भारतीय अर्थव्यवस्था
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के अंतर्गत आनुवंशिक विकारों को कवर करना आवश्यक नहीं: IRDAI
चर्चा में क्यों?
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य बीमा पालिसी के अंतर्गत आनुवंशिक विकारों को शामिल करना आवश्यक नहीं है। उल्लेखनीय है कि बीमा विनियामक ने इससे पूर्व बीमाकर्त्ताओं को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे कि आनुवंशिक विकारों के बहिष्कार के आधार पर मौजूदा स्वास्थ्य नीतियों पर किये जाने वाले दावों को खारिज नहीं किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उठाया कदम
- यह कदम सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद उठाया गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर आंशिक रूप से रोक लगा दी थी।
- उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिये गए फैसले में कहा गया था कि आनुवंशिक विकारों को स्वास्थ्य नीतियों के अंतर्गत शामिल न करना असंवैधानिक है।
- वर्तमान में कुछ हृदय रोग और हेमोफिलिया जैसे आनुवंशिक विकारों को स्वास्थ्य बीमा के अंतर्गत कवर नहीं किया जाता है।
क्या कहा था दिल्ली हाईकोर्ट ने?
- फरवरी 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि "बीमा पॉलिसी में आनुवंशिक विकारों का बहिष्कार करने वाला खंड बहुत व्यापक, संदिग्ध और भेदभावपूर्ण है"।
- इसने IRDAI को इस खंड पर दोबारा गौर करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि बीमा कंपनिययाँ आनुवंशिक विकारों से संबंधित बहिष्कारों के आधार पर दावों को अस्वीकार न करें।
- दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देशों का अनुसरण करते हुए विनियामक ने सभी बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य नीतियों से आनुवंशिक विकारों को बाहर नहीं करने का निर्देश दिया था।
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के बारे में
- भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण इरडा एक स्वायत सांविधिक एजेंसी है जिसका कार्य भारत में बीमा और पुनः बीमा करने वाले उद्योगों का नियमन करना और उन्हें बढ़ावा देना है|
- इसे बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम,1999 के तहत भारत सरकार द्वारा गठित किया गया था|
सामाजिक न्याय
सर्वोच्च न्यायालय ने धारा 377 को अपराधमुक्त घोषित किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय की पाँच न्यायाधीशीय संवैधानिक खंडपीठ ने चार अलग-अलग लेकिन समेकित निर्णयों में आपसी सहमति से दो समान लिंग वाले व्यक्तियों के बीच बनने वाले यौन संबंधों को वैध घोषित किया।
प्रमुख बिंदु
- इसने 2013 के फैसले को संवैधानिक रूप से अस्वीकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय समलैंगिकता को अपराध मानने को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रहा था।
- पाँच न्यायाधीशीय खंडपीठ की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने की और इसमें जस्टिस आर.एफ. नरीमन, ए.एम. खानविलकर, डी.वाई. चंद्रचूड़ और इंदु मल्होत्रा शामिल थे।
- यह फैसला नर्तक जौहर, पत्रकार सुनील मेहरा, शेफ रितु डालमिया, होटल उद्यमी अमन नाथ और केशव सूरी तथा बिज़नेस एक्जीक्यूटिव आयशा कपूर द्वारा दायर की गई पाँच याचिकाओं के संबंध में था।
- इस वर्ष की शुरुआत में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई चार दिवसीय सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा था कि वह याचिकाओं का प्रतिरोध नहीं करेगा और फैसले को "न्यायालय की बुद्धिमत्ता" पर छोड़ देगा।
क्या है धारा 377?
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 का संबंध अप्राकृतिक शारीरिक संबंधों से है। इसके अनुसार यदि दो लोग आपसी सहमति अथवा असहमति से आपस में अप्राकृतिक संबंध बनाते हैं और दोषी करार दिये जाते हैं तो उनको 10 वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सज़ा हो सकती है। अधिनियम में इस अपराध को संज्ञेय तथा गैर-जमानती अपराध माना गया है।
- यद्यपि व्यक्ति के चयन की स्वतंत्रता को महत्त्व देते हुए 2009 में हाईकोर्ट ने आपसी सहमति से एकांत में बनाए जाने वाले समलैंगिक संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर करने का निर्णय दिया था। किंतु 2013 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समलैंगिकता की स्थिति में उम्रकैद के प्रावधान को पुनः बहाल करने का फैसला दिया गया।
प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 07 सितंबर, 2018
इंडियन ओसियन वेव एक्सरसाइज़ 2018 हाल ही में भारत ने 23 अन्य देशों के साथ हिंद महासागर क्षेत्र में आयोजित सुनामी मॉक अभ्यास IOWave 18 (Indian Ocean Wave Exercise- IOWave) में भाग लिया।
IOC-UNESCO
INCOIS
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तुर्की में 87वें इज़मीर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन किया जा रहा है तथा भारत इस व्यापार मेले में एक बड़ा बिज़नेस पैविलियन ‘सोर्स इंडिया’ लॉन्च करेगा।
TPCI
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-----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------‘आपूर्ति’
हाल ही में रेल मंत्रालय और रेल सूचना सेवा केंद्र ने ‘मोबिलिटी के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया तथा इस दौरान भारतीय रेल ई-खरीद प्रणाली (Indian Railways E-Procurement System -IREPS) से संबंधित मोबाइल ‘आपूर्ति’ को लॉन्च किया गया।
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गृह मंत्रालय ने अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा प्रचारित एक निजी पहल 'भारत के वीर' जो शहीद हुए अर्धसैनिक कर्मियों के परिवारों को सहायता प्रदान करता है, को ट्रस्ट के रूप में मान्यता दे दी है।
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भारत-विश्व
भारत और अमेरिका की पहली 2+2 वार्ता
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत-अमेरिका के बीच पहली 2+2 वार्ता संपन्न हुई। इस वार्ता के दौरान अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस और राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने राजनीतिक और सुरक्षा संबंधों को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से अपने भारतीय समकक्ष रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ कई महत्त्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
वार्ता संबंधी प्रमुख बिंदु
- दोनों सरकारों के बीच 50 से अधिक द्विपक्षीय वार्ता तंत्र है किंतु भारत के प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच शिखर स्तर की भागीदारी के बाद यह सहभागिता का सबसे उच्चतम स्तर है।
- इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये सहयोग करने की बात को दोहराया साथ ही दोनों देशों के बीच आर्थिक विकास, समृद्धि और प्रगति के बारे में दोनों देशों के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने पर ज़ोर दिया।
- दोनों देशों के समकक्ष, संयुक्त राष्ट्र और फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों के माध्यम से मज़बूत संबंधों को स्थापित करने पर सहमत हुए।
- इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच हॉटलाइन शुरू करने का भी निर्णय लिया गया है जिससे दोनों रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच सीधा संपर्क स्थापित हो जाएगा।
- वर्तमान में भारत और अमेरिका के सुरक्षा बल साथ-साथ प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं और इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिये वर्ष 2019 में भारत के पूर्वी तट पर अमेरिकी बलों के साथ पहली बार तीनों सेनाएँ संयुक्त अभ्यास करेंगी, का निर्णय लिया गया।
- अमेरिका द्वारा भारत को अपना प्रमुख रक्षा साझेदार बनाने के विषय पर विस्तार से चर्चा हुई।
- उल्लेखनीय है किअमेरिका ने भारत को STA-1 का दर्जा प्रदान किया है।
सामरिक व्यापार प्राधिकरण या स्ट्रैटजिक ट्रेड ऑथोराइज़ेशन (STA)
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- बैठक के दौरान‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत भारत में रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहन देने के संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जायजा लिया गया।
- इस वार्ता के दौरान सैन्य संचार से संबंधित समझौते COMCASA पर हस्ताक्षर किये गए।
COMCASA
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- साथ ही इस तकनीक की मदद से भारत को चीन पर नज़र रखने में भी मदद मिलेगी।
- इसके अलावा आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों ने साथ लड़ने का फैसला किया।
- महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस वार्ता से दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र दक्षिण अफ्रीका और हिंद महासागर में चीन के विस्तार के प्रभाव को कम करने हेतु बेहद नज़दीक आ गए हैं।
- दोनों देशों के समकक्षों द्वारा दक्षिण एशिया की स्थिति पर भी चर्चा की गई तथा भारत ने राष्ट्रपति ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति का समर्थन भी किया।