finance Bill), 2019 के अंतर्गत भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) को ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति प्रदान की गई है जो इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस से छेड़छाड़ करती हैं या उन्हें नष्ट कर देती हैं अथवा सेबी द्वारा मांगी गई जानकारी को प्रस्तुत करने में विफल रहती हैं।
प्रमुख बिंदु
- वित्त विधेयक, 2019 के तहत सेबी अधिनियम (SEBI Act) में एक नई धारा (15HAA) जोड़ी गई है।
- इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी जाँच में बाधा डालने या उसे प्रभावित करने के उद्देश्य से आँकड़ों के साथ छेड़छाड़ करता है तो उस पर 10 करोड़ रुपए या इस कृत्य से प्राप्त गैरकानूनी लाभ की तीन गुना राशि, जो भी अधिक हो, तक का जुर्माना लग सकता है।
- इसके अतिरिक्त यदि कोई ब्रोकर अपने ग्राहकों को सेबी द्वारा निर्धारित प्रारूप में अनुबंध नोट जारी नहीं करता है तो सेबी उस पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है।
- इससे पूर्व जुर्माने की यह राशि मात्र 1 लाख रूपए ही थी।
वित्त विधेयक क्या होता है?
- वे सभी विधेयक जिनका संबंध वित्तीय मामलों से होता है, वित्त विधेयक कहलाते हैं।
- यह विधेयक भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होता है।
- वित्त विधेयक को केंद्रीय बजट पेश करने के तुरंत बाद लोकसभा में पेश किया जाता है।
- इस विधेयक के दो भाग होते हैं, पहले भाग में सरकार की वित्तीय नीतियों का वर्णन किया जाता है जबकि इसके दूसरे भाग में सरकार के कर बजट को प्रस्तुत किया जाता है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड
(Securities and Exchange Board of India)
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी।
- इसका मुख्यालय मुंबई में है।
- इसके मुख्य कार्य हैं -
- प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना।
- प्रतिभूति बाज़ार (Securities Market) के विकास का उन्नयन करना तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना।
स्रोत : द हिंदू
वनीकरण के लिये उपलब्ध भूमि का अध्ययन
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने वनीकरण के लिये विश्व भर में उपलब्ध भूमि की मात्रा का निर्धारण किया है जिससे वायुमंडल में कार्बन उत्सर्जन की बढ़ती मात्रा को रोकने में मदद मिलेगी।
- प्रमुख बिंदु :
- IPCC की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2050 तक वैश्विक तापन को पूर्व-औद्योगिक युग के मुकाबले 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये वन- भूमि में 1 बिलियन हेक्टेयर की वृद्धि की आवश्यकता होगी।
- वृक्ष, जो कार्बन-डाइऑक्साइड (CO2) का अवशोषण करते हैं, वायुमंडल में उत्सर्जित होने वाली गैसों के लिये प्राकृतिक सिंक का कार्य करते हैं।
- अमेरिकी राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन के अनुसार, जीवाश्म ईंधन के दहन से वातावरण में उत्सर्जित होने वाले कार्बन-डाइऑक्साइड का 25% भाग वृक्षों द्वारा व अन्य 25% भाग महासागरों द्वारा अवशोषित किये जाते हैं जबकि वायुमंडल में शेष 50% भाग के कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि होती है।
