डेली न्यूज़ (05 Sep, 2018)



10 से अधिक शाखा वाले बैंकों को नियुक्त करना होगा आतंरिक लोकपाल: रिज़र्व बैंक

चर्चा में क्यों?

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ग्राहकों के लिये शिकायत निवारण तंत्र को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से बैंकिंग लोकपाल योजना को और अधिक सख्त बनाते हुए बैंकों में आतंरिक लोकपाल की नियुक्ति करने का आदेश दिया है जिससे बैंक के खिलाफ ग्राहकों की शिकायतों का जल्द निपटारा किया सकेगा।

प्रमुख बिंदु

  • भारतीय रिज़र्व बैंक ने उन सभी वाणिज्यिक बैंकों जिनकी शाखाएँ 10 या उससे अधिक हैं, को ग्राहकों की ऐसी शिकायतों की समीक्षा करने के लिये एक स्वतंत्र आंतरिक लोकपाल (Internal Ombudsman- IO) नियुक्त करने का निर्देश दिया है।
  • आतंरिक लोकपाल, ग्राहकों की ऐसी शिकायतों का निपटारा करेगा जो बैंक द्वारा दी जाने वाली सेवा में कमी से संबंधित हो तथा जिन्हें बैंक द्वारा ख़ारिज कर दिया गया हो।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक के ज़ारी किये गए ये निर्देश वाणिज्यिक बैंकों द्वारा प्रायोजित क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पर लागू नहीं होंगे।
  • रिज़र्व बैंक के अनुसार, बैंकों को ऐसी शिकायतें आतंरिक लोकपाल के पास भेजनी चाहिये, जिनका निपटारा वे नहीं कर पाए हैं। अतः  ग्राहकों को सीधे आतंरिक लोकपाल से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं होगी।

लोकपाल योजना 2018

  • बैंक में आतंरिक लोकपाल योजना 2018 के अंतर्गत यह अनिवार्य है कि बैंक आतंरिक लोकपाल का कार्यकाल 3 से 5 वर्ष निश्चित करे जिसका नवीनीकरण नहीं किया जा सकता। 
  • आतंरिक लोकपाल को केवल रिज़र्व बैंक की पूर्व सहमति के आधार पर ही उसके पद से हटाया जा सकता है।
  • आतंरिक लोकपाल को दिये जाने वाले पारिश्रमिक का निर्णय बोर्ड की ग्राहक उप-समिति द्वारा किया जाना चाहिये, न कि किसी भी व्यक्ति द्वारा।
  • रिज़र्व बैंक के अनुसार की लोकपाल योजना 2018 में आतंरिक लोकपाल की नियुक्ति/कार्यकाल, भूमिका और ज़िम्मेदारियाँ, प्रक्रियात्मक दिशा-निर्देश और निरीक्षण शामिल हैं।
  • लोकपाल योजना 2018 के कार्यान्वयन की निगरानी भारतीय रिज़र्व बैंक के नियामक निरीक्षण के अलावा बैंक के आतंरिक लेखा परीक्षा तंत्र द्वारा भी की जाएगी।

पृष्ठभूमि

  • बैंकिंग लोकपाल योजना बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली कतिपय सेवाओं से संबंधित शिकायतों के समाधान में सहायता प्रदान करने और इन शिकायतों के संतोषजनक हल अथवा निपटान करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। 
  • इसके अंतर्गत एक 'बैंकिंग लोकपाल' की नियुक्ति की जाती है, जो अर्ध-न्यायिक प्राधिकारी होता है। 
  • 'बैंकिंग लोकपाल योजना' 1995 में लागू की गई थी, लेकिन बैंकों द्वारा स्वच्छ, पारदर्शी, भेदभाव रहित और ज़िम्मेदारी पूर्वक बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2002 एवं 2006 में इस योजना के दायरे को बढ़ाते हुए इसमें संशोधन किये गए।

निर्माण श्रमिकों के लाभों की जाँच के लिये लेखा परीक्षा

चर्चा में क्यों?

निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड श्रमिकों को पंजीकृत कर रहे हैं या नहीं, उन्हें लाभ दे रहे हैं या नहीं इसकी जाँच के लिये और अवैध रूप से पंजीकृत गैर-श्रमिकों को बाहर निकालने के लिये सामाजिक लेखा परीक्षा पायलट परियोजनाएँ शीघ्र ही राजस्थान और दिल्ली में शुरू होने वाली हैं।

प्रमुख बिंदु

  • हाल ही में श्रम मंत्रालय द्वारा भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (रोज़गार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 (BOCW) के कार्यान्वयन पर सामाजिक लेखा परीक्षा के लिये मसौदा रूपरेखा जारी की गई। इसमें लेखा परीक्षा का प्रारूप विस्तार से रखा गया है।
  • निर्माण उद्योग भारत का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता है, एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में पाँच से सात करोड़ श्रमिक कार्यरत हैं, जिनमें से आधे से कम पंजीकृत हैं।
  • BOCW सामाजिक लेखा परीक्षा का उद्देश्य हर दो साल में सभी ज़िलों को कवर करना है, इस प्रक्रिया का नेतृत्त्व कर रहे सिविल सोसाइटी संगठनों के अनुसार, पायलट परियोजनाएँ दिल्ली के भवाना वार्ड और उदयपुर ज़िले के ब्लॉक (अभी तक तय किया जाना बाकी) में क्रियान्वित की जाएंगी।

