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डेली न्यूज़

  • 08 Sep, 2018
  • 11 min read
भारत-विश्व

मोबिलाइज़ योर सिटी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत और फ्राँस ने अंतर्राष्‍ट्रीय कार्यक्रम ‘मोबिलाइज़ योर सिटी (MYC)’ को लागू करने संबंधी समझौते पर हस्‍ताक्षर किये हैं।

क्या है मोबिलाइज़ योर सिटी (MYC)?

  • यह अंतर्राष्‍ट्रीय कार्यक्रम का एक हिस्‍सा है, जो फ्राँस और जर्मनी की सरकारों द्वारा समर्थित है।
  • इसे दिसंबर, 2015 में 21वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP-21) में लॉन्च किया गया।
  • वर्ष 2015 में एजेंस फ्रैंसेज डी डेवलपमेंट (AFD) के प्रस्‍ताव के आधार पर यूरोपीय संघ ने भारत में मोबिलाइज़ योर सिटी कार्यक्रम में निवेश और तकनीकी सहायता के लिये 5 मिलियन यूरो की राशि देने पर सहमति व्‍यक्‍त की है।

MYC का उद्देश्‍य

  • तीन पायलट शहरों-नागपुर, कोच्चि तथा अहमदाबाद में शहरी परिवहन से संबंधित ग्रीन हाऊस गैस (GHG) उत्‍सर्जन कम करने में समर्थन देना और राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सतत परिवहन नीति में सुधार के लिये भारत को मदद देना है।
  • तकनीकी सहायता जैसी गतिविधियों से कार्यक्रम के अंतर्गत चुने गए तीन पायलट शहरों के साथ-साथ आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भी लाभ मिलेगा।

प्रस्‍तावित सहायता के प्रमुख घटक:-

  • टिकाऊ शहरी परिवहन परियोजनाओं के नियोजन और क्रियान्‍वयन को समर्थन देना।
  • शहरी आवाजाही के नियमन, संचालन और नियोजन के लिये संस्‍थागत क्षमता को मज़बूत बनाने हेतु समर्थन प्रदान करना।
  • श्रेष्‍ठ व्‍यवहारों के बारे में देश के अन्‍य शहरों के साथ विचारों का आदान-प्रदान करना।
  • परियोजना संबंधी गतिविधियों का व्यौरा एएफडी द्वारा आवास तथा शहरी विकास मंत्रालय और तीन सहयोगी शहरों की सलाह से तैयार किया जाएगा।
  • इसमें स्‍मार्ट सिटीज़, नगरपालिकाओं और परिवहन प्राधिकरण तथा परिवहन संबंधी संस्थानों के लिये स्‍पेशल परपज़ व्‍हीकल (SPV) शामिल हैं।


भारतीय राजनीति

केरल की बाढ़ में सबसे बड़ी झील का योगदान

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने पाया है कि केरल की सबसे बड़ी झील, वेम्बनाड झील की वहनीय क्षमता में जमाव, जो अति प्रवाह वाली नदियों से उत्पन्न जल के एक अंश को अवशोषित कर सकती है, ने केरल की बाढ़ को बदतर बना दिया।

प्रमुख बिंदु

  • वेम्बनाड झील अत्यधिक वर्षा और 480 वर्ग किमी. से अधिक जलप्लावित क्षेत्र के कारण 1.63 BCM के केवल 0.6 बिलियन क्यूबिक मीटर (BCM) को अवशोषित करने में सक्षम था।
  • CWC ने अब अपवाह मार्ग की क्षमता में वृद्धि का सुझाव दिया है जिसके माध्यम से पंबा, मणिमाला, एथेनकोविल और मीनाचिल जैसी नदियाँ झील तथा बैराज में बहती हैं जिनके माध्यम से झील सागर में मिलती है। CWC सूत्रों के अनुसार, झील की क्षमता अधिक होने पर स्थिति बेहतर हो सकती थी।
  • CWC ने केरल की बाढ़ जिसमें कम-से-कम 480 लोगों की मौत हुई और व्यापक क्षति हुई,के बाद अपने पहले विश्लेषण में अगस्त महीने के दौरान तीव्र बारिश के दो सत्रों को इसका कारण माना जिसमें 8-9 अगस्त को दो दिनों की बारिश और बाद में 15 से 17 अगस्त तक हुई तीन दिनों की बारिश शामिल है।
  • केरल में पिछले महीने की बाढ़ के कारण अपनी स्पष्ट भूमिका पर बहस के मुख्य बिंदु में बांधों के प्रबंधन के साथ, CWC ने राज्य में सभी बड़े जलाशयों के नियमों को कम करने की समीक्षा किये जाने का सुझाव दिया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जलाशयों के निश्चित स्तर तक पहुँचने पर कितना पानी छोड़ा जाना चाहिये। CWC के अनुसार 200 मिलियन क्यूबिक मीटर की वर्तमान क्षमता वाले बांधों के लिये यह और भी ज़रूरी है।
  • CWC ने इडुक्की बांध के विशिष्ट संदर्भ में कहा कि इडुक्की बांध ने अधिकांश अपवाह को अवशोषित कर लिया और बारिश की तीव्रता के दौरान बांध से बहिर्वाह अंतर्वाह की तुलना में कम था। इस तरह इसने बाढ़ के लिये एक अवशोषक के रूप में कार्य किया। अगस्त माह में बड़े पैमाने पर अंतर्वाह से निपटने के लिये केरल में 35 बांधों के गेट खोले गए थे।
  • केरल में इन तीव्र अवधि के दौरान उत्पन्न बारिश का अपवाह इतना अधिक था कि बांधों के बाढ़ नियंत्रण प्रभाव को रोक दिया गया था। अपवाह क्षेत्र से बारिश के जल का जलाशयों तक पहुँचने में अत्यंत कम समय लगने में केरल की स्थलाकृति ने भी योगदान दिया।
  • जलाशयों के लिये ऐतिहासिक डेटा के आधार पर नियमों को कम करने की समीक्षा की जानी आवश्यक थी, जिससे यह निर्धारित होता कि मानसून अवधि में हर महीने कितना पानी छोड़ा जाना चाहिये क्योंकि कुछ को छोड़कर केरल के अधिकांश जलाशय छोटे हैं।

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स 8 सितंबर 2018

हाइफा का युद्ध

हाल ही में भारतीय दूतावास ने हाइफा के युद्ध के 100 वर्ष पूरा होने पर हाइफा में एक समारोह का आयोजन किया।

  • हाइफा का युद्ध 23 सितंबर, 1918 को हुआ था जिसमें जोधपुर, मैसूर तथा हैदराबाद के सैनिकों ने मित्र राष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लेकर जर्मनी व तुर्की के आधिपत्य वाले हाइफा शहर को मुक्त करवाया था।
  • इससे पहले, इज़राइल की अपनी यात्रा के दौरान भारत के प्रधानमंत्री ने इस शहर को मुक्त कराने में मेजर दलपत सिंह जिन्हें 'हीरो ऑफ हाइफा' भी कहा जाता है, की स्मृति में एक पट्टिका का अनावरण किया था।
  • इस युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों को सम्मान देते हुए भारत सरकार ने दिल्ली स्थित विख्यात तीन मूर्ति मेमोरियल को तीन मूर्ति हाइफा मेमोरियल के रूप में पुनः नामित किया है।
  • तीन मूर्ति मेमोरियल का निर्माण 1922 में जोधपुर, हैदराबाद और मैसूर के तीन रियासतों ने भारतीय सैनिकों की याद में किया गया था।

बंगलूरू स्पेस एक्सपो (BSX-2018)

 

हाल ही में छठे बंगलुरु एक्सपो का आयोजन 6-8 सितंबर, 2018 को बंगलूरू में किया गया।

  • इसका आयोजन दो वर्ष में एक बार किया जाता है।
  • BSX-2018 का आयोजन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा इसरो तथा अंतरिक्ष विभाग के सहयोग से आयोजित किया गया।
  • तीन दिवसीय कार्यक्रम में 'वर्ल्ड स्पेस-बिज़' (World Space-Biz) विषय पर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन आयोजित किये गए।
  • सम्मेलन का विषय भारत में नई अंतरिक्ष तकनीकों को सक्षम करने पर विशिष्ट ध्यान देने के साथ "भारतीय अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में गतिशीलता का निर्माण करना" (Creating Dynamism in Indian Space Ecosystem) है।

 

द्वितीय विश्व हिंदू कॉन्ग्रेस

1893 में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगाँठ के अवसर पर शिकागो में दूसरे विश्व हिंदू कॉन्ग्रेस (World Hindu Congress) का आयोजन किया जा रहा है।

  • विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित प्रथम सम्मलेन का आयोजन वर्ष 2014 में नई दिल्ली में किया गया था।
  • चार वर्ष में एक बार आयोजित किया जाने वाला विश्व हिंदू सम्मेलन एक ऐसा वैश्विक मंच है जिसका उद्देश्य है कि सभी हिंदू एक साथ आएँ, अपने विचारों को साझा करें और एक-दूसरे को प्रेरित करें।
  • विश्व हिंदू सम्मेलन 2018 की थीम ‘सुमंत्रिते सुविक्रांतते’ (सामूहिक रूप से चिंतन करें, वीरतापूर्वक प्राप्त करें) है।
विश्व धर्म सम्मेलन 1893
  • 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म संसद विश्व के कोलंबियाई प्रदर्शनी में कई अन्य सम्मेलनों के बीच सबसे बड़ी और विशेष घटना थी।
  • विश्व धर्म सम्मेलन पूर्वी और पश्चिमी आध्यात्मिक परंपराओं के प्रतिनिधियों की पहली औपचारिक सभा को प्रदर्शित करता है। आज इसे दुनिया भर में औपचारिक पारस्परिक संवाद के जन्मदाता के रूप में पहचाना जाता है।
  • स्वामी विवेकानंद ने वहाँ एकत्रित हुए 5000 प्रतिनिधियों को प्रभावित किया जब उन्होनें "मेरे अमेरिकी भाइयो एवं बहनो" शब्दों के साथ उनका अभिवादन किया था।

 


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