शासन व्यवस्था
EAT-Lancet आयोग की रिपोर्ट
चर्चा में क्यों?
हाल ही में स्वस्थ आहार पर EAT-Lancet आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के बारे में
- EAT-Lancet रिपोर्ट ने पहली बार वैज्ञानिक तौर पर स्वस्थ आहार में शामिल होने वाले आहारों के बारे में बताया गया है।
- यह रिपोर्ट 37 अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई है जिनमें 2 भारतीय विशेषज्ञ भी शामिल हैं।
- पिछले 50 वर्षों में हम लोग आहार की पोषकता के मामले में पिछड़ गए हैं। यह आहार प्रणाली में हुए वैश्विक परिवर्तन का नतीजा है।
- दुनिया भर में करोड़ों लोग भूखे रहते हैं और अधिकांश लोग अस्वस्थ आहार प्रणाली अपना रहे हैं।
- इसकी वज़ह से होने वाली मौतों की संख्या एल्कोहल, ड्रग्स और तंबाकू को मिलाकर होने वाली मौतों से भी ज़्यादा है।
- आहार प्रणाली में परिवर्तन के लिये आयोग ने कुछ उपाय सुझाए हैं जिनमें अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों पर कर प्रत्यारोपण, स्वस्थ आहार के लिये सब्सिडी देना, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में मज़बूत नेतृत्व तथा नागरिक समाज को स्वस्थ आहार के प्रति जागरूक करना इत्यादि शामिल हैं।
- आयोग का कहना है कि उसके द्वारा अनुशंसित आहार से वयस्क मौतों की संख्या 19 से 23.6% तक कम हो सकती है।
- स्वस्थ आहार को अपनाकर हर वर्ष दुनिया भर में समय से पूर्व होने वाली मौतों की संख्या (लगभग 10-11 मिलियन) को कम किया जा सकता है।
- भारत की तरफ से इस अध्ययन में शामिल दो विशेषज्ञों में से एक डॉक्टर के श्रीनाथ रेड्डी हैं, जो पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट हैं।
- उनके अनुसार, भारत को चावल और गेहूँ के अलावा कम कीमत में विभिन्न प्रकार के अनाज, फलों और सब्जियों की खपत को बढ़ावा देने और उनकी व्यापक स्तर पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने की ज़रूरत है।
- साथ ही आयरन, जिंक, फोलेट और विटामिन’A’ जैसे आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्त्वों से संपन्न खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने की जरूरत है, जो शरीर में इन तत्त्वों की कमी को पूरा कर सकते हैं।
EAT
- EAT आहार प्रणाली में अनुकूल परिवर्तन के लिये एक विज्ञान आधारित वैश्विक मंच है।
- इसकी स्थापना स्टॉरडेलन फाउंडेशन, स्टॉकहोम रेजिलिएंस सेंटर और वेलकम ट्रस्ट द्वारा की गई है।
- यह एक गैर-लाभकारी संस्था है।
निष्कर्ष
- वैज्ञानिकों के अनुसार, वर्तमान में हमारी अस्वास्थ्यकर आहार प्रणाली से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ रहा है, ताज़े पानी की आपूर्ति घट रही है, भूमि उपयोग से समझौता हो रहा है, नाइट्रोजन और फॉस्फोरस चक्र समाप्त हो रहा है और जैव विविधता समाप्त हो रही है।
- अत: यदि हम आहार प्रणाली में उचित बदलाव नहीं लाते हैं तो हम संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
स्रोत: द हिंदू, eatforum.org
शासन व्यवस्था
सर्वेक्षण 2019- वृद्धि से परे महत्त्वाकांक्षा: UNESCAP
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एशिया एवं प्रशांत के लिये आर्थिक तथा सामाजिक आयोग (United Nations Economic and Social Commission for Asia and the Pacific-UNESCAP) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘सर्वेक्षण 2019- वृद्धि से परे महत्त्वाकांक्षा’ (Survey 2019-Ambitions Beyond Growth) है।
रिपोर्ट के निष्कर्ष
- 1,500 अरब डॉलर के अतिरिक्त सालाना निवेश यानी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन एक डॉलर का निवेश एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने (2030 तक) में सहायक साबित हो सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र (UN) ने सर्वेक्षण में पाया कि कई देशों की राजकोषीय क्षमता और निजी निवेश का लाभ उठाने की गुंजाइश को देखते हुए यह संभव लगता है।
- ध्यातव्य है कि 2030 तक 17 सतत् विकास लक्ष्य हमारी महत्त्वाकांक्षाओं को बढ़ाने हेतु एक स्पष्ट खाका प्रदान करते हैं।
- ऐसे देश जो भारी असमानता और पर्यावरणीय गिरावट का सामना कर रहे हों, उन्हें अपने विकास पथ को बदलना होगा जिसमें जनता और धरती को ध्यान में रखा जाना आवश्यक है।
- रिपोर्ट के अनुसार, जीडीपी वृद्धि को प्राथमिकता देने के पुराने प्रतिमान को हर कीमत पर बनाए रखना न तो संभव है और न ही वांछनीय।