कार्य-स्थलों का मुआयना

  • निर्माण श्रम पर केंद्रीय विधान के लिये राष्ट्रीय अभियान समिति (NCC-CL) के अधिकारियों द्वारा यह जाँचने हेतु कि कितने श्रमिक कल्याण बोर्डों के साथ पंजीकृत हैं, सभी निर्माण स्थलों सहित उन स्थानों का भी मुआयना किया जाएगा जहाँ श्रमिक रहते हैं।
  • इसके अतिरिक्त लेखा परीक्षा दल द्वारा इन ममलों की भी जाँच की जाएगी कि “क्या श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्तियाँ मिल रही हैं जिनके वे हकदार हैं?  जिन श्रमिकों ने विभिन्न लाभों (पेंशन, मातृत्व आदि) के लिये आवेदन किया है उन्हें कितनी लंबी अवधि तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है? यदि श्रमिकों को बच्चों के केवल दो या तीन साल की उम्र  होने तक मातृत्व लाभ मिलता है, तो इसका क्या उपयोग होता है? "
  • सामाजिक लेखा परीक्षा दल उन श्रमिकों की भी खोज करेगा जिन्होंने पंजीकरण नहीं कराया है और उन कारणों को भी खोजने का प्रयास करेगा जो उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश

  • NCC-CL की याचिका पर 19 मार्च के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह विचार व्यक्त किया कि केंद्र और राज्यों ने बीओसीडब्ल्यू को लागू करने के पिछले निर्देशों का "दंडमुक्ति के साथ उल्लंघन" किया था और न्यायालय ने यह निर्देश दिया कि इसके लिये सरकार को ज़िम्मेदार ठहराए जाने हेतु सामाजिक लेखा परीक्षा आयोजित की जाएगी।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि पंजीकरण प्रयासों में उत्तरदायित्व के बिना BOCW का कोई उपयोग नहीं होगा।
  • फैसले में न्यायालय ने कहा कि, “न्यायालय में दर्शाए गए आँकड़ों के अनुसार देश में 4.5 करोड़ से अधिक भवन और अन्य निर्माण श्रमिक हैं। पहले 2.15 करोड़ श्रमिक पंजीकृत किये गए थे और अब तक पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 2.8 करोड़ हो चुकी है। इन आँकड़ों की प्रामाणिकता पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा सकता। किसी भी घटना में भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण आवश्यक संख्या से काफी नीचे है और यह भी एक अनुमान मात्र है।"

प्रीलिम्स फैक्ट्स:5 सितंबर, 2018

मिशन होप

हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में मिशन पर भेजने हेतु अपने पहले दो अंतरिक्ष यात्रियों का चयन किया है। 

  • हज्ज़ा अल-मंसौरी (Hazza al-Mansouri) और सुल्तान अल-नेदी (Sultan al-Neyadi) को UAE के इस अंतरिक्ष मिशन के लिये चुना गया है। 
  • तेल समृद्ध UAE ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि वह 2021 तक मंगल ग्रह की कक्षा में मानव रहित यान भेजेगा और इस तरह का मिशन शुरू करने वाला पहला अरब देश बनेगा।
  • UAE द्वारा इस मिशन को ‘होप’ नाम दिया गया है।
  • UAE के इस कार्यक्रम की अनुमानित लागत 20 बिलियन दिरहम (5.4 बिलियन डॉलर) है।
  • अंतरिक्ष यात्री कार्यक्रम शुरू करने के साथ ही UAE अंतरिक्ष में यात्री भेजने वाले मध्य पूर्व के कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा। 
  • उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व सऊदी अरब के सुल्तान बिन सलमान अल-सऊद अंतरिक्ष में गए थे।

‘स्पेस एलिवेटर’

  • जापान में वैज्ञानिकों की एक टीम ने स्पेस एलिवेटर (लिफ्ट) विकसित किया है जिसका प्रयोग जल्दी ही किया जा सकता है।
  • शिज़ुका विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित परीक्षण उपकरण को दक्षिणी द्वीप तनेगाशिमा (Tanegashima) से जापान की अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा H-2B रॉकेट द्वारा लॉन्च किया जाएगा।
  • परीक्षण में 6 सेमी. लंबे, 3 सेमी. चौड़े और 3 सेमी. ऊँचाई वाले एक डिब्बे के भीतर एक छोटा एलिवेटर स्टैंड शामिल है। 
  • यदि यह परीक्षण सफल रहा तो अंतरिक्ष में दो मिनी सैटेलाइट्स के बीच 10 मीटर लंबाई तक का केबल लगाया जा सकेगा जिससे दोनों सैटेलाइट एक-दूसरे से अच्छी तरह संपर्क में रहेंगे।
  • एलिवेटर बॉक्स की प्रत्येक गतिविधि पर नज़र रखने के लिये सैटेलाइट में कैमरे भी लगाए जाएंगे।
  • अंतरिक्ष में एलिवेटर का विचार पहली बार रूस के वैज्ञानिक कॉन्स्टानटिन तॉसिल्कोवास्की (Konstantin Tsiolkovsky) ने 1895 में दिया था उन्होंने यह विचार एफिल टावर को देखने के बाद दिया था। उसके एक सदी बाद ऑर्थर सी क्लार्क (Arthur C. Clarke) ने अपने उपन्यास में भी इस विचार को दोहराया था।
  • जापान की निर्माण कंपनी ओबायाशी वर्ष 2050 तक स्वयं द्वारा निर्मित एलिवेटर के माध्यम से इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रही है।

आरिफ़ रहमान अल्वी

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) पार्टी के डॉ. आरिफ़ रहमान अल्वी को पाकिस्तान के 13वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया है।

  • डॉ. आरिफ़ ने पीएमएल-एन समर्थित उम्मीदवार मुत्ताहिद मजलिस-ए-अमाल (MMA) के प्रमुख फ़ज़लुर्रहमान और PPP के वरिष्ठ नेता ऐताज़ एहसान को हराकर यह चुनाव जीता है।

काज़ींड

  • संयुक्त सैन्याभ्यास 'काज़ींड' (KAZIND) कज़ाखस्तान के ओतर क्षेत्र में 10 से 23 सितंबर 2018 तक भारतीय और कज़ाखस्तान की सेना के बीच आयोजित किया जाएगा।
  • यह दोनों देशों के बीच तीसरा संयुक्त सैन्याभ्यास है ।
  • इस सैन्याभ्यास का दूसरा संस्करण पिछले वर्ष भारत में आयोजित किया गया था।
  • इस अभ्यास का उद्देश्य कज़ाखस्तान और भारतीय सेना के बीच सैन्य संबंधों और विनिमय कौशल तथा अनुभवों के लिये द्विपक्षीय सेना के निर्माण और प्रसार को बढ़ावा देना है।

भारत करेगा एफ-16 लड़ाकू विमान के विंग्स का निर्माण

चर्चा में क्यों?

अमेरिकी एयरोस्पेस की दिग्गज कंपनी लॉकहीड मार्टिन कॉर्प ने भारत में एफ-16 विमान के विंग्स के निर्माण कार्य को शुरू करने हेतु एक समझौते की घोषणा की है।

उद्देश्य

  • इस रणनीतिक पहल का मुख्य उद्देश्य टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) के भविष्य के सभी ग्राहकों के लिये विंग्स प्रदाता बनने और एफ -16 की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उसकी भूमिका को मज़बूती प्रदान करना है।
  • भारत में एफ -16 विंग्स का निर्माण टाटा के साथ लॉकहीड मार्टिन की रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने के साथ ही 'मेक इन इंडिया' का समर्थन करेगा।

प्रमुख बिंदु

  • टाटा संस की पूर्ण स्वामित्त्व वाली सहायक TASL टाटा समूह की रणनीतिक एयरोस्पेस और रक्षा शाखा है, साथ ही यह एक ऑपरेटिंग और होल्डिंग कंपनी है।
  • केंद्र सरकार द्वारा भारतीय वायुसेना के लिये एफ-16 विमान की खरीद से इस उत्पादन योजना का कोई संबंध नहीं है।
  • पिछले ही वर्ष दोनों कंपनियों ने भारत में एफ -16 ब्लॉक 70 का उत्पादन करने के लिये अपनी मंशा व्यक्त की थी।

लॉकहीड मार्टिन के बारे में 

  • यह वैश्विक सुरक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र से जुड़ी कंपनी है, जो दुनिया भर में लगभग 100,000 लोगों को रोज़गार प्रदान करती है।
  • मुख्य रूप से यह निरंतर अनुसंधान, डिज़ाइन, विकास, निर्माण, एकीकरण और उन्नत प्रौद्योगिकी प्रणालियों, उत्पादों एवं सेवाओं की पूर्ति के कार्य में लगी हुई है।
  • इसका मुख्यालय बेथेस्डा, मैरीलैंड में है।

क्या है एफ -16 ब्लॉक 70?

  • ब्लॉक 70 नवीनतम लड़ाकू विमान है और एफ -16 का सबसे उन्नत प्रारूप है, जिसमें कई उन्नत और  संरचनात्मक तकनीकों को शामिल किया गया है।
  • यह बेहतर रडार सिस्टम, उन्नत हथियारों लैस और बढ़ी हुई युद्ध क्षेत्र की क्षमताओं के अनुकूल भविष्य की ज़रूरतों को पूरा करने हेतु मज़बूत एवं मुकाबला करने योग्य विरासत को और आगे बढ़ाता है।
  • एफ -16 ब्लॉक 70 फाइटिंग फाल्कन की नवीनतम पीढ़ी है।