- शोधकर्त्ताओं ने 80,000 तस्वीरों के आधार पर विश्व भर में वनीकरण हेतु 0.90 बिलियन हेक्टेयर भूमि की पहचान की है। इस संपूर्ण भूमि पर वनीकरण से मानव निर्मित कुल कार्बन उत्सर्जन के दो-तिहाई हिस्से को अवशोषित करने में मदद मिलेगी।
- इन नए वनों के माध्यम से औद्योगिक काल के बाद से वातावरण में उत्सर्जित 300 बिलियन टन कार्बन में से 205 बिलियन टन कार्बन को अवशोषित करने में मदद मिलेगी।
- वर्तमान समय में पृथ्वी पर 2.8 बिलियन हेक्टेयर वन-क्षेत्र है जिसक वनीकरण के बाद 4.4 बिलियन हेक्टेयर तक पहुँचने का अनुमान है।
- अध्ययन के अनुसार, भारत में लगभग 9.93 मिलियन हेक्टेयर अतिरिक्त वन क्षेत्र की संभावना है।
- इसके अतिरिक्त छह देशों रूस (151मिलियन हेक्टेयर), संयुक्त राज्य अमेरिका (103 मिलियन हेक्टेयर), कनाडा (78.4 मिलियन हेक्टेयर), ऑस्ट्रेलिया (58 मिलियन हेक्टेयर), ब्राज़ील (49.7 मिलियन हेक्टेयर) और चीन (40.2 मिलियन हेक्टेयर) में वनीकरण क्षमता सर्वाधिक है।
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस
Rapid Fire करेंट अफेयर्स (9 July)
- वित्त मंत्रालय ने ग्राहकों को नियम पालन में सुविधा देने के मद्देनज़र PAN कार्ड की जगह आधार कार्ड के इस्तेमाल को मंज़ूरी दे दी है। ऐसे में हर उस स्थान पर आधार कार्ड को विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा, जहाँ PAN कार्ड का उपयोग अनिवार्य है। अगर किसी के पास PAN कार्ड नहीं है, तो वह बैंक में आधार कार्ड दिखाकर भी 50 हजार रुपए से अधिक नकद का लेनदेन कर सकता है। जहाँ कहीं भी PAN कार्ड का उपयोग अनिवार्य हो, वहाँ ग्राहक आधार कार्ड का उपयोग कर काम चला सकता है। वर्तमान में बैंक से 50 हज़ार रुपए से अधिक की नकद निकासी या जमा के लिये ग्राहक के पास PAN कार्ड होना जरूरी है। इसके लिये बैंकों से अपना सिस्टम अपग्रेड करने को कहा गया है। ज्ञातव्य है कि वर्तमान में 22 करोड़ PAN कार्ड ही आधार से जुड़े हैं, जबकि 120 करोड़ से अधिक लोगों के पास आधार कार्ड है।
- श्रीलंका ने भारत की मदद से युद्ध प्रभावित लोगों के लिये एक आवास योजना के तहत अपने यहां बनाए गए पहले मॉडल गाँव का उद्घाटन किया। यह गाँव गामपाहा के रानीदुगामा में बनाया गया है, जिसमें लाभार्थियों को पूर्ण रूप से निर्मित मकान सौंपे गए। ज्ञातव्य है कि भारत ने 120 करोड़ रुपए के अनुदान से श्रीलंका में कुल 2400 मकान बनाने के लिये आवास एवं निर्माण तथा संस्कृति मंत्रालय के साथ भागीदारी की है। इस संयुक्त परियोजना से श्रीलंका के 2400 परिवार लाभान्वित होंगे।
- दुनियाभर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये कर्नाटक सरकार ने प्रख्यात इंजीनियर भारत रत्न एम. विश्वेश्वरैया के नाम पर आइसा-कर्नाटका विश्वेश्वरैया सोलर अवार्ड देने का निर्णय लिया है। यह अवार्ड हर साल दुनिया के एक देश को फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर दिया जाएगा। विदित हो कि हरियाणा सरकार द्वारा अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर आइसा-हरियाणा कल्पना चावला सोलर अवार्ड शुरू करने के निर्णय के बाद कर्नाटक देश का दूसरा राज्य है जिसने ऐसा अवार्ड शुरू करने का फैसला किया है। इस अवार्ड के लिये नियमानुसार कर्नाटक सरकार इंटरनेशनल सोलर एलायंस (ISA) के खाते में दस करोड़ रुपये जमा कराएगी। इसका जो ब्याज आएगा उसमें से 75 प्रतिशत राशि अवार्ड के रूप में दी जाएगी। फिलहाल फ्लोटिंग सोलर के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले दुनिया के एक देश को हर साल अवार्ड देने का विचार है। आपको बता दें कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वर्ष 2015 के दौरान इंटरनेशनल सोलर एलायंस अस्तित्व में आया। इसका मुख्यालय गुरुग्राम में है।
- 7 जुलाई को भारत ने स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का तीन बार सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण पोखरण की टेस्ट फायरिंग रेंज में किया गया तथा परीक्षण के दौरान मिसाइल का दिन और रात दोनों समय टेस्ट फायर किया गया। नाग मिसाइल दिन और रात में बराबर क्षमता के साथ दुश्मन के टैंकों पर आक्रमण कर सकती है और युद्ध में दुश्मनों के टैंक को चार किलोमीटर दूर से ही ध्वस्त करने की क्षमता रखती है। यह मिसाइल थर्मल टारगेट सिस्टम तकनीक पर काम करती है। इस तकनीक से ऑपरेशनल टैंक की थर्मल इमेज क्रिएट हो जाती है, जिसके बाद टारगेट को लॉक करके मिसाइल दाग दी जाती है। मिसाइल लॉन्च होने के बाद इमेजिन इंफ्रा-रेड रडार से मिसाइल लॉक्ड टारगेट को फॉलो करते हुए हिट करती है। लॉन्चिंग के बाद इसे किसी भी तरह की एक्सटर्नल कमांड की ज़रूरत नहीं पड़ती। इसकी रेंज 500 मीटर से 4 किलोमीटर तक है।
- हाल ही में जारी विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली के वातावरण में बीते सालभर में ओज़ोन के प्रदूषक कणों की मात्रा डेढ़ गुना तक बढ़ गई है। पिछले वर्ष 1 अप्रैल से 5 जून के बीच 17 दिन ऐसे थे जब हवा में ओज़ोन की मात्रा मानकों से अधिक थी, जबकि इस वर्ष 28 दिन ऐसे रहे जब ओज़ोन प्रदूषण की मात्रा निर्धारित मानक से काफी ज़्यादा रही। पिछले साल 8 घंटे के औसत में ओजोन की मात्रा 106 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर थी, जबकि इस वर्ष यह 122 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही। वैज्ञानिकों के अनुसार, 8 घंटे के औसत में ओज़ोन प्रदूषक की मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिये। ज्ञातव्य है कि हवा में नाइट्रोजन ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन जब तीखी धूप के साथ प्रतिक्रिया करते हैं तो ओज़ोन प्रदूषक कणों का निर्माण होता है। वाहनों और फैक्टरियों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड व अन्य गैसों की रासायनिक क्रिया भी ओज़ोन प्रदूषक कणों का निर्माण करती है।
- फ्राँस के लियोन में अमेरिका ने मौजूदा यूरोपियन चैंपियन नीदरलैंड्स को 2-0 से पराजित कर लगातार दूसरी बार फीफा महिला विश्व कप जीत लिया। यह कुल मिलाकर अमेरिकी महिला टीम का चौथा विश्व कप खिताब है। इससे पहले अमेरिका ने वर्ष 1991, 1999 और 2015 में विश्व कप जीता था। मेगन रेपिनो को गोल्डन बूट दिया गया, उन्होंने टूर्नमेंट में कुल 6 गोल किये। Fédération Internationale de Football Association (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) को ही फीफा के नाम से जाना जाता है और यह फुटबॉल का अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण निकाय है। इसका मुख्यालय ज्यूरिख, स्विट्ज़रलैंड में है। फीफा महिला विश्व कप की शुरुआत वर्ष 1991 में हुई थी तथा वर्ष 1930 में पुरुषों का पहला फीफा विश्व कप आयोजित हुआ था।