एशिया और प्रशांत महासागर के लिये संयुक्त राष्ट्र का आर्थिक और सामाजिक आयोग
- एशिया और प्रशांत महासागर के लिये संयुक्त राष्ट्र का आर्थिक और सामाजिक आयोग (Economic and Social Commission for Asia and the Pacific- ESCAP) एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र की एक क्षेत्रीय विकास शाखा है।
- यह 53 सदस्य देशों और 9 एसोसिएट सदस्यों से बना एक आयोग है। इसका अधिकार क्षेत्र पश्चिम में तुर्की से पूर्व में किरिबाती तक और दक्षिण में न्यूज़ीलैंड से उत्तरी क्षेत्र में रूसी संघ तक फैला हुआ है।
- यही कारण है कि ESCAP संयुक्त राष्ट्र के पाँच क्षेत्रीय कमीशनों में सबसे व्यापक होने के साथ-साथ 600 से अधिक कर्मचारियों के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र की संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी संस्था है।
- इसकी स्थापना 1947 में की गई थी।
- इसका मुख्यालय थाईलैंड के बैंकॉक शहर में है।
- ESCAP सदस्य राज्यों हेतु परिणामोन्मुखी परियोजनाएँ विकसित करने, तकनीकी सहायता प्रदान करने और क्षमता निर्माण जैसे महत्त्वपूर्ण पक्षों के संबंध में कार्य करता है।
स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस
भारतीय अर्थव्यवस्था
मौद्रिक नीति समिति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वित्त वर्ष 2019-20 के लिये मौद्रिक नीति समिति की पहली द्विमासिक (Bi-monthly) बैठक संपन्न हुई।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिपॉजिट और अल्पकालिक ऋणों पर ब्याज दरों को बाहरी मानदंड (External Benchmark) से जोड़ने के लिये अपने प्रस्ताव को फ़िलहाल रोकने का फैसला किया है।
- गौरतलब है कि ब्याज दरों को बाहरी मानदंड से जोड़ने का उद्देश्य ऋण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है।
- वर्तमान में बैंक ऋण देने के लिये सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (Marginal Cost-based Lending Rate-MCLR) का पालन करते हैं।
बाहरी मानदंड
- बाहरी मानदंड में रेपो दर, भारत सरकार द्वारा 91 या 182 दिन के लिये जारी ट्रेज़री बिल या FBIL द्वारा जारी ब्याज दर के अन्य मानदंड शामिल हैं।
FBIL (Financial Benchmark India Private Ltd)
- फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (FBIL) को संयुक्त रूप से फिक्स्ड इन्कम मनी मार्केट एंड डेरिवेटिव एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FIMMDA), फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FEDAI) और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (IBA) द्वारा संयुक्त रूप से प्रमोट किया गया था।
- इसे कंपनी अधिनियम 2013 के तहत 9 दिसंबर, 2014 को बनाया गया था।
- इसे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2 मार्च, 2015 को एक स्वतंत्र बेंचमार्क व्यवस्थापक के रूप में मान्यता दी गई है।
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स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस
विविध
Rapid Fire करेंट अफेयर्स (05 April)
- संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'जायेद मेडल' से नवाज़ने का ऐलान किया है। उन्हें यह सम्मान भारत और UAE के आपसी संबंधों को मज़बूत करने के लिये दिया जा रहा है। इससे पहले महारानी एलिजाबेथ, जॉर्ज डब्ल्यू. बुश, व्लादिमीर पुतिन, निकोलस सरकोजी, शी जिनपिंग और एंजेला मर्केल को यह सम्मान मिल चुका है। UAE का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को ही दिया जाता है।
- भारतीय सेना के गश्ती दल ने 30 मार्च को अरुणाचल प्रदेश के रोइंग ज़िले से अमेरिकी वायुसेना के एक विमान का मलबा खोज निकाला, जो द्वितीय विश्व युद्ध के समय का है। सेना के गश्ती दल को विमान का मलबा पाँच फुट नीचे बर्फ में दबा मिला। मलबे के बारे में लोअर दिबांग ज़िले के स्थानीय पर्वतारोहियों से मिली जानकारी के आधार पर सेना के एक विशेष गश्ती दल को रोइंग से 30 किलोमीटर दूर घने जंगलों और बर्फीले इलाके में भेजा गया। गश्ती दल को मलबे को खोज निकालने में आठ दिन लग गए। विमान के पुराने मलबे और युद्ध में इस्तेमाल हुई चीज़ों के बरामद होने से कुछ अहम ऐतिहासिक जानकारियाँ मिलने की संभावना है।
- संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO), विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और यूरोपीय संघ की ‘ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस 2019’ से पता चला है कि युद्ध, जलवायु से जुड़ी आपदाओं और आर्थिक अशांति जैसे कारणों से पैदा हुए खाद्य संकट की वज़ह से दुनिया के 53 देशों के लगभग 11 करोड़ 13 लाख लोगों को पिछले वर्ष घोर भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था। एक करोड़ से ज़्यादा लोग पिछले तीन साल से लगातार भुखमरी का सामना कर रहे हैं। खाद्य पदार्थों का सबसे भयावह संकट यमन, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, अफगानिस्तान, इथोपिया, सीरिया, सूडान, दक्षिणी सूडान और उत्तरी नाइजीरिया जैसे देशों में है। इन देशों में कुल सात करोड़ 20 लाख लोग खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं। आहार संकट से सबसे अधिक प्रभावित अफ्रीका रहा। इस रिपोर्ट में बड़ी संख्या में शरणार्थियों को शरण देने वाले देशों, युद्ध प्रभावित सीरिया के पड़ोसी देशों पर पड़ने वाले दबावों को भी रेखांकित किया गया है। आपको बता दें कि तीन साल पहले शुरू हुए इस वार्षिक अध्ययन में भयंकर खाद्य संकट से जूझ रहे देशों का जायजा लिया जाता है।
- ब्रिटेन के सांसदों ने ब्रेक्ज़िट प्रक्रिया में विलंब यानी EU से इस प्रक्रिया की समय सीमा बढ़ाने का आग्रह करने संबंधी बिल पारित कर दिया। इसे सिर्फ एक वोट के बहुमत से सांसदों का समर्थन मिला। लेबर पार्टी के नेता युवेट कूपर और टोरी पार्टी के नेता ओलिवर लेट्विन ने बिल पेश किया और हाउस ऑफ कॉमन्स ने इसे 313-312 के बहुमत से पारित कर दिया। अभी इसे कानूनी रूप देने के लिये हाउस ऑफ लॉर्ड्स की मंज़ूरी लेना भी ज़रूरी है। इसके बाद भी यह EU पर ही निर्भर करेगा कि इस प्रक्रिया को और विस्तार मिलेगा या नहीं। इस बिल को पारित करने का उद्देश्य ब्रिटेन को बिना किसी डील के EU से अलग होने से बचाना है।
- जल्दी ही ब्रुनेई में नए शरिया कानून लागू होने वाले हैं। इनमें समलैंगिक यौन संबंधों और व्यभिचार के दोषियों को संगसार करना (पत्थर मारकर मौत के घाट उतारना) तथा चोरी करने पर हाथ-पैर काटने जैसी सज़ा देना शामिल है। 51 वर्षों से ब्रूनेई के सुल्तान चले आ रहे हसनाल बोल्खिआ ने राजधानी बंदर सेरी बगवान में कहा कि देश में मज़बूत इस्लामिक शिक्षा का होना ज़रूरी है। दूसरी तरफ, ब्रूनेई की विवादास्पद नई दंड संहिता की आलोचना करते हुए यूरोपीय संघ ने कहा कि शरिया कानून के तहत स्वीकृत ‘क्रूर’ दंड प्रताड़ित करने के समान है और यह अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समझौते का उल्लंघन है।
- वैज्ञानिकों ने समय-समय पर मंगल ग्रह के वायुमंडल में मीथेन गैस की मौजूदगी के बारे में जानकारी दी है। गौरतलब है कि यूरोपीय स्पेस एजेंसी के मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर मिशन ने 2013 की गर्मियों के दौरान मंगल की भूमध्य रेखा के समीप स्थित गेल क्रेटर के आस-पास मीथेन गैस की पहचान की थी। 2011 से इस क्रेटर के इर्द-गिर्द खोज कर रही अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के क्यूोरोसिटी रोवर ने भी उस दौरान मीथेन की मात्रा बढ़ने की जानकारी दी थी। इससे मंगल ग्रह पर सूक्ष्मजीवों की मौजूदगी की संभावना को बल मिला है, क्योंकि कई सूक्ष्मजीव मीथेन गैस के बनने में सहायक होते हैं। मीथेन गैस का निर्माण दो ही प्रक्रियाओं से होता है। पहली प्रक्रिया भूगर्भीय है जिसमें गर्मी और पानी की भूमिका होती है। दूसरी प्रक्रिया सूक्ष्मजीवों से संबंधित है, जिसमें कुछ मीथोनोजेन सूक्ष्मजीव अपशिष्ट के रूप में मीथेन गैस का उत्सर्जन करते हैं।
- दक्षिण कोरिया की शीर्ष दूरसंचार कंपनियों ने निर्धारित तिथि से दो दिन पहले 3 अप्रैल को राष्ट्रीय स्तर पर पाँचवीं पीढ़ी की मोबाइल सेवा 5G सेवा शुरू कर दी है। दक्षिण कोरिया की तीन शीर्ष दूरसंचार कंपनियों- एसके टेलिकॉम, केटी और एलजी यूप्लस ने ये सेवाएँ शुरू की हैं। दुनिया में सबसे पहले 5G सेवाएँ प्रदान करने की होड़ में अमेरिका, चीन और जापान भी शामिल थे। 5G सेवा स्मार्टफोन को तीव्र कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी और इसकी स्पीड 4G से 20 गुना तेज़ होगी। इस सेवा के तहत ग्राहकों को एक सेकंड से भी कम समय में पूरी मूवी डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी।