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डेली न्यूज़

  • 07 Sep, 2019
  • 33 min read
अंतर्राष्ट्रीय संबंध

चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच समुद्री मार्ग

चर्चा में क्यों?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के दौरान भारत के चेन्नई और रूस के व्लादिवोस्तोक (Vladivostok) के बीच समुद्री मार्ग बनाने के लिये मेमोरेंडम ऑफ इंटेंट (Memorandum of Intent) पर हस्ताक्षर किये गए।

प्रमुख बिंदु:

  • दोनों देशों के बीच बनने वाला यह समुद्री मार्ग रूस के पूर्वी बंदरगाह को भारत के पूर्वी समुद्री तट से जोड़ेगा।
  • इस समुद्री मार्ग के परिणामस्वरूप भारत तथा रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र के मध्य सहयोग को गति मिल सकेगी।
  • इस समुद्री मार्ग की लंबाई लगभग 5,600 समुद्री मील या लगभग 10,300 किमी. होगी।
  • लगभग 20-25 समुद्री मील या 37-46 किमी./घंटा की सामान्य गति वाला एक बड़ा समुद्री जहाज़ लगभग 10-12 दिनों में यह दूरी तय कर लेगा।

समुद्री मार्ग से जुड़े हैं भारत के हित

  • भारत तमिलनाडु के तिरुनेलवेली ज़िले में रूस के सहयोग से परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण कर रहा है।
  • चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच समुद्री मार्ग के खुलने से इस परियोजना के निर्माण में काफी मदद मिलेगी।
  • साथ ही यह समुद्री मार्ग दोनों राष्ट्रों के बीच व्यापार संबंधों को और मज़बूत करने एवं इन्हें एक नई दिशा देने में मदद करेगा।
  • यह इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) और विशेष रूप से दक्षिण चीन सागर में भारत की मौजूदगी को भी बढ़ाएगा।
  • इस कदम का एक अन्य उद्देश्य चीन के महत्त्वाकांक्षी मैरीटाइम सिल्क रूट (Maritime Silk Route-MSR), जो कि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) का हिस्सा है, का प्रत्युत्तर भी है।
  • होर्मुज़ की खाड़ी में तनाव बढ़ने के बाद भारत, जो कि अपनी तेल ज़रूरतों के लिये पूर्णतः आयात पर निर्भर है इस समुद्री मार्ग को एक नए विकल्प के रूप में देख रहा है।

व्लादिवोस्तोक

(Vladivostok)

  • व्लादिवोस्तोक रूस के प्रशांत तट (Pacific Coast) पर सबसे बड़ा बंदरगाह है।
  • इसके अलावा यह प्रसिद्ध ट्रांस साइबेरियन रेलवे (Trans Siberian Railway), जो कि रूस के सुदूर पूर्व को रूस की राजधानी मॉस्को (Moscow) और पश्चिम में यूरोप के देशों से जोड़ता है, का अंतिम स्टेशन भी है।
  • इस क्षेत्र के महत्त्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि यहाँ सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधन काफी बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं।
  • व्लादिवोस्तोक के विशाल बंदरगाह पर शिपिंग (Shipping) और मछली पकड़ना मुख्य व्यावसायिक गतिविधियाँ हैं।
  • ऑटोमोबाइल्स इस बंदरगाह के माध्यम से आयात की जाने वाली सबसे प्रमुख वस्तु है, जहाँ से उन्हें अक्सर आगे रूस के आंतरिक हिस्सों तक पहुँचाया जाता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


शासन व्यवस्था

स्‍वच्‍छता कार्य योजना

चर्चा में क्यों?

6 सितंबर, 2019 को राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 2018-19 के लिये स्‍वच्‍छता कार्य योजना के कार्यान्‍वयन हेतु भारतीय रेल को सर्वश्रेष्‍ठ मंत्रालय का पुरस्‍कार प्रदान किया।

प्रमुख बिंदु

  • राष्‍ट्रपति ने स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus-CST), मुंबई को सर्वश्रेष्ठ स्‍वच्‍छ प्रतिष्ठित स्‍थल का पुरस्‍कार प्रदान किया।
  • वर्ष 2018 के स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण के तीन सबसे स्‍वच्‍छ स्‍टेशनों- जोधपुर, जयपुर और तिरुपति को भी पुरस्कृत किया गया।

रेलवे की कार्य योजना

  • भारतीय रेल ने वर्ष 2018-19 के दौरान अपनी परिसंपत्तियों की स्‍वच्‍छता पर 3000 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की है।

Swachh Tracks

स्‍वच्‍छता कार्य योजना

Swachhata Action Plan-SAP

  • स्वच्छ भारत योजना, स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक प्रमुख पहल है।
  • इस कार्य योजना के तहत सभी मंत्रालय और विभाग एकसाथ मिलकर वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में योगदान कर रहे हैं।
  • 1 अप्रैल, 2017 को SAP को औपचारिक रूप से 72 मंत्रालयों और विभागों की सक्रिय भागीदारी के साथ लॉन्च किया गया था।
  • कार्यान्वयन के पहले वर्ष (वित्त वर्ष 2017-18) के दौरान, सभी मंत्रालयों और विभागों ने 18,000 करोड़ रुपए से अधिक के वित्तीय योगदान के साथ-साथ कई नवीन योजनाओं को शुरू किया।
  • SAP के तहत गाँवों को गोद लेने, स्वच्छता के बुनियादी ढाँचे के लिये समर्थन, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छ स्मारक, स्कूली स्वच्छता, अस्पतालों में बेहतर स्वच्छता व्यवस्था तथा प्रतिष्ठित स्थानों, आदि सहित कई गतिविधियों को शामिल किया गया है।
  • पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय (Ministry of Drinking Water and Sanitation), SAP की नोडल एजेंसी होने के कारण मंत्रालयों और विभागों द्वारा SAP को कार्यान्वित किये जाने के साथ-साथ कार्यशील विचारों, कार्यान्वयन हेतु आवश्यक सहायता तथा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवश्यकतानुसार रिपोर्टिंग एवं निगरानी सुविधा प्रदान करने में संलग्नित है।
  • कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary) की अगुवाई में सचिवों की समिति के स्तर पर भी SAP की निगरानी की जा रही है।

स्रोत: pib


जैव विविधता और पर्यावरण

विशेष बाघ संरक्षण बल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड राज्य मंत्रिमंडल ने कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व (Corbett Tiger Reserve) के लिये एक विशेष बाघ संरक्षण बल (Special Tiger Protection Force- STPF) बनाने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु:

  • विशेष बाघ संरक्षण बल कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के समीप के क्षेत्रों से मानव की अवैध घुसपैठ को रोककर बाघों को सुरक्षा प्रदान करेगा।
  • यह निर्णय भारत सरकार के बाघों को त्रि-स्तरीय संरक्षण प्रदान करने के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है।
  • विशेष बाघ संरक्षण बल को कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व की अत्यंत संवेदनशील दक्षिणी, उत्तर प्रदेश से स्पर्श करती सीमा पर तैनात किया जाएगा जिसके माध्यम से आपराधिक तत्त्व आरक्षित क्षेत्रों में घुसपैठ करने की कोशिश करते रहते हैं।

विशेष बाघ संरक्षण बल की आवश्यकता क्यों?

  • वन्यजीव विशेषज्ञों और जैव विविधता संरक्षणवादियों द्वारा इस तरह के बल की आवश्यकता को लंबे समय से इंगित किया जा रहा था।
  • कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या बढ़कर 250 हो गई है जिससे घुसपैठ की संभावना और बढ़ गई है, इसलिये इस प्रकार के समर्पित बल की स्थापना की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

सुरक्षा के विभिन्न स्तर:

  • बीट स्तर के वन रक्षकों द्वारा नियमित गश्त के माध्यम से आंतरिक श्रेणी में सुरक्षा का पहला स्तर प्रदान किया जाएगा। सुरक्षा का दूसरा स्तर विशेष बाघ संरक्षण बल द्वारा प्रदान किया जाएगा।
  • सुरक्षा का तीसरा स्तर वन, पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के एक एकीकृत तंत्र द्वारा प्रदान किया जाएगा जिसका उद्देश्य बाघों के अवैध शिकार को रोकना है।

कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Reserve) :

  • कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Reserve) भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क है जिसकी स्थापना वर्ष 1936 में हुई थी।
  • स्थापना के समय इसका नाम हैली नेशनल पार्क (Hailey National Park) था, जिसे वर्ष 1957 में बदलकर कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया। महान प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी स्वर्गीय जिम कॉर्बेट की याद में इसे यह नाम दिया गया।
  • यह पार्क कुल 521 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • पार्क से बहने वाली प्रमुख नदियाँ रामगंगा, सोनानदी, मंडल और पलायन हैं।

स्रोत: द हिंदू


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत और दक्षिण कोरिया

चर्चा में क्यों?

भारत और दक्षिण कोरिया (India and South Korea) ने विशेष रणनीतिक साझेदारी (Special Strategic Partnership) के तहत एक समझौता किया है जिसके अंतर्गत दोनों देश एक-दूसरे के नौसैनिक अड्डों का उपयोग रसद के आदान-प्रदान के लिये कर करेंगे।

प्रमुख बिंदु:

  • भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दक्षिण कोरिया की अपनी आधिकारिक यात्रा पर हैं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री जियोंग कयोंगडू (Jeong Kyeongdoo) ने सियोल में दो महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
  • इस समझौते के अंतर्गत दोनों देश एक-दूसरे की नौसेनाओं का तार्किक समर्थन करेंगे जिसके तहत ईंधन, विश्राम (Rest) और रसद का प्रबंध किया जाएगा।
  • दोनों देशों ने रक्षा, क्षेत्रीय हित और अंतर्राष्ट्रीय विकास के स्तर पर विशेष रणनीतिक साझेदारी के तहत एक-दूसरे को सहयोग प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

भारत और दक्षिण कोरिया के मध्य ऐतिहासिक संबंध:

  • भारत और दक्षिण कोरिया के संबंध ऐतिहासिक काल से ही मज़बूत रहें हैं।
  • ऐसा माना जाता है कि अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना (क्वीन हुर ह्वांग-ओक) ने कोरिया के राजा किम-सुरो से विवाह किया था। दोनों देशों ने इस प्रकार के संबंधों के मद्देनज़र एक संयुक्त डाक टिकट जारी किया था।
  • बौद्ध धर्म की उत्पत्ति भारत में हुई लेकिन इसका प्रसार चीन, जापान और कोरिया तक हुआ, इस प्रकार के सांस्कृतिक संबंध दोनों देशों को एक-दूसरे को करीब लाते हैं।
  • भारत के कई शासकों ने बौद्ध धर्म के प्रसार के लिये अपने दूतों को इस क्षेत्र में भेजा था साथ ही यहाँ के छात्र भारत के बौद्ध शिक्षा केंद्रों में शिक्षा प्राप्त करने के लिये आते थे।

भारत और दक्षिण कोरिया के मध्य वर्तमान संबंध:

  • भारत जहाँ एक ओर अपनी लुक ईस्ट पॉलिसी (Look East Policy) के माध्यम से अपने संबंधों को बढ़ावा दे रहा है, वहीं दक्षिण कोरिया नई दक्षिणी रणनीति (New Sauthern Policy) के माध्यम से भारत के साथ बेहतर संबंध स्थापित करना चाहता है।
  • दक्षिण कोरिया ने भारत को अपना विशेष रणनीतिक साझेदार घोषित किया है, दक्षिण कोरिया ने इस प्रकार का समझौता केवल अपने पारंपरिक सहयोगियों जैसे जापान और अमेरिका देशों के साथ ही किया है।
  • भारत और दक्षिण कोरिया अपने सामरिक संबंधों को लगातार मज़बूती प्रदान कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच मंत्री स्तर की संयुक्त बैठक के साथ ही सचिव स्तर पर 2+2 डायलाॅग (2 + 2 Dialogue) जैसी वार्ता चल रही है।
  • दक्षिण कोरिया, अफगानिस्तान में भारत के साथ त्रिपक्षीय आधार पर एक परियोजना का निर्माण कर रहा है, साथ ही वह सदैव भारत की अफगानिस्तान नीति का समर्थन करता रहा है।
  • भारत और दक्षिण कोरिया के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement) है। व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता महत्त्वपूर्ण धातुओं और उससे बनी वस्तुओं के नि:शुल्क आयात की अनुमति देता है।
  • दोनों देश अवसंरचना, पत्तन विकास और खाद्य प्रसंस्करण स्टार्ट-अप में एक-दूसरे को व्यापक सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
  • भारत-दक्षिण कोरिया प्रौद्योगिकी विनिमय केंद्र (Technology Exchange Centre) की स्थापना नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय लघु उद्यम निगम के परिसर में की गई है। इसके माध्यम से दोनों देश लघु और मध्यम उद्योगों के क्षेत्र में एक-दूसरे की सहायता कर रहे हैं।
  • दोनों देशों के बीच कोरिया प्लस (Korea Plus) का संचालन जून 2016 से किया जा रहा है जिसमें दक्षिण कोरिया उद्योग, व्यापार तथा ऊर्जा मंत्रालय, कोरिया व्यापार निवेश एवं संवर्द्धन एजेंसी (Korea Trade Investment and Promotion Agency- KOTRA) और इन्वेस्ट इंडिया के प्रतिनिधि शामिल हैं।
  • सांस्कृतिक स्तर पर संबंधों को बढ़ावा देने के लिये कोरियाई ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम और प्रसार भारती ने दक्षिण कोरिया में डीडी इंडिया चैनल तथा भारत में कोरियाई ब्रॉडकास्टिंग चैनल के प्रसारण की सुविधा देने पर सहमति जताई है।

भारत के निहितार्थ:

  • दक्षिण कोरिया दक्षिण चीन सागर के उत्तर में स्थित है, दक्षिण चीन सागर (South China Sea) को लेकर चीन, फिलिपींस, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई आदि देशों के बीच संप्रभुता का विवाद बना हुआ है।
  • भारत, दक्षिण कोरिया के साथ इस प्रकार के रक्षा समझौते के माध्यम से अपनी पहुँच दक्षिण चीन सागर तक स्थापित करना चाहता है जिससे वह चीन की शक्ति को हिन्द महासागर में संतुलित कर सके।
  • दक्षिण कोरिया एक विनिर्माण अर्थव्यवस्था है, इसलिये वह भारत के बाज़ार में पहुँच प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है वहीं भारत, दक्षिण कोरिया की विशेषज्ञता और कौशल का प्रयोग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में करना चाहता है।
  • इसके अतिरिक्त भारत, दक्षिण कोरिया की पूंजी का निवेश भारत में करना चाहता है। इसी के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों में निवेश हेतु समझौते के प्रयास चल रहे हैं।

भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों में चुनौतियाँ:

  • भारत, दक्षिण कोरिया के साथ समझौता करके सामरिक और व्यापारिक दृष्टि से चीन को दरकिनार करना चाहता है लेकिन हमें नही भूलना चाहिये कि दक्षिण कोरिया का भारत की अपेक्षा चीन से व्यापार लगभग 10 गुना अधिक है।
  • मुक्त व्यापार समझौते को लेकर दोनों देशों के बीच असमंजस की स्थिति बरकरार है, इसलिये भारत और दक्षिण कोरिया के बीच व्यापार अपेक्षित गति नहीं प्राप्त कर पा रहा है।
  • हाल ही में दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के संबंध सामान्य हुए हैं और अप्रत्यक्ष तौर पर यह माना जाता है कि उत्तर कोरिया तथा पाकिस्तान के बीच परमाणु कार्यक्रमों को लेकर साझेदारी है जो भारत के लिहाज़ से चिंता का विषय है।

भारत और दक्षिण कोरिया का संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से मज़बूत रहा है इसलिये वर्तमान समय के असमंजस को दरकिनार करते हुए दोनों देश एक-दूसरे की प्रगति में आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


शासन व्यवस्था

पोस्टल बैलट की सीमा का विस्तार

चर्चा में क्यों?

निर्वाचन आयोग (Election Commission-EC) ने केंद्रीय कानून मंत्रालय (Union Law Ministry) के समक्ष पोस्टल बैलट (Postal Ballots) की सीमा का विस्तार करने का प्रस्ताव किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • निर्वाचन आयोग के इस कदम से एविएशन सेक्टर, शिपिंग सेक्टर, रेलवे, अग्निशमन सेवाओं, चिकित्सा सेवाओं, यातायात सेवाओं आदि से जुड़े लोगों तथा दिव्यांगों एवं बुजुर्गों तक इस सेवा का लाभ पहुँचाया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त इसमें उन पत्रकारों को भी शामिल किया गया है जो चुनाव का कवरेज करेंगे।
  • EC के इस कदम में मुख्यतः उन लोगों को जोड़ने का विचार है जो अपने कार्य की प्रकृति के कारण चुनाव में भाग नहीं ले पाते हैं।
  • निर्वाचन आयोग ने इस कार्य के लिये कानून मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 (Representation of the People’s Act, 1951) तथा निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 (Conduct of Election Rules, 1961) में संशोधन करे।

जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951

(Representation of the People’s Act, 1951)

  • जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 को संसद द्वारा संविधान के अनुच्छेद 327 के तहत पारित किया गया था।
  • चुनावों का आयोजन कराने संबंधी सभी मामले जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के प्रावधानों के तहत आते हैं।
  • इस कानून की धारा 169 के तहत निर्वाचन आयोग के परामर्श से केंद्र सरकार ने निर्वाचक पंजीकरण नियम 1961 बनाया है।
  • इस कानून और नियम में सभी चरणों में चुनाव आयोजित कराने, चुनाव की अधिसूचना, नामांकन पत्र दाखिल करने, नामांकन पत्रों की जाँच, उम्मीदवार द्वारा नाम वापस लेना, चुनाव कराना, मतगणना और घोषित परिणाम के आधार पर सदनों के गठन के लिये विस्तृत प्रावधान किये गए हैं।

पोस्टल बैलट प्रणाली

किसी भी लोकतंत्र के लिये चुनाव सबसे महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया होती है और देश के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व होता है कि वह इस प्रक्रिया में भाग ले, परंतु कभी-कभी कुछ लोगों के लिये संभव नहीं होता कि वे प्रत्यक्ष रूप से इसमें भाग ले सकें। इस प्रकार की स्थिति में निर्वाचन आयोग इन लोगों को पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान की सुविधा प्रदान करता है।

इतिहास

  • भारत में पोस्टल बैलट की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 21 अक्तूबर, 2016 को निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 के नियम 23 में संशोधन करके की गई थी।

पोस्टल बैलट से निम्नलिखित लोगों को मतदान करने का अधिकार है:

  • चुनाव कार्यों में कार्यरत अधिकारी
  • सशस्त्र बलों के कर्मचारी
  • देश के बाहर कार्यरत सरकारी कर्मचारी
  • सेना अधिनियम, 1950 के तहत आने वाले सभी बल

पोस्टल बैलट से मतदान की प्रक्रिया

पोस्टल बैलट से मतदान की प्रक्रिया में सर्वप्रथम निर्वाचन आयोग द्वारा डाक मतपत्र को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मतदाता तक पहुँचाया जाता है। यदि मतदाता किसी ऐसे स्थान पर है जहाँ इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मतपत्र पहुँचाना संभव नहीं है तो उसके पास डाक के माध्यम से मतपत्र भेजा जाता है। मतपत्र प्राप्त करने के बाद मतदाता को अपने विवेकानुसार विकल्प का चुनाव कर डाक के माध्यम से मतपत्र वापस भेजना होता है।

आगे की राह

  • सरकार द्वारा हाल ही में पंजीकृत अनिवासी भारतीय (Non Resident Indian-NRI) मतदाताओं को प्रॉक्सी (Proxies) की नियुक्त करने की अनुमति दी गई थी, ताकि प्रॉक्सी उनकी ओर से वोट डाल सके। यह एक सराहनीय कदम है एवं इससे कई अन्य लोगों को भी देश की चुनाव प्रणाली से जोड़ा जा सका था।
  • यह सुनिश्चित करने के लिये कि पोस्टल बैलट जारी करने की प्रक्रिया नियंत्रित एवं सुव्यवस्थित हो, चुनाव आयोग ने इस प्रकार की सुविधा को किसी विशिष्ट केंद्र के माध्यम से किसी विशिष्ट दिन पर देने का विचार किया है, जिसका चुनाव अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण भी किया जाएगा।
    • यह पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान में अनुचित प्रभाव और हस्तक्षेप की संभावना को खत्म करने में मदद करेगा।
  • दिव्यांगों एवं बुजुर्गों के लिये पोस्टल बैलट पेपर उन्ही के घर पर भेजा जा सकता है, जिसके बाद उसी वक्त उसे वहीं से वापस एकत्र किया जा सकता है।

एक सच्चे लोकतंत्र में उन सभी मार्गों का पता लगाना आवश्यक है जो सभी योग्य मतदाताओं को मताधिकार का उपयोग करने में सक्षम बना सकते हैं। अतः निर्वाचन आयोग द्वारा किया गया यह प्रस्ताव स्वागत योग्य है एवं कानून मंत्रालय को इसे जल्द-से-जल्द अमली जामा पहनाने का प्रयास करना चाहिये।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

विक्रम लैंडर के साथ इसरो का संपर्क टूटा

चर्चा में क्यों?

चंद्रयान 2 (Chandrayaan 2) के लैंडर 'विक्रम' (Vikram) से संपर्क टूट जाने के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट यान उतारने वाला पहला देश बनकर इतिहास रचने का भारत का प्रयास संभवत: निराशा में बदल गया।

chandrayaan

प्रमुख बिंदु

  • विक्रम लैंडर योजना इसरो द्वारा पूर्व निर्धारित योजना के अनुरूप ही उतर रहा था और निर्धारित गंतव्य से 2.1 किलोमीटर (1.3 मील) पहले तक उसका प्रदर्शन सामान्य था। उसके बाद लैंडर (विक्रम) से संपर्क टूट गया।
  • सॉफ्ट लैंडिंग के लिये यान की गति 6048 किमी. प्रतिघंटा से कम कर 7 किमी. प्रति घंटा या उससे भी कम करने की उम्मीद की जा रही थी।
  • यदि चंद्रयान -2 मिशन सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड करता तो भारत चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला विश्व का चौथा राष्ट्र बन जाता।
  • हालाँकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार, चंद्रयान 2 का लैंडर विक्रम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया। इससे मिशन को पूरी तरह से विफल नहीं कहा जा सकता है। चंद्रयान 2 ने अपना 95 प्रतिशत काम पूरा किया है। चंद्रयान 2 ऑर्बिटर के रूप में सफलतापूर्वक चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है।
    • ऑर्बिटर का मिशन कार्यकाल एक वर्ष है।
    • ऑर्बिटर का मुख्य कार्य चंद्रमा का नक्शा तैयार करना, सौर विकिरण की तीव्रता का परीक्षण करना और मैग्नीशियम, एल्युमिनियम, सिलिकॉन, कैल्शियम, टाइटेनियम, आयरन एवं सोडियम आदि जैसे प्रमुख तत्त्वों की उपस्थिति की जाँच करना है।
    • यह चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में पानी-बर्फ का मात्रात्मक अनुमान लगाने का प्रयास करेगा।
  • चंद्रयान-2, चंद्रयान-1 मिशन की ही अगली कड़ी है। चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं। चंद्रयान-2 का उद्देश्‍य चंद्रमा पर उतकर उसकी सतह के अध्‍ययन के लिए रोवर फिट करना था ताकि चंद्रयान-1 के वैज्ञानिक कार्यों का दायरा और बढ़ाया जा सके।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (07 September)

  • असम स्थित भारतीय रेल का तिनसुकिया देश का 4000वाँ ऐसा स्टेशन बन गया है जहाँ रेलवे द्वारा यात्रियों तथा आसपास के नागरिकों के लिये निः शुल्क WiFi सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पूर्वोत्तर में रेल नेटवर्क के साथ यह सुविधा अब वहाँ के लोगों को तकनीक की दुनिया से जुड़ने में सहायता करेगी व उनके सशक्तीकरण में सहायक होगी। गौरतलब है कि भारतीय रेल ने विगत एक महीने में 1000 स्टेशनों पर निः शुल्क WiFi सेवा शुरू की है तथा इसका लक्ष्य हाल्ट स्टेशनों को छोड़कर अपने सभी स्टेशनों पर सार्वजनिक WiFi सेवा शुरू करना है। रेलवे स्टेशनों पर निः शुल्क WiFi सुविधा रेलवायर WiFi नेटवर्क के ज़रिये दी जा रही है। रेलटेल की एक रिटेल ब्रॉडबैंड पहल रेलवायर के तहत यात्रियों को यह WiFi सेवा दी जा रही है। रेलटेल रेल मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक उपक्रम मिनी रत्न (श्रेणी-I) है तथा भारत में सबसे बड़ी तटस्थ दूरसंचार अवसंरचना प्रदाताओं में से एक है। विदित हो कि पहले चरण में भारतीय रेल ने 1600 स्टेशनों पर यह सेवा शुरू की थी, जबकि दूसरे चरण में इसी साल के अंत तक सभी 5779 स्टेशनों पर यह सेवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
  • ब्राज़ील के रियो डि जेनेरियो में हाल ही में समाप्त हुई ISSF विश्व कप प्रतियोगिता में भारत ने अधिकतम संभावित पदक जीतकर नया कीर्तिमान बनाया। युवा मनु भाकर और सौरभ चौधरी ने 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्द्धा का स्वर्ण पदक जीता तथा अभिषेक वर्मा और यशस्विनी देसवाल ने रजत पदक जीता। इन परिणामों के बाद भारत इस वर्ष ISSF विश्व कप के सभी चार चरणों में शीर्ष पर रहा, जिसमें जूनियर विश्व कप भी शामिल है। महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में दुनिया की नंबर एक निशानेबाज अपूर्वी चंदेला और दीपक कुमार ने मिश्रित एयर राइफल में स्वर्ण जीता। अंजुम मुद्गिल और दिव्यांश सिंह पंवार ने कांस्य पदक जीते। मनु भाकर और सौरभ चौधरी ISSF के चारों विश्व कप चरणों में मिश्रित टीम एयर पिस्टल का स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। इस प्रकार भारत ने इस वर्ष ISSF विश्व कप के चार चरणों में 22 पदक जीत लिये, जिसमें 16 स्वर्ण शामिल हैं।
  • पाकिस्तान में पहली बार सिंध पुलिस में पुष्पा कोहली नाम की एक हिंदू महिला को शामिल किया गया है। पुष्पा कोहली को सिंध प्रांत में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के तौर पर तैनात किया गया है। वह हिंदू समुदाय की पहली महिला हैं जिन्होंने सिंध पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित प्रोविंशियल कॉम्पिटिटिव एग्जामिनेशन पास किया है। गौरतलब है कि इस साल जनवरी में पाकिस्तान की हिंदू समुदाय की सुमन पवन बोदानी को सिविल और जुडिशल मैजिस्ट्रेट कोर्ट में जज नियुक्त किया गया था। हिंदू समुदाय पाकिस्तान का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। सरकारी आँकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं, जिनमें से अधिकतर सिंध में आबाद हैं।
  • बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को वेटिकन द्वारा 'लैम्प ऑफ पीस ऑफ सेंट फ्रांसिस' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें शांति और सद्भाव स्थापित करने में योगदान के लिये सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार लोगों के बीच शांति और संवाद को बढ़ावा देने के लिये किसी एक व्यक्ति के कार्यों को मान्यता देने हेतु दिया जाता है। ‘द लैंप ऑफ पीस ऑफ सेंट फ्रांसिस' पुरस्कार पहली बार वर्ष 1981 में पोलैंड ट्रेड यूनियन लीडर लेख वालेसा को दिया गया था, जो बाद में वहाँ के राष्ट्रपति भी बने। इसके अलावा प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को वर्ष 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक के साथ संयुक्त रूप से मिला था। वर्ष 2000 में मोहम्मद यूनुस ने ही ग्रामीण बैंक की नींव रखी थी, जिसने बांग्लादेश में गरीबों को कर्ज़ मुहैया करